- Home
- देश
- लेह। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में हिमस्खलन होने के कारण तीन सैनिकों की जान चली गई। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रविवार को 12,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन आधार शिविर क्षेत्र में हिमस्खलन हुआ, जिसमें दो अग्निवीर सहित तीन सैनिक फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया और फंसे हुए सैनिकों के शव निकाल लिए गए।
- शिमला/धर्मशाला । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए 1,500 करोड़ रुपये की तत्काल राहत की मंगलवार को घोषणा की। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति का जायजा लेने के बाद मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता राशि की भी घोषणा की। उन्होंने सबसे पहले प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और फिर राहत एवं पुनर्वास उपायों की समीक्षा तथा क्षति का आकलन करने के लिए कांगड़ा में एक बैठक की।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, भाजपा नेताओं, प्रभावित परिवारों और कांगड़ा में बचाव सेवाओं में लगे लोगों के साथ बैठक में मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बहाल करने और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वित्तीय सहायता के तौर पर 1,500 करोड़ रुपये की राशि पीएम-किसान सम्मान निधि और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष की दूसरी किस्त की रूप में जारी की जाएगी। मोदी ने पूरे क्षेत्र और जन जीवन को सामान्य बनाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। यह कई तरीकों से किया जाएगा, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों का जीर्णोद्धार, स्कूलों का पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) के तहत राहत का प्रावधान और पशुधन के लिए ‘मिनी किट' जारी करना। निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल क्षति की रिपोर्ट कर सकेंगे और उसकी ‘जिओटैगिंग' कर सकेंगे, जिससे समग्र शिक्षा अभियान के तहत समय पर सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी। वर्षा जल के संचयन के लिये पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इन प्रयासों से भूजल स्तर में सुधार होगा और बेहतर जल प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।केंद्र सरकार ने नुकसान का आकलन करने के लिए हिमाचल प्रदेश में अंतर-मंत्रालयी दल पहले ही भेज दिए हैं और उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा। मोदी ने आपदा से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की। उन्होंने अपने परिजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना और गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री की एक तस्वीर भी इंटरनेट पर सामने आई है, जिसमें वह अपने परिवार की एकमात्र जीवित बची 11 महीने की बच्ची नीतिका को गोद में लिए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र इस कठिन समय में हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करेगा और हर संभव सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि कृषक समुदाय को सहायता के तहत विशेष रूप से उन किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी, जिनके पास वर्तमान में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि क्षति का सटीक आकलन करने और सहायता का तेजी से वितरण सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त घरों की ‘जियोटैगिंग' की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन नियमों के तहत राज्य को अग्रिम भुगतान सहित सभी प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना, राज्य प्रशासन और अन्य संगठनों के कर्मियों के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य के ज्ञापन और केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर आकलन की आगे समीक्षा करेगी। मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।इससे पहले, उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के बाद राज्य में मौजूदा स्थिति पर एक प्रस्तुति भी देखी। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 20 जून से आठ सितंबर तक बादल फटने, भारी बारिश से अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन के कारण 4,122 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और राज्य में वर्षा जनित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 370 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 205 लोगों की मौत बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण हुईं। इनमें 43 मौतें भूस्खलन से, 17 बादल फटने से और नौ अचानक आई बाढ़ से हुईं। इसके अलावा, 41 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में 165 मौतें हुई हैं। मंगलवार सुबह तक राज्य में चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 619 सड़कें बंद थीं और 1,748 बिजली ट्रांसफार्मर और 461 जलापूर्ति योजनाएं बाधित थीं। मानसून के कारण काफी नुकसान हुआ है, कुल 6,344 मकान, 461 दुकानें और कारखाने पूर्णतः या आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा सरकारी और निजी भूमि को भी भारी नुकसान पहुंचा है। प्रधानमंत्री मोदी के हिमाचल प्रदेश दौरे से पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से वन संरक्षण अधिनियम में छूट देने का आग्रह करेंगे, ताकि मानसून आपदा के कारण भूमिहीन हुए लोगों को वन भूमि प्रदान की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी से पहाड़ी राज्यों में सतत विकास के लिए रणनीति तैयार करने पर चर्चा शुरू करने का आग्रह करेंगे।
-
नई दिल्ली। सी.पी. राधाकृष्णन आज मंगलवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। उन्हें कुल 452 मत मिले। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए राधाकृष्णन को बधाई दी और कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनके दशकों का अनुभव राष्ट्र की प्रगति में सहायक होगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राधाकृष्णन का जीवन समाज सेवा और गरीबों व वंचितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है और वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति साबित होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक इस चुनाव में कुल वोटर संख्या 788 थी, लेकिन 7 पद रिक्त होने के कारण प्रभावी संख्या 781 रही। आज मंगलवार को हुए मतदान में 768 सांसदों ने वोट डाला, जबकि 13 सदस्य अनुपस्थित रहे। अनुपस्थित रहने वालों में बीआरएस के 4, बीजद के 7, शिरोमणि अकाली दल के 1 और एक निर्दलीय सांसद शामिल थे।वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शिता और प्रशासनिक ज्ञान हमारे संसदीय लोकतंत्र को मजबूती देगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा कि राधाकृष्णन का अनुभव, संवैधानिक और विधायी मामलों की समझ तथा जनता के साथ जुड़ाव उनकी नई भूमिका को और सशक्त बनाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनकी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता भारत की आवाज को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करेगी। इस प्रकार एनडीए समर्थित उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन देश के नए उपराष्ट्रपति बने और सभी नेताओं ने उनके सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं दी हैं। -
