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भारतीय सशस्त्र बल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बलों में से एक हैं: सेना प्रमुख

नयी दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बल अत्यधिक पेशेवर हैं और दुनिया में उनकी गिनती सर्वश्रेष्ठ बलों में की जाती है। जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के अदम्य साहस और उनके बलिदान के कारण भारतीय सशस्त्र बल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बलों में शुमार हैं।

जनरल मनोज पांडे ने यहां सातवें सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम के अवसर पर भूतपूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के योगदान से प्रेरित होकर, सशस्त्र बलों के तीनों अंग ‘‘किसी भी चुनौती का मजबूती से सामना करने के लिए तैयार हैं।'' यहां मानेकशॉ सेंटर में आयोजित समारोह के दौरान सेना प्रमुख के साथ वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने भी मंच साझा किया।

समारोह स्थल पर सेना के तीनों अंगों के बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक भी मौजूद थे। जनरल पांडे ने कहा, "आज हमारे सशस्त्र बलों की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ और अत्यधिक पेशेवर बलों में होती है। यह पहचान (सेनाओं की) आपके बलिदान, अदम्य साहस और कठिन परिश्रम का परिणाम है। इससे प्रेरित होकर, सशस्त्र सेना के तीनों अंग किसी भी चुनौती का मजबूती से सामना करने के लिए तैयार हैं।'' नौसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज के सशस्त्र बल हमारे प्रत्येक भूतपूर्व सैनिक के प्रयासों, दूरदर्शी नेतृत्व, आकांक्षाओं और निःस्वार्थ प्रयासों का परिणाम हैं।''

एडमिरल कुमार ने कहा, ‘‘यहां उपस्थित होना और आप सभी के साथ बातचीत करना मेरे लिए सम्मान की बात है। आज का दिन हमारे उन बहादुर योद्धाओं को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का भी अवसर है, जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया।'' उन्होंने कहा कि नौसेना सभी को आश्वस्त करना चाहती है कि वह भूतपूर्व सैनिकों की विरासत को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ और कई अन्य उन्नत प्लेटफॉर्म को सेवा में शामिल करना उस दिशा में एक छोटा सा कदम है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अग्निवीरों के पहले बैच को भी शामिल किया है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं और यह एक साहसिक, परिवर्तनकारी कदम है और जो नौसेना को भविष्य के लिहाज से तैयार करने योगदान देगा।'' वायुसेना प्रमुख ने इस अवसर पर भूतपूर्व सैनिकों को बधाई भी दी। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना ने आज इस क्षेत्र में एक अजेय हवाई ताकत होने की प्रतिष्ठा बनाई है। यह हमारे भूतपूर्व सैनिकों की दृष्टि, कड़ी मेहनत और नि:स्वार्थ सेवा से ही संभव हो पाया है।''

उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों का "उत्कृष्ट योगदान" हमेशा एक मार्गदर्शक शक्ति रहा है। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना के कमानों में 156 एसपीएआरएसएच सेवा केंद्र चालू कर दिये गए हैं। पेंशन प्रशासन के लिए प्रणाली (रक्षा) या एसपीएआरएसएच, पेंशन दावों को संसाधित करने और बिना किसी बाहरी मध्यस्थ के पेंशन सीधे पेंशन भोगियों के बैंक खातों में जमा करने के लिए एक वेब-आधारित प्रणाली है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने वायुसैनिकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि भारतीय वायुसेना आपकी भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।''

सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि यह गर्व की बात है कि सशस्त्र बलों के भूतपूर्व सैनिक राष्ट्र की प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। जनरल पांडे ने मकर संक्रांति, पोंगल, बिहू और उत्तरायण त्योहारों की बधाई भी दी। इस कार्यक्रम में विभिन्न भूतपूर्व सैनिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

‘सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस' 14 जनवरी को मनाया जाता है। वर्ष 1953 में इसी दिन भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त हुए थे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पहला सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाये जाने के बाद हर साल इस दिन को मनाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

इस वर्ष, सेना के तीनों अंगों के मुख्यालयों द्वारा नौ स्थानों- झुंझुनू, जालंधर, पानागढ़, नयी दिल्ली, देहरादून, चेन्नई, चंडीगढ़, भुवनेश्वर और मुंबई में ‘सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस' मनाया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के सचिव विजय कुमार सिंह और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

उन्होंने कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘सरकार ने सशस्त्र बलों के भूतपूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के संबंध में लंबे समय से लंबित मांग की घोषणा की है और इसे संशोधित किया जाना था। हालांकि कुछ मुद्दे थे, इसलिए इसमें देरी हुई। इसे सरकार द्वारा दिसंबर में मंजूर किया गया और बकाये का भुगतान और अन्य चीजें बहुत जल्द शुरू हो जाएंगी।''

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