जुर्माने की रकम कमाई के लिए नहीं किया, सरकार की सफाई
नई दिल्ली =ट्रैफिक रूल के उल्लंघन को लेकर जुर्माने के नए कानून पर बब्वाल मच गया है सोशल मीडिया पर तरह तरह के कार्टून से सरकार की आलोचना हो रही है अब सरकार ने अपना पक्ष रखा है केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है की है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में भारी वृद्धि का फैसला कानून का पालन अनिवार्य बनाने के लिए किया गया है, न कि सरकारी खजाने को भरने के मकसद से। दरअसल, इस महीने से जुर्माने की रकम 30 गुना तक बढ़ने और सजा की अवधि में भी इजाफे का नया नियम लागू किए जाने पर कोहराम मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश के साथ-साथ गुजरात ने बढ़ी हुई दर पर जुर्माना वसूलने से इनकार कर दिया है।गडकरी ने कहा, ‘यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण सड़क पर हो रही मौतों की संख्या बहुत ज्यादा है। जुर्माने में कई गुना वृद्धि का फैसला विभिन्न पक्षों से सलाह के बाद सामूहिक तौर पर लिया गया। सरकार इन जुर्मानों से कमाई करना नहीं चाहती है। यह सिर्फ उल्लंघन की घटनाएं रोकने के लिए है। अब तक यातायात नियमों का बहुत कम पालन होता रहा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार जुर्माने की सीमा बढ़ाने की इच्छुक नहीं है। हम चाहते हैं कि ऐसा वक्त आए जब एक भी व्यक्ति को जुर्माना नहीं देना पड़े और हर व्यक्ति कानून का पालन करे।’ गौरतलब है कि संसद ने मोटर वीइकल ऐक्ट, 1988 में संशोधन प्रस्ताव को जुलाई में पास किया था। उसके बाद अगस्त महीने में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वीइकल्स (अमेंडमेंट) ऐक्ट, 2019 की अधिसूचना जारी की थी। हालांकि, इसे 1 सितंबर से लागू किया गया। यह अलग बात है कि तेलंगाना और राजस्थान जैसे राज्यों में नया कानून अब भी लागू नहीं किया गया है।
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