आत्मरक्षा का प्रशिक्षण पाने के बाद घर से बेखौफ बाहर निकलती हैं पुरुलिया की ये लड़कियां
पुरुलिया (पश्चिम बंगाल),। पश्चिम बंगाल में पुरुलिया जिले के एक सुदूर गांव में जारगो हाई स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा सीमा महतो को अब रात में अकेले घर से बाहर जाने में डर नहीं लगता क्योंकि आत्मरक्षा के प्रशिक्षण ने उसका आत्मविश्वास बढ़ाया है। सीमा जारगो गांव की उन अनेक छात्राओं में शामिल है जिन्हें आत्मविश्वास पैदा करने के लिए इस तरह का प्रशिक्षण दिया गया है। सीमा महतो ने कहा, ‘‘स्कूल में हमारे मार्शल आर्ट के शिक्षक ने सिखाया है कि कोई हम पर हमला कर दे तो हमें कैसे बचना है। मैंने ताइक्वांडो सीखा है और किक मारकर ईंट तक तोड़ सकती हूं।'' उसने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता पहले मुझे शाम होने के बाद अकेले बाहर नहीं जाने देते थे। अब उनकी सोच बदल गयी है। मुझे अब अकेले बाहर जाने में डर नहीं लगता क्योंकि मैं ताइक्वांडो जानती हूं और अगर मुझ पर कोई हमला करता है तो मैं अपना बचाव कर सकती हूं।'' इसी विद्यालय की 11वीं कक्षा की छात्रा शकुंतला महतो ने भी सीमा की बात का समर्थन करते हुए कहा कि लड़कियों को मार्शल आर्ट सीखने के बाद डर भगाने में मदद मिली है। सीमा और शकुंतला की तरह और भी लड़कियां अपने आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आनंद ले रही हैं। लड़कियों को इस प्रशिक्षण के तहत कराटे और ताइक्वांडो सिखाया गया है। शकुंतला ने कहा कि पहले जब वह शाम को बाहर जाती थी तो परिवार का कोई एक सदस्य हमेशा साथ रहता था, लेकिन इस प्रशिक्षण के बाद, अब वह ट्यूशन पढ़़ने या मित्रों के घर अकेले जा सकती है।
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