- Home
- देश
-
नयी दिल्ली. जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद दिनेश चंद्र यादव ने बुधवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि बजट में अगर बिहार को सहायता मिली है तो उस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि केंद्र सरकार से जो मिला है वह पर्याप्त नहीं है, लेकिन इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार है। मधेपुरा से लोकसभा सदस्य यादव ने कहा, कुछ तकनीकी कारण से विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल रहा है। अगर बिहार को कुछ मिल गया तो किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए।'' उनका कहना था कि जो पिछड़ा हुआ है, उसकी मदद तो होनी चाहिए। यादव ने कहा, बिहार के पिछड़ेपन को देखते हुए राज्य को राशि मिली है। प्रधानमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) के सुझाव को कुछ हद तक मानकर यह पैसा दिया है...हम प्रधानमंत्री जी का आभार जताते हैं।'' उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया कि सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी की जाए। यादव का कहना था, ‘‘सांसदों का वेतन या भत्ता, पेंशन पर लंबे समय से कोई निर्णय नहीं हुआ है। हम इस पर सरकार से निवेदन करना चाहते हैं। सभी सांसद धनकुबेर नहीं है। वेतन बढ़ाया जाना चाहिए।
-
भोपाल. मध्यप्रदेश के भोपाल में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ यहां बड़ी झील में कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। श्यामला हिल्स थाने के प्रभारी रामविलास विमल ने बताया कि सुबह टहलने वाले कुछ लोगों ने शवों को झील में तैरते हुए देखा और पुलिस को सूचना दी। उन्होंने बताया कि महिला की पहचान प्रिया साहू (25) और उसके प्रेमी उपेंद्र सोनी (35) के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि पास में एक स्कूटर भी खड़ा मिला। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, साहू के पति की जनवरी में मौत हो गयी थी, जिसके बाद वह सतना के रहने वाले सोनी के साथ रहने लगी थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दंपति के इस कदम के पीछे का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया और मामले की जांच की जा रही है।
-
मोरीगांव. असम के मोरीगांव जिले में जापानी बुखार के कारण तीन लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल 11 रोगियों का इलाज किया जा रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जाती है। अधिकारी ने बताया कि बुधवार को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में राजमणि मेधी (22) की मौत हो गई जिसके पिछले सप्ताह संबंधित बीमारी से पीड़ित होने का पता चला था। उन्होंने कहा कि दो अन्य मृतकों की पहचान गगलमाड़ी की निवासी इमराना बेगम (7) और शिमुलुगुड़ी निवासी भाभाकांत नाथ (66) के रूप में हुई है। जिला मलेरिया अधिकारी सुप्रिया दास ने कहा कि मलेरिया के भी पांच मामले सामने आए हैं और सभी रोगी ठीक हो चुके हैं। बाढ़ का पानी कम होने के बाद जापानी बुखार और मलेरिया के मामले सामने आए हैं।
-
नई दिल्ली। दिल्ली के द्वारका इलाके में स्पाइडरमैन की ड्रेस पहनकर कार चलाते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। स्पाइडरमैन की ड्रेस पहने व्यक्ति की पहचान नजफगढ़ में रहने वाले 20 वर्षीय आदित्य के रूप में हुई है।. कार के चालक की पहचान महावीर एन्क्लेव में रहने वाले 19 वर्षीय गौरव सिंह के रूप में हुई है. ।इस मामले में कार के मालिक और चालक पर खतरनाक ड्राइविंग, प्रदूषण प्रमाण पत्र के न होने और सीट बेल्ट न पहनने के लिए केस दर्ज किया गया है.। आरोपियों को 26 हजार रुपये का जुर्माना या कारावास या फिर दोनों हो सकते है.।
-
हरिद्वार. गंगाजल भरने के लिए कांवड़ियों की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए हरिद्वार जिले में पहली से 12 वीं कक्षा तक के स्कूलों को 27 जुलाई से एक सप्ताह के लिए बंद रखे जाने के आदेश दिए गए हैं। कांवड़ यात्रा सोमवार से शुरू हुई है और कांवड़ियों की सुविधा के लिए जिले भर में यातायात योजना को लागू किया गया है । हरिद्वार के जिलाधिकरी धीरज सिंह गबरियाल ने बताया कि जिले में पहली से 12 वीं कक्षा तक के सभी सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में 27 जुलाई से दो अगस्त तक अवकाश घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में गंगा जल लेने के लिए शिवभक्तो की भारी भीड़ पंहुच रही है । उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कांवड़ियों की भीड़ और अधिक बढ़ने की सम्भावना है जिसके मददेनजर यातायात योजना को लागू होने से छ़ात्रों को स्कूल आने-जाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है ।
-
नयी दिल्ली। भारतीय रेलवे अपने बजट आवंटन का एक बड़ा हिस्सा रेल सुरक्षा संबंधी गतिविधियों और स्वचालित ट्रेन-सुरक्षा प्रणाली ‘कवच' पर खर्च करेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को आम बजट 2024-25 पर टिप्पणी करते हुए यह बात कही। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि रेलवे के लिए 2,62,200 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जो पूंजी निवेश के लिए एक रिकॉर्ड आवंटन है। वैष्णव ने कहा, ‘‘इस आवंटन का एक बड़ा हिस्सा - 1,08,795 करोड़ रुपये - सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए है, जैसे पुरानी पटरियों को नए से बदलना, सिग्नल प्रणाली में सुधार और फ्लाईओवर तथा अंडरपास का निर्माण, और कवच लगाना।'' उन्होंने कहा कि इन सभी सुरक्षा संबंधी गतिविधियों में कवच लगाना रेलवे की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है। मंत्री के अनुसार स्वचालित ट्रेन-सुरक्षा प्रणाली के उन्नत संस्करण ‘कवच 4.0' को हाल में अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन से मंजूरी मिली है। अब इसे तेजी से रेलगाड़ियों में लगाया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि कवच के घटकों में शामिल ऑप्टिकल फाइबर केबल 4,275 किलोमीटर से अधिक दूरी पर बिछाई गई है और अन्य घटक- जैसे दूरसंचार टावर, ट्रैक आरएफआईडी उपकरण, स्टेशन कवच और लोको कवच भी तेजी से लगाए जा रहे हैं। संप्रग शासन के दौरान रेलवे के लिए बजटीय आवंटन की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के आसपास रेलवे के लिए बजटीय आवंटन केवल लगभग 35,000 करोड़ रुपये हुआ करता था और आज यह 2.62 लाख करोड़ रुपये के नए स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले 10 वर्षों के शासन की कड़ी मेहनत और लक्ष्य केंद्रित नजरिये को आगे बढ़ाता है।
