ऋषि का यूं असमय चले जाना....
पुण्यतिथि पर विशेष---आलेख- मंजूषा शर्मा
रायपुर। फिल्म इंडस्ट्री में जब भी चॉकलेटी, रोमांटिक हीरो की बात चलेगी, तो इसमें ऋषि कपूर का नाम भी शुमार होगा। एक साल पहले आज ही के दिन अपने परिवारजनों और प्रशंसकों को गमगीन करके वे हमेशा के लिए इस दुनिया से चले गए। अब बस रह गई हैं, तो उनकी यादगार फिल्में, उनका मस्तमौला अंदाज, उनके सुपरहिट गाने और उनके डांस का वो अलहदा अंदाज, जिसने अपने दौर में सबको अपना दीवाना बना दिया था।
फिल्म बॉबी में जब उनके पिता राजकपूर ने उन्हें एक रोमांटिक हीरो के रूप में प्रस्तुत किया, तो लोग उन्हें देखते ही रह गए। उनका अंदाज, उनकी स्टाइल, डिंपल कपाडिय़ा के साथ उनकी खूूबसूरत जोड़ी, सभी ने इस फिल्म को हिट बना दिया था। सही मायने में इस फिल्म ने राजकपूर को घाटे से उबार दिया था। न सिर्फ राजकपूर बल्कि नासिर हुसैन और न जाने कितने ही निर्माता-निर्देशकों को ऋषि ने आर्थिक संकट से उबारा था। फिल्मों में ऋषि कपूर द्वारा पहने गए स्वेटर्स काफी पसंद किए जाते थे।
4 सितम्बर 1952 को जन्मे ऋषि कपूर ने पहली बार अपने पिता की फिल्म श्री 420 में बाल कलाकार के रूप में काम किया था। फिल्म के एक गाने प्यार हुआ इकरार हुआ,... में गोलमटोल ऋषि अपने भाई रणधीर और बहन रीमा के साथ नजर आए थे। इसकी शूटिंग के लिए फिल्म की नायिका नरगिस को ऋषि को बहुत सी चॉकलेट देकर मनाना पड़ा था।
उसके बाद उन्होंने मेरा नाम जोकर फिल्म में राजकपूर के बचपन का रोल निभाया था। फिल्म में गोटमटोल ऋषि को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि एक दिन यह बच्चा हैंडसम और चॉकलेटी हीरो के रूप में सबके दिलों पर राज करेगा। इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।
बतौर हीरो ऋषि की पहली फिल्म बॉबी है। ऐसा माना जाता है कि राज कपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को लांच करने के लिए बॉबी बनाई थी। इस बात की हकीकत बताते हुए ऋषि कपूर ने कहा था कि मेरा नाम जोकर फिल्म की असफलता के बाद उनके पिता राज कपूर के आर्थिक हालात बिगड़ चुके थे जिसकी वजह से वह एक टॉप स्टार को फिल्म के लिए साइन नहीं कर पाए थे। राज कपूर ने एक टीनएज रोमांटिक फिल्म बॉबी प्लान की और इसके लिए उन्होंने ऋषि को चुना। इस फिल्म के लिए उन्हें पहला फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला। बॉबी की जबरदस्त सफलता के बाद ऋषि 90 से ज्यादा फिल्मों में रोमांटिक रोल करते नजर आए। कहा जाता है कि बॉबी की शूटिंग के दौरान डिम्पल को ऋषि पसंद करने लगे थे। उन्हें प्रपोज करना चाहते थे, लेकिन डिम्पल ने अचानक राजेश खन्ना से शादी कर सभी को चौंका दिया। राज कपूर ने फिल्म हिना ऋषि कपूर को लेकर ही प्लान की थी, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई। बाद में रणधीर कपूर ने इस फिल्म का निर्देशन किया और हीरो के रूप में ऋषि को ही लिया।
नीतू कपूर के साथ ऋषि की जोड़ी को बेहद पसंद किया गया। खासतौर पर युवा इस जोड़ी के दीवाने थे। दोनों ने कई फिल्में की और अधिकांश सफल रही। दोनों के बीच अच्छी बॉडिंग थी और यही बॉडिंग शादी के बाद भी उनके जीवन में बनी रही। फिल्म अमर अकबर एंथोनी के एक सीन में ऋषि ने नीतू कपूर को उनके असली नाम नीतू से बुलाया है। इस गलती को ठीक नहीं किया गया और फिल्म के एक दृश्य को आज भी देखा जा सकता है, जबकि नीतू ने फिल्म में मुस्लिम लड़की का किरदार निभाया था।
