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नई दिल्ली।भारत और न्यूजीलैंड ने रक्षा, शिक्षा, खेल, बागवानी, वानिकी के क्षेत्रों में पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने अधिकृत आर्थिक पारस्परिक मान्यता समझौते का भी आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीने आज नई दिल्ली में न्यूजीलैंड के अपने समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन के साथ बातचीत की।
चर्चा में भारत-न्यूजीलैंड संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। अपने प्रेस वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की और दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत और संस्थागत बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, बंदरगाह यात्राओं के साथ-साथ रक्षा उद्योग में भी आपसी सहयोग के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा।पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे आपसी व्यापार और निवेश की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि खेलों में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और आदान-प्रदान के साथ-साथ दोनों ने खेल विज्ञान, मनोविज्ञान और चिकित्सा में सहयोग पर भी जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि अगले वर्ष दोनों देशों के बीच खेल संबंधों के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने का निर्णय लिया गया है।उन्होंने कहा कि भारत न्यूजीलैंड में कुछ गैरकानूनी तत्वों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी चिंताओं को साझा करता है और विश्वास व्यक्त करता है कि भारत को इन सभी अवैध तत्वों के खिलाफ न्यूजीलैंड सरकार का समर्थन प्राप्त होता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे 2019 का क्राइस्टचर्च आतंकी हमला हो या 2008 का मुंबई हमला, किसी भी रूप में आतंकवाद अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।पीएम मोदी ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड आतंकवादी, अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ सहयोग करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष एक स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत का समर्थन करते हैं और विस्तारवाद नहीं बल्कि विकास की नीति में विश्वास करते हैं। वहींं लक्सन ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते को प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति बढ़ाएगा। श्री लक्सन आज शाम राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे।इससे पहले आज न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री लक्सन की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है, तथा सभी क्षेत्रों में संबंधों को गहरा करने और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री कल भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे।उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है, जिसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, व्यवसाय, मीडिया और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य शामिल हैं। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री बुधवार को मुंबई का दौरा करेंगे। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ किया गया पॉडकास्ट अंतर्राष्ट्रीय जगत में छाया हुआ है। यही नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार सुबह (भारतीय समयानुसार) पीएम मोदी के इस पॉडकास्ट को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर शेयर किया है।
तीन घंटे के पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने रखे तमाम महत्वपूर्ण बिंदुबताना चाहेंगे, तीन घंटे के इस पॉडकास्ट में पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने तमाम महत्वपूर्ण बिंदु रखे हैं जिनकी चर्चा दुनियाभर में हो रही है।दुनियाभर में छाया पीएम मोदी का पॉडकास्टपॉडकास्ट में जिस तरीके से प्रधानमंत्री ने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया उससे दुनिया एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी की कायल हो गई है। इससे पहले भी देखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी इस तरह से जब भी अपनी बात कहते हैं तो वैश्विक स्तर पर मंत्र के रूप में उसे लिया जाता है।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पीएम मोदी के पॉडकास्ट का लिंक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री के शानदार पॉडकास्ट से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इतने प्रभावित हुए हैं कि वो पॉडकास्ट का लिंक शेयर करने से खुद को रोक नहीं पाए।इसके अलावा दुनियाभर के तमाम बड़े नेता भी पीएम मोदी के इस पॉडकास्ट को शेयर कर रहे हैं। पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने ट्रंप के साथ अपने सौहार्द के बारे में बात की थी, साथ ही उनके आपसी विश्वास और अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने ट्रंप की “विनम्रता” की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अपने पहले कार्यकाल की तुलना में दूसरे कार्यकाल के लिए कहीं अधिक तैयार दिखाई दिए।पीएम मोदी ने अमेरिका के प्रति ट्रंप के अटूट समर्पण की प्रशंसा कीपीएम मोदी ने अमेरिका के प्रति ट्रंप के अटूट समर्पण की भी प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा “गोली लगने के बाद भी, वह अमेरिका के लिए अडिग रहे। उनका जीवन उनके देश के लिए था। यह उनकी अमेरिका फर्स्ट भावना को दर्शाता है, ठीक वैसे ही जैसे मैं राष्ट्र पहले – भारत पहले में विश्वास करता हूं।” उन्होंने 2019 में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में ट्रंप के व्यक्तिगत हाव-भाव को याद किया, जहां उन्होंने दर्शकों के बीच बैठना चुना था, पीएम मोदी ने इसे उनकी विनम्रता का प्रमाण बताया। पीएम मोदी ने संभावित दूसरे कार्यकाल के लिए ट्रंप की स्पष्ट दृष्टि और अच्छी तरह से परिभाषित रोडमैप की भी प्रशंसा की।व्हाइट हाउस की अपनी यात्रा पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कैसे ट्रंप ने राष्ट्रपति निवास के दौरे पर व्यक्तिगत रूप से उनका मार्गदर्शन करके प्रोटोकॉल तोड़ा। वर्षों से व्यक्तिगत रूप से न मिलने के बावजूद, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका संचार और विश्वास मजबूत बना हुआ है।उन्होंने हाल ही में हुई अपनी मुलाकात को गर्मजोशी भरी मुलाकात और पारिवारिक बताया, और DOGE (सरकारी दक्षता विभाग) के प्रति एलन मस्क के उत्साह का उल्लेख किया। अपने प्रशासन के तहत शासन सुधारों पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने मस्क के दक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों और उनकी सरकार के प्रयासों के बीच समानताएं बताईं। -