-
नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बजट की सराहना करते हुए कहा है कि यह एक बेहतरीन बजट है जिसमें सरकार ने नौ प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में श्री गोयल ने कहा कि आने वाले वर्षो में यह बजट भारत को विकास के पथ पर ले जाएगा। और इससे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रचुर संभावनाएं बनेंगी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बजट से विशेषकर युवाओं में भारत की क्षमताओं को लेकर एक बार फिर भरोसा पैदा किया है। इसमें गरीबो, महिलाओं और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के उपाय भी किए गए हैं। -
नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत देशभर में 15 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से पीने का पानी उपलब्ध करा दिया गया जो एक बडी उपलब्धि है। मिशन के तहत यह काम तेजी से किया गया जिससे 2019 से लेकर 2024 के बीच पांच साल के अंदर 15 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्घ कराए गए।
जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, कि जल जीवन मिशन के जरिए न केवल लोगों तक साफ पीने का पानी पहुंचाया गया बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया गया। इस मिशन की घोषणा 2019 में की गई थी, जिसका लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक नल से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना था।अब तक, आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों ने इस मिशन के तहत सौ प्रतिशत कवरेज हासिल कर लिया है। इसमें गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, पुद्दुचेरी, दादरा और नागर हवेली, दमन और दीव तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। -
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने नीट-यूजी 2024 की परीक्षा रद्द करने और इसे दोबारा आयोजित करने का आदेश देने से आज इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली सभी याचिकाओं की सुनवाई के बाद आज यह फैसला सुनाया।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यह साबित करने का कोई प्रमाण नही मिला है कि पूरी परीक्षा में गडबडी हुई और इसके संचालन में प्रणालीगत खामियां थीं जिससे इसकी सुचिता भंग हुई। न्यायालय ने यह भी कहा कि दोबारा परीक्षा कराने के गंभीर परिणाम होंगे। ऐसा करने से 23 लाख से अधिक छात्र प्रभावित होंगे और शैक्षणिक कार्यक्रम बाधित होगा। आने वाले वर्षों में इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। -
नई दिल्ली। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट-यूजी परीक्षा-2024 पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि आखिरकार सच्चाई की जीत हुई है। नीट पर शीर्ष न्यायालय के फैसले पर आज नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए, श्री प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार पारदर्शी और त्रुटिहीन परीक्षा प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जो लोग नीट घोटाले में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी में सुधार के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
-
नई दिल्ली। भारतीय बैंक संघ -आईबीए ने बुनियादी ढांचे के विकास, घरेलू रोजगार और कौशल में सुधार और अर्थव्यवस्था के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 का स्वागत किया है। एक बयान में, आईबीए के अध्यक्ष श्री एम वी राव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ऋण प्रदान करने के लिए एमएसएमई का आकलन करने के लिए एक आंतरिक मॉडल विकसित करने की अनुमति देने के प्रस्ताव की सराहना की।
-
नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय बजट 2024-25 में रेलवे के लिए आवंटन को ऐतिहासिक बताया है। नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए श्री वैष्णव ने कहा कि रेलवे के लिए बजट में अब तक का सबसे अधिक दो लाख 62 हजार 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे रेलवे की योजनाओं को बढावा मिलेगा। श्री वैष्णव ने कहा कि कुल बजटीय आवंटन में से एक लाख और 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले कुल बजटीय आवंटन केवल 35 हजार करोड़ रुपये था।
श्री वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल विनिर्माण पिछले दस वर्षों में एक बड़े रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्र के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया ने प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण किया है। उन्होंने सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाने के लिए वित्त मंत्री को भी धन्यवाद दिया जो उद्योग की मांग थी। - नयी दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में अपना सातवां केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया और जब उन्होंने लाल रंग के बही-खाते जैसे कवर में रखे टैबलेट से अपना बजट भाषण पढ़ा तो आधुनिकता के साथ परंपरा का मिश्रण देखने को मिला। बैंगनी-सुनहरे रंग की किनारी वाली क्रीम रंग की मैसूर सिल्क साड़ी पहने सीतारमण ने अपने बजट भाषण में रोजगार सृजन पर अधिक जोर दिया। इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से बार-बार मेज थपथपाई गई तो विपक्ष की ओर से बीच-बीच में नारेबाजी भी हुई। सीतारमण ने अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर बजट भाषण दिया और उनके बिल्कुल पास में स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा बैठे थे। वित्त मंत्री के 83 मिनट के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कम से कम 71 बार मेजें थपथपाकर बजटीय घोषणाओं का स्वागत किया। सीतारमण ने जब बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए बड़ी घोषणाओं की जानकारी सदन में दी तो विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और आंध्र प्रदेश में सत्तासीन तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) भाजपा नीत राजग के प्रमुख सहयोगी दल हैं। