वायु प्रदूषण से बढ़ सकती है कोविड की गंभीरता : अध्ययन
लॉस एंजिलिस। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि विभिन्न वायु प्रदूषणकारी तत्वों के संपर्क में आने से कोविड-19 रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है और इससे वह लोग भी नहीं बच सकते, जिनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। इन प्रदूषणकारी तत्वों में पीएम 2.5 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड अहम हैं।
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं सहित एक टीम ने एक अस्पताल में मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड का अध्ययन किया। इस अध्ययन के अनुसार 2021 के जुलाई या अगस्त में कोविड के 50,010 रोगियों की पहचान की गई जिनकी आयु 12 वर्ष और उससे अधिक थी। उस समय सार्स-सीओवी-2 के डेल्टा स्वरूप से अधिक लोग संक्रमित हो रहे थे वहीं कई लोगों को टीके लगाए गए थे। अध्ययन के लेखक और वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक एनी जियांग ने कहा कि ये निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे दिखाते हैं कि कोविड टीके अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को कम करने में सफल होते हैं। लेकिन जिन लोगों को टीके लग चुके हैं और वे भी प्रदूषित हवा के संपर्क में आते हैं तो उनमें रोग की गंभीरता बढ़ने का अधिक खतरा है। यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ हैfile photo
Leave A Comment