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले 67 प्रतिबंधित संगठनों की नवीनतम सूची जारी की है। गृह मंत्रालय ने अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत इन संगठनों को आतंकवादी या गैरकानूनी घोषित किया है। इस सूची में 45 संगठनों को आतंकवादी संगठन के रूप में चिह्नित किया गया है, जबकि 22 संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है।
इन प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट (ISIS), खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA), नक्सली संगठन (CPI-Maoist), लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे संगठन शामिल हैं। ये संगठन भारत में आतंकी हमलों, उग्रवाद और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।इसके अलावा, सरकार ने कई संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया है, इनमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI), जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF), पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इसके सहयोगी संगठन, खालिस्तान समर्थक संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) और मणिपुर के कुछ उग्रवादी संगठन शामिल हैं। ये संगठन अलगाववादी गतिविधियों और हिंसा में शामिल रहे हैं, जिससे देश की शांति और स्थिरता को खतरा हुआ है।सरकार द्वारा इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने से उनकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं, उनके वित्तीय लेन-देन रोके जा सकते हैं, और उनके सदस्यों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह प्रतिबंध भारत में आतंकवाद और उग्रवाद पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। गृह मंत्रालय समय-समय पर इस सूची को अपडेट करता रहता है ताकि उभरते खतरों से निपटा जा सके और देश की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। -
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है। यह मिशन भारत के 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, सरकार ने 2035 तक “भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन” स्थापित करने की योजना को भी स्वीकृति दी है।
चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान नारायणन ने बताया कि इसरो आने वाले वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे कई महत्वपूर्ण मिशन जारी हैं। चंद्रयान-4 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह से सैंपल इकट्ठा करना है, जबकि चंद्रयान-5, जिसे तीन दिन पहले मंजूरी मिली, इसमें 350 किलोग्राम का रोवर होगा। इस मिशन में भारत और जापान मिलकर काम कर रहे हैं।” इससे साफ है कि भारत अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।इसरो अब तक तीन चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है। चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को उन देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जिन्होंने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की है। इससे पहले, केंद्र सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन को भी मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य चंद्रमा पर उतरकर सुरक्षित वापसी और सैंपल कलेक्शन की तकनीक का परीक्षण करना है। इन सभी मिशनों से यह साफ है कि भारत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।नारायणन ने बताया कि भारत अब तक 131 उपग्रह लॉन्च कर चुका है, जिनमें से कई SAARC देशों को भी दिए गए हैं। पिछले 10 वर्षों में इसरो ने 433 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया है, जिनमें से 34 अन्य देशों के थे। उन्होंने कहा कि इसरो ने 90% की सफलता दर हासिल की है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि भारत अब न केवल अपने लिए, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक भरोसेमंद लॉन्च सेवा प्रदाता बन चुका है।वहीं भारत अब तमिलनाडु के तटीय गांव कुलसेकरपट्टिनम में दूसरा स्पेसपोर्ट बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी 2024 को इस परियोजना का उद्घाटन किया था। यह स्पेसपोर्ट छोटे उपग्रहों (500 किलोग्राम तक) को लॉन्च करने के लिए स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के उपयोग के लिए बनाया जा रहा है। इस परियोजना का निर्माण 5 मार्च 2025 से शुरू हो चुका है। इस स्पेसपोर्ट की मदद से भारत छोटे उपग्रहों के वैश्विक लॉन्च बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करेगा।कार्यक्रम के दौरान, इसरो प्रमुख ने पूर्व अध्यक्ष के. सिवन की कड़ी मेहनत की तारीफ की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का एक ही लक्ष्य है- भारत को विकसित बनाना। मैं एक साधारण परिवार से हूं, लेकिन मेरे साथ काम करने वाले सभी सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं।”