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने ‘सरकार को बचाने वाला बजट' और ‘सरकार बचाओ, कुर्सी बचाओ बजट' के नारे लगाए। तमिलनाडु और केरल के विपक्षी सदस्यों ने भारी बारिश से प्रभावित दोनों दक्षिणी राज्यों के लिए राहत और पुनर्वास की मांग उठाई।जब सीतारमण ने बारिश से प्रभावित हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए कुछ घोषणाएं कीं तो द्रमुक और कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई। दिलचस्प बात यह है कि केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र और हरियाणा के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की गई, जहां सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बजट में रेलवे से संबंधित घोषणाओं या अग्निपथ योजना का कोई उल्लेख नहीं किया गया।बजट भाषण के दौरान जब तृणमूल कांग्रेस सदस्य सौगत राय और द्रमुक सदस्य दयानिधि मारन बीच-बीच में टीका-टिप्पणी कर रहे थे तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए दोनों सांसदों को आगाह किया। लोकसभा में पूर्वाह्न 11 बजे बजट भाषण शुरू होने से कुछ मिनट पहले जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में पहुंचे तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने ‘भारत माता की जय' के नारे लगाए। इस पर विपक्षी सदस्य ‘जय संविधान' के नारे लगाते सुने गए। बजट भाषण पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त मंत्री सीतारमण के पास आकर उन्हें बधाई दी। आंध्र प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्री के. राम मोहन नायडू और बिहार से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने-अपने राज्यों के लिए बजट में की गई घोषणाओं पर सीतारमण के पास जाकर आभार जताया। नायडू और पासवान को आपस में गले मिलते हुए भी देखा गया। वह एक तरह से आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए बजट में की गई घोषणाओं पर खुशी मना रहे थे। सीतारमण ने जब देश में घरेलू क्रूज का संचालन कर रहीं विदेशी पोत कंपनियों के लिए सरल कर प्रणाली की घोषणा की तो तृणमूल सांसद सौगत राय को कहते सुना गया, ‘‘ये घोषणाएं बड़े लोगों के लिए है।'' वित्त मंत्री का बजट भाषण सुनने के लिए लोकसभा की विशेष दर्शक दीर्घाओं में राज्यसभा के कई सदस्य भी बैठे थे। वित्त मंत्री की पुत्री वांग्मयी पराकला और अन्य रिश्तेदार भी दर्शक दीर्घा में बैठे थे। तंजानिया संयुक्त गणराज्य की नेशनल असेंबली की अध्यक्ष और अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) की प्रमुख तूलिया एक्सन ने भी विशेष दीर्घा में बैठकर लोकसभा की कार्यवाही देखी और बजट भाषण सुना।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने, रोजगार और कौशल बढ़ाने और मानव संसाधन और सामाजिक न्याय को ऊपर उठाने का वादा किया गया है। गडकरी ने कहा कि बुनियादी ढांचे, नवाचार, अनुसंधान और अगली पीढ़ी के सुधारों पर मजबूत ध्यान बिन्दु के साथ यह बजट सभी क्षेत्रों में भारत की महत्वपूर्ण उन्नति के लिए मंच तैयार करता है। उन्होंने हैशटैग ‘बजट फॉर विकसित भारत' के साथ ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘एक उज्जवल, अधिक समृद्ध भविष्य हम सभी की प्रतीक्षा कर रहा है।'' गडकरी ने आगे कहा कि यह दूरदर्शी बजट सतत विकास, नवाचार और स्थायी प्रगति को बढ़ावा देता है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के लिए एक टिकाऊ और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करता है।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से मंगलवार को संसद में पेश किए गए 2024-25 के आम बजट को दूरदर्शी, जनहितैषी और विकासोन्मुखी करार दिया और कहा कि यह रोजगार तथा अवसरों के एक नए युग की शुरुआत करके देश को एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने की राह पर ले जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बजट भारत की उद्यमशीलता को बढ़ाने और व्यापार करने में सुगमता के साथ आर्थिक विकास को दिशा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘दृढ़ प्रतिबद्धता' को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बजट में कर आकलन नियमों को सरल बनाकर करदाताओं को राहत दी गई है।शाह ने कहा कि यह न केवल भारत के उद्देश्य, उम्मीद और आशावाद की नयी भावना का उदाहरण प्रस्तुत करता है, बल्कि उन्हें मजबूत भी करता है। उन्होंने हैशटैग ‘बजटफॉरविकसितभारत' के साथ ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के युवाओं, महिलाओं और किसानों की शक्ति का उपयोग करते हुए यह बजट रोजगार और अवसरों के एक नए युग की शुरुआत करके एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने के मार्ग पर राष्ट्र की गति को बढ़ावा देता है।''केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बजट देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और विश्वास को पूरा करने के लिए मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के संकल्प का परिचायक भी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ किसानों के लिए कई अवसर प्रदान करते हुए एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जनहितैषी और विकासोन्मुखी दूरदर्शी बजट के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करता हूं।'' शाह ने कहा कि आज बजट में कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये की घोषणा इस क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी सिद्ध होने वाली है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सर्टिफाई करने, 10 हजार बायो-इनपुट सेंटर्स की स्थापना, कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, 400 जिलों में खरीफ फसलों का क्रॉप सर्वे और तिलहनों के लिए एक कार्यनीति का निर्माण जैसे निर्णयों से कृषि क्षेत्र तेजी से आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ेगा।''