सरकार का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म प्राइवेट साइट्स को देगा टक्कर
सरकार यानी गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस के दरवाजे आम जनता के लिए खोलने के जरिये एक तीर से दो निशाने लगाना चाहती है. पहला की बतौर ई कॉमर्स पोर्टल ऑनलाइन शॉपिंग में मजबूती से पैर जमाना चाहती है. दूसरा, ऑनलाइन शॉपिंग पर नकली समान बेचने जैसी तमाम दिक्कतों को दूर करना चाहती है.
सेलर कर सकते हैं रजिस्टर
GeM गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस दरअसल ऑनलाइन मार्किट प्लेस है जहां अधिकृत सेलर्स रजिस्टर कर सकते हैं. फिलहाल ये GeM केवल सरकार के लिए ही है यानी सिर्फ केंद्र या राज्य सरकार गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस से ऑनलाइन शॉपिंग सरकारी ज़रूरतों के लिए कर सकती है. लेकिन आने वाले वक्त में योजना है कि GeM को पहले bulk buyers के लिए और फिर जनता के लिए भी ऑनलाइन शॉपिंग के लिए खोला जाए.
GeM की ताकत
GeM की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिलहाल GeM पर कुल आर्डर वैल्यू 36,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा है. यही नहीं GeM पर करीब 40,000 buyer आर्गेनाइजेशन यानी खरीदार और 2 लाख 95 हज़ार से ज़्यादा सेलर आर्गेनाईजेशन रजिस्टर्ड हैं.
7 बैंकों से करार
Seller को पेमेंट आसान बनाने के लिए GeM का अब तक 7 सरकारी बैंक के साथ करार हो चुका है जबकि जल्द ही 6 और बैंक के साथ करार होने वाला है.
खास बातें
> GeM पर अब तक कुल 36952 रुपए का प्रोक्योरमेंट हुआ है.
> इसमें कुल ऑर्डर 26,36,046 आए हैं.
> कुल रजिर्स्ड बायर 39,968 हैं.
> 2,95,046 रजिर्स्ड सेलर हैं
> GeM के जरिए 14,34,155 उत्पाद बेचे जा रहे हैं.
> 220 PSUs पहले से रजिस्टर हैं GeM में
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