इसरो की यह नई पहल भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है। आने वाले वर्षों में, भारत न केवल चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है, बल्कि अपने स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की योजना भी बना रहा है। इससे भारत को अंतरिक्ष में दीर्घकालिक शोध करने और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। - भुवनेश्वर. प्रसिद्ध उड़िया कवि और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रमाकांत रथ का रविवार को यहां खारवेल नगर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी। पद्म भूषण से सम्मानित रथ के परिवार में तीन बेटी और एक बेटा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रथ के निधन पर शोक व्यक्त किया है।मुर्मू ने प्रसिद्ध उड़िया कवि के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि रथ भारतीय साहित्य जगत में एक प्रमुख व्यक्ति थे। मुर्मू ने पोस्ट में कहा, “उन्हें पद्म भूषण समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्होंने उड़िया साहित्य में अपने अविस्मरणीय योगदान से अखिल भारतीय साहित्य को समृद्ध किया है।'' राष्ट्रपति ने रथ के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।मोदी ने प्रख्यात कवि और विद्वान के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि रथ की रचनाएं, विशेषकर उनकी कविताएं, समाज के सभी वर्गों में व्यापक रूप से लोकप्रिय थीं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘रमाकांत रथ जी ने एक प्रभावी प्रशासक और विद्वान के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी रचनाएं, विशेषकर कविताएं, समाज के सभी वर्गों में व्यापक रूप से लोकप्रिय हैं। उनके निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति : प्रधानमंत्री मोदी। '' ओडिशा के कई नेताओं और प्रतिष्ठित हस्तियों ने रथ के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर पर एकत्र हुए। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रथ के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रमाकांत रथ को भारतीय प्रशासनिक सेवा और साहित्य जगत में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। माझी ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।रमाकांत रथ का जन्म 13 दिसंबर 1934 को कटक में हुआ था। रेवेंशॉ कॉलेज (अब विश्वविद्यालय) से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद वर्ष 1957 में वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। राज्य और केंद्र सरकारों में कई महत्वपूर्ण पद संभालने के बाद वह 1992 में ओडिशा के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए। रथ के प्रमुख काव्य संग्रहों में केते दिनारा (1962), सप्तम ऋतु (1977), सचित्र अंधारा (1982), श्री राधा (1985) और श्रेष्ठ कविता (1992) शामिल हैं। उनकी कई कविताओं का अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। उन्हें वर्ष 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1984 में सरला पुरस्कार, वर्ष 1990 में विषुव सम्मान और 2009 में साहित्य अकादमी फेलोशिप से सम्मानित किया गया था। साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। रथ 1993 से 1998 तक केंद्रीय साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष और 1998 से 2003 तक अध्यक्ष भी रहे।
- भुवनेश्वर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय यात्रा पर 21 मार्च को ओडिशा आएंगे और इस दौरान राज्य में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को यह जानकारी दी। भाजपा की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने बताया कि शाह 21 मार्च की शाम झारसुगुड़ा हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे और एमसीएल अतिथि गृह में रुकेंगे। उन्होंने बताया कि शाह 22 मार्च को झारसुगुड़ा के पीएचडी मैदान में एक जनसभा को संबोधित करने से पहले संबलपुर स्थित मां समलेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। भाजपा नेता के मुताबिक जनसभा को संबोधित करने के अलावा केंद्रीय मंत्री वहां कुछ परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। सामल ने संवाददाताओं को बताया कि इसके बाद वह भुवनेश्वर होते हुए पुरी जाएंगे और रात्रि विश्राम तटीय शहर में करेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक तय कार्यक्रम के अनुसार शाह 23 मार्च को पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर जाएंगे और जटनी में प्रस्तावित फॉरेंसिक विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे। इस बीच, ओडिशा के शीर्ष भाजपा नेताओं ने रविवार को संबलपुर जिले के बुर्ला में बैठक की और केंद्रीय मंत्री के दौरे की तैयारियों की समीक्षा की। पार्टी नेता के मुताबिक, शाह के दौरे के दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
- कोलकाता. पश्चिम बंगाल के पश्चिमी जिलों में मंगलवार तक लू चलने तथा राज्य के गांगेय क्षेत्र में अगले पांच दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की क्रमिक गिरावट होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों के शेष जिलों में मंगलवार तक दिन के दौरान गर्मी रहेगी। उसने बताया कि पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों के सभी जिलों में 20 मार्च से हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, पुरुलिया, बांकुरा और पश्चिम बर्धमान के पश्चिमी जिलों में मंगलवार तक भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कोलकाता में न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से 3.9 डिग्री अधिक है जबकि अधिकतम तापमान 33.