बजट में ‘राष्ट्रीय सहकारी नीति' के निर्माण की घोषणा का उल्लेख करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह देश में सहकारिता आंदोलन को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर इसकी पहुंच को मजबूत करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि साथ ही मत्स्य सहकारिता को झींगा की खेती, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा से नई गति मिलेगी। देश के पूर्वी क्षेत्र के विकास को नई गति देने के लिए बजट में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए ‘पूर्वोदय' योजना की घोषणा का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि इस योजना से इन क्षेत्रों में अवसंरचना, मानव संसाधन, रोजगार व आर्थिक विकास के अवसरों को नई ऊर्जा मिलेगी और विकसित व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में ये क्षेत्र महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बजट में जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास के लिए ‘पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान' शुरू किए जाने की घोषणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस अभियान से 63 हजार गांवों के लगभग 5 करोड़ जनजातीय बहन-भाई लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इससे न सिर्फ ये गांव विकास की मुख्यधारा में जुड़ेंगे, बल्कि उत्तम अवसंरचना व अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति से वे आदर्श ग्राम भी बनेंगे।''
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश आम बजट में आयकर मोर्चे पर मध्यम वर्ग एवं नौकरीपेशा लोगों को राहत देने और अगले पांच साल में रोजगार सृजन के लिए दो लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों- बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई परियोजनाओं का भी ऐलान किया। भाजपा को लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत नहीं मिलने के लिए ग्रामीण असंतोष और बेरोजगारी को जिम्मेदार माना गया है। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया। वहीं आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बजट में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है। सीतारमण ने अपना सातवां और नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए स्टार्टअप में सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए ‘एंजल कर' समाप्त करने की घोषणा की। जब कोई गैर-सूचीबद्ध या स्टार्टअप कंपनी शेयर जारी कर पूंजी जुटाती है और उसका मूल्य कंपनी के उपयुक्त बाजार मूल्य से अधिक होता है, तब उस पर ‘एंजल कर' लगाया जाता है। बजट में मोबाइल फोन एवं सोने पर सीमा शुल्क में कटौती की गई है और पूंजीगत लाभ कर को सरल बनाया गया है। हालांकि, वित्त मंत्री ने प्रतिभूतियों के वायदा एवं विकल्प खंड में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) को बढ़ा दिया। इस कदम से शेयर बाजारों में गिरावट आई। वित्त मंत्री ने बिहार के लिए एक्सप्रेसवे, बिजलीघर, हेरिटेज कॉरिडोर और नए हवाई अड्डों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन करने की घोषणा की। यह घोषणा ऐसे समय की गयी है, जब राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।बिहार को वित्तीय समर्थन पूंजीगत परियोजनाओं के रूप में है। यह सब्सिडी या नकद सहायता के रूप में नहीं है। बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू (जनता दल यूनाइटेड) राज्य के लिए आर्थिक पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है। इसी तरह, आंध्र प्रदेश के लिए बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय सहायता के रूप में 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) हाल ही में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुई है। सीतारमण ने कहा, ‘‘ऐसे समय जब दुनिया में अनिश्चिततताएं हैं, भारत की आर्थिक वृद्धि एक अपवाद बनी हुई है और आने वाले वर्षों में भी ऐसा ही रहेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग और पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।'' वित्त मंत्री ने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है। उन्होंने मध्यम वर्ग के लिए मानक कटौती को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने के साथ नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव किया। मानक कटौती के तहत आयकर की गणना करने से पहले वर्ष में अर्जित कुल वेतन में से निश्चित राशि घाटा दी जाती है। उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 17,500 रुपये तक की बचत होगी। नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं। हालांकि, इसमें मिलने वाली छूट भी न के बराबर है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बजट में कंपनियों के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसमें पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का भुगतान और रोजगार के पहले चार वर्षों में उनके सेवानिवृत्ति निधि अंशदान के संबंध में नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का ‘रिम्बर्समेंट' शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कौशल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए रियायती कर्ज भी प्रदान किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में भारत की आधिकारिक बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत आंकी गई है, लेकिन निजी एजेंसियों के मुताबिक इसका स्तर कहीं अधिक है। सीतारमण ने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 में जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 प्रतिशत से कम है। इसका कारण मजबूत कर संग्रह और भारतीय रिजर्व बैंक से अपेक्षा से अधिक लाभांश प्राप्ति है। उन्होंने सकल बाजार उधारी को मामूली रूप से घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया।वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवासों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमों के लिए कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये, 12 औद्योगिक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ और व्यय 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है। शुद्ध कर प्राप्ति 25.83 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।
- नयी दिल्ली,। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की कि बिहार के गया में स्थित विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और बोधगया में महाबोधि मंदिर कॉरिडोर के व्यापक विकास को सरकार समर्थन देगी ताकि उन्हें ‘विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थल' बनाया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि ये गलियारे सफल काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारे की तर्ज पर बनाए जाएंगे।विष्णुपद मंदिर फल्गू नदी के किनारे स्थित सबसे प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक है, वहीं महाबोधि मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘पर्यटन हमेशा हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है। भारत को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयासों से रोजगार सृजन होगा, निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा अन्य क्षेत्रों के लिए आर्थिक अवसर खुलेंगे।'' अंतरिम बजट में रेखांकित उपायों के अलावा वित्त मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र के लिए कुछ और प्रस्ताव रखे।उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के गया में विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर के व्यापक विकास को सहयोग दिया जाएगा और इन्हें सफल काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के प्रारूप पर विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जाएगा।'' वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बिहार के राजगीर तथा नालंदा में विकास की घोषणाएं भी कीं।उन्होंने कहा, ‘‘राजगीर हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखता है। जैन मंदिर परिसर में 20वें तीर्थंकर मुनिसुव्रत का प्राचीन मंदिर है। सप्तऋषि या सात गर्म झरने गर्म पानी वाले पवित्र ब्रह्म कुंड का निर्माण करते हैं। राजगीर के लिए एक व्यापक विकास पहल की जाएगी।'' सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारी सरकार नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित करने के अलावा नालंदा को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का समर्थन करेगी।'
- नयी दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि अनुसंधान, टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने, तिलहन और दलहन उत्पादन को बढ़ाने और कृषि परिदृश्य में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक योजना की रूपरेखा तैयार की गई है। अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु-सहिष्णु फसल किस्मों को विकसित करने के लिए कृषि अनुसंधान ढांचे की गहन समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु-सहिष्णु किस्मों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कृषि अनुसंधान ‘सेटअप' की व्यापक समीक्षा करेगी।'' शोध निधि चुनौती-आधारित होगी और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए खुली होगी, जिसमें किसी विशेष क्षेत्र के विशेषज्ञ शोध के संचालन की देखरेख करेंगे। सीतारमण ने घोषणा की कि किसानों की जल्द ही 32 खेत और बागवानी फसलों में 109 नई उच्च उपज वाली, जलवायु-सहिष्णु किस्मों तक पहुंच होगी। महत्वपूर्ण फसलों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए, मंत्री ने दलहन और तिलहन पर केंद्रित मिशन की योजनाओं का खुलासा किया, जिसका उद्देश्य उनके उत्पादन, भंडारण और विपणन बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। सीतारमण ने कहा, ‘‘अंतरिम बजट में घोषित की गई रणनीति के अनुसार, सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने के लिए एक रणनीति बनाई जा रही है।'' अनुसंधान और फसल विविधीकरण पर सरकार का जोर टिकाऊ खेती के तरीकों को बढ़ावा देने के साथ-साथ आता है।सीतारमण ने अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने की पहल की घोषणा की, जिसे प्रमाणन और ब्रांडिंग प्रयासों द्वारा समर्थित किया जाएगा। इस क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने तीन वर्षों में किसानों और उनकी भूमि को कवर करते हुए कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की। इस पहल में डिजिटल फसल सर्वेक्षण और किसान और भूमि रजिस्ट्री का निर्माण शामिल है।