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दूसरे कार्यकाल में ट्रंप ले सकते हैं कुछ बड़े निर्णय

वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़े निर्णय लेने का वादा किया है। ट्रंप का एजेंडा नागरिक अधिकारों पर राष्ट्रपति की शक्तियों का विस्तार करेगा।
ट्रंप की प्रस्तावित नीतियों की एक झलक:
 आव्रजन:
 ट्रंप के 2016 के अभियान का नारा “दीवार बनाओ” इतिहास में सबसे बड़ा सामूहिक निर्वासन कार्यक्रम बन गया है। ट्रंप ने इस प्रयास में नेशनल गार्ड का इस्तेमाल करने और घरेलू पुलिस बलों को सशक्त बनाने का आह्वान किया है। फिर भी, ट्रंप ने इस बारे में बहुत कम जानकारी दी है कि यह कार्यक्रम कैसा होगा और वह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि यह केवल अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले लोगों को लक्षित करे। अंतत: उनका दृष्टिकोण न केवल अवैध प्रवास पर नकेल कसेगा, बल्कि कुल मिलाकर आव्रजन को कम करेगा।
गर्भपात:
 ट्रंप ने गर्भपात को दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकता के रूप में ज्यादा तवज्जो नहीं दी है, हालांकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात के लिए एक महिला के संघीय अधिकार को समाप्त करने और गर्भपात विनियमन राज्य सरकारों को वापस करने का श्रेय लिया है। ट्रंप के आग्रह पर, जीओपी के मंच पर पिछले कुछ दशकों में पहली बार गर्भपात पर राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने का आह्वान नहीं किया गया है। ट्रंप ने अब तक यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि वह राष्ट्रपति के रूप में काम शुरू करने पर राष्ट्रीय गर्भपात प्रतिबंधों को खारिज कर देंगे।
कर:
 ट्रंप की कर नीतियां व्यापक रूप से निगमों और धनवान अमेरिकियों की ओर झुकाव वाली लगती हैं। ऐसा मुख्य रूप से उनके 2017 के कर सुधार को आगे बढ़ाने के वादे के कारण है, जिसमें कॉर्पोरेट आयकर दर को मौजूदा 21 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने जैसे कुछ उल्लेखनीय बदलाव शामिल हैं। इसमें डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा सबसे धनी अमेरिकियों पर आयकर बढ़ोतरी को वापस लेना भी शामिल है। इन नीतियों के बावजूद, ट्रंप ने कामकाजी और मध्यम वर्ग के अमेरिकियों के लिए नए प्रस्तावों पर अधिक जोर दिया है जिनमें सामाजिक सुरक्षा वेतन और ओवरटाइम वेतन को आयकर से छूट देना शामिल है।
व्यापार और शुल्क:
 अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर ट्रंप का रुख विश्व बाजारों पर अविश्वास का है क्योंकि उनके मुताबिक वे अमेरिकी हितों के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने विदेशी वस्तुओं पर 10 से 20 प्रतिशत तक शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है। कुछ भाषणों में उन्होंने इससे भी अधिक प्रतिशत का उल्लेख किया है। उन्होंने चीनी खरीदारों द्वारा अमेरिका में ‘किसी भी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे' की खरीद पर रोक का संकल्प व्यक्त किया है।
एलजीबीटीक्यू और नागरिक अधिकार:
 ट्रंप ने विविधता पर सामाजिक जोर को वापस लेने और एलजीबीटीक्यू नागरिकों के लिए कानूनी सुरक्षा का आह्वान किया है। ट्रंप ने संघीय निधि का लाभ उठाकर सरकारी संस्थानों में विविधता, समानता और समावेशन कार्यक्रमों को समाप्त करने का आह्वान किया है।
विनियमन, संघीय नौकरशाही और राष्ट्रपति के अधिकार:
 निर्वाचित राष्ट्रपति आर्थिक क्षेत्रों में संघीय नौकरशाहों और विनियमों की भूमिका को कम करना चाहते हैं। ट्रंप सभी विनियामक कटौतियों को एक आर्थिक जादू की छड़ी के रूप में पेश करते हैं। उन्होंने जीवाश्म ईंधन उत्पादन में बाधाओं को दूर करके अमेरिकी घरों के बिलों में भारी गिरावट का वादा किया है। ट्रंप ने विनियमों में कटौती करके आवास निर्माण को बढ़ावा देने का वादा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘पर्यावरण चरमपंथियों की तुच्छ मुकदमेबाजी' को समाप्त करेंगे।
सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल:
 ट्रंप का जोर इस बात पर है कि वह सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल तथा बुजुर्ग अमेरिकियों से जुड़े लोकप्रिय कार्यक्रमों पर ध्यान देंगे।
किफायती देखभाल अधिनियम और स्वास्थ्य देखभाल:
 ट्रंप 2015 से ही किफायती देखभाल अधिनियम को रद्द करने की वकालत करते रहे हैं। लेकिन उन्होंने अब तक इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। सितंबर की डिबेट में उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि उनके पास इस संबंध में एक योजना है।
जलवायु और ऊर्जा:
 ट्रंप, जो यह झूठा दावा करते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक ‘धोखा' है, जीवाश्म ईंधन पर अमेरिकी निर्भरता को कम करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को लेकर बाइडन प्रशासन में किए गए खर्च की आलोचना करते हैं। वह एक ऊर्जा नीति और परिवहन अवसंरचना व्यय का प्रस्ताव करते हैं जो जीवाश्म ईंधन पर आधारित हो।
राष्ट्रीय रक्षा और दुनिया में अमेरिका की भूमिका:
 विश्व मामलों में ट्रंप की बयानबाजी और नीतिगत दृष्टिकोण कूटनीतिक रूप से पृथकतावादी, सैन्य तौर पर गैर हस्तक्षेपवादी और आर्थिक दृष्टि से संरक्षणवादी है, जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका रहा है। उन्होंने सेना के विस्तार का वादा किया, पेंटागन के खर्च को मितव्ययिता प्रयासों से बचाने का वादा किया और एक नई मिसाइल रक्षा प्रणाली का प्रस्ताव रखा। ट्रंप का जोर इस बात पर रहा है कि वह यूक्रेन में रूस के युद्ध और इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ऐसा वह कैसे करेंगे। ट्रंप ने अपने दृष्टिकोण को पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के इस वाक्यांश के माध्यम से संक्षेप में प्रस्तुत किया: ‘शक्ति के माध्यम से शांति'। लेकिन वह नाटो और शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के आलोचना रहे हैं। ट्रंप ने पेंटागन के अधिकारियों के बारे में कहा, ‘‘मैं उन्हें नेता नहीं मानता।''
 

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