अवैध खनन को रोकना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: कोयला सचिव
कोलकाता. कोयला मंत्रालय में सचिव अमृत लाल मीणा ने अवैध खनन रोकने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि इसपर लगाम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मीणा ने यहां 17वें भारतीय कोयला बाजार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 69 खदानों को स्थायी रूप से बंद करने की पहचान प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा। कोयला सचिव ने कहा कि जिन 225 खदानों में कोयला उत्पादन बंद हो गया है, उनका इस्तेमाल सौर पार्क और पंप भंडारण उद्यमों जैसी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए दोबारा करने की कोशिश की जा रही है। मीणा ने कहा, ‘‘अवैध खनन को रोकना सरकार के लिए एक उच्च प्राथमिकता है। हमने बंद और परित्यक्त खदानों का जायजा लिया है और सर्वेक्षण किया है। हम इन बंद खदानों को निजी क्षेत्र को देने की कोशिश कर रहे हैं जहां संसाधन उपलब्ध हैं। जहां यह संभव नहीं है, वहां पर खदानें स्थायी रूप से बंद हो जाएंगी।'' उन्होंने कहा कि सरकार पीएम गति शक्ति के तहत रेलवे संपर्क के जरिये सभी कोयला खदानों को सहायता प्रदान करेगी, चाहे वह सार्वजनिक हो या वाणिज्यिक। रेल निकासी संपर्क के लिए लगभग 38 परियोजनाओं की पहचान की गई है जो वर्तमान में विकास के विभिन्न चरणों में हैं। कोयला सचिव ने कहा कि भारत वित्त वर्ष 2025-26 तक एक अरब टन और 2030 तक 1.5 अरब टन से अधिक उत्पादन लक्ष्य हासिल करने के लिए तैयार है। हालांकि, आने वाले समय में ऊर्जा की मांग में कोयले की हिस्सेदारी घट सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘कोल इंडिया को चालू वित्त वर्ष के लिए 78 करोड़ टन के लक्ष्य के साथ, 2025-26 तक एक अरब टन के लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीद है।'' मीणा ने भूमिगत खनन में निजी क्षेत्र की कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ने के साथ नीलाम की गई कई वाणिज्यिक खदानों से सफल उत्पादन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार ने 100 से अधिक कोयला ब्लॉक को नीलामी के लिए रखा है।
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