बिजली की अधिकतम मांग गर्मियों में सात प्रतिशत बढ़कर 260 गीगावाट पहुंचने का अनुमान: सीईए
नयी दिल्ली। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के चेयरपर्सन घनश्याम प्रसाद ने सोमवार को कहा कि देश में बिजली की मांग सालाना आधार पर इस साल गर्मियों में सात प्रतिशत बढ़कर 260 गीगावाट पर पहुंचने का अनुमान है। बीते वर्ष गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 243 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) रही थी।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन (टाटा पावर-डीडीएल) लिमिटेड के सहयोग से आयोजित चौथे लाइनमैन दिवस के मौके पर प्रसाद ने कहा, ‘‘ हमारा अनुमान है कि इस साल बिजली की अधिकतम मांग गर्मियों में 260 गीगावाट रहेगी। सीईए चेयरमैन ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘बिजली क्षेत्र के लाइनपर्सन हमारे देश की बिजली व्यवस्था के सबसे मजबूत स्तंभ हैं। ‘लाइनमैन दिवस' का आयोजन उनके समर्पण और अथक सेवा के प्रति हमारी सराहना को प्रतिबिंबित करता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इन कर्मचारियों की कड़ी मेहनत को पहचानने के पीछे का उद्देश्य उन्हें सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना और अपने अनुकरणीय प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित करना है।'' इस मौके पर केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘लाइनमैन दिवस प्रतिभागियों के बीच विचारों के आदान-प्रदान और सुरक्षा की सर्वोत्तम गतिविधियों को साझा करने की सुविधा प्रदान करने वाले प्रभावी मंच के रूप में कार्य करता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम उन लाइनमैन के आभारी हैं जो देश के तकनीकी, औद्योगिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के कामकाज के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं।'' टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गणेश श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘हमें इस राष्ट्रव्यापी पहल का नेतृत्व करते हुए गर्व महसूस हो रहा है और बिजली क्षेत्र के इन ‘फ्रंटलाइन वर्कर्स' के समर्पण और सेवा का सम्मान करने के लिए एकजुट होने वाली 40 से अधिक पारेषण और वितरण कंपनियों की मजबूत भागीदारी देखकर हम उत्साहित हैं।'' 'सेवा, सुरक्षा, स्वाभिमान' विषय पर आयोजित इस समारोह में आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के 40 से अधिक सरकारी और निजी पारेषण तथा वितरण कंपनियों के 150 से ज्यादा ‘लाइनपसर्न' शामिल हुए।
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