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 अब भय नहीं, विकास की पहचान है दंतेवाड़ा-मंत्री श्री कश्यप

-वन एवं जिले के प्रभारी मंत्री के मुख्य आतिथ्य में राज्योत्सव का हुआ शुभारंभ
 दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25वें जन्मोत्सव (राज्योत्सव) रजत महोत्सव-2025 का शुभारंभ आज जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा के माँ दंतेश्वरी मंदिर के प्रांगण परिसर मेंढक डोबरा में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन, परिवहन, सहकारिता एवं संसदीय कार्य विभाग के मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रभारी मंत्री श्री कश्यप द्वारा माँ दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर पारंपरिक विधि-विधान से की गई। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को राज्योत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्षों में विकास की नई परंपराओं की स्थापना हुई है। राज्य ने प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और यह रजत महोत्सव उन उपलब्धियों का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि एक समय था जब दंतेवाड़ा का नाम सुनते ही भय और असुरक्षा का भाव उत्पन्न होता था, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। अब जब दंतेवाड़ा से फोन आता है, तो खुशी होती है, क्योंकि अब यह जिला शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, कृषि, सड़क और विकास के हर क्षेत्र में नई दिशा की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में दंतेवाड़ा सहित समूचे बस्तर क्षेत्र में विकास की रफ्तार तेज हुई है। उन्होंने कहा कि पहले जगदलपुर और कांकेर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई थी, और अब दंतेवाड़ा में भी मेडिकल कॉलेज की नींव रखी जा चुकी है, जो यहां के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा। जिले में अब सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, जिससे आम नागरिक अंतिम छोर तक सहजता से पहुंच सकें। यह परिवर्तन विकास की उस यात्रा का प्रतीक है, जिसमें दंतेवाड़ा अब मजबूती से आगे बढ़ रहा है। नक्सली उन्मूलन के संबंध में उन्होंने आगे कहा कि बस्तर का स्वर्णिम समय अब आ गया है। जब बस्तर नक्सलवाद मुक्त बस्तर कहलायेगा, यहां हमारे प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री की इच्छा शक्ति का परिणाम है।
इस अवसर पर मंत्री श्री कश्यप ने जिला प्रशासन द्वारा राज्य के 25 वर्षों की विकास यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए उसका अवलोकन भी किया। प्रदर्शनी में शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की झलक, जिला प्रशासन के नवाचार, पोषण, शिक्षा, कृषि, पर्यटन और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में हुए उल्लेखनीय कार्यों का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को घर उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए कहा कि “हर परिवार को छत मिले, यही हमारे शासन का संकल्प है।
इसके पश्चात क्षेत्र के विधायक श्री चैतराम अटामी ने उद्बोधन में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री अटल बिहारी वाजपेयी के छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के योगदान का उल्लेख करते हुए मध्यप्रदेश से अलग करके छत्तीसगढ़ राज्य बनाने में उनका देन सदैव अविस्मरणीय रहेगी। अगर बस्तर की बात करें तो पूरे बस्तर जिले में सड़कों का जाल बिछ चुका हैं जहां पहले दंतेवाड़ा से रायपुर जाने में 8 से 9 घंटे लगते थे अब मात्र 6 घंटे में ये दूरी तय हो जाती है। इसके अलावा जिले से जगदलपुर जाने में भी एक घंटा का  समय लगता है। यह रोड कनेक्टिविटी विकसित करना बहुत बड़ी उपलब्धि है। शिक्षा के क्षेत्र में विकास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि छूलो आसमान एवं लक्ष्य जैसे संस्थाओं के चलते आज यहा के युवा डॉक्टर,इंजीनियर, प्रषासनिक सेवाओं अपना योगदान दे रहे है। इसके साथ उन्होंने महतारी वंदन योजना, धन खरीदी, मिलेट फसलों का समर्थन मूल्य वृद्धि, लखपति दीदी योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये सब उपलब्धियों राज्य के बढ़ते विकास प्रतीक है।
इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी ने भी 25 वर्षों के विकास को अद्वितीय बताते हुए कहा कि आने वाले समय में दंतेवाड़ा जिला देश दुनिया में अपनी एक नयी पहचान बनायेगा।