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस अवधि के दौरान औसत दैनिक तापमान के आसपास है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम के हाल के वर्षों में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ दबदबा बनाए रखने के संदर्भ में रविवार को कहा कि वह क्रिकेट विशेषज्ञ नहीं हैं लेकिन नतीजों से पता चलता है कि कौन सी टीम बेहतर है। मोदी ने रविवार को अमेरिका के लोकप्रिय पॉडकास्टर लेक्स फ्राइडमैन के साथ बातचीत के दौरान अपने विचार साझा किए। फुटबॉल के संदर्भ में उन्होंने महान डिएगो माराडोना को अपने जमाने का वास्तविक नायक करार दिया लेकिन साथ ही कहा कि वर्तमान पीढ़ी का पसंदीदा खिलाड़ी लियोनल मेस्सी है। भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमों के संदर्भ में मोदी ने कहा, ‘‘‘मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं और मैं इस खेल के तकनीकी पक्षों के बारे में नहीं जानता। इसका जवाब केवल विशेषज्ञ ही दे सकते हैं लेकिन कुछ दिन पहले भारत और पाकिस्तान के बीच मैच खेला गया था। इसके नतीजे से पता चलता है कि कौन सी टीम बेहतर है। हम इसको इसी तरह से जानते हैं।'' भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और अपने अजेय अभियान की राह में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि खेलों में पूरी दुनिया को ऊर्जावान बनाने की ताकत है। खेल की भावना विभिन्न देशों के लोगों को एक साथ जोड़ती है। इसलिए मैं कभी नहीं चाहूंगा कि खेलों को श्रेय ना दिया जाए। मैं वास्तव में मानता हूं कि खेल मानव विकास में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, वे सिर्फ खेल नहीं हैं। वे लोगों को गहरे स्तर पर जोड़ते हैं। '' भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता के संदर्भ में उन्होंने मध्य प्रदेश के शहडोल की अपनी यात्रा को याद किया, जहां उन्होंने निवासियों के बीच खेल के प्रति गहरा प्रेम देखा जो अपने क्षेत्र को ‘मिनी ब्राजील' कहते थे। प्रधानमंत्री ने बिचारपुर के संदर्भ में यह बात कही। मोदी ने कहा, ‘‘शहडोल नाम का एक जिला है, जो पूरी तरह से आदिवासी क्षेत्र है, जहां आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। जब मैंने वहां का दौरा किया, तो मैंने लगभग 80 से 100 युवा लड़कों और यहां तक कि अधिक उम्र के लोगों को देखा, जो सभी खेल की जर्सी पहने हुए थे।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने उनसे पूछा कि आप सब कहां से हैं तो उन्होंने जवाब दिया हम मिनी ब्राजील से हैं। उन्होंने बताया कि उनके गांव में चार पीढ़ियों से फुटबॉल खेला जा रहा है। यहां से लगभग 80 राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी निकले हैं और उनका पूरा गांव फुटबॉल के लिए समर्पित हैं।'' मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे बताया कि उनके वार्षिक फुटबॉल मैच के दौरान आसपास के गांवों से लगभग 20,000 से 25,000 दर्शक देखने आते हैं।" मोदी से जब उनके पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अतीत की बात करें तो 1980 के दशक में एक नाम जो हमेशा सामने आता था वह माराडोना का था। उस पीढ़ी के लिए, उन्हें एक वास्तविक नायक के रूप में देखा जाता था। अगर आप आज की पीढ़ी से पूछेंगे, तो वे तपाक से कहेंगे (लियोनल) मेस्सी।
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नयी दिल्ली. चीन के साथ पूर्व में तनाव के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विवाद के बजाय बातचीत का समर्थन किया और कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद स्वभाविक हैं लेकिन मजबूत सहयोग दोनों पड़ोसियों के हित में है और यह वैश्विक स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में, मोदी ने कहा कि भारत और चीन सीमा पर 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़पों से पहले वाली स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। वर्ष 1975 के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच टकराव ने संघर्ष का रूप ले लिया था। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के जवानों की मौत हुई थी। मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कहा, “हालांकि, राष्ट्रपति शी के साथ हाल में हुई बैठक के बाद हमने सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी देखी है। हम अब 2020 से पहले की स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आनी चाहिए। लेकिन स्वाभाविक रूप से, इसमें कुछ समय लगेगा, क्योंकि पांच साल हो गए हैं।'' मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी है, बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि 21वीं सदी एशिया की सदी है, हम चाहते हैं कि भारत और चीन स्वस्थ और स्वाभाविक तरीके से प्रतिस्पर्धा करें। प्रतिस्पर्धा बुरी चीज नहीं है, लेकिन इसे कभी संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए।'' मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध नए नहीं हैं क्योंकि दोनों देशों की संस्कृति और सभ्यताएं प्राचीन हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक दुनिया में भी, वे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि आप ऐतिहासिक रिकॉर्ड को देखें तो सदियों से भारत और चीन ने एक-दूसरे से सीखा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘साथ मिलकर, उन्होंने हमेशा किसी न किसी तरह से वैश्विक भलाई में योगदान दिया है। पुराने रिकॉर्ड बताते हैं कि एक समय भारत और चीन अकेले दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखते थे। भारत का कितना बड़ा योगदान था। मेरा मानना है कि गहरे सांस्कृतिक संबंधों के साथ हमारे संबंध बेहद मजबूत रहे हैं।'' तीन घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम सदियों पीछे मुड़कर देखें तो भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमेशा एक-दूसरे से सीखने और एक-दूसरे को समझने के बारे में रहा है। एक समय चीन में बौद्ध धर्म का गहरा प्रभाव था और उस दर्शन का उद्भव भारत में हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में भी हमारे संबंध उतने ही मजबूत रहने चाहिए और आगे बढ़ते रहने चाहिए। मतभेद स्वाभाविक हैं। जब दो पड़ोसी देश होते हैं, तो कभी-कभी असहमति होती है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवार में भी सब कुछ सही नहीं होता “लेकिन हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि मतभेद, विवाद में तब्दील नहीं हों”। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम सक्रिय रूप से बातचीत की दिशा में काम कर रहे हैं। विवाद के बजाय, हम बातचीत पर जोर देते हैं, क्योंकि केवल बातचीत के माध्यम से हम एक स्थायी सहकारी संबंध का निर्माण कर सकते हैं जो दोनों देशों के सर्वोत्तम हितों को पूरा करता है।''
