मुंबई हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि; आतंक को कतई बर्दाश्त नहीं करने पर शाह का जोर
मुंबई/नयी दिल्ली. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को बुधवार को पुष्पांजलि अर्पित की। हमले की 17वीं बरसी पर अपने संदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी नागरिकों से आतंकवाद से लड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने को कहा, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नरेन्द्र मोदी सरकार की नीति को रेखांकित किया। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मंत्री आशीष शेलार ने भी दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर में शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
शाह ने ‘एक्स' पर अपने संदेश में कहा कि आतंकवाद किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानव जाति के लिए बहुत बड़ा अभिशाप है। उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई आतंकी हमले का डटकर सामना करते हुए अपना बलिदान देने वाले वीर जवानों को नमन करता हूं और इस कायराना हमले में अपनी जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मोदी सरकार की आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस' (बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने) की नीति स्पष्ट है, जिसे पूरा विश्व सराह रहा है और भारत के आतंकवाद विरोधी अभियानों को व्यापक समर्थन दे रहा है।'' राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी ‘एक्स' पर शहीदों को याद करते हुए कहा कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों की बरसी पर, मैं उन वीर सैनिकों को नमन करती हूं जिन्होंने हमारे देश के लोगों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान को कृतज्ञतापूर्वक याद करता है। मुर्मू ने कहा, ‘‘आइए! हम हर तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें। आइए! हम एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण के संकल्प के साथ प्रगति के पथ पर एक साथ आगे बढ़ें।'' 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आये 10 आतंकवादियों द्वारा मुंबई के कई हिस्सों में एक साथ किये गये हमलों में 166 लोगों की जान चली गयी थी और 300 से अधिक घायल हो गये थे। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के 10 सशस्त्र आतंकवादी समुद्र के रास्ते शहर में घुसे थे और उन्होंने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और नरीमन हाउस सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों पर एक साथ हमलों को अंजाम दिया था। इन हमलों की वैश्विक स्तर पर निंदा हुई और इसके बाद भारत के आतंकवाद-रोधी उपायों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए। कई लोगों ने सीएसएमटी, कामा व आल्बलेस रुग्णालय तथा अन्य स्थानों पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्हें पाकिस्तानी आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। बुधवार को कई लोगों ने सहायक उपनिरीक्षक तुकाराम ओम्बले की प्रतिमा ‘‘प्रेरणा स्थल'' पर भी पुष्पांजलि अर्पित की, जो गिरगांव चौपाटी पर आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़ते समय लाठी लेकर आतंकवादियों से भिड़ गये थे और शहीद हो गए थे। शाम में, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने गेटवे ऑफ इंडिया पर ‘‘नेवरएवर'' स्मारक और प्रतिज्ञा सभा का आयोजन किया है, जिसमें मुंबई के नागरिकों के साथ-साथ पीड़ितों के परिवार के सदस्य भी शामिल होंगे। ‘एक्स' पर पोस्ट किये गए एक बयान में, अमेरिकी दूतावास ने कहा कि वह पीड़ितों की स्मृति का सम्मान करता है और हमलों के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ा है। बयान के अनुसार, ‘‘अमेरिका इन हमलों के लिए ज़िम्मेदार लोगों को लंबे समय से अदालत के कठघरे में लाने के भारत के प्रयासों का समर्थन करता रहा है। दूतावास ने यह भी कहा कि अमेरिका ने इस साल तहव्वुर हुसैन राणा को इस भयावह हमले की योजना बनाने में उसकी भूमिका के लिए भारत प्रत्यर्पित किया था, जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित अन्य की जान चली गई थी। अमेरिकी दूतावास ने कहा, ‘‘राणा का प्रत्यर्पण इन जघन्य हमलों में मारे गए पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 26/11 के पीड़ितों को याद करते हुए, हम अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर, आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के अपने दृढ़ संकल्प की पुष्टि करते हैं।







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