दक्षेस को सक्रिय करने का प्रयास कर रहा नेपाल
काठमांडू. नेपाल ने रविवार को कहा कि वह आठ सदस्यीय क्षेत्रीय समूह दक्षेस को सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है जो 2016 से बहुत प्रभावी नहीं रहा है। नेशनल असेंबली के अंतर्गत ‘नेशनल कंसर्न एंड कोऑर्डिनेशन कमेटी' की बैठक में विदेश मंत्रालय के सचिव और प्रवक्ता भरत राज पौडेल ने कहा कि सभी सदस्य राष्ट्रों के बीच आम सहमति की कमी के कारण दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) को प्रभावी नहीं बनाया जा सका। ‘माई रिपब्लिका' अखबार ने पौडेल के हवाले से कहा, ‘‘नेपाल इस संगठन को सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम दक्षेस की अध्यक्षता कर रहे हैं। हालांकि, ऐसे स्थान हैं जहां प्रक्रियाएं आगे नहीं बढ़ी हैं। इस बहुपक्षवाद और क्षेत्रवाद में कुछ बाधाएं हैं। उनमें से एक यह है कि जब हमने दक्षेस का गठन किया था, तो हम दक्षेस की संहिता को परिभाषित करते हुए एक मौलिक सिद्धांत पर सहमत हुए थे।'' पौडेल ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि जब तक हर कोई किसी विषय पर सहमत नहीं होता तब तक कुछ भी आगे नहीं बढ़ता है। मूल रूप से, यह समान नहीं हो सकता। दक्षेस के अध्यक्ष की भूमिका कुछ खास नहीं है। हम आठ देशों में से केवल एक हैं। इसलिए इस पर प्रयास किए जा रहे हैं।'' वर्ष 2016 का दक्षेस शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद में होना था। हालांकि उस वर्ष 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘‘मौजूदा परिस्थितियों'' के कारण शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की। बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान द्वारा इस्लामाबाद बैठक में भाग लेने से इनकार करने के बाद शिखर सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था। क्षेत्रीय समूह में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
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