नई दिल्ली। चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से पराजित किया।
किशोरावस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के ‘स्वयंसेवक’, जनसंघ से राजनीतिक पारी की शुरुआत, 1990 के दशक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद, समर्थकों के बीच ‘तमिलनाडु के मोदी’ के नाम से लोकप्रिय और आज देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए निर्वाचित हुए चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन का सफर निस्संदेह बेमिसाल है।राधाकृष्णन के सामने होंगी कई चुनौतियांउपराष्ट्रपति के तौर पर वह एक नया सफर शुरू करने जा रहे हैं, जिसमें उनके सामने कई चुनौतियां भी होंगी। सबसे बड़ी चुनौती राज्यसभा के सभापति के रूप में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच संतुलन बनाने की होगी, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में विपक्ष ने आसन की निष्पक्षता को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। राधाकृष्णन (77 वर्ष) देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से पराजित किया।कोयंबटूर से 2 बार जीता लोकसभा चुनावअब तक महाराष्ट्र के राज्यपाल की भूमिका निभा रहे 67 वर्षीय राधाकृष्णन किशोरावस्था में ही आरएसएस और जनसंघ से जुड़ गए थे। वह 1990 के दशक के अंत में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीते और उनके समर्थक उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ कहते हैं। राधाकृष्णन ने 1998 और 1999 में कोयंबटूर लोकसभा सीट से दो बार चुनाव जीता, हालांकि इसके बाद उन्हें इस सीट से लगातार तीन बार हार का सामना करना पड़ा। तमिलनाडु में सभी दलों में उन्हें काफी सम्मान हासिल है और यही वजह है कि भाजपा ने उन्हें कई राज्यों का राज्यपाल बनाया।‘तमिलनाडु का मोदी’ नाम से लोकप्रियउन्होंने 31 जुलाई, 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। इससे पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। झारखंड के राज्यपाल के रूप में, उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था। विभिन्न राज्यों में राज्यपाल पद संभालने के बाद भी, वह अक्सर तमिलनाडु का दौरा करते रहे हैं। अपने हालिया तमिलनाडु दौरे के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से भी मुलाकात की थी। तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।बिजनेस मैनजमेंट में किया है ग्रेजुएशनतमिलनाडु के तिरुपुर में 20 अक्टूबर, 1957 को जन्मे राधाकृष्णन के पास बिजनेस मैनजमेंट में ग्रेजुएशन की डिग्री है। 16 साल की उम्र में आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करने वाले राधाकृष्णन 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। वर्ष 1996 में, राधाकृष्णन को भाजपा की तमिलनाडु इकाई का सचिव नियुक्त किया गया। वह 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में वह फिर से इस सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने विभिन्न संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य के रूप में कार्य किया। वर्ष 2004 से 2007 के बीच, राधाकृष्णन भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष रहे। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने 19,000 किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ की, जो 93 दिनों तक चली। एक उत्साही खिलाड़ी राधाकृष्णन टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि 2004 में द्रमुक द्वारा राजग से संबंध समाप्त करने के बाद तमिलनाडु में भाजपा के लिए नया गठबंधन बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लिए बड़ी आर्थिक मदद का ऐलान किया। उन्होंने पंजाब को 1,600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की, जो राज्य को पहले से उपलब्ध 12,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगी। वहीं हिमाचल प्रदेश के लिए भी उन्होंने 1,500 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पंजाब को SDRF (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड) की दूसरी किस्त अग्रिम रूप से जारी की जाएगी। साथ ही किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त भी तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बाढ़ और भूस्खलन से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।पीएम मोदी ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन से अनाथ हुए बच्चों को PM CARES for Children योजना के तहत दीर्घकालिक सहयोग मिलेगा। प्रधानमंत्री ने पंजाब के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और फिर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना से घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, स्कूलों का पुनर्निर्माण, PMNRF से सहायता और पशुओं के लिए मिनी किट वितरण जैसी बहुआयामी योजनाएं शुरू की जाएंगी।किसानों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिनके पास बिजली कनेक्शन नहीं है, उन्हें अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। बाढ़ से प्रभावित बोरवेल और पंपों की मरम्मत के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मदद दी जाएगी। वहीं डीजल पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ने और माइक्रो-इरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए MNRE और प्रति बूंद अधिक फसल (Per Drop More Crop) योजना के तहत सहयोग मिलेगा।ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त मकानों को विशेष परियोजना के तहत फिर से बनाया जाएगा। वहीं, क्षतिग्रस्त सरकारी स्कूलों को समग्र शिक्षा अभियान से आर्थिक सहायता दी जाएगी। पानी की समस्या को दूर करने के लिए जल संचय जनभागीदारी कार्यक्रम के तहत क्षतिग्रस्त जल संरचनाओं की मरम्मत और नई संरचनाओं का निर्माण होगा, ताकि वर्षा जल संचयन और दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा केंद्र सरकार ने पंजाब भेजी गई अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों को नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है। उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे और वित्तीय सहायता पर विचार किया जाएगा।प्रधानमंत्री ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर हर संभव मदद करेगी। उन्होंने एनडीआरएएफ, एसडीआरएफ सेना और राज्य प्रशासन की राहत कार्यों में तत्परता की सराहना की। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया, जहां उन्होंने हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया और समीक्षा बैठक भी की। हिमाचल में भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई। - नयी दिल्ली:। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को आज मंगलवार को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया। उन्होंने विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार, सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया। उपराष्ट्रपति चुनाव आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक हुआ, जिसमें 98.20 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल वोटर संख्या 788 थी। इसमें 7 पद रिक्त रहने के कारण प्रभावी वोटर संख्या 781 रही। कुल 767 सांसदों ने वोट डाले। परिणामों में राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता वोट मिले, जबकि सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। कुल 15 वोट अमान्य घोषित किए गए। राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी ने जानकारी दी कि कुल 13 सांसदों ने मतदान से परहेज किया, जिनमें सात सांसद बीजेडी से, चार बीआरएस से, एक शिरोमणि अकाली दल से और एक निर्दलीय सांसद शामिल थे।इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने मतदान किया। बता दें कि उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई 2025 से खाली था, जब जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। वे बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और दो बार कोयंबटूर से सांसद रह चुके हैं। वे 1974 में भारतीय जनसंघ से जुड़े और बाद में भाजपा तमिलनाडु के सचिव बने। 1998 और 1999 में वे लोकसभा चुनाव जीते और संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे। वे पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स, वित्तीय परामर्श समिति और शेयर बाजार घोटाले की विशेष समिति के सदस्य भी रहे।उन्होंने 2004 से 2007 तक भाजपा तमिलनाडु इकाई की अध्यक्षता की और 19,000 किमी लंबी ‘रथ यात्रा’ का नेतृत्व किया। इस यात्रा का उद्देश्य नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, छुआछूत खत्म करने और नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान चलाना था। राधाकृष्णन 2016 से 2020 तक कोयर बोर्ड, कोच्चि के अध्यक्ष भी रहे, जहां उनके नेतृत्व में नारियल उत्पादों का निर्यात रिकॉर्ड 2532 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वे 2020 से 2022 तक भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी भी रहे।उन्होंने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल और अतिरिक्त कार्यभार के तौर पर तेलंगाना और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का पद संभाला। 31 जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल थे, जिसके बाद उन्हें एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। राजनीति के अलावा वे कॉलेज स्तर पर टेबल टेनिस के चैंपियन रहे और क्रिकेट तथा वॉलीबॉल में भी रुचि रखते हैं।
- फरीदाबाद. फरीदाबाद में सोमवार को एसी यूनिट में शॉर्ट सर्किट होने कारण इमारत में आग लगने से एक परिवार के तीन सदस्यों और उनके पालतू कुत्ते की मौत हो गई जबकि एक सदस्य को पड़ोसियों ने बचा लिया। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि कमरे में लगे एसी का कम्प्रेसर फटने से आग लगी।पुलिस के अनुसार ग्रीन फील्ड कॉलोनी के बी ब्लॉक में स्थित इमारत में आग लगने के बाद दम घुटने से सचिन कपूर (51), उनकी पत्नी रिंकू कपूर (48) और उनकी बेटी सुजैन (13) की मौत हो गई जबकि दंपत्ति के बेटे आर्यन कपूर (24) के पैरों में फ्रैक्टर हुए हैं और नजदीकी अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के जबलपुर के मूल निवासी सचिन लगभग 25 साल से फरीदाबाद में रह रहे थे और ‘शेयर ट्रेडिंग' का काम करते थे। पुलिस ने बताया कि परिवार पांच साल पहले ग्रीन फील्ड कॉलोनी में रहने आया था और इमारत की दूसरी मंजिल किराए पर ले रखी थी। उन्होंने इमारत की तीसरी मंजिल पर अपना कार्यालय बनाया था, जबकि राकेश मलिक और उनकी पत्नी रितु मलिक अपने बेटे के साथ पहली मंजिल पर रहते थे। इमारत की चौथी मंजिल रजत गोयल नामक व्यक्ति के परिवार ने किराए पर ले रखी थी। रितु ने बताया कि वह रात करीब 3:15 बजे उठीं तो देखा कि बाहर एसी में आग लगी हुई है। कुछ ही मिनटों में आग दूसरी मंजिल तक फैल गई जहां कपूर परिवार रहता है। उन्होंने बताया कि सचिन ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ भागने की कोशिश की, लेकिन छत का दरवाजा बंद होने के कारण वे फंस गए। उन्होंने कहा, "चारों ओर धुआं था और सीढ़ियों के पास उनका दम घुट गया। पड़ोस की इमारत में रहने वाले विमलेश और उनके बेटे मयंक ने बाल्टी से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की।” उन्होंने कहा, "जब वे आग पर काबू नहीं पा सके, तो मयंक छत के रास्ते सचिन की इमारत में गया। उसने गेट तोड़ा, जिससे धुआं बाहर निकला और फिर आर्यन को छत के रास्ते बाहर निकाला। शीशा चुभने से आर्यन के फ्रैक्टर हो गया।” जब पुलिस, दमकल विभाग के कर्मचारी और स्थानीय लोग दंपति और उनकी बेटी को बचाने पहुंचे, तो तीनों सीढ़ियों पर बेहोश पड़े मिले। उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ग्रीन फील्ड पुलिस चौकी की टीम ने रजत गोयल के परिवार को भी चौथी मंजिल से छत के रास्ते बाहर निकाला।रितु मलिक ने कहा कि आग खराब वायरिंग के कारण लगी। उन्होंने बताया कि वह लगभग पांच साल पहले इस इमारत में रहने आई थीं। उन्होंने कहा, "तब से, वायरिंग में समस्या आ रही है। फ्लैट खरीदने से पहले, मैंने बिल्डर राकेश यादव से वायरिंग बदलने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया।” ग्रीन फील्ड पुलिस चौकी के प्रभारी कृपाराम ने कहा, "हमने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए हैं। मामले की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आग एसी में शॉर्ट सर्किट होने के कारण लगी।"
- पालघर. महाराष्ट्र के पालघर जिले में 80 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी 74 वर्षीय पत्नी की कथित तौर पर चाकू से गोदकर हत्या कर दी और फिर आत्महत्या के इरादे से कलाई काट ली। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि बुजुर्ग और उनकी पत्नी लंबे समय से बीमार थे, और संभवतः इसी कारण उन्होंने यह कदम उठाया। हालांकि, अधिकारी ने उनकी बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। यह घटना शनिवार शाम वसई इलाके में हुई। अधिकारी ने बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति ने कथित तौर पर रसोई में रखे चाकू से अपनी पत्नी की हत्या की और फिर उसी चाकू से अपनी कलाई काट ली। दंपति का बेटा जब घर लौटा तो उसने दरवाजा अंदर से बंद पाया। उसने दरवाजा तोड़कर घर में प्रवेश किया और देखा कि मां खून से लथपथ थी और पिता घायल अवस्था में थे। अधिकारी ने बताया कि महिला की मौत हो चुकी थी, और बुजुर्ग व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है, और भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1) (हत्या) के तहत बुजुर्ग व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
