चार हफ्ते से हो रहे लगातार सिरदर्द के बाद सद्गुरु की दिल्ली में हुई सफल ब्रेन सर्जरी
नई दिल्ली। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव को मस्तिष्क में रक्तस्राव (brain bleed) के कारण दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी सर्जरी की गई, जो सफल रही। ईशा फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि सद्गुरु ठीक हो रहे हैं और उनकी स्थिति उम्मीदों से बेहतर है।
सद्गुरु ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सर्जरी के बाद अपने अस्पताल के बिस्तर से मजाक करते हुए कहा, “अपोलो अस्पताल के न्यूरोसर्जनों ने मेरी खोपड़ी को काटा और कुछ खोजने की कोशिश की। लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला… पूरी तरह से खाली।” उन्होंने कहा, “…उन्होंने हार मान ली और इसे ठीक कर दिया। यहां मैं दिल्ली में हूं, खोपड़ी पर पैच लगा हुआ है लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ है।”
बयान के अनुसार, सद्गुरु पिछले चार हफ्तों से गंभीर सिरदर्द से परेशान थे। दर्द बहुत तीव्र था, लेकिन उन्होंने अपना कार्यक्रम और गतिविधियां रद्द नहीं कीं। 8 मार्च 2024 को उन्होंने रात भर चलने वाले महाशिवरात्रि समारोह का भी आयोजन किया। 14 मार्च की दोपहर तक जब सद्गुरु दिल्ली पहुंचे, तो उनका सिरदर्द बहुत गंभीर हो गया था। इशा फाउंडेशन ने कहा, “इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉ विनीत सूरी की सलाह पर, सद्गुरु ने तुरंत MRI करवाया। MRI में उनके मस्तिष्क में बड़े पैमाने पर रक्तस्राव (खून बहने) का पता चला।”
जांच में लगातार और फ्रेश रक्तस्राव बताया गया। डॉक्टरों ने सद्गुरु को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने अपनी पेंडिंग वर्क कमिटमेंट को पूरा करने के लिए मना कर दिया। 17 मार्च को सद्गुरु की सेहत बिगड़ गई। उन्होंने सिरदर्द, बाएं पैर में कमजोरी और लगातार उल्टी की शिकायत की।
रिपोर्ट में आगे बताया गया, आखिरकार वह भर्ती हुए। सीटी स्कैन से पता चला कि उनके मस्तिष्क में सूजन बढ़ गई थी और एक तरफ गंभीर बदलाव था। मस्तिष्क में रक्तस्राव से राहत के लिए कुछ ही घंटों के अंदर उनकी इमरजेंसी मस्तिष्क सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया।
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