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 कलेक्टर द्वारा प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की समीक्षा

0- संयुक्त रणनीति और मैदानी क्रियान्वयन के जरिये योजना के लक्ष्यो की प्राप्ति पर दिया गया जोर
दंतेवाड़ा। कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में केन्द्र सरकार के द्वारा समर्थित प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर ने योजना के संबंध में जानकारी देने के साथ-साथ जिले में इसके धरातलीय क्रियान्वयन,षतप्रतिषत लक्ष्य प्राप्ति के संबंध में बताया कि यह एक समेकित कृषि विकास योजना है, जिसे केंद्र सरकार ने 2025-26 में बजट में घोषित किया। इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जुलाई 2025 को छह वर्ष की अवधि के लिए स्वीकृति दी।  यह योजना भारत के 100 जिलों में लागू की जाएगी, विशेष रूप से उन जिलों में जहां कृषि उत्पादकता कम है। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना ,फसलों में विविधीकरण को बढ़ावा देना ,कटाई के बाद भंडारण  क्षमता बढ़ाना  सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना कृषि ऋण (दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक) तक पहुंच सुगम बनाना  टिकाऊ एवं जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाना है।
इस योजना में 11 केंद्रीय मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाएं एकीकृत रूप में शामिल होंगी और इनके माध्यम से कृषि विभाग सहित उसके अनुषांगिक विभाग जैसे मत्स्य, उद्यानिकी, पशुधन, कृषि सहकारिता, कृषि विज्ञान केन्द्र के अलावा कौशल विकास विभाग की समस्त योजनाओं का समावेषी क्रियान्वयन किया जायेगा। प्रत्येक जिले में एक “जिला धन धान्य समिति” बनेगी, जिसमें प्रगतिशील किसान सदस्य होंगे और स्थानीय कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों की योजना बनाएँगे। निगरानी एवं मूल्यांकन के लिए 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों तय किए गए हैं, और प्रत्येक जिले की प्रगति मासिक आधार पर एक डैशबोर्ड के माध्यम से मापी जाएगी। 
प्रत्येक जिले में एक केंद्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो योजना की समीक्षा करेगा। इस योजना का लक्ष्य लगभग 1.7 करोड़ छोटे एवं सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष लाभ देना है। इसके साथ ही कलेक्टर ने आगे कहा कि योजना से संबंधित विभाग इस संबंध में संयुक्त रणनीति और ठोस मैदानी क्रियान्वयन के तहत कार्य करेगें। चूंकि इसके लिए सूचकांक निर्धारित है और इस आधार पर जिले की रैकिंग तय की जायेगी। तो हम जिले की कृषि क्षमता अवसरों, चुनौतियों तथा कमजोरियों को चिन्हांकित करना होगा। इस योजना से न सिर्फ कृषि उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानों की आय में सुधार, ग्रामीण आजीविका सृजन और कृषि क्षेत्र में समेकित विकास संभव होगा।  अतः सभी विभाग आपसी समन्वयन और बेहतर रणनीति बनाकर जिले को सभी इडीकेटर में उत्कृष्ट रैंकिंग दिलाने का भरसक प्रयास करें। बैठक में उप संचालक कृषि श्री सूरज पंसारी,सहायक संचालक उद्यानिकी श्रीमती मीना मंडावी, पशुधन विभाग उप संचालक श्रीमती श्यामा मालवीय सहित संबंध विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
 

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