- ठाणे. ठाणे महानगर पालिका ने कहा कि वह अगले एक महीने में शहर में पालतू जानवरों के लिए तीन शवदाह गृह बनाएगी। रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में ठाणे महानगर पालिका ने बताया कि ये शवदाह गृह कोपरी, कलवा-मनीषानगर और माजीवाड़ा क्षेत्रों में बनाए जाएंगे और ये सभी सीएनजी आधारित प्रणाली पर कार्य करेंगे ताकि पालतू जानवरों के अवशेषों का पर्यावरण अनुकूल तरीके से निपटान किया जा सके। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि महानगर पालिका पालतू जानवरों और अन्य छोटे पशुओं के लिए एक मोबाइल पशु चिकित्सालय और एक एंबुलेंस सेवा भी शुरू करेगी। महानगर पालिका के अनुसार शहर में लगभग 15,000 पालतू जानवर हैं, जिनमें अधिकांश कुत्ते और बिल्लियां हैं।
- भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को मध्यप्रदेश का दौरा करेंगे और धार जिले में ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' अभियान की शुरुआत करेंगे तथा देश के पहले ‘पीएम मित्र पार्क' का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा के बाद यह जानकारी दी। मोदी 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे और जन्मदिन पर मध्यप्रदेश की यह उनकी दूसरी यात्रा होगी। इससे पहले, 17 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री ने नामीबिया से लाए गए जंगली चीतों को राज्य के श्योपुर जिले के कुनो नेशनल पार्क में एक बाड़े में छोड़ा था। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धार जिले की बदनावर तहसील के ग्राम भैसोला में ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' अभियान का और ‘सेवा पखवाड़ा' की शुरुआत करेंगे और फिर यहां देश के पहले ‘पीएम मित्र पार्क' का शिलान्यास करेंगे। यादव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से प्रदेश के जनजातीय बहुल मालवा अंचल में किसानों को एक बहुत बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रदेश का धार, झाबुआ, उज्जैन और निवाड़ का खरगोन, बड़वानी सबसे बड़ा कपास उत्पादक क्षेत्र है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से मध्यप्रदेश में कपास आधारित बड़े औद्योगिक पार्क की स्थापना होने जा रही है।'' उन्होंने कहा कि यह देशभर में मंजूर सात ‘पीएम मित्र पार्क' में से पहला पार्क है, जिसका भूमि-पूजन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘पीएम मित्र पार्क' से एक लाख प्रत्यक्ष और दो लाख से अधिक अप्रत्यक्ष समेत कुल तीन लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि धार में ‘पीएम मित्र पार्क' का शिलान्यास प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने वाला गौरवशाली क्षण होगा। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का यह दौरा प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगा। उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार ‘पीएम मित्र पार्क' को देश का मॉडल पार्क बनाएगी।'' यादव ने कहा कि इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' अभियान की शुरुआत करेंगे और ‘सुमन सखी' चैटबॉट लांच करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘एक बगिया मां के नाम' अभियान के तहत महिला लाभार्थियों को पौधों का वितरण, एक करोड़ सिकल सेल कार्ड के वितरण सहित स्वदेशी पखवाड़े की भी शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम में लाड़ली बहनें, स्व-सहायता समूह के सदस्य, स्वास्थ्य एवं स्वावलंबन योजना के हितग्राही सहित टेक्सटाइल एवं गारमेंट क्षेत्र के प्रमुख उद्यमी, युवा उद्यमी, महिला उद्यमी एवं हितग्राही उपस्थित रहेंगे।
- नयी दिल्ली. जून तिमाही में घाटे में रही एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने कहा है कि वह अप्रैल, 2026 तक उड़ान सेवाओं से बाहर चल रहे अपने 10 विमानों का परिचालन फिर शुरू करने की योजना बना रही है। जून तिमाही के अंत में स्पाइसजेट के 56 विमानों के बेड़े में से केवल 21 विमान ही परिचालन में थे जबकि 35 विमान तकनीकी या परिचालन कारणों से जमीन पर खड़े थे। कंपनी ने निवेशकों के समक्ष एक प्रस्तुति में कहा कि अप्रैल, 2026 तक ठप खड़े 10 विमानों को फिर से उड़ान में लाया जायेगा। इनमें से चार-पांच विमानों की उड़ान सेवाएं इस साल सर्दियों की शुरुआत में ही बहाल की जाएंगी ताकि त्योहारी और व्यस्त सत्र की मांग को पूरा किया जा सके। अप्रैल-जून, 2025 की तिमाही में स्पाइसजेट को 238 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ जबकि पिछले साल इसी अवधि में उसे 150 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। कंपनी ने बताया कि जमीन पर खड़े विमानों की परिचालन सेवाएं बहाल करने के लिए उसने रखरखाव और मरम्मत स्लॉट सुनिश्चित कर लिए हैं। अबतक कुल 19 विमान इंजन मरम्मत के लिये दुनिया भर के केंद्रों में भेजे गए हैं जिनमें सात इंजन बोइंग 737 एनजी, छह इंजन बोइंग 737 मैक्स और छह इंजन क्यू400 विमानों के हैं।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को उद्योग जगत से जीएसटी दरों में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से घरेलू उत्पादों की मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत होगी। गोयल ने कहा, ‘‘माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती और सरलीकरण से घरेलू मांग बढ़ेगी, छोटे और बड़े उद्यमों को ज्यादा अवसर मिलेंगे, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, आय बढ़ेगी, जिससे खर्च बढ़ेगा।'' उन्होंने आगे कहा कि इससे देश को आगे ले जाने के लिए वृद्धि का एक अच्छा चक्र बनेगा।वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने यहां ईईपीसी इंडिया के एक कार्यक्रम में कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरने से नहीं रोक पाएगी। उन्होंने समतामूलक आर्थिक लाभ के महत्व पर जोर दिया और कहा कि जीएसटी की दरों में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भारत एक संयुक्त परिवार की तरह काम करेगा और सभी क्षेत्रों में एक-दूसरे का समर्थन करेगा, तो स्वाभाविक रूप से समावेशी विकास होगा। गोयल ने भरोसा जताया कि देश टिकाऊ और समावेशी विकास के लिए दुनिया भर में आदर्श बन सकता है।उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती और सरलीकरण के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घरेलू मांग को बढ़ावा दिया है। गोयल ने कहा कि जब आर्थिक प्रणाली के मजबूत आधार पर बुनियादी ढांचे का खर्च बढ़ेगा और उपभोक्ता मांग में तेजी आएगी, तो दुनिया की कोई भी ताकत भारत को विश्व शक्ति बनने से नहीं रोक सकती।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के अनुसार भारत की बेरोजगारी दर दो प्रतिशत है, जो जी20 देशों में सबसे कम है। मंत्री ने कहा कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन हुआ है और प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना (पीएम- वीबीआरवाई) सहित कई योजनाओं ने इसमें योगदान दिया है। वह मंत्रालय और डिजिटल मंच ‘मेंटर टुगेदर' तथा ऑनलाइन साइट ‘क्विकर' के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के मौके पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस एमओयू का मकसद राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल पर रोजगार के अवसरों के साथ ही युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाना है। मांडविया ने कहा कि इन साझेदारियों की मदद से नौकरी चाहने वालों के लिए उचित मार्गदर्शन और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
