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 एनसीआरटीसी दिल्ली के सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन पर ‘ट्रैवेलेटर' लगाएगी, निविदा जारी
 कोच्चि।  दिल्ली के सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन पर हवाई अड्डे जैसी सुविधाएं होंगी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने यहां ‘ट्रैवेलेटर' लगाकर इन्हें हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पाथवे से जोड़ने का फैसला किया है। एनसीआरटीसी दिल्ली और मेरठ के बीच भारत का पहला क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) तैयार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सराय काले खां 82 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के प्रमुख स्टेशन में से एक है। छह ‘ट्रैवेलेटर' 280 मीटर लंबे फुट ओवरब्रिज पर लगाए जाएंगे। एनसीआरटीसी ने परियोजना के संबंध एक निविदा जारी की है जो सराय काले खां और हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के बीच निर्बाध मल्टी-मॉडल एकीकरण सुविधा प्रदान करेगी। यहां 15वें ‘अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस एंड एक्सपो' में स्टॉल लगाने वाले एनसीआरटीसी के अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर ट्रैवेलेटर को 500 मीटर या उससे अधिक की दूरी के लिए स्थापित किया जाता है, जहां यात्रियों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी लगभग 300 मीटर है, हालांकि हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से आने-जाने वाले यात्रियों के सामान के साथ यात्रा करने की संभावना है।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘इसलिए, फुट ओवरब्रिज के साथ-साथ ट्रैवेलेटर को भी महत्वपूर्ण माना गया। इससे यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकले बिना ट्रेन बदलने की सुविधा मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं, विशेष रूप से दिव्यांग लोगों और भारी सामान के साथ हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। यात्रियों की सुगम आवाजाही के लिए आमतौर पर हवाई अड्डों पर ‘ट्रैवेलेटर' या ‘मूविंग वॉकवे' (स्वचालित पथ) लगाए जाते हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि कई सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में, लंबे पैदल मार्ग या उचित संपर्क की कमी के कारण, लोगों को या तो लंबी दूरी तय करनी पड़ती है या परिसर से बाहर निकलने के बाद परिवहन के अन्य साधनों तक पहुंचने के लिए कोई अन्य वाहन लेना पड़ता है।'' एनसीआरटीसी के अधिकारी ने कहा, ‘‘यह भीड़भाड़ पैदा करता है और यातायात की आवाजाही में बाधा डालता है तथा सार्वजनिक परिवहन केंद्र के आसपास हमेशा जाम जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। यात्रियों के साथ-साथ पैदल चलने वालों को भीड़भाड़ और खराब यातायात से जूझना पड़ता है।'' पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इसका 17 किलोमीटर लंबा दुहाई-साहिबाबाद खंड 2023 की शुरुआत तक चालू होने की उम्मीद है। मल्टी-मॉडल परिवहन एकीकरण के साथ, सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन रणनीतिक रूप से योजनाबद्ध है और दिल्ली मेट्रो स्टेशन, भारतीय रेलवे के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन और वीर हकीकत राय इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) के नजदीक स्थित है। आरआरटीएस कॉरिडोर दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा के समय को सड़क मार्ग से मौजूदा तीन-चार घंटे से घटाकर लगभग 55 मिनट कर देगा।

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