अपनी कोर्टशिप के समय ऋषि बहुत स्ट्रीक्ट बॉयफ्रेंड थे और नीतू को शाम 8:30 के बाद काम करने के लिए मना करते थे। ऋषि कपूर शूटिंग के समय नीतू सिंह के साथ सेट पर शरारतें कर उन्हें तंग करते थे और नीतू को इससे बेहद चिढ़ थी। अमर अकबर एंथोनी फिल्म के सेट पर ऋषि ने नीतू के चेहरे पर काजल फैला दिया था। इस वजह से नीतू को फिर से मेकअप करना पड़ा था। नीतू सिंह की मम्मी नीतू के ऋषि के साथ घूमने के खिलाफ थीं। जब भी यह जोड़ा डेट पर जाता नीतू की कजिन को भी उनकी मां साथ में लगा देती थीं। ऋषि के साथ रिश्ते की शुरुआत के समय नीतू फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने की कोशिश में थीं, जबकि ऋषि एक सफल अभिनेता थे। नीतू और ऋषि की पहली फिल्म जहरीला इंसान थी। बाद में उनकी काफी धूमधाम से शादी हुई और यह जोड़ी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे सफल जोडिय़ों में से एक रही।
यश चोपड़ा की फिल्म चांदनी से ऋषि के कॅरिअर में एक बार फिर उछाल आया। श्रीदेवी के साथ उनकी जोड़ी काफी पसंद की गई। वहीं जयाप्रदा के साथ उन्होंने सरगम जैसी सुमधुर गीतों से सजी फिल्म की। ऋषि कपूर के साथ 20 से ज्यादा अभिनेत्रियों ने अपना करिअर शुरू किया।
पिछले कुछ सालों से उन्होंने अपने किरदारों में विविधता लाने का प्रयास किया था। 2012 में आई फिल्म अग्निपथ में ऋषि ने विलेन की भूमिका निभाई। वे खोज फिल्म में भी नकारात्मक किरदार निभा चुके थे। करण जौहर के बैनर धर्मा प्रोडक्शन के तले बनी फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर में ऋषि कपूर का किरदार गे था। .
ऋषि ने एक अंग्रेजी फिल्म भी की है। डोंट स्टॉप ड्रीमिंग (सपने देखना बंद मत कीजिए) को शम्मी कपूर के बेटे आदित्य राज कपूर ने निर्देशित किया था।
ऋषि कपूर ने एक फिल्म भी निर्देशित की। ऐश्वर्या राय और अक्षय खन्ना को लेकर उन्होंने आ अब लौट चलें बनाई, लेकिन यह सफल नहीं हो पाई। ऋषि और नीतू कपूर के बेटे रणबीर कपूर के अलावा उनकी एक बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी भी है, जो पेशे से फैशन डिजाइनर हैं। वहीं रणबीर कपूर फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।
तीन साल पहले ऋषि की फिल्म मंटो रिलीज हुई थी। उनसे बाद से वे फिल्मों से अलग से हो गए थे। कैंसर की बीमारी से वे जीतकरवे भारत तो आ गए थे, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
सोशल मीडिया पर रहते थे एक्टिव
ऋषि कपूर सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहते थे। उन्होंने अपना अंतिम ट्वीट 2 अप्रैल 2020 को किया था। इस दिन उन्होंने अपनी फिल्म सरगम के एक गाने राम जी की निकली सवारी, का वीडियो शेयर किया था।
पिछले साल अभिनेत्री निम्मी की मृत्यु पर भी उन्होंने निम्मी को याद करते हुए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया था। कभी- कभार उनके ट्वीट से विवाद भी खड़ा हो जाता था। लेकिन उन्हें ट्रोल करने वालों को ऋषि अपने अंदाज में जवाब भी देते थे। ऋषि कभी किसी भी तरह की आलोचना की परवाह नहीं करते थे। अपने पिता की तरह ही वे बिंदास जिदंगी जीने पर विश्वास करते थे और जीवन के अंतिम दिनों तक उनका यह अंदाज कायम रहा।
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