नेपाल विमान हादसा : मृतकों की संख्या 71 हुई, परिजनों को सौंपे जा रहे हैं शव
काठमांडू. नेपाल में यति एयरलाइंस विमान हादसे में मारे गए दो और यात्रियों के शव मिलने के बाद मंगलवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 71 हो गई। वहीं अधिकारियों ने परिजनों को शवों को सौंपना शुरू कर दिया है। यति एयरलाइंस का एटीआर-72 विमान रविवार को पोखरा के नवनिर्मित हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में चालक दल के चार सदस्यों और पांच भारतीयों समेत 72 लोग सवार थे। इनमें से 71 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है और अन्य एक की तलाश जारी है। नेपाल सेना के सूत्रों के मुताबिक, एक व्यक्ति अब भी लापता है और तलाशी अभियान जारी है।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार रात दुर्घटना स्थल से दो और शव बरामद होने के बाद मृतकों की कुल संख्या 71 हो गई है। यति एयरलाइंस के विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से रविवार को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर उड़ान भरी थी और उतरने से कुछ मिनट पहले पोखरा में पुराने हवाईअड्डे और नए हवाईअड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बताया जाता है कि सभी पांच भारतीय उत्तर प्रदेश के थे और उनकी पहचान अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल के रूप में हुई है। यति एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला के मुताबिक, 71 शवों में से 22 शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जा रहा है। नेपाल सेना के सूत्रों के अनुसार 48 शवों को सेना के हेलीकॉप्टर से काठमांडू लाया गया है। दुर्घटना में मारे गए उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के चार लोगों के शव लेने के लिए उनके परिवार के सदस्य काठमांडू पहुंच गए हैं। विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर दोनों को बरामद कर लिया गया है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) कॉकपिट में रेडियो प्रसारण और अन्य ध्वनियां, जैसे पायलटों के बीच बातचीत, और इंजन का शोर आदि रिकॉर्ड करता है। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) 80 से अधिक विभिन्न प्रकार की जानकारी जैसे गति, ऊंचाई और दिशा, साथ ही पायलट की गतिविधियों और महत्वपूर्ण प्रणालियों के प्रदर्शन को रिकॉर्ड करता है। सीवीआर और एफडीआर दोनों को नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) को सौंप दिया गया। इनसे रविवार की दुर्घटना के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकता है। रेडियो फ्रांस इंटरनेशनेल की खबर में कहा गया है कि फ्रांस की दुर्घटना जांच एजेंसी के विशेषज्ञ नेपाल में हुए विमान हादसे की जांच में अधिकारियों की मदद करने के लिए मंगलवार को नेपाल पहुंचेंगे। दुर्घटनाग्रस्त विमान का निर्माण फ्रांस स्थित एटीआर कंपनी ने किया था।
‘एविएशन सेफ्टी नेटवर्क' के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार की दुर्घटना नेपाल के इतिहास में तीसरी सबसे भीषण दुर्घटना थी। जुलाई और सितंबर 1992 में हुई दुर्घटनाओं में इससे भी ज्यादा लोग मारे गए थे। उन दुर्घटनाओं में क्रमशः 113 और 167 लोग मारे गए थे। देश में पिछली बड़ी विमान दुर्घटना पिछले साल 29 मई को हुई थी, जब तारा एअर का एक विमान पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों समेत इसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी।
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