सर्दियों में क्यों जाम होने लगते हैं आपके कूल्हे?
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही कई लोग कूल्हों में जकड़न और जोड़ों में दर्द की शिकायत करने लगते हैं। यह समस्या गर्मियों से ज्यादा सर्दियों के मौसम में अधिक परेशान करती है। एक्सपर्ट की मानें तो इस समस्या के पीछे ज्यादातर शारीरिक कारण छिपे हुए होते हैं। सीके बिरला हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक डॉक्टर प्रवीण टिट्टल कहते हैं कि ठंड में मांसपेशियां और टिशू सिकुड़ जाते हैं। जिसकी वजह से खासतौर पर हिप जैसे वजन उठाने वाले जोड़ों में दर्द ज्यादा महसूस होने लगता है। आइए डॉक्टर प्रवीण से जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर सर्दियों में क्यों जाम होने लगते हैं आपके कूल्हे और क्या है इस समस्या का उपचार।
कूल्हे की जकड़न बढ़ने का बड़ा कारण
सर्दियों में ठंड का असर मांसपेशियों, टेंडन और लिगामेंट्स पर पड़ने से कूल्हे की जकड़न बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कम तापमान रक्त संचार को धीमा करता है, जिससे ऊतक सिकुड़कर कठोर हो जाते हैं। जिससे जोड़ों में अकड़न, दर्द और गतिशीलता कम हो जाती है। खासकर गठिया या पुरानी चोट वाले लोगों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है।
हिप जॉइंट के आसपास की मांसपेशियों में जकड़न होने से चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है, खासकर सुबह उठते समय या देर तक बैठे रहने के बाद, दर्द ज्यादा महसूस होता है।
खून का संचार कम होने से लचीलापन घटता है
ठंड के मौसम में शरीर सबसे पहले अपने कोर यानी बीच के हिस्से को गर्म रखने की कोशिश करता है। इसके कारण हाथ-पैर और कूल्हों की तरफ खून का बहाव थोड़ा कम हो जाता है।
जब हिप एरिया में खून का संचार कम होता है, तो वहां ऑक्सीजन और पोषण भी कम पहुंचता है, जिससे जॉइंट्स की रिकवरी और लचीलापन प्रभावित होता है।
कम फिजिकल एक्टिविटी से जकड़न बढ़ती है
सर्दियों में लोग आमतौर पर बाहर कम निकलते हैं, जिससे एक्सरसाइज भी कम हो जाती है। जब मूवमेंट कम होता है, तो जोड़ों में मौजूद सिनोवियल फ्लूइड (जो जोड़ों को चिकनाई देता है) भी ठीक से सर्कुलेट नहीं हो पाता। इससे हिप जॉइंट्स और ज्यादा सख़्त महसूस होने लगते हैं।
सर्दियों में बढ़ जाती है पहले से मौजूद जोड़ों की समस्या
जिन लोगों को पहले से अर्थराइटिस की समस्या है या कभी हिप में चोट लगी हुई हो, उनके लिए सर्दियां ज्यादा मुश्किल हो सकती हैं।
बारोमेट्रिक प्रेशर में बदलाव
ठंड के मौसम में बारोमेट्रिक प्रेशर में बदलाव होता है, जिससे जोड़ों की सेंसिटिविटी बढ़ जाती है और दर्द व जकड़न ज्यादा महसूस होती है।
गलत लाइफस्टाइल और बैठने की आदतें भी वजह
सर्दियों में ज्यादा समय तक घर के अंदर बैठना आम बात है। लंबे समय तक बैठने से हिप फ्लेक्सर मसल्स छोटी और टाइट हो जाती हैं, खासकर अगर बैठने की पोजिशन सही न हो।इसका असर तब दिखता है जब आप खड़े होते हैं, चलते हैं या सीढ़ियां चढ़ते हैं। इसमें हिप मूवमेंट सीमित हो जाती है।
सर्दियों में हिप की जकड़न कैसे कम करें?
हिप जॉइंट्स को ठीक से काम करने के लिए एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। इसके लिए इन चीजों से हिप्स को लचीला बनाया रखा जा सकता है-
-रोजाना वॉक
-दिन में हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग करते रहें
-योग
-गुनगुने पानी में स्विमिंग
-गर्म कपड़े पहनें
-लंबे समय तक लगातार न बैठें
ठंड में भी एक्टिव रहें, दर्द से बचें
सलाह----
सर्दियों में हिप की जकड़न आम समस्या है, ऐसा इसलिए क्योंकि ठंड मांसपेशियों को सख्त बना देती है। जिससे एक्टिविटी कम हो जाती है। लेकिन अगर आप खुद को गर्म रखें और नियमित रूप से शरीर की मूवमेंट बनाए रखें, तो हिप्स के आसपास होने वाले दर्द से राहत पाई जा सकती है।



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