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जम्मू. जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर में तीर्थयात्रियों का दान वित्तीय वर्ष 2024-25 (जनवरी तक) में 171.90 करोड़ रुपये हो गया है, जो 2020-21 में 63.85 करोड़ रुपये था। यह जानकारी श्राइन बोर्ड ने दी है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने कहा है कि इसी अवधि के दौरान मंदिर में चढ़ाया गया सोना भी नौ किलोग्राम से बढ़कर 27.7 किलोग्राम हो गया है और चांदी 753 किलोग्राम से बढ़कर 3,424 किलोग्राम हो गई है। जम्मू के आरटीआई आवेदक रमन शर्मा द्वारा दायर एक आवेदन का जवाब देते हुए श्राइन बोर्ड ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में दान या भेंट के रूप में 63.85 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, इसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 में 166.68 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022-23 में 223.12 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023-24 में 231.50 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 (इस साल जनवरी तक) में 171.90 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में 2020 में केवल 17.20 लाख तीर्थयात्री आए, जो पिछले तीन दशकों में सबसे कम है। यह मंदिर अपने इतिहास में पहली बार कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण पांच महीने तक बंद रहा था। इसे 16 अगस्त 2020 को तीर्थयात्रियों के लिए फिर से खोल दिया गया था।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों में देश के प्रति समर्पण का भाव भरने के मकसद से 1925 से लेकर अब तक काम करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा की और कहा कि इसके जैसे ‘पवित्र' संगठन से जीवन के मूल्य सीखकर वह खुद को धन्य महसूस करते हैं। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ रविवार को एक पॉडकास्ट में चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि संघ ने उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य दिया है और कहा कि इसके विभिन्न सहयोगी संगठन कई क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग से जुड़े हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले खुद आरएसएस प्रचारक रह चुके मोदी ने कहा कि वह युवावस्था में ही इस स्वयंसेवी संगठन से जुड़ गए थे क्योंकि गुजरात में उनके घर के पास स्थित आरएसएस की शाखा में गाए जाने वाले देशभक्ति गीतों ने उनके दिल को छुआ। आरएसएस के दर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी करे लेकिन उसे देश के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नहीं सुना कि आरएसएस जितना बड़ा कोई स्वैच्छिक संगठन है या नहीं।''
उन्होंने कहा कि आरएसएस सिखाता है कि देश सर्वोपरि है और लोगों की सेवा करना भगवान की सेवा करने के समान है। उन्होंने कहा, मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे ऐसे पवित्र संगठन से जीवन के मूल्य मिले।''
उन्होंने कहा कि बचपन में आरएसएस की शाखाओं में शामिल होना, उन्हें हमेशा अच्छा लगता था।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना। यही मुझे संघ (आरएसएस) ने सिखाया है। आरएसएस की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अपने स्वयंसेवकों को जीवन का एक उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, संघ भी वही सिखाता है।'' उन्होंने सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम और भारतीय मजदूर संघ जैसे संगठनों के व्यापक कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि यह लोगों को समाज के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है। मोदी ने कहा कि आरएसएस से संबद्ध विद्या भारती करीब 25 हजार स्कूलों का संचालन करती है और करोड़ों छात्रों ने किफायती दर पर यहां से शिक्षा प्राप्त की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वामपंथी संगठन श्रमिकों को एकजुट होने के लिए कहती हैं ताकि वे दूसरों से मुकाबला कर सकें, जबकि आरएसएस से प्रेरित श्रमिक संघ अपने कार्यकर्ताओं से दुनिया को एकजुट करने के लिए कहता है। -
अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने रविवार को कहा कि ट्रस्ट ने धार्मिक पर्यटन में उछाल के बीच पिछले पांच वर्षों में सरकार को लगभग 400 करोड़ रुपये का कर चुकाया है। उन्होंने कहा कि यह राशि पांच फरवरी, 2020 से पांच फरवरी, 2025 के बीच चुकाई गई।
उन्होंने कहा कि इसमें से 270 करोड़ रुपये माल और सेवा कर (जीएसटी) के रूप में भुगतान किए गए, जबकि शेष 130 करोड़ रुपये अन्य विभिन्न कर श्रेणियों के तहत भुगतान किए गए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है, जिससे यह एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन गया है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान 1.26 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आए थे।
राय ने कहा कि ट्रस्ट के वित्तीय रिकार्ड का नियमित रूप से नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के अधिकारियों द्वारा ऑडिट किया जाता है। -