सीतारमण ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में सरकार 400 जिलों में डीपीआई का उपयोग करके खरीफ मौसम के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण करेगी। छह करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्री में लाया जाएगा।'' बजट में प्रमुख उपभोग केंद्रों के पास बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित करने, आपूर्ति श्रृंखला में किसान-उत्पादक संगठनों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के प्रावधान भी शामिल हैं। मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीतारमण ने झींगा मछली उत्पादन और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से न्यूक्लियस प्रजनन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की। उन्होंने कुछ ब्रूडस्टॉक, पॉलीचेट वर्म, झींगा और मछली चारे पर मूल सीमा शुल्क को घटाकर पांच प्रतिशत करने तथा झींगा एवं मछली चारे के निर्माण के लिए विभिन्न आदानों पर सीमा शुल्क में छूट देने का भी प्रस्ताव रखा। वित्त मंत्री ने सहकारी क्षेत्र को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के लिए राष्ट्रीय सहयोग नीति की योजनाओं का खुलासा किया। इसके अतिरिक्त, पांच राज्यों में जन समर्थ-आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने को सक्षम किया जाएगा। कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन ग्रामीण आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह आवंटन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के 1.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
- नयी दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को 2024-25 के रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले साल के 5.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। पूंजीगत व्यय 1,72,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा क्षेत्र का कुल बजट भारत सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घरेलू पूंजी खरीद के लिए 1,05,518 करोड़ रुपये का आवंटन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और गति प्रदान करेगा। सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘जहां तक रक्षा मंत्रालय के लिए आवंटन की बात है, मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 6,21,940.85 करोड़ रुपये के सर्वाधिक आवंटन के लिए धन्यवाद देता हूं जो 2024-25 के लिए सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘1,72,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा। घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए 1,05,518.43 करोड़ रुपये का प्रावधान आत्मनिर्भरता को और बढ़ावा देगा।'' सिंह ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि सीमा सड़क संगठन के लिए पूंजीगत मद में पिछले बजट की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक आवंटन किया गया है। बीआरओ को 6,500 करोड़ रुपये का यह आवंटन हमारे सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को और गति देगा।''
- नयी दिल्ली। जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रमुख परियोजना खेलो इंडिया को एक बार फिर खेल मंत्रालय के लिए केंद्रीय बजट में सबसे अधिक राशि आवंटित हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट में खेल मंत्रालय के लिए 3,442.32 करोड़ रुपये में से खेलो इंडिया के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं। यह रकम पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 880 करोड़ रुपये के संशोधित आवंटन से 20 करोड़ रुपये अधिक है।इस साल अगस्त में पेरिस ओलंपिक चक्र समाप्त होने वाला है और राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों अभी भी दो साल का समय है। ऐसे में खेल मंत्रालय के बजट में पिछले चक्र की तुलना में केवल 45.36 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि की गयी है। खेल मंत्रालय के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के लिए पिछले चक्र का बजट 3,396.96 करोड़ रुपये था।सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में खेलो इंडिया में भारी निवेश किया है क्योंकि यह कार्यक्रम देश के सभी हिस्सों से प्रतिभाओं को सामने लाने का काम करता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में खेलो इंडिया का वास्तविक आवंटन 596.39 करोड़ रुपये था। अगले साल (2023-24) के बजट में लगभग 400 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इसे हालांकि संशोधित कर 880 करोड़ रुपये किया गया था। खेलो इंडिया युवा खेलों 2018 (केआईवाईजी) की शुरुआत के बाद से सरकार ने इसमें और खेल आयोजनों को जोड़ना जारी रखा है। मंत्रालय ने उसी वर्ष खेलो इंडिया शीतकालीन खेल और 2023 में खेलो इंडिया पैरा खेलों शुरू करने के साथ 2020 में खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों की शुरुआत की। देश भर में सैकड़ों खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र (केआईएससीई) स्थापित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रतिभाशाली उदीयमान खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करना है। खेलो इंडिया के कई एथलीट वर्तमान में भारतीय ओलंपिक दल में शामिल हैं। राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को सरकार की सहायता में भी 15 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है । यह 2023-24 में 325 करोड़ रुपये से बढ़कर नवीनतम बजट में 340 करोड़ रुपये हो गई है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) का बजट भी 795.77 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 822.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें 26.83 करोड़ रुपये का उछाल है। साइ देश भर में अपने स्टेडियमों के रख रखाव अलावा वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का प्रबंधन भी करता है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को बजट में मामूली वृद्धि मिली है। नाडा और एनडीटीएल का काम खिलाड़ियों की डोपिंग जांच करना है। नाडा के बजट को 21.73 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22.30 करोड़ रुपये कर दिया गया है जबकि एनडीटीएल के बजट को 19.50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22 करोड़ कर दिया गया है।
