कहां से आया यूपी के मेरठ जिले का नाम, जानें इतिहास
उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। भारत का यह राज्य कुल 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत का करीब 7.33 फीसदी हिस्सा है। प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इनमें से एक जिला मेरठ जिला है, जो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जिला है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यह मेरठ नाम कहां से आया है और क्या है इसके पीछे का इतिहास ।
सन् 1950 में यहाँ से 23 मील उत्तर-पूर्व में स्थित एक स्थल विदुर का टीला की पुरातात्विक खुदाई से ज्ञात हुआ, कि यह शहर प्राचीन नगर हस्तिनापुर का अवशेष है, जो महाभारत काल मे कौरव राज्य की राजधानी थी। यह बहुत पहले गंगा नदी की बाढ़ में बह गयी थी।
क्या रामायण काल से है संबंध
मेरठ का नाम संभवतः मयराष्ट्र से विकसित है अर्थात मय का प्रदेश। मय हिन्दु पौराणिक मान्यताओं के अनुसार असुरों का राजा था। उसकी पुत्री मंदोदरी रावण की पत्नी थी जो किं रामायण महाकाव्य में राम के विरोधी के रुप में था। महाभारत काल में कौरवों की राजधानी हस्तिनापुर थी जो किं वर्तमान में मेरठ जिले के अंतर्गत आता है। ऐसा कहा जाता है कि मायासुर ने यहां एक महल बनवाया, जिसे मयराष्ट्र कहा जाता था। बाद में यह बदलकर मैरथ हुआ और कुछ समय बाद इसे मीराठ कहा जाने लगा। अंत में यह मेरठ हो गया।
क्या महाभारत काल से है संबंध
जिले के नाम के लेकर एक और मान्यता है। मान्यता के मुताबिक, महाकाव्य महाभारत के मुताबिक, यहां पांडवों की मां कुंती ने एक कुआं खुदवाया था। इस कुएं का नाम मीरा-ए-कूप हुआ। कुछ इतिहासकार बताते हैं कि इसका नाम बाद में मीराठ हुआ था, जिसे लोगों ने बोलते हुए बदलकर मेरठ कर दिया।
जैन धर्म से बताया जाता है संबंध
कुछ पुराने लेखों पर गौर करें, तो इसका संबंध जैन धर्म से भी जुड़ा हुआ बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन समय में यहां जैन मंदिर था, जो कि मेरू नाम के पर्वत पर हुआ करता था। इस वजह से इसका नाम मेरू-पुर पड़ा। हालांकि, बाद में इसका नाम बदलकर मेरठ हो गया।
प्राचीन अभिलेखों में क्या है जिक्र
इतिहास उठाकर देखें, तो हमें विभिन्न अभिलेखों में मेरठ का जिक्र मिलता है। एक शिलालेख में अशोका का मेरठ का स्तंभ भी लिखा गया है। वहीं, चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने 7वीं शताब्दी में इस क्षेत्र का दौरा किया और इसे माये-लू-चा नाम दिया।
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