कोकराझार . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए, तो कांग्रेस ने उसका मजाक उड़ाया था, लेकिन इस समझौते से क्षेत्र में शांति स्थापित हुई और विकास को गति मिली। शाह ने असम के कोकराझार में ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) के 57वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के युवा अब बंदूकों की जगह तिरंगा लेकर चलते हैं और यह जनवरी 2020 में बोडो समझौते पर हस्ताक्षर के कारण संभव हुआ है। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘बीटीआर में शांति, विकास और उत्साह का माहौल समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले एबीएसयू की वजह से ही संभव हो पाया है। अगर एबीएसयू ने पहल नहीं की होती, तो इस क्षेत्र में न तो समझौता होता और न ही शांति कायम होती।'' शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने भले ही यह कहकर हमारी हंसी उड़ाई हो कि बीटीआर में शांति स्थापित नहीं होगी और यह समझौता एक मजाक साबित होगा, लेकिन बोडो समझौते की 82 फीसदी शर्तों को लागू किया जा चुका है। अगले दो वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इसका शत-प्रतिशत क्रियान्वयन होगा, जिससे क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति कायम होगी।'' भाजपा नेता ने कहा, ‘‘समझौते की शर्तों के अनुसार, हमने 2022 में पूरे बीटीआर क्षेत्र को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) के दायरे से बाहर कर दिया है।'' उन्होंने कहा कि शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) ने भी हथियार डाल दिए हैं और केंद्र तथा राज्य सरकारों ने उसके (एनडीएफबी) कैडर के पुनर्वास के लिए कई पहल की हैं। शाह ने कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों में 4,881 एनडीएफबी कैडर ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है और उनके पुनर्वास पर 287 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें से 90 प्रतिशत केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा दिया गया है।'' उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडर को गैर-सरकारी संगठनों की मदद से विभिन्न कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। शाह ने इनमें से 400 युवाओं को राज्य कमांडो बल में शामिल करने की असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की पहल की भी सराहना की। बोडो शांति समझौते पर 27 जनवरी 2020 को केंद्र, राज्य सरकार और एबीएसयू एवं एनडीएफबी सहित बोडो समूहों के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। शाह ने कहा कि केंद्र ने बोडोलैंड के विकास के लिए 1,500 करोड़ रुपये दिए हैं, जिसकी आबादी 35 लाख है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि बोडो समझौते की 82 फीसदी शर्तों का क्रियान्वयन हो चुका है और शेष शर्तें अगले दो वर्षों में लागू कर दी जाएंगी। शाह ने बोडो युवाओं से 2036 के ओलंपिक खेलों की तैयारी शुरू करने का भी आह्वान किया, जिसका आयोजन गुजरात के अहमदाबाद शहर में प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि अप्रैल के पहले सप्ताह में नयी दिल्ली में एबीएसयू के संस्थापक अध्यक्ष बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा के नाम पर एक सड़क का उद्घाटन और उनकी प्रतिमा का लोकार्पण किया जाएगा। शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार बोडोफा के सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।
- सिंगापुर ।भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक वी डी चाफेकर को ‘रीकैप आईएससी' का सातवां कार्यकारी निदेशक (ईडी) नियुक्त किया गया है। ‘रीकैप आईएससी' एशिया में पोतों को निशाना बनाकर की जाने वाली समुद्री चोरी और सशस्त्र डकैती के खिलाफ सहयोग बढ़ाने के लिए सरकारों के बीच एक क्षेत्रीय समझौता है। ‘रीकैप' सूचना साझाकरण केंद्र (आईएससी) की 19वीं शासी परिषद की बैठक में बताया गया कि चाफेकर इस साल एक अप्रैल से 31 मार्च 2028 तक तीन साल के कार्यकाल के लिए ईडी का पद संभालेंगे। परिषद ने उन्हें पिछले साल पांच नवंबर को इस पद के लिए चुना था।परिषद ने निवर्तमान ईडी कृष्णस्वामी नटराजन को समर्पित सेवा और ‘रीकैप आईएससी' की प्रतिष्ठा बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए धन्यवाद दिया। परिषद ने फिलीपीन के गवर्नर एडमिरल रोनी एल गवन को 12 मार्च से 11 मार्च, 2028 तक के कार्यकाल के लिए शासी परिषद का अध्यक्ष चुना। सिंगापुर ने 11 मार्च से 14 मार्च तक परिषद की बैठक आयोजित की थी।
- जयपुर। मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का उदयपुर में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अरविंद सिंह मेवाड़ लंबे समय से बीमार थे और उदयपुर स्थित उनके आवास पर उनका इलाज किया जा रहा था। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वह भगवंत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी के पुत्र थे। उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था।
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नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज, 15 मार्च 2025, से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी।
पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो।इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से संबंधित संविधि (statutes) और नियम वेबसाइट पर https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx लिंक पर उपलब्ध हैं। - अमृतसर । पंजाब के अमृतसर जिले में शनिवार देर रात एक मंदिर पर हमला किया गया, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। खंडवाला इलाके में स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर पर मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात युवकों ने ग्रेनेड से हमला कर दिया। यह पूरी घटना मंदिर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, रात करीब 12:35 बजे एक मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक मंदिर के बाहर पहुंचे। उनके हाथ में एक झंडा भी नजर आ रहा था। वे कुछ सेकंड मंदिर के बाहर रुके और फिर अचानक मंदिर की ओर कुछ फेंका। जैसे ही वे वहां से भागे, कुछ ही पलों में मंदिर में जोरदार धमाका हुआ।घटना के समय मंदिर में पुजारी सो रहे थे। गनीमत रही कि इस हमले में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन धमाके के कारण मंदिर को नुकसान पहुंचा है और स्थानीय लोगों में डर है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया।पुलिस कमिश्नर भुल्लर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “इस हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हो सकता है। भोले-भाले नौजवानों को गुमराह कर इस तरह के हमलों के लिए उकसाया जा रहा है। हम जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेंगे और शहर का माहौल खराब नहीं होने देंगे।”वहीं, इस घटना पर अकाली दल के यूथ जिला प्रधान किरनप्रीत सिंह मोनू ने कहा कि यह शर्मनाक और निंदनीय घटना है। पहले पुलिस चौकियों पर हमले हो रहे थे और अब धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।”हमले के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है और हमलावरों की तलाश तेज कर दी गई है। पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन से लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द हमलावरों को गिरफ्तार किया जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पहले व्हाइट हाउस और अमेरिकी विदेश विभाग के मुख्यालय का दौरा किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरे क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया जाए और यह साफ-सुथरा दिखे। राष्ट्रपति ट्रंप ने न्याय विभाग (डीओजे) में भाषण देते हुए कहा, “हमने कहा कि स्टेट डिपार्टमेंट के ठीक सामने बहुत सारे टेंट हैं। उन्हें हटाना होगा और उन्होंने उन्हें तुरंत हटा दिया। हम एक ऐसी राजधानी चाहते हैं जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बन सके।”
ट्रंप ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति और यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री, यह सभी पिछले डेढ़ सप्ताह में मुझसे मिलने आए थे। मैं नहीं चाहता था कि वह टेंट देखें। मैं नहीं चाहता था कि वह भित्तिचित्र देखें। मैं नहीं चाहता था कि वह सड़कों पर टूटे हुए अवरोध और गड्ढे देखें और हमने इसे सुंदर बना दिया।”अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि उनका प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि अमेरिकी राजधानी पूरी तरह से साफ हो जाए।डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन के मेयर म्यूरियल बोसर की प्रशंसा करते हुए कहा, “हम अपने शहर को साफ कर रहे हैं। हम इस महान राजधानी को साफ कर रहे हैं और हम अपराध नहीं होने देंगे, हम अपराध को बर्दाश्त नहीं करेंगे, हम भित्तिचित्रों को हटा देंगे, हम तंबू हटा रहे हैं और हम प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि बोसर अच्छा काम कर रहे हैं।ज्ञात हो, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 13 फरवरी को वाशिंगटन डीसी में पीएम मोदी की मेजबानी की थी। उनकी यह यात्रा, व्हाइट हाउस में ट्रंप का दूसरा कार्यकाल शुरू करने के तीन सप्ताह के भीतर हुई थी। दो दिवसीय यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्लेयर हाउस में रुके-एक ऐतिहासिक गेस्ट हाउस जो व्हाइट हाउस का 70,000 वर्ग फुट का विस्तार है।अपने ओवल ऑफिस में पीएम मोदी का स्वागत करते हुए ट्रंप ने कहा था कि वह अपने ‘मित्र नरेंद्र मोदी’ का व्हाइट हाउस में स्वागत करते हुए ‘बहुत खुश’ हैं। जब दोनों नेता व्हाइट हाउस में मिले तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को अपनी किताब ‘अवर जर्नी टुगेदर’ की एक हस्ताक्षरित प्रति भी भेंट की और लिखा ‘आप महान हैं।’ -
नयी दिल्ली. एक समान दंड, माफी योजना और मुखबिर तंत्र खेलों में आयु धोखाधड़ी के खिलाफ राष्ट्रीय संहिता (एनसीएएएफएस) के मसौदे की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं जिसे खेल मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया। एनसीएएएफएस 2025 के मसौदे में 31 मार्च तक आम जनता से सुझाव और टिप्पणियां मांगी गई है ।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा ,‘‘युवा मामले और खेल मंत्रालय ने परामर्श प्रक्रिया के हिस्से के रूप में आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां/सुझाव आमंत्रित करने के लिए खेलों में आयु धोखाधड़ी के खिलाफ राष्ट्रीय संहिता (एनसीएएएफस) 2025 का मसौदा सार्वजनिक कर दिया है ।'' इसमें कहा गया ,‘‘ इसमें आयु संबंधी धोखाधड़ी से निपटने, असल खिलाड़ियों की सुरक्षा और देश भर में खेल प्रतियोगिताओं की अखंडता को बनाये रखने के प्रावधान हैं ।'' बयान में कहा गया ,‘‘ यह संशोधन लगभग 15 वर्ष बाद किया गया है जो भारतीय खेलों में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा, नैतिक प्रशासन और बढ़ी हुई जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा ढांचे में एक महत्वपूर्ण अपडेट है ।'' मसौदे में दस प्रमुख बिंदु हैं जिनमें अनिवार्य आयु प्रमाणन और डिजिटल लॉकिंग , आयु संबंधी अनियमितताओं के लिये मेडिकल जांच, दो स्तरीय अपीली तंत्र , राष्ट्रीय डाटाबेस और क्यू आर वाले आई डी कार्ड शामिल हैं । इसके तहत पहली बार उल्लंघन करने वाले खिलाड़ी पर हर प्रतिस्पर्धा से दो साल का प्रतिबंध और उसके जीते हुए खिताब या पदक वापिस लेना शामिल है । इसमें कहा गया ,‘‘ दूसरे उल्लंघन पर आजीवन प्रतिबंध और अपराध संहिता के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू करना शामिल है । दोषी पाये गए अन्य अधिकारियों और कोचों पर भी निलंबन लगाया जायेगा और उन्हें काम से हटा दिया जायेगा ।'' माफी योजना के तहत एक बार छह महीने की विंडो दी जायेगी जिसमें खिलाड़ी स्वत: दंड के बिना अपनी गलती सुधारकर सही उम्र बता सकता है । मंत्रालय ने कहा ,‘‘ माफी कार्यक्रम में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के प्रदर्शन की समीक्षा की जायेगी और उसके बाद उन्हें सही आयुवर्ग में डाला जायेगा ।'' इसके अलावा एक मुखबिर तंत्र भी होगा जो आयु में धोखाधड़ी के मामलों की गुमनाम जानकारी देने वालों के लिये होगा । इसके तहत पुरस्कार भी दिये जायेंगे । इसके अलावा दो स्तरीय अपीली तंत्र भी होगा जो आयु निर्धारण से जुड़े विवादों का निपटान करेगा ।मसौदे में यह भी कहा गया कि खिलाड़ियों को क्यू आर कोड वाले पहचान पत्र दिये जायेंगे जो डिजिलॉकर प्लेटफार्म के जरिये मिलेंगे और हर प्रतियोगिता में इन्हें दिखाना अनिवार्य होगा । -
