कश्मीर मसले पर भारत-रूस दोनों ही देश बाहरी दखल के खिलाफ
मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मसले पर कहा कि दोनों ही देश आतंरिक मामलों में बाहरी दखल के खिलाफ हैं, रूस ने जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया है और कहा है कि दर्जे में परिवर्तन भारतीय संविधान के ढांचे के अनुरूप है, पीएम मोदी ने बताया कि चेन्नई-व्लादिवोस्तोक जलमार्ग पर सहमति बनी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को 2 दिन के रूस दौरे पर व्लादिवोस्तोक पहुंचे। मोदी ने पुतिन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर मसले पर कहा कि दोनों ही देश आतंरिक मामलों में बाहरी दखल के खिलाफ हैं। पीएम मोदी की यह टिप्पणी भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में आई है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करना उसका एक आंतरिक मामला है। रूस ने जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया है और कहा है कि दर्जे में परिवर्तन भारतीय संविधान के ढांचे के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों में रक्षा, व्यापार और परमाणु क्षेत्र में दर्जनों एग्रीमेंट हुए हैं। चेन्नई-व्लादिवोस्तोक जलमार्ग पर सहमति बनी है। पीएम मोदी ने पुतिन को अगले साल एनुअल समिट में भारत आने का न्योता दिया। पीएम मोदी पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) में भी शामिल होंगे। वह रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।
दोनों देशों ने किए 15 समझाैतों पर हस्ताक्षर
बता दें कि दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश, तेल एवं गैस, खनन, परमाणु ऊर्जा, रक्षा एवं सुरक्षा, वायु एवं समुद्री सम्पर्क, परिवहन आधारभूत ढांचा, हाईटेक, बाहरी अंतरिक्ष और लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। और 15 समझाैतों पर हस्ताक्षर किए।
मोदी पोत निर्माण केंद्र देखने भी गए
मोदी पुतिन के साथ ज्वेज्दा पोत निर्माण केंद्र भी देखने गए। पीएम मोदी पुतिन से आर्कटिक जलमार्ग खोलने का आग्रह कर सकते हैं, ताकि भारत से रूस के इस हिस्से की दूरी कम हो जाए और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाए जा सकें। चेन्नई-व्लादिवोस्तोक जलमार्ग पर समझौते से भारत-रूस के बीच व्यापार को मजबूती मिलेगी।
सीएम रहते अटलजी के साथ आया था
साझा प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-रूस के बीच 20वां समिट है, जब पहला समिट हुआ था तब गुजरात के मुख्यमंत्री के बतौर मैं अटल बिहारी वाजपेयी के साथ यहां आया था। तब भी व्लादिमीर पुतिन यहां के राष्ट्रपति थे। हमारी कोशिश दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की है।
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