घर-घर गूंजेगा ‘गणपति बप्पा मोरया’, जानिए इस वर्ष कब से कब तक हैं गणेश उत्सव
भारत में सबसे धूमधाम से मनाए जाने वाले पर्वों में से एक है गणेश उत्सव। यह पर्व भक्ति, उल्लास और सामाजिक एकता का प्रतीक है। यह भगवान शिव के पुत्र गणेश जी को समर्पित है जो कि 10 दिन तक गणेश उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाते हैं, और इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होतीहै। वहीं 10 दिन बार अनंत चतुर्दशी तक बप्पा का उत्सव मनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गणेश उत्सव सिर्फ 10 दिनों का ही क्यों होता है? आइए जानें इसके पीछे की मान्यता और इस वर्ष की तिथि।
गणेश चतुर्थी 2025 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन गणपति बप्पा का आगमन होगा और 10 दिन तक घर-घर, पंडालों और मंदिरों में उनकी भव्य पूजा-अर्चना होगी। यह पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन आजकल पूरे भारत में इसका महत्व बढ़ता जा रहा है।
गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं?
मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था। इस कारण इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
क्यों होता है गणेश उत्सव 10 दिनों का?
शास्त्रीय मान्यता – गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक कुल 10 दिन का समय भगवान गणेश को समर्पित होता है।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की परंपरा – स्वतंत्रता आंदोलन के समय तिलक ने लोगों को एकजुट करने के लिए सार्वजनिक गणेश उत्सव की शुरुआत की, जिसे 10 दिनों तक मनाने का चलन शुरू हुआ।
धार्मिक कारण – मान्यता है कि 10 दिनों तक गणपति जी अपने भक्तों के बीच विराजमान होकर उनकी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं और फिर अनंत चतुर्दशी पर वापस कैलाश लौट जाते हैं।
सांस्कृतिक पहलू – यह पर्व न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का भी केंद्र बनता है, इसलिए इसे लंबे समय तक मनाया जाता है।
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