नवरात्र में क्यों सूनी नहीं छोड़ते माता की चौकी? जानें आखिर क्या है वजह
शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. ये पवित्र दिन मां दुर्गा की उपासना के लिए बेहद पावन माना जाता है. इन दिनों में मां की पूजा, आरती, व्रत रखना बेहद उत्तम माना गया है. नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना के समय मां की चौकी लगाई जाती है, जिसके कुछ खास नियम होते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां की कृपा पाने के लिए चौकी का सही दिशा में लगाना बेहद जरूरी माना गया है. चौकी की सही दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) बताई गई है, ऐसी मान्यता है कि चौकी को इस दिशा में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसके अलावा, माता की चौकी को कभी भी खाली नहीं रखने की भी मान्यता है. ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है. कहते हैं कि नवरात्र में अगर माता की चौकी सूनी छोड़ दी जाए तो पूजा का फल नहीं मिलता है. इसके पीछे कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं. आइये जानते हैं उसके बारे में
1. मां दुर्गा का सम्मान
नवरात्र मां दुर्गा के आगमन का समय होता है और घर में स्थापित चौकी मां दुर्गा को समर्पित होती है. अगर घर में माता की चौकी स्थापित करके इसे सूना छोड़ दिया जाए तो इसे माता का अनादर समझा जाता है. इसलिए ऐसा न करें. चौकी के पास हर वक्त कोई न कोई जरूर होना चाहिए. देवी की चौकी के पास ठहरने वाले व्यक्ति को सात्विक और शुद्धि का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए.
2. नकारात्मक शक्तियों का संचार
नवरात्र में माता की चौकी स्थापित करने से घर में पवित्रता आती है. कहते हैं कि यदि साधक चौकी को सूना छोड़ दे तो घर में नकारात्मक शक्तियों के प्रवेश का खतरा बढ़ सकता है. लगातार निगरानी से चौकी की पवित्रता और सुरक्षा दोनों कायम रहती है.
4. कलश और जौ
नवरात्र के दौरान चौकी पर रखे कलश के पास जौ बोए जाते हैं, जो सुख-समृद्धि और देवी के आशीर्वाद का प्रतीक हैं. इसे सूना या अकेला छोड़ना अशुभ माना जाता है. नवरात्र में इनकी बहुत बारीकी से देख-रेख की जाती है
5. भक्ति और समर्पण
नवरात्र में देवी के सारे भक्त निरंतर पूजा, व्रत और आराधना में लगे रहते हैं. चौकी को कभी खाली न छोड़ना इसी भक्ति और समर्पण का हिस्सा है, जो यह दिखाता है कि भक्त हर पल देवी की उपासना में लीन है.


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