- नयी दिल्ली । सरकार ने 2024-25 के बजट में भारत में और विदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को 309.74 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। ये प्रावधान चालू वित्त वर्ष के लिए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के लिए निर्धारित 2,328.56 करोड़ रुपये के अंतर्गत हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024-25 के अनुसार, कुल 309.74 करोड़ रुपये में से 103.05 करोड़ रुपये ‘प्रशिक्षण प्रभाग, सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) तथा लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए)' के लिए, 120.56 करोड़ रुपये ‘प्रशिक्षण योजनाओं' के लिए और 86.13 करोड़ रुपये ‘राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम' या मिशन कर्मयोगी के लिए हैं। कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत कार्मिक मंत्रालय, दिल्ली में आईएसटीएम और मसूरी स्थित एलबीएसएनएए ‘फाउंडेशन पाठ्यक्रम, रिफ्रेशर पाठ्यक्रम, करियर के मध्य में प्रशिक्षण सहित कई कार्यक्रमों की व्यवस्था करते हैं, ताकि सचिवालय के सभी स्तर के कर्मचारियों को नवीनतम नियमों और विनियमों, योग्यता आदि के बारे में पर्याप्त जानकारी दी जा सके। इसमें केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) और केंद्रीय सचिवालय आशुलिपिक सेवा (सीएसएसएस) के अधिकारियों के संबंध में घरेलू अथवा विदेशी यात्रा और पाठ्यक्रम शुल्क आदि पर व्यय का भी प्रावधान है।मिशन कर्मयोगी को नौकरशाही में सबसे बड़ी सुधार पहल बताया जाता है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को अधिक ‘रचनात्मक, सक्रिय, पेशेवर और प्रौद्योगिकी-सक्षम' बनाना है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, 120.56 करोड़ रुपये की राशि ‘सभी के लिए प्रशिक्षण', विदेशी में प्रशिक्षण के लिए घरेलू वित्त पोषण, एलबीएसएनएए को उत्कृष्टता केंद्र में अद्यतन करने और आईएसटीएम में प्रशिक्षण सुविधाओं के विस्तार जैसी योजनाओं के लिए है। प्रशासनिक सुधारों के लिए 80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें सरकारी कार्यालयों का आधुनिकीकरण और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना शामिल है। चालू वित्त वर्ष के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के प्रचार-प्रसार के लिए 2.6 करोड़ रुपये का कोष निर्धारित किया गया है। लोक सेवकों की शिकायतों के निवारण का जिम्मा संभाल रहे केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) को 157.72 करोड़ रुपये और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को 418.15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। एसएससी के तहत केंद्र सरकार के लिए विभिन्न पदों पर भर्ती की जाती है।
- नयी दिल्ली,। सरकार ने घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में मदरबोर्ड पर आयात शुल्क पांच प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। मदरबोर्ड को तकनीकी रूप से प्रिंटेड सर्किट बोर्ड कहा जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा, “घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मैं निर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के पीसीबीए (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली) पर बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।” बजट में दूरसंचार पीसीबी असेंबली के लिए मूल सीमा शुल्क में वृद्धि के साथ-साथ संचार उपकरणों के विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिजों को छूट देने का भी प्रस्ताव दिया गया है। वित्त मंत्री ने 25 खनिजों- लिथियम, तांबा, कोबाल्ट को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया है। ये खनिज परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
-
नयी दिल्ली,। सरकार ने मंगलवार को कहा कि विदेशी निवेश को सुगम बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से संबंधित नियमों एवं विनियमों को सरल बनाया जाएगा। यह घोषणा इस लिहाज से अहम है कि हाल के समय में भारत में आने वाले एफडीआई में गिरावट दर्ज की गई है। सेवाओं, कंप्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन एवं दवा जैसे क्षेत्रों में कम निवेश के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 3.49 प्रतिशत घटकर 44.42 अरब डॉलर रह गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए एफडीआई प्रोत्साहन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘एफडीआई को सुगम बनाने और विदेशी निवेश के लिए मुद्रा के तौर पर भारतीय रुपये का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए एफडीआई और विदेशी निवेश से संबंधित नियम एवं विनियम आसान बनाए जाएंगे।'' वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 46.03 अरब डॉलर रहा था। इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी समेत कुल एफडीआई निवेश पिछले वित्त वर्ष में एक प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 70.95 अरब डॉलर रह गया जबकि 2022-23 में यह 71.35 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष 2021-22 में देश में अबतक का सबसे अधिक 84.83 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।
पिछले वित्त वर्ष में मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), केमैन आइलैंड्स, जर्मनी और साइप्रस सहित प्रमुख देशों से आने वाले एफडीआई इक्विटी निवेश में कमी आई। सेवाओं, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर, दूरसंचार, वाहन, दवा और रसायन क्षेत्रों में विदेशी निवेश में कमी आई। भारत की एफडीआई नीति के मुताबिक, इसके प्रावधानों के अनुपालन का दायित्व निवेश हासिल करने वाली कंपनी पर होता है। एफडीआई नियमों का कोई भी उल्लंघन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के दंडात्मक प्रावधानों के दायरे में आता है, क्योंकि एफडीआई एक पूंजीगत खाता लेनदेन है। आरबीआई फेमा का प्रशासन करता है, और वित्त मंत्रालय के तहत प्रवर्तन निदेशालय फेमा के प्रवर्तन के लिए प्राधिकरण है और कानून के उल्लंघन के मामलों की जांच करता है। हालांकि, अधिकांश क्षेत्रों में स्वत: मंजूर मार्ग के जरिये एफडीआई की अनुमति है, लेकिन मीडिया, दवा एवं बीमा जैसे कुछ क्षेत्रों में, निर्दिष्ट सीमा से परे विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत होती है। सरकारी मार्ग के तहत विदेशी निवेशकों को संबंधित मंत्रालय या विभाग की पूर्व-मंजूरी लेनी होती है। वहीं स्वत: मंजूर मार्ग के जरिये निवेशक को निवेश करने के बाद आरबीआई को केवल अवगत कराना होता है। हालांकि लॉटरी कारोबार, जुआ एवं सट्टेबाजी, चिट फंड, निधि कंपनी, रियल एस्टेट व्यवसाय और सिगार, चुरूट एवं सिगरेट का निर्माण जैसे आठ क्षेत्रों में एफडीआई को प्रतिबंधित किया हुआ है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि एफडीआई और विदेशी निवेश के लिए सरल नियम एवं विनियम आने से निश्चित रूप से देश में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश के लिए रुपये को बढ़ावा देने से स्थानीय मुद्रा की मांग बढ़ेगी और इसके मूल्य को भी समर्थन मिलेगा। -