राज्योत्सव के अवसर पर कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत ने अपने प्रतिवेदन में जिलेवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन हम सभी के लिए अत्यंत गौरव और आनंद का क्षण है। यह केवल उत्सव नहीं बल्कि उस जन यात्रा का प्रतीक है, जो जनता की आकांक्षाओं और सहभागिता से आगे बढ़ी है। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत माता दंतेश्वरी के चरणों में वंदन करते हुए की और कहा कि जब वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था, तब “अपनी पहचान, अपनी भाषा, अपनी संस्कृति और अपने विकास का राज्य” का जो सपना देखा गया था, आज दंतेवाड़ा उस सपने को साकार करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।
कलेक्टर श्री दुदावत ने कहा कि बीते 25 वर्षों में दंतेवाड़ा ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण मुक्ति, कृषि, सड़क निर्माण, पर्यटन, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में बालमित्र पुस्तकालय, पोटा केबिन, आश्रम छात्रावास और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के माध्यम से बच्चों के भविष्य को नई दिशा मिली है और आने वाले पाँच वर्षों में दंतेवाड़ा को शत- प्रतिशत साक्षर जिला बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि के क्षेत्र में दंतेवाड़ा आज देश में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। यहाँ सिक्किम से भी बड़े भूभाग में जैविक खेती की जा रही है, जिससे यह जिला देश के अग्रणी जैविक कृषि जिलों में शामिल हुआ है। साथ ही मिलेट उत्पादन के क्षेत्र में भी दंतेवाड़ा ने नई पहचान स्थापित की है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।
कलेक्टर श्री दुदावत ने कहा कि ग्रामीण सड़कों और परिवहन सुविधाओं के विकास से दूरस्थ अंचलों के लोगों को जिला मुख्यालय और ब्लॉक स्तर तक पहुँचने में आसानी हुई है। युवाओं के लिए नवगुरुकुल कोडिंग क्लास, युथ हब और लाइवलिहुड कॉलेज जैसे नवाचारों से कौशल विकास और रोजगार के नए अवसर खुले हैं। वहीं, दंतेवाड़ा की महिलाएँ डेनेक्स, स्वरोजगार योजनाओं और एनआरएलएम समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि दंतेवाड़ा की प्राकृतिक सुंदरता, माता दंतेश्वरी मंदिर, यहाँ की संस्कृति और लोक कला जिले की पहचान हैं। मंदिर कॉरिडोर के निर्माण से दंतेवाड़ा अब पर्यटन के क्षेत्र में भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि आज दंतेवाड़ा नक्सल हिंसा की नहीं, बल्कि शांति और विकास की पहचान बन चुका है। हाल ही में आई बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ था, लेकिन प्रशासन और जन सहयोग से स्थितियाँ सामान्य बनाने तथा क्षतिग्रस्त अवसंरचना के पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री दुदावत ने कहा कि विकास केवल शासन या प्रशासन से नहीं, बल्कि जनता की सक्रिय भागीदारी से संभव है। उन्होंने जिले वासियों से अपील की कि किसान, शिक्षक, व्यापारी, कर्मचारी या विद्यार्थी सभी अपने-अपने क्षेत्र से योगदान देकर जिले को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँ। अंत में उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हमारा लक्ष्य है 100 प्रतिशत साक्षरता, कुपोषण मुक्त दंतेवाड़ा, हर युवा को कौशल आधारित रोजगार, प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य सुविधा, प्रत्येक परिवार के चेहरे पर मुस्कान, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति व विकास सुनिश्चित करना। कलेक्टर श्री दुदावत ने सभी नागरिकों को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव और रजत जयंती वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए जिले की समृद्धि और प्रगति के लिए सबको मिलजुलकर कार्य करने का आह्वान किया।
इसके साथ ही राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण-पत्र, साइकिल वितरण एवं उत्कृष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान भी किया गया। इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री अरविंद कुंजाम,वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री संतोष गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव राय, जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा, अपर कलेक्टर श्री राजेश पात्रे सहित सभी विभाग के विभागीय प्रमुख मौजूद थे।

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