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 सोलर प्लांट लगाने पर मिलेगा 1.08 लाख तक अनुदान, लोन की सुविधा भी उपलब्ध

 -बिजली के बिल से मिलेगी मुक्ति, केंद्र और राज्य सरकार दे रही हैं भारी सब्सिडी
 दुर्ग / ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा फरवरी 2024 में ‘प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत मार्च 2027 तक देश के एक करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं की छतों पर सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित करना है, जिससे स्वच्छ, हरित एवं सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके। इस योजना के तहत केंद्र सरकार एक से तीन किलोवाट क्षमता तक के सोलर प्लांट लगाने पर 30,000 से 78,000 रुपये तक की सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में प्रदान कर रही है। 
राज्य सरकार ने इस योजना को और सशक्त बनाते हुए अतिरिक्त राज्यांश सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। एक किलोवाट के सोलर प्लांट पर राज्य सरकार की ओर से 15,000 रुपये, दो किलोवाट पर 30,000 रुपये तथा तीन किलोवाट या अधिक क्षमता के प्लांट पर कुल 1.08 लाख रुपये तक की सब्सिडी केंद्र और राज्य सरकार से मिलाकर उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही है। यह राशि सोलर प्लांट की कुल लागत का लगभग 75 प्रतिशत है, जिससे अब आम उपभोक्ताओं के लिए सोलर ऊर्जा अपनाना काफी सुलभ और किफायती हो गया है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को नेशनल पोर्टल pmsuryaghar.gov.in  पर जाकर अपनी बिजली उपभोक्ता संख्या और मोबाइल नंबर दर्ज कर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उपभोक्ता को अपनी सामान्य जानकारी दर्ज करनी होती है और फिर अधिकृत वेंडर का चयन करना होता है। उपभोक्ता ड्रॉपडाउन सूची से वेंडर का चयन कर सकता है और यदि वह संतुष्ट न हो तो वेंडर को बदल भी सकता है।
वेंडर चयन के पश्चात उपभोक्ता उसके साथ अनुबंध कर कार्य आरंभ कर सकता है। सोलर प्लांट का कार्य पूर्ण होने के बाद वेंडर को कार्य पूर्णता प्रतिवेदन, कंज़्यूमर एग्रीमेंट, डीसीआर पैनल की जानकारी और उपभोक्ता के साथ सोलर प्लांट का फोटो पोर्टल पर अपलोड करना होता है। यह जानकारी अपलोड होने के बाद संबंधित बिजली विभाग द्वारा भौतिक निरीक्षण किया जाता है और सत्यापन के बाद ई-टोकन जनरेट किया जाता है। यह ई-टोकन उपभोक्ता द्वारा रिडीम किया जाता है और इसके पश्चात केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते या ऋण खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
वेंडर चयन के बाद यदि उपभोक्ता लोन लेना चाहता है, तो राष्ट्रीय पोर्टल पर लोन हेतु आवेदन का विकल्प सक्रिय हो जाता है, जिसे चयनित करने पर उपभोक्ता को जनसमर्थ पोर्टल पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है। जनसमर्थ पोर्टल में उपभोक्ता अपने मनपसंद बैंक, उपलब्ध ऋण ऑफर तथा नजदीकी शाखा का चयन कर सकता है और तत्पश्चात डिजिटल अप्रूवल प्राप्त कर सकता है। योजना के अंतर्गत दो लाख रुपये तक के लोन हेतु किसी भी प्रकार के अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत सभी बैंकों द्वारा मात्र 6 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी आसानी से इस योजना से जुड़ सकें।
सोलर प्लांट से उत्पन्न बिजली की बिलिंग नेट मीटरिंग पद्धति के माध्यम से की जाती है। इसमें उपभोक्ता के मीटर द्वारा ग्रिड से ली गई बिजली और सोलर प्लांट से ग्रिड में भेजी गई बिजली की गणना की जाती है। इसके आधार पर (इंपोर्ट-एक्सपोर्ट) के अनुसार उपभोक्ता को वास्तविक खपत का बिल जारी किया जाता है। उपभोक्ता अपनी छत पर एक से पांच सौ किलोवाट तक की क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित कर सकते हैं, बशर्ते वह उनकी अनुबंधित बिजली खपत से कम या बराबर हो। तीन किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित करने पर उपभोक्ता को केंद्र व राज्य सरकार की ओर से कुल 1.08 लाख रुपये की सब्सिडी प्राप्त होगी, जिससे प्लांट की कुल लागत का बड़ा हिस्सा कवर हो जाएगा। इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए उपभोक्ता मोर बिजली एप का उपयोग कर सकते हैं, 1912 पर कॉल करके 6 दबा सकते हैं अथवा अपने नजदीकी बिजली कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

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