रीढ़ की चोट को ठीक करने के लिए समय रहते कदम उठाना और उचित शारीरिक संतुलन महत्वपूर्ण: चिकित्सक
नयी दिल्ली। चिकित्सकों का कहना है कि रीढ़ की हड्डी की चोटों को ठीक करने के लिए तत्काल कदम उठाना और उचित शारीरिक संतुलन महत्वपूर्ण है। उन्होंने रोगियों का समय रहते पर्याप्त उपचार सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा पेशेवरों व नीति निर्माताओं से अधिक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में लोगों को जो चोट लगती हैं, उनमें रीढ़ की हड्डी की चोट विकलांगता का एक प्रमुख कारण हैं। चिकित्सकों ने कहा है कि यह मुख्य रूप से अपर्याप्त चिकित्सा और इलाज में देरी के कारण होता है।
वैशाली में स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनीष वैश ने कहा, "समय पर शारीरिक संतुलन कायम करना आगे के उपचार के लिए आधार तैयार करता है, तथा स्वास्थ्य में सुधार और कामकाज पर लौटने की संभावनाओं में सुधार करता है।" उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों और देखभाल करने वालों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि दीर्घकालिक विकलांगता की गुंजाइश न छोड़ने और रोगी पर होने वाले प्रभाव को कम करने के लिए समय रहते इलाज की आवश्यकता और महत्व क्या है। वैश ने कहा, "रीढ़ की चोटों को ठीक करने के लिए तत्काल कदम उठाना और उचित संतुलन बहाल करना महत्वपूर्ण है।" उन्होंने कहा, "स्थिरीकरण, ट्रैक्शन और सर्जिकल हस्तक्षेप जैसी तकनीकें (स्थिति को) बिगड़ने से रोकने और स्वास्थ्य में तेजी से सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।" दिल्ली में स्थित सुश्रुत ब्रेन एंड स्पाइन के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. यशपाल सिंह बुंदेला ने कहा कि रीढ़ की चोट के मामलों में समय का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा, "हर मिनट का नुकसान संभवत: न्यूरोलॉजिकल क्षति का कारण बनता है। हमारा तत्काल ध्यान रीढ़ को स्थिर करने और हड्डी पर दबाव को कम करने पर है। कभी-कभी दबाव डालने वाले तत्वों को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। एक बार जब वह प्रारंभिक समय बीत जाता है, तो हम इलाज की ओर बढ़ते हैं। ” बुंदेला ने कहा कि रीढ़ की हड्डी की चोटें जटिल होती हैं, लेकिन शीघ्र चिकित्सा और इलाज से महत्वपूर्ण सुधार संभव है।
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