गुटखा खाने के नाम पर हुए विवाद में की थी युवक की हत्या , पांच आरोपी जेल भेजे गए
- तुमड़ीबोड़ क्षेत्र के ग्राम कोहका स्थित अंधियारी पाठ पहाड़ी जंगल में मिला था शव
राजनांदगांव। जिले के तुमड़ीबोड़ से लगे कोहका गांव में अंधियारी पाठ पहाड़ी के जंगल में एक युवक की हत्या और उसके शव को दफनाने के मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एसपी मोहित गर्ग ने पत्रकार वार्ता में इस पूरे मामले का खुलासा किया। आरोपियों ने गुटखा खाने के नाम पर हुए विवाद के बाद डोमेश्वर साहू के मौत की साजिश रची और उसकी हत्या कर लाश को जंगल में दफन कर दिया था। घटना बीते 31 जनवरी 2024 की है, जिसकी जानकारी पुलिस को ग्रामीणों के माध्यम से बीते 25 मार्च को हुई। जब गांव वाले पहाड़ी स्थित मंदिर में पूजा पाठ करने पहुंचे थे। तभी ग्रामीणों ने जंगल के रास्ते पर स्थित नाले के पास शव दफन होने की शिकायत की थी। पुलिस शव बरामद कर मामले की विवेचना कर रही थी। इस बीच संदिग्धों की पता तलाश होने पर पुलिस ने पूछताछ की और पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपित ग्राम ढाबा तुमड़ीबोड़ निवासी धरमू ठाकुर (23 वर्षीय), रितेश श्रीवास (20 वर्षीय), युगल कुमार ठाकुर (20 वर्षीय), धनंजय कुमार साहू (21 वर्षीय) और दुर्ग धमधा से लगे छुहिया के बानी नवागांव निवासी समीर कुमार ठाकुर (20 वर्षीय) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिए हैं। बता दें कि मृतक डोमेश्वर साहू ग्राम ओरी डोंगरगांव का रहने वाला है। वर्तमान में डोमेश्वर अपने जीजा के घर रहकर मजदूरी का काम करता था। घटना वाले दिन मृतक गांव के एक पान ठेले के पास खड़ा था, तभी आरोपी धरमु, रितेश, युगल, धनंजय साहू व समीर ठाकुर के साथ उसका विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि आरोपितों ने डोमेश्वर को अपने साथ पंचायत की तरफ ले गए, जहां लात-मुक्का व पत्थर से वार कर जानलेवा हमला कर दिया। जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि ग्राम ढाबा निवासी आरोपित युगल कुमार के घर पर सगाई का कार्यक्रम था। रात करीब आठ बजे गुटखा खाने के लिए गांव में स्थित किराना दुकान गए थे, जहां डोमेश्वर के साथ आरोपितों का विवाद हुआ। आरोपितों ने डोमेश्वर की हत्या कर शव को वन विभाग द्वारा खोदे गए गड्ढे में दफन कर दिया था, लेकिन बाद में तीन फरवरी को आरोपित पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए योजना बनाकर रात में दूसरी जगह पर शव को दफन किया था। शव की पहचान होने के बाद मोबाइल नंबर ट्रेस कर अन्य जानकारी ली गई, जिसमें संदिग्धों ने ही जुर्म करना स्वीकार किया।
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