मुंबई. महाराष्ट्र में 74 वर्षीय व्यवसायी को मोहपाश में फंसाकर उससे 18.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक महिला को गिरफ्तार किया है। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि यह घटना तब प्रकाश में आई जब पीड़ित ने 50 वर्षीय महिला के खिलाफ सात मार्च को मुंबई के उत्तरी हिस्से में स्थित मालवणी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित मेडिकल डिस्पोजेबल्स का कारोबार करने वाली एक फर्म की प्रबंध निदेशक है।
अधिकारी ने बताया,"पीड़ित 2015 में अपनी पत्नी की मौत के बाद अपने बेटे के साथ दिल्ली में रहता है। वह व्यापार के सिलसिले में मुंबई आता-जाता था। वह 18 मई, 2023 को महिला के संपर्क में आया, जिसने खुद को एक गायिका बताया। दोनों ने लोनावला में एक साथ समय बिताया, जहां उन्होंने शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद दोनों लगातार फोन और वीडियो कॉल के जरिए एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे।" उन्होंने बताया, "एक जून 2023 को उसने (आरोपी महिला) स्टूडियो किराए पर लेने के लिए 12.50 लाख रुपये मांगे, जो पीड़ित ने आरटीजीएस के जरिए भेजे। उसी साल सात जुलाई को महिला पटियाला हाउस अदालत में पेश होने के लिए नयी दिल्ली गई, जहां उसकी मुलाकात व्यवसायी से हुई। कुछ दिनों बाद उसने घर के लिए चार लाख रुपये मांगे। इसके बाद उसने दो मौकों पर एक लाख और दो लाख रुपये मांगे।" अधिकारी ने बताया, "अंततः, जब महिला ने सितंबर 2023 में घर के लिए चार-पांच करोड़ रुपये की मांग की, तो पीड़ित ने इसका विरोध किया, जिससे आरोपी महिला नाराज हो गई।" अधिकारी ने बताया, "पांच सितंबर को गोरेगांव के एक होटल में समय बिताने के बाद महिला वहां से चली गई और फिर दिंडोशी पुलिस थाने के कर्मियों के साथ वापस आई, जिन्होंने पीड़ित को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। व्यापारी कुछ महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया। व्यक्ति को तब एहसास हुआ कि वह मोहपाश में फंस गया है, जब उसे किसी ने फोन करके बताया कि उसके साथ कैसे धोखाधड़ी की गई है।" वीडियो क्लिप समेत सबूत मिलने के बाद दिल्ली के व्यवसायी ने मालवणी पुलिस थाने में संपर्क किया, जिसके बाद महिला के खिलाफ जबरन वसूली और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया।पुलिस अधिकारी ने कहा, "महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमारी जांच में यह भी पता चला है कि उसने पिछले साल एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था।" -
नयी दिल्ली. देश में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, खासकर महारत्न और नवरत्न कंपनियों में, पिछले चार वर्षों के दौरान निदेशकों की बोर्ड मीटिंग में मौजूदगी उल्लेखनीय रूप से बेहतर हुई है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। एक्सिलेंस इनेबलर्स के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में निदेशक मंडल की बैठक में किसी भी निदेशक की उपस्थिति शून्य नहीं थी। इसके उलट वित्त वर्ष 2022-23 में 14 निदेशकों की उपस्थिति शून्य थी। वित्त वर्ष 2021-22 में ऐसे नौ निदेशक थे जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में तीन निदेशक किसी भी बोर्ड बैठक में शामिल नहीं हुए थे। देश की 13 महारत्न और 20 नवरत्न कंपनियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, निदेशक मंडल की प्रत्येक बैठक में कार्यकारी एवं गैर-कार्यकारी दोनों ही तरह के निदेशकों को मौजूद होना चाहिए। उनकी अनुपस्थिति केवल असाधारण कारणों से ही होनी चाहिए। कानूनी रूप से यह अनिवार्य है कि हर निदेशक प्रति वर्ष कम से कम एक बोर्ड मीटिंग में शामिल हो। लेकिन सर्वेक्षण में यह पाया गया कि इस मानक का या कि यह मानक स्पष्ट रूप से असंतोषजनक है। सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती है कि पिछले वित्त वर्ष में शून्य उपस्थिति वाले निदेशकों की नियुक्ति को समाप्त करने के प्रश्न पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर भारत को देश का अगला केसर उत्पादन केंद्र बनाने की योजना पर काम कर रही है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार के मिशन केसर के तहत 2021 से सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में केसर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में, अरुणाचल प्रदेश के मेंचुका और सिक्किम के युक्सोम में बड़े पैमाने पर केसर की खेती हो रही है। जल्द ही इसे नागालैंड और मणिपुर तक फैलाने की योजना है। इससे यह क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के पंपोर के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा केसर उत्पादक क्षेत्र बन सकता है।
सरकार इस योजना के तहत बंजर भूमि का उपयोग करके कृषि क्षेत्र का विस्तार कर रही है, जिससे मौजूदा फसलों को कोई नुकसान नहीं होगा। इस महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने के लिए शिलॉन्ग में नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रीच (NECTAR) के स्थायी परिसर की आधारशिला भी रखी गई। यह संस्थान विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत 2014 में स्थापित किया गया था। मंत्री सिंह ने कहा कि यह संस्थान आत्मनिर्भरता और नवाचार को बढ़ावा देने के सरकार के बड़े लक्ष्य से जुड़ा है।NECTAR कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिनमें पूर्वोत्तर में केसर की खेती, जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर की खेती को बढ़ावा, ‘स्वामित्व’ योजना के तहत ड्रोन तकनीक से जमीन की मैपिंग और बांस व शहद उत्पादन में तकनीकी सुधार शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर NECTAR को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनानी है, तो उसे किसी एक खