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उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए अपने छात्रों की एबीसी आईडी बनाना अनिवार्य

नयी दिल्ली. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा है कि ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पाठ्यक्रम चलाने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए अपने छात्रों की ‘एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट' (एबीसी) आईडी बनाना और उनके क्रेडिट जमा करना अनिवार्य होगा। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में परिकल्पित एबीसी देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘‘क्रेडिट हस्तांतरण'' के साथ छात्रों के पाठ्यक्रम ढांचे के लचीलेपन और अंतःविषयक और बहु-विषयक शैक्षणिक गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की सुविधा है। कुमार ने कहा, ‘‘हम ‘एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट' के अनिवार्य अनुपालन के लिए ऑनलाइन और मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखेंगे। एबीसी प्रत्येक छात्र को डिजिटल रूप में एक अद्वितीय और व्यक्तिगत अकादमिक बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करता है। प्रत्येक खाताधारक को एक विशिष्ट आईडी प्रदान की जाती है।" उन्होंने कहा, "एबीसी के प्रमुख कार्य इस योजना के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों का पंजीकरण और छात्रों के अकादमिक खाते खोलना, बंद करना और सत्यापन, क्रेडिट सत्यापन, क्रेडिट संचय, क्रेडिट हस्तांतरण और छात्रों की परेशानियों को दूर करने एवं हितधारकों के बीच एबीसी को बढ़ावा देना है।'' यूजीसी प्रमुख ने यह भी कहा कि ऑनलाइन कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले सभी विश्वविद्यालयों की शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) को इसी तरह एबीसी पोर्टल के साथ एकीकृत किया जा सकता है। कुमार ने कहा, "डिजिलॉकर पोर्टल के माध्यम से छात्रों के लिए एबीसी आईडी बनाने के वास्ते सहायता नियमावली उच्च शिक्षण संस्थानों को भेजी जाएगी। उनसे निर्देश का पालन करने और मामले में की गई कार्रवाई के बारे में यूजीसी को बताने का अनुरोध किया जाएगा।

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