केरल की पर्यटक बसों ने कर्नाटक, तमिलनाडु के लिए अपनी सेवाएं स्थगित कर दीं
कोच्चि। 'लक्ज़री बस ऑनर्स एसोसिएशन' ने रविवार को घोषणा की कि वे केरल से कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए सभी अंतरराज्यीय सेवाएं निलंबित कर देंगे। लक्जरी बस ऑनर्स एसोसिएशन, केरल राज्य समिति ने एक बयान में कहा कि केरल से तमिलनाडु और कर्नाटक के लिए अंतरराज्यीय पर्यटक बस सेवाएं सोमवार शाम छह बजे से निलंबित कर दी जाएंगी। एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष एजे रिजास ने कहा कि यह निर्णय पड़ोसी राज्यों द्वारा भारी जुर्माना लगाने, राज्य स्तर पर गैरकानूनी कर लगाने और केरल के संचालकों की अखिल भारतीय पर्यटक परमिट (एआईटीपी) बसों को जब्त करने के बाद लिया गया है। महासचिव मनीष शशिधरन ने कहा कि केंद्र सरकार के मोटर वाहन अधिनियम के तहत जारी वैध एआईटीपी होने के बावजूद, केरल के पर्यटक वाहनों को तमिलनाडु और कर्नाटक में रोका जा रहा है, जुर्माना लगाया जा रहा है और वाहनों को कब्जे में लिया जा रहा है। एसोसिएशन ने कहा, ‘‘एक साल से भी ज़्यादा समय से, तमिलनाडु के अधिकारी केरल में पंजीकृत वाहनों से मनमाने ढंग से कर वसूल रहे हैं, जिससे ऑपरेटरों और यात्रियों को बार-बार परेशानी हो रही है। इस दौरान, केरल सरकार ने बहुत ही सहानुभूतिपूर्ण और सहयोगी रुख अपनाया है और सहयोगात्मक समाधान की उम्मीद में जवाबी कार्रवाई से परहेज किया है।'' उन्होंने कहा कि कई लोग अब वित्तीय नुकसान और वाहन जब्त होने के डर के कारण अंतरराज्यीय सेवाएं संचालित करने से डर रहे हैं। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि यह सेवा निलंबन स्वैच्छिक विरोध नहीं है, बल्कि वाहनों, चालकों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया एक मजबूरी भरा कदम है। एसोसिएशन ने केरल के परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त से अनुरोध किया है कि वे तमिलनाडु और कर्नाटक सरकारों तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ तत्काल हस्तक्षेप करें, ताकि इन गैर-कानूनी प्रथाओं को समाप्त किया जा सके और सभी दक्षिणी राज्यों में एआईटीपी ढांचे का एक समान कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए केरल के परिवहन मंत्री केबी गणेश कुमार को एक पत्र भी लिखा है। एसोसिएशन ने कहा, ‘‘केरल सरकार और केंद्रीय अधिकारियों के समय पर हस्तक्षेप से इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान हो सकता है और सामान्य अंतरराज्यीय पर्यटन गतिविधियां जल्द ही फिर से शुरू हो सकती हैं।










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