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 अंतिम तिथि के पहले नियमितीकरण कराने से राजीनामा असुविधाओं से मिलेगी राहत

-13 जुलाई अनाधिकृत नियमितीकरण आवेदन की अंतिम तिथि
 रायपुर  /जिला प्रशासन द्वारा अनाधिकृत नियमितीकरण आवेदन की अंतिम तिथि 13 जुलाई निर्धारित की गई है। प्रशासन द्वारा अपील की गई है कि अवैध भवनों की अनुमति विपरीत एवं बिना अनुमति के नियमितीकरण हेतु अंतिम 15 दिवस की अवधि शेष है अतः 13 जुलाई 2023 के पूर्व अपने अवैध भवनों का नियमितीकरण करा लेवे। नियमितीकरण प्रक्रिया में पार्किंग की कमी वाले भवनों का भी और  स्वीकृत भू उपयोग से अलग भू उपयोग वाले भवनों का भी नियमितिकरण किया जा सकता है। 
 अनाधिकृत नियमितीकरण कराए जाने के लिए आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार है। नियमितीकरण के लिए भूमि स्वामित्व के दस्तावेज (रजिस्ट्री बी-1, पी-2), बिजली बिल एवं संपत्ति कर रसीद की प्रति, भवन अनुज्ञा पूर्व स्वीकृत यदि हो तो भवन का मानचित्र भू उपयोग के दस्तावेज लगाए जाना आवश्यक है।
 नियमितीकरण कराने से होने वाले लाभ
 निगम प्रशासन के अनुसार अवैध भवनों की नियमितीकरण कराने उनके भवन नियमित हो जाएंगे और साथ ही भवन मालिकों को कई सुविधाएं मिलेंगी। जैसे-ः पूर्ण रूप से वैध होगा, अतिरिक्त निर्माण/अनुमति विपरीत निर्माण को नहीं तोड़ा जाएगा, स्वीकृत भू उपयोग के विपरीत अन्य भू उपयोग, वाले भवनों को नियमित किया जाएगा जैसे आवासीय क्षेत्र में दुकानों की अनुमति। 500 वर्ग मीटर तक निर्मित क्षेत्र वाले सभी आवासीय व वाणिज्यिक भवन जिसमें पार्किंग की कमी है ऐसे भवन नियमित किए जाएंगे। भविष्य में यदि संपत्ति बेचना चाहते हैं तो नियमितीकरण कराने से प्रक्रिया आसान होगा। भविष्य में यदि भवन के ऊपर के तलों पर अतिरिक्त निर्माण किया जाता है तो नियमितीकरण कराने से बैंक लोन आसानी से मिलेगा, नियमितीकरण कराने से राजीनामा किए जाने की तुलना में कम राशि लगेगी।
 नियमितीकरण नही कराने से होने वाले हानि
 अवैध भवनों का नियमितीकरण नहीं कराने से होने वाली भवन मालिकों को असुविधा का सामना करना पडेगा। नियमितीकरण नहीं कराए जाने पर अवैध निर्माण का राजीनामा कराना होगा, राजीनामा पर मात्र 10 प्रतिशत अतिरिक्त निर्माण को ही वैध किया जाएगा शेष अतिरिक्त निर्माण को वैध नहीं किया जाएगा, पार्किंग की कमी वाले भवनों का राजीनामा नहीं किया जाएगा, स्वीकृत भू उपयोग के अतिरिक्त अन्य भू उपयोग के लिए राजीनामा नहीं किया जाएगा, राजीनामा नहीं कराए जाने की दशा में शासन द्वारा भवन तोड़े जाने की कार्यवाही की जा सकती है, अतिरिक्त निर्माण किए जाने हेतु बैंक लोन नहीं मिलेगा एवं भवन को बेचने में असुविधा होगी, राजीनामा करवाने से अतिरिक्त वित्तीय भार वहन करना होगा।

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