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 धान बेचने और रकबा समर्पण में रायगढ़ जिला अव्वल, किसानों ने धान खरीदी की पारदर्शिता पर जताया भरोसा

0- रायगढ़ जिले में रकबा समर्पण बना धान खरीदी व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत, अब तक 184.14 हैक्टेयर रकबा समर्पित
0- धान खरीदी में किसानों का अभूतपूर्व उत्साह 7,181 किसानों से 3.92 लाख क्विंटल धान की खरीदी
0- 92.04 करोड़ रुपए का भुगतान, 1522.19 लाख रुपए की ऋण वसूली
रायपुर। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में रायगढ़ जिले में राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी एक महापर्व के रूप में नजर आने लगी है। जिले के किसानों में इस वर्ष धान विक्रय को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। किसानों को उनके वास्तविक धान उपज की खरीदी में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन ने संपूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी, सुचारू और किसान हितैषी बनाया है। जिले के सभी 105 धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी व्यवस्थित रूप से जारी है।
धान खरीदी व्यवस्था की निगरानी स्वयं कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी द्वारा की जा रही है। वे लगातार उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं, कि तौल प्रक्रिया पारदर्शी रहे, किसानों को प्रतीक्षा न करनी पड़े, टोकन प्रणाली सुचारू रूप से चले, और केंद्रों में बोरे, तौल मशीनें, छाया, पानी आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध रहे।
कलेक्टर द्वारा धान के अवैध परिवहन, भंडारण और बिचौलियों द्वारा अमानक धान बेचने जैसी गतिविधियों पर कड़ाई से निगरानी रखी जा रही है। वे प्रतिदिन खरीदी की समीक्षा कर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे रहे हैं कि खरीदी प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
धान खरीदी के दौरान एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति इस वर्ष विशेष रूप से उभरकर सामने आई है। जिले के किसान स्वयं प्रेरित होकर अपना शेष रकबा समर्पित कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि राज्य शासन द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा केंद्र सरकार के एमएसपी के अतिरिक्त राज्य शासन की कृषक उन्नति योजना के तहत दी जाने वाली अंतर राशि को मिलाकर प्रति क्विंटल 3,100 रुपए समर्थन मूल्य तय किया गया है।
किसानों ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि वास्तविक उपज बेचने के बाद वे अपने शेष रकबे का समर्पण नहीं करेंगे, तो उनके खातों में उपलब्ध शेष स्थान का दुरुपयोग होने की आशंका बनी रहती है। इसलिए पारदर्शिता बनाए रखने के लिए किसान स्वयं आगे आकर अपना रकबा समर्पित कर रहे हैं।
धान खरीदी शुरू होने से लेकर अब तक जिले में पारदर्शिता की मिसाल पेश करते हुए रायगढ़ जिले में शुक्रवार की अद्यतन स्थिति के अनुसार कुल 184.14 हैक्टेयर रकबा समर्पण दर्ज किया जा चुका है। रकबा समर्पण की दृष्टि से रायगढ़ जिला प्रदेश के सर्वाधिक समर्पण करने वाले जिलों में शामिल हो चुका है।
जिले में अब तक 3457 सीमांत किसान, 1987 लघु किसान और 1737 बड़े किसान धान विक्रय कर चुके हैं। कुल मिलाकर 7181 किसानों से 3,92,113.60 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। भुगतान की स्थिति भी संतोषजनक है। राज्य शासन द्वारा धान बेच चुके  किसानों को 9,204.90 लाख रुपए का भुगतान उनके खातों में अंतरित किया चुका है। इसके साथ ही सहकारी समितियों द्वारा 1,522.19 लाख रुपए की ऋण वसूली भी की गई है।
 रायगढ़ में इस वर्ष धान खरीदी महापर्व ने नई पहचान बनाई है। किसानों ने अपने वास्तविक उपज की खरीदी के बाद स्वयं आगे आकर 184.14 हैक्टेयर रकबा का समर्पण किया है, जिससे खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता का स्तर और भी मजबूत हुआ है। जिले के 7,181 किसानों से अब तक 3.92 लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदा जा चुका है। किसानों को 92.04 करोड़ रुपए का भुगतान तथा 1,522.19 लाख रुपए की ऋण वसूली की गई है। कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी की सतत मॉनिटरिंग और सख्त निर्देशों के चलते उपार्जन केंद्रों में व्यवस्था सुचारू, पारदर्शी बन रही है।
 

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