- मुंबई. देश का असंगठित श्रमबल धीरे-धीरे संगठित होने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक का सबसे अधिक नामांकन दर्ज किया जो मुख्य रूप से युवाओं की बढ़ती हिस्सेदारी से प्रेरित है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। भर्ती एवं पेरोल प्रबंधन सेवा प्रदाता क्वेस कॉर्प ने सोमवार को भारतीय श्रमबल के संगठित स्वरूप पर यह रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट कहती है कि देश के करीब 57 करोड़ श्रमिकों में से 80 प्रतिशत अब भी असंगठित क्षेत्र में हैं, लेकिन संगठित क्षेत्र का दायरा तेजी से बढ़ रहा है।रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में भविष्य निधि निकाय ईपीएफओ में 1.39 करोड़ शुद्ध नए सदस्य जुड़े जो 2018-19 के 61 लाख नामांकन से दोगुने से भी अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, नए ईपीएफओ अंशधारकों में 61 प्रतिशत की उम्र 29 साल से कम थी, जिनमें से लगभग आधे 18 से 25 वर्ष के बीच थे। यह प्रवृत्ति बताती है कि संगठित क्षेत्र की नौकरियां अब युवाओं के लिये करियर की पहली सीढ़ी बनती जा रही हैं, जिससे दीर्घकालिक उत्पादकता और करियर मार्ग मजबूत होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर बढ़कर 41.7 प्रतिशत हो गई। साल भर में नए ईपीएफओ अंशधारकों में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत रही। रिपोर्ट में बैंकिंग-वित्त एवं बीमा (बीएफएसआई), खुदरा, विनिर्माण और दूरसंचार को रोजगार सृजन में अग्रणी क्षेत्र बताया गया। क्वेस के पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार साल में विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियां सालाना आधार पर 32 प्रतिशत बढ़ीं, जो सबसे तेज है। वेतन के लिहाज से बीएफएसआई क्षेत्र ने औसतन 28,500 रुपये मासिक वेतन दिया, जबकि खुदरा क्षेत्र में यह औसत 23,000 रुपये रहा। क्वेस कॉर्प के अध्यक्ष (श्रमशक्ति प्रबंधन) लोहित भाटिया ने कहा, ‘‘महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाने के लिये सामाजिक बुनियादी ढांचे पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। इनमें सुरक्षित आवास और विश्वसनीय परिवहन शामिल हैं ताकि परिवहन और सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान हो सके।''
- मुंबई. घर में बने खाने की कीमतों में अगस्त में मासिक आधार पर मामूली वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण टमाटर की कीमतों में उछाल है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, शाकाहारी भोजन की औसत कीमत अगस्त में चार प्रतिशत बढ़कर 29.1 रुपये हो गई, जबकि जुलाई में यह 28.1 रुपये थी। वहीं मांसाहारी थाली की कीमत दो प्रतिशत बढ़कर 54.6 रुपये प्रति प्लेट हो गई। मासिक रोटी-चावल कीमत रिपोर्ट में कहा गया है कि आपूर्ति में 35 प्रतिशत की गिरावट के कारण अगस्त में टमाटर की कीमतों में मासिक आधार पर 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आलू और प्याज की कीमतें मासिक आधार पर स्थिर रहीं। मुख्य रूप से भंडार से बाजार में जारी किये जाने से इन सब्जियों के दाम स्थिर रहे। हालांकि, सालाना आधार पर घर में बना खाना सस्ता हुआ है।शाकाहारी भोजन की कीमत अगस्त, 2024 के 31.2 रुपये के मुकाबले लगभग सात प्रतिशत कम हुई। वहीं मांसाहारी भोजन की कीमत 59.3 रुपये के मुकाबले आठ प्रतिशत कम हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, सालाना आधार पर भोजन की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण वस्तुओं के दाम में नरमी है।
- नयी दिल्ली. भारत और इजराइल ने सोमवार को द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए जिसमें इजराइली निवेशकों के लिए स्थानीय उपायों की समाप्ति अवधि को पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर दिया गया है। इस प्रावधान को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ निवेश समझौते में भी शामिल किया गया था जो पिछले साल लागू हुआ था। स्थानीय उपायों की समाप्ति का मतलब है कि किसी विदेशी निवेशक को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में जाने से पहले मेजबान देश की कानूनी प्रणाली में उपलब्ध उपायों का सहारा लेना अनिवार्य होता है।भारत में इस अवधि को पांच वर्ष रखा गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के निवेशकों को भरोसा देने के साथ निवेशों की सुरक्षा, पारदर्शिता, मुआवजा और सुगम हस्तांतरण का प्रावधान करता है। मंत्रालय के मुताबिक, यह निवेश समझौता निवेशकों को न्यूनतम मानक सुरक्षा और स्वतंत्र मध्यस्थता व्यवस्था उपलब्ध कराएगा जिससे व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजराइल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच ने यहां द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने वित्तीय-प्रौद्योगिकी नवाचार, अवसंरचना विकास, वित्तीय नियमन और डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। सीतारमण ने कहा कि दोनों पक्षों को व्यापारिक संवाद बढ़ाकर निवेश के अवसर तलाशने चाहिए ताकि इस समझौते से अधिकतम लाभ उठाया जा सके।यह समझौता इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि इजराइल 'आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन' (ओईसीडी) का पहला सदस्य देश है जिसके साथ भारत ने ऐसा निवेश समझौता किया है। वर्तमान में दोनों देशों के बीच कुल निवेश लगभग 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर है और यह समझौता द्विपक्षीय निवेश को तेज करने का काम करेगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल, 2000 से जून, 2025 के बीच भारत को इजराइल से 33.77 करोड़ डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है। इसी अवधि में भारत में कुल एफडीआई प्रवाह एक लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार कर गया, जिसने इसे वैश्विक स्तर पर एक सुरक्षित और प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। भारत इस समय सऊदी अरब, कतर, ओमान, स्विट्जरलैंड, रूस, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ सहित एक दर्जन से अधिक देशों के साथ निवेश संधियों पर बातचीत कर रहा है। पिछले वर्ष भारत ने यूएई और उज्बेकिस्तान के साथ निवेश संधियों को लागू किया था।