व्यंजनों का लुत्फ उठाएं पर सेहत का रखें ध्यान
होली के मौके पर हम तरह-तरह के व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। कई बार इनकी मात्रा इतनी अधिक होती है कि हमारे शरीर पर उसका गलत असर होने की आशंका रहती है। यह त्योहार सिर्फ रंगों की वजह से ही नहीं, बल्कि अपने मीठे और नमकीन पकवानों की वजह से भी सबका मनपसंद है। लेकिन इन पकवानों का मजा लेने के चक्कर में हम कई बार सेहत का ध्यान रखना भूल जाते हैं। होली के मौके पर कई जगह ठंडाई पी जाती है और भांग खाया जाता है। मौज-मस्ती के इस चक्कर में शरीर को कितना नुकसान झेलना पड़ता है, इससे आम लोग अनभिज्ञ रहते हैं। बहरहाल, खाने-पीने का बेशक आनंद उठाएं, लेकिन होली के बाद शरीर को डिटॉक्स करने का प्रयास भी करें।
होने वाले नुकसान
होली के बाद आमतौर पर थकान, शरीर में दर्द, बेचैनी, हैंग ओवर, स्किन एलर्जी आदि की समस्या आती है। इन सबसे छुटकारा न पाया जाए, तो नुकसान ज्यादा हो सकता है। इसका उपाय है कि शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन किया जाए।
यह है डिटॉक्सिफिकेशन
डिटॉक्सिफिकेशन यानी शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकालने की प्रक्रिया। बाजार में आपको बहुत सारी डिटॉक्स डाइट मिल जाएंगी, जो विटामिन, मिनरल्स, डाइयुरेटिक्स, ड्यूरेक्टिव और लेक्जेटिव से भरपूर होती हैं।
व्यंजन करते हैं नुकसान
शरीर में गंदगी सर्वप्रथम तीन जगहों पर जमती है। पहली आहार नाल में, दूसरा पेट में और तीसरा आंतों में। अगर इन तीनों जगहों पर गंदगी ज्यादा समय तक बनी रहे, तो यह फैलेगी, साथ ही गुर्दों, फेफड़ों और हृदय के आसपास भी जमने लगेगी। अंत में खून को गंदा कर देगी और तरह-तरह के चर्म रोगों को जन्म देगी। इस गंदगी को साफ करना जरूरी है। हम जो भी आहार लेते हैं, उसी से यह गंदगी पैदा होती हैं। इसलिए हम क्या खा रहे हैं, उसके प्रति सावधानी जरूरी है।
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