नयी दिल्ली। आम बजट 2024-25 के दस्तावेजों के अनुसार सरकारी खजाने में आने वाले हर एक रुपये में सबसे बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का है। बजट दस्तावेजों में कहा गया है कि प्रत्येक एक रुपये में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से 63 पैसे, उधार और अन्य देनदारियों से 27 पैसे, विनिवेश जैसे गैर-कर राजस्व से नौ पैसे और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों एक पैसा आएगा। कुल मिलाकर 36 पैसे प्रत्यक्ष करों से आएंगे, जिसमें कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं। बजट के मुताबिक, आयकर से 19 पैसे मिलेंगे, जबकि कॉरपोरेट कर से सरकार के खाते में 17 पैसे आएंगे। अप्रत्यक्ष करों में माल और सेवा कर (जीएसटी) सरकार को मिलने वाले प्रत्येक एक रुपये में अधिकतम 18 पैसे का योगदान देगा। इसके अलावा, सरकार उत्पाद शुल्क से पांच पैसे और सीमा शुल्क से चार पैसे कमाने की उम्मीद कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2024-25 पेश किया। इसके अनुसार उधार और अन्य देनदारियों से 27 पैसे प्रति रुपये जुटाए जाएंगे। सरकार के खर्च की बात करें तो प्रत्येक रुपये में ब्याज भुगतान पर 19 पैसे और करों तथा शुल्कों में राज्यों के हिस्से के लिए 21 पैसे जाएंगे। रक्षा के लिए आवंटन आठ पैसे प्रति रुपया है। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय प्रत्येक रुपये में 16 पैसे होगा, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन आठ पैसे है। सब्सिडी और पेंशन पर क्रमशः छह पैसे और चार पैसे खर्च होंगे। वित्त आयोग और अन्य हस्तांतरण पर व्यय नौ पैसे तय किया गया है।
-
नयी दिल्ली । सरकार ने केंद्रीय बजट में कच्चे माल की लागत में कटौती, मूल्य संवर्धन में वृद्धि, निर्यात प्रतिस्पर्धा और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सोने, चांदी, महत्वपूर्ण खनिजों, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं सहित कई उत्पादों पर सीमा शुल्क में कटौती का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा शीया नट्स, समुद्री क्षेत्र के सामान जैसे झींगा व उसका चारा, मछली का चारा, चारा बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे लिपिड तेल...कैंसर की दवाएं, चांदी तथा प्लैटिनम जैसी अन्य कीमती धातुएं, कपड़ा, इस्पात, तांबा, पूंजीगत सामान, पोत परिवहन, चिकित्सकीय उपकरण और चमड़ा क्षेत्र की वस्तुओं पर भी शुल्क कम कर दिया गया है। कीमती धातुओं के सिक्कों, सोने/चांदी फाइंडिंग और सोने तथा चांदी की छड़ पर मूल सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने की घोषणा की गई। सोने और चांदी के ‘डोर' के लिए इसे 14.35 प्रतिशत से घटाकर 5.35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया। प्लैटिनम, पैलेडियम, ऑस्मियम, रूथेनियम और इरीडियम पर शुल्क 15.4 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। रत्न एवं आभूषण निर्यातक पिछले कई साल से निर्यात तथा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कीमती धातुओं पर शुल्क में कटौती की मांग कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘ सीमा शुल्क के लिए मेरे प्रस्ताव का मकसद घरेलू विनिर्माण को समर्थन देना, स्थानीय मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना, निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना तथा आम जनता और उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए कराधान को सरल बनाना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ देश में सोने तथा बहुमूल्य धातु के आभूषणों में घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ाने के लिए, मैं सोने व चांदी पर सीमा शुल्क को घटाकर छह प्रतिशत और प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।'' वित्त मंत्री ने कारोबार सुगमता, उलट शुल्क हटाने और विवादों में कमी लाने के लिए इसे तर्कसंगत और सरल बनाने को अगले छह माह में दर संरचना की व्यापक समीक्षा करने का भी प्रस्ताव रखा। मोबाइल फोन और उसके कलपुर्जों के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में घरेलू उत्पादन में तीन गुना वृद्धि और मोबाइल फोन के निर्यात में करीब 100 गुना वृद्धि के साथ, भारतीय मोबाइल फोन उद्योग परिपक्व हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उपभोक्ताओं के हित में मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) को घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।'' दूसरी ओर उन्होंने कहा कि सरकार अमोनियम नाइट्रेट पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत तथा गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक पर 25 प्रतिशत करेगी। उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को उनके उत्पाद बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कारीगर अपने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेच पाएंगे।मंत्री ने सौर सेल और पैनल के विनिर्माण में प्रयुक्त छूट प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं की सूची का विस्तार करने का भी प्रस्ताव रखा।