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि भारत की साक्षरता दर वर्ष 2011 में 74 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 80.9 प्रतिशत हो गई, लेकिन वास्तविक प्रगति तभी होगी जब साक्षरता हर नागरिक की जिंदगी का हिस्सा बन जाएगी। प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से दिए गए अपने संबोधन में कहा, ‘‘साक्षरता सिर्फ पढ़ने और लिखने तक सीमित नहीं है। यह गरिमा, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का माध्यम है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत की साक्षरता दर 2011 में 74 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 80.9 प्रतिशत हो गई है, लेकिन असली प्रगति तभी हासिल होगी जब साक्षरता हर नागरिक के लिए एक जीवंत वास्तविकता बन जाएगी।'' उन्होंने उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का जिक्र किया, जिसके अंतर्गत तीन करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 42 लाख स्वयंसेवक नामांकित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 1.83 करोड़ शिक्षार्थी पहले ही बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता मूल्यांकन में शामिल हो चुके हैं, जिसमें 90 प्रतिशत सफलता मिली है। यह कार्यक्रम अब 26 भारतीय भाषाओं में शिक्षण सामग्री प्रदान करता है, जिससे साक्षरता वास्तव में समावेशी बन रही है।
-
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह कोलकाता में तीन दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन के पहले दिन थलसेना, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। सम्मेलन में, ‘ऑपरेशन सिंदूर' के विभिन्न पहलुओं और भारत की सैन्य शक्ति को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मोदी 15 से 17 सितंबर तक पश्चिम बंगाल की राजधानी में आयोजित होने वाले संयुक्त कमांडर सम्मेलन (सीसीसी) का उद्घाटन करेंगे। सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारी चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करेंगे। उन्होंने बताया कि विचार-विमर्श के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर प्रमुखता से चर्चा होगी। इस साल के सम्मेलन का विषय 'सुधारों का वर्ष - भविष्य के लिए परिवर्तन' है।
सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजित डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और रक्षा सचिव आर के सिंह भी उपस्थित रहेंगे। सीसीसी सर्वोच्च स्तर पर मंथन करने वाला सशस्त्र बलों का मंच है, जो देश के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को वैचारिक और रणनीतिक स्तरों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक साथ लाता है। तीनों सेनाओं और एकीकृत रक्षा स्टाफ के अधिकारियों के अलावा अन्य मंत्रालयों के सचिवों के भी सम्मेलन में उपस्थित रहने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘सीसीसी 2025, सुधार, परिवर्तन और बदलाव तथा परिचालन तैयारियों पर केंद्रित होगा। ये सभी बातें संस्थागत सुधारों, गहन एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। साथ ही बहु-क्षेत्रीय परिचालन तत्परता के उच्च स्तर को बनाए रखती हैं।'' मंत्रालय ने कहा कि विचार-विमर्श का उद्देश्य सशस्त्र बलों को और मजबूत करना होगा, जो लगातार जटिल होते भू-रणनीतिक परिदृश्य में निर्णायक हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘सम्मेलन में समावेशी जुड़ाव की परंपरा को जारी रखते हुए सशस्त्र बलों के विभिन्न रैंकों के अधिकारियों और कर्मियों के साथ संवाद सत्र आयोजित किये जाएंगे। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों से भारत में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘स्वदेशी मेला' आयोजित करने का आग्रह किया और कहा कि आत्मनिर्भरता ही भारत के उत्थान का मार्ग है। सूत्रों ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले सांसदों को संबोधित करते हुए मोदी ने भारत में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और लोगों को जीएसटी दरों में कटौती के व्यापक प्रभाव के बारे में बताने का आग्रह किया। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा उन्होंने सांसदों से खासकर त्योहारी सीजन में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों एवं व्यापारियों के साथ बैठकें करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने बाद में कहा कि मोदी ने किसी देश का जिक्र नहीं किया, बल्कि आत्मनिर्भरता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर रहा है, ऐसे में कुछ चुनौतियां भी आएंगी और विकसित राष्ट्र बनने की राह पर आगे बढ़ने के लिए उसे 'आत्मनिर्भर' होने की जरूरत है।'' भारत पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद अमेरिका के साथ संबंधों में आई तल्खी के बीच, मोदी ने ‘‘स्वदेशी'' का नारा बुलंद किया है, हालांकि वे लंबे समय से इस पर जोर देते रहे हैं। रीजीजू ने कहा कि उन्होंने सांसदों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भारत में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मेले आयोजित करने और इसमें नेतृत्वकारी भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों को भारत में निर्मित उत्पादों पर उतना ही गर्व होना चाहिए, जितना वे कभी जापानी वस्तुओं पर महसूस करते थे। मोदी ने सांसदों से कहा कि वे जिस कार्यक्रम में शामिल हों, "स्वदेशी" उसका हिस्सा होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती से एक लहर पैदा हुई है और सांसद जनता के साथ बैठकें करके इस संदेश को उन तक पहुंचाएं। सूत्रों ने बताया कि मोदी ने सांसदों को सलाह दी कि वे मंगलवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में सही तरीके से मतदान करें, ताकि कोई भी वोट बर्बाद न हो। -
बेंगलुरु/ भारतीय प्रबंध संस्थान, बेंगलुरु (आईआईएमबी) ने सोमवार को कहा कि उसका प्रबंधन स्नातकोत्तर कार्यक्रम ‘फाइनेंशियल टाइम्स मास्टर्स इन मैनेजमेंट (एफटी एमआईएम) 2025' रैंकिंग में देश में पहले और वैश्विक स्तर पर 28वें स्थान पर रहा है। संस्थान ने अपने प्रदर्शन में सालाना आधार पर काफी सुधार किया है। पिछले वर्ष आईआईएमबी का इस रैंकिंग में 41वां स्थान रहा था। संस्थान ने एक बयान में कहा कि आईआईएमबी अब शीर्ष 30 वैश्विक संस्थानों में स्थान पाने वाला भारत का एकमात्र प्रबंधन संस्थान है। आईआईएम कलकत्ता भी अपने दो-वर्षीय एमबीए कार्यक्रम के लिए इस रैंकिंग में दुनिया भर में 41वें स्थान पर है जबकि भारतीय प्रबंध संस्थानों में वह समग्र रूप से तीसरे स्थान पर रहा।
आईआईएमबी के प्रभारी निदेशक यू. दिनेश कुमार ने कहा, एफटी एमआईएम की रैंकिंग हमारे उस वादे को दोहराती है जिसके तहत हम छात्रों, पेशेवरों, उद्योगों और समाज पर स्थायी प्रभाव डालने वाला रूपांतरणकारी अनुभव प्रदान करते हैं।'' आईआईएमबी की कार्यक्रम डीन और अंतरराष्ट्रीय मामलों के कार्यालय की प्रमुख मुक्ता कुलकर्णी ने कहा, हमने हमेशा समावेशी तरीकों के जरिये प्रतिस्पर्धी बढ़त बनाए रखी है। 2025 की यह रैंकिंग हमारे संकाय, छात्र समुदाय, पूर्व छात्रों और संचालन बोर्ड में विकसित विविधता को दर्शाती है। इस रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष बिजनेस स्कूलों का आकलन 19 मानकों पर किया जाता है। इसमें रोजगार, निवेश पर प्रतिफल, विविधता और अंतरराष्ट्रीयकरण जैसे पहलुओं को शामिल कर संस्थागत प्रदर्शन का समग्र आकलन किया जाता है। -
नयी दिल्ली। अमेरिकी टैरिफ (शुल्क) को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि विश्व, व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पहले से अनुमान लगाये जाने योग्य वातावरण चाहता है तथा आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के लाभ के लिए होने चाहिए। विदेश मंत्री ने वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण जैसे मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा की जानी चाहिए।
जयशंकर ने शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रतिनिधित्व किया। इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिक्स समूह के कई अन्य नेताओं ने भाग लिया। यह शिखर सम्मेलन ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा व्यापार और टैरिफ पर वाशिंगटन की नीतियों के कारण उत्पन्न व्यापार व्यवधानों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया। जयशंकर ने कहा, सामूहिक रूप से दुनिया व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पहले से अनुमान लगाये जाने योग्य वातावरण की तलाश कर रही है। साथ ही, यह भी जरूरी है कि आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के हित में हों।'' उन्होंने कहा, जब कई व्यवधान हों, तो हमारा उद्देश्य ऐसे झटकों से सुरक्षा प्रदान करना होना चाहिए। इसका अर्थ है अधिक लचीली, विश्वसनीय छोटी आपूर्ति शृंखलाएं बनाना।'' जयशंकर ने कहा कि दुनिया को टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ‘रचनात्मक और सहयोगात्मक'' दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘बाधाएं बढ़ाने और लेन-देन को जटिल बनाने से कोई मदद नहीं मिलेगी। न ही व्यापार उपायों को गैर-व्यापारिक मामलों से जोड़ने से कोई मदद मिलेगी।'' विदेश मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स स्वयं अपने सदस्य देशों के बीच व्यापार प्रवाह की समीक्षा करके एक मिसाल कायम कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत का सवाल है, हमारे कुछ सबसे बड़े (व्यापार) घाटे ब्रिक्स भागीदारों के साथ हैं और हम शीघ्र समाधान के लिए दबाव बना रहे हैं।
हमें उम्मीद है कि यह अहसास आज की बैठक के निष्कर्षों का हिस्सा होगा।'' जयशंकर की टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह चीन के साथ भारत के बढ़ते व्यापार घाटे के बीच आई है। जयशंकर ने कहा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, समावेशी, न्यायसंगत और नियम-आधारित दृष्टिकोण के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें विकासशील देशों के लिए विशेष और विशिष्ट व्यवहार शामिल है। उन्होंने कहा, भारत का दृढ़ विश्वास है कि इसे संरक्षित और पोषित किया जाना चाहिए। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि आज दुनिया की स्थिति वास्तविक चिंता का विषय है। -
नयी दिल्ली. उत्तराखंड में देवप्रयाग और जनासू के बीच 14.57 किलोमीटर लंबी भारत की सर्वाधिक लंबी रेल सुरंग का निर्माण कार्य पूरा करने में कई कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ा, लेकिन सुरंग बनाने वाली मशीन का संचालन करने वाले दो ऑपरेटर ने दिन-रात मेहनत करके दुर्गम पहाड़ी इलाकों को पार किया और परियोजना को समय से पहले पूरा कर लिया गया। यह सुरंग महत्वाकांक्षी 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है, जिसे रेल मंत्रालय ने दिसंबर 2026 तक चालू करने का काम रेल विकास निगम लिमिटेड को सौंपा है। निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) में कार्यरत 44 वर्षीय टीबीएम ऑपरेटर बलजिंदर सिंह याद करते हुए कहा, ‘‘वास्तव में यह एक रोलर कोस्टर की सवारी थी।'' उन्होंने बताया कि सबसे चुनौतीपूर्ण समय तब आया जब एक बड़े भूस्खलन के कारण सुरंग का रास्ता अवरुद्ध हो गया, जिससे उन्हें पहाड़ के अंदर सुरंग खोदने वाली मशीन को पूरी शक्ति से चलाना पड़ा। सिंह ने कहा, ‘‘हम सामान्यतः सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) को 50,000 से 60,000 किलो न्यूटन बल पर संचालित करते हैं, लेकिन उस दौरान, जब यह अचानक भूस्खलन के कारण लगभग 3.5 किलोमीटर अंदर फंस गई, तो मुझे मलबा हटाने के लिए मशीन की पूरी शक्ति - 1.3 लाख किलो न्यूटन - लगानी पड़ी।'' उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति इतनी गंभीर थी कि ऐसा लग रहा था कि परियोजना को स्थगित करना पड़ सकता है। हमारे अनुभव और धैर्य के साथ-साथ 200 से ज़्यादा अनुभवी कर्मचारियों की पूरी टीम के तकनीकी और नैतिक समर्थन ने हमें इससे उबारा।'' उनके सहयोगी एवं अन्य अनुभवी (टीबीएम ऑपरेटर) 52 वर्षीय राम अवतार सिंह राणा ने परियोजना को बचाने के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। राणा ने कहा, ‘‘टीबीएम को कीचड़ से निकालने के लिए लगभग 10 दिन तक लगातार संघर्ष करना पड़ा, 12-12 घंटे की पालियों में काम करना पड़ा। जब हमने आखिरकार रुकावट को दूर कर दिया, तो यह पूरी टीम के लिए बहुत बड़ी राहत और खुशी का पल था।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने शक्ति नामक जर्मन निर्मित एक टीबीएम का संचालन किया, इसे बिना रुके घुमाया, क्योंकि उस दौरान इसे एक पल के लिए भी रोकना आपदा का कारण बन सकता था।'' उनके अनुसार, सामान्य परिचालन के दौरान भी, उन्होंने टीबीएम को केवल थोड़े समय के लिए आराम दिया और निर्धारित समय से 12 दिन पहले 16 अप्रैल, 2025 को 14.57 किलोमीटर रेल सुरंग को पूरा करने के लिए लगभग 24 घंटे सातों दिन काम किया। एल एंड टी के अधिकारियों ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में किसी रेलवे परियोजना के लिए यह पहली बार था जब टीबीएम का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसी मशीनों का इस्तेमाल पहाड़ों में जलविद्युत सुरंगों के लिए किया जाता था। सिंह इस परियोजना में टीबीएम संचालन का 22 वर्षों का अनुभव लेकर आए, जिसमें से अधिकांश अनुभव जम्मू और कश्मीर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में था, वहीं राणा ने भी मुंबई और अन्य चुनौतीपूर्ण माहौल में मेट्रो सुरंग परियोजनाओं पर बड़े पैमाने पर काम किया है। सिंह ने कहा कि सुरंग में टीबीएम का संचालन आसान नहीं है, क्योंकि ऑपरेटर अज्ञात क्षेत्र में रास्ता दिखाता है, जबकि पूरी इंजीनियरिंग टीम उसके रास्ते पर चलती है। सिंह और राणा ने जहां अपलाइन सुरंग पूरी की, वहीं दूसरी टीम - चंद्रभान भगत और संदीप मिश्रा - ने 13.09 किलोमीटर लंबी डाउनलाइन सुरंग पर काम किया, जो 25 मीटर की दूरी पर समानांतर चल रही थी। इस दूसरी सुरंग के निर्माण में 29 जून, 2025 को एक बड़ी सफलता मिली। राणा ने कहा, ‘‘अपलाइन सुरंग का काम पूरा करने के बाद, हम चारों ने शिव नामक दूसरी जर्मन टीबीएम का इस्तेमाल करते हुए डाउनलाइन पर ध्यान केंद्रित किया। साथ मिलकर, हमने एक ही महीने (31 दिन) में 790 मीटर आगे बढ़कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।'' एल एंड टी के अधिकारियों के अनुसार, कुल सुरंग निर्माण कार्य 30 किलोमीटर तक फैला है, जिसमें मुख्य सुरंगें, निकास सुरंगें, क्रॉस-पैसेज शामिल हैं, जो हाल के वर्षों में भारत की सबसे जटिल और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षमता को दर्शाते हैं। सत्तर प्रतिशत कार्य (21 किमी) टीबीएम के माध्यम से किया गया, शेष 30 प्रतिशत (9 किमी) ड्रिलिंग और विस्फोट (जिसे नयी ऑस्ट्रेलियाई सुरंग विधि के रूप में भी जाना जाता है) के जरिए पूरा किया गया। अधिकारियों ने कहा, ‘‘125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में और भी कई सुरंगें हैं, हालांकि ये दो सबसे बड़ी हैं।''
-
बेंगलुरु/नयी दिल्ली. लद्दाख से लेकर तमिलनाडु तक लोगों की निगाहें रविवार को दुर्लभ पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने के लिए आसमान की ओर टिकी रहीं। रात 9:57 बजे पृथ्वी की छाया ने चंद्रमा को ढकना शुरू कर दिया था। हालांकि देश के कुछ हिस्सों में मानसूनी बारिश के बीच चंद्रमा बादलों से घिरे आसमान में लुका-छिपी खेलता नजर आया। रात 11:01 बजे पृथ्वी की छाया ने चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लिया, जिससे चंद्रमा का रंग तांबे जैसा लाल हो गया और पूर्ण चंद्रग्रहण का दुर्लभ नजारा देखने को मिला। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के विज्ञान, संचार, जन संपर्क एवं शिक्षा (स्कोप) अनुभाग के प्रमुख नीरुज मोहन रामानुजम ने कहा, "चंद्रमा पर पूर्ण ग्रहण रात्रि 11.01 बजे से रात्रि 12.23 बजे के बीच 82 मिनट तक रहेगा।" जवाहरलाल नेहरू तारामंडल के पूर्व निदेशक बी.एस. शैलजा ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल दिखाई देता है, क्योंकि उस तक पहुंचने वाला सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से परावर्तित होकर फैल जाता है। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान ने बेंगलुरु, लद्दाख और तमिलनाडु में स्थित अपने परिसरों में लगीं दूरबीनों को चंद्रमा की ओर मोड़ दिया तथा पूर्ण चंद्रग्रहण की प्रक्रिया को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सीधे प्रसारित किया। देश के कई भागों में बादलों से पटे आसमान ने खेल बिगाड़ दिया, लेकिन दुनिया भर में खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों की ओर से आयोजित लाइव स्ट्रीम ने लोगों की निराशा को दूर कर दिया। पूर्ण चंद्रग्रहण पूरे एशिया, यूरोप, अफ्रीका और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया।
रविवार का ग्रहण 2022 के बाद से भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण था। यह 27 जुलाई, 2018 के बाद से देश के सभी हिस्सों से देखा जाने वाला पहला चंद्रग्रहण था। अगला पूर्ण चंद्रग्रहण देश में 31 दिसंबर 2028 को दिखाई देगा। ग्रहण दुर्लभ होते हैं और हर पूर्णिमा या अमावस्या को नहीं होते, क्योंकि चंद्रमा की कक्षा सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग पांच डिग्री झुकी हुई है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे उसकी छाया चंद्र सतह पर पड़ती है। सूर्य ग्रहण के विपरीत, पूर्ण चंद्र ग्रहण को देखने के लिए विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती।भारत में, चंद्र ग्रहण से कई अंधविश्वास जुड़े हैं। लोग अक्सर "जहर या नकारात्मक ऊर्जा" के डर से भोजन, पानी और शारीरिक गतिविधियों से परहेज करते हैं। कुछ लोग तो यह भी मानते हैं कि ग्रहण "गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों के लिए हानिकारक" होते हैं। हालांकि, खगोलविदों का कहना है कि चंद्र ग्रहण केवल एक खगोलीय घटना है, जिसे आर्यभट्ट के समय से बहुत पहले ही समझ लिया गया था। खगोलविदों के अनुसार इससे "लोगों या जानवरों को कोई खतरा नहीं है"। दुर्भाग्य से, कुछ अवैज्ञानिक मान्यताओं के कारण पिछले ग्रहणों के दौरान दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं, जिन्हें देखते हुए विज्ञान के प्रति जागरूकता की आवश्यकता का पता चलता है। रामानुजम ने कहा कि इस अद्भुत खगोलीय दृश्य का आनंद लेते हुए बाहर जाकर खाना पूरी तरह सुरक्षित है। -
नयी दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को बिहार के राजगीर में आयोजित पुरुष हॉकी एशिया कप 2025 जीतने पर भारतीय टीम को बधाई दी और कहा कि यह भारतीय हॉकी और भारतीय खेलों के लिए गर्व का क्षण है। मोदी ने राज्य सरकार और बिहार के लोगों की भी सराहना की और कहा कि उनके प्रयासों से राजगीर में एक शानदार टूर्नामेंट की मेजबानी सुनिश्चित हुई। मोदी ने ‘एक्स' पर कहा, “बिहार के राजगीर में आयोजित एशिया कप 2025 में शानदार जीत के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई। यह जीत और भी खास है क्योंकि उन्होंने गत विजेता दक्षिण कोरिया को हराया है!” प्रधानमंत्री ने कहा, “यह भारतीय हॉकी और भारतीय खेलों के लिए गौरव का क्षण है। हमारे खिलाड़ी और नई ऊंचाइयों को छूते रहें और देश को और अधिक गौरव दिलाएं।” दिलप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारत ने रविवार को यहां गत चैंपियन दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर आठ साल के अंतराल के बाद पुरुष एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट का खिताब जीता। इसी के साथ भारतीय टीम अगले साल होने वाले एफआईएच विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
-
नई दिल्ली। अखिल भारतीय मारवाड़ी समाज ने एक प्रस्ताव पारित कर अपील की है कि समाज के लोग विवाह समारोहों में मेहंदी लगवाने और कोरियोग्राफी के लिए केवल महिला कलाकारों की ही सेवाएं लें और फिजूलखर्ची बंद करने के लिए विवाह समारोहों का आयोजन दिन में करें। इसके साथ ही समुदाय के सदस्यों से अपील की गई है कि वे विवाह-पूर्व वर-वधू के फोटो शूट पर भी रोक लगाएं। अखिल भारतीय वार्षिक मारवाड़ी सम्मेलन के 28वें अधिवेशन के दूसरे एवं अंतिम दिन रविवार को पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार से आगामी जनगणना में मारवाड़ी को एक जाति के रूप में शामिल करने और राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध भी किया गया। संस्था के नवनियुक राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि देशभर में फैले मारवाड़ी समुदाय के 10 करोड़ लोग आगामी जनगणना में मारवाड़ी को अपनी मातृभाषा के रूप में दर्ज करवाएं। समारोह में पाणिग्रहण संस्कारों या अन्य किसी भी धार्मिक आयोजन में मद्यपान निषिद्ध करने और मृत्युभोज में शामिल नहीं होने का भी फैसला किया गया। गोयनका ने बताया कि सम्मेलन में समुदाय के लोगों से अपील की गई कि वे वैवाहिक रिश्तों में तनाव के कारण उत्पन्न तलाक के मामले में अदालत जाने से पहले समुदाय से संपर्क करें, जो उन्हें ‘मैरिज कॉउंसलर' की सेवाएं मुहैया कराएगा। उन्होंने बताया कि इसी के साथ यह फैसला भी लिया गया कि विवाह आदि अवसरों पर मेंहदी लगवाने और कोरियोग्राफी का कार्य महिला कलाकारों से करवाया जाए।

.jpg)




.jpg)


.jpg)












.jpeg)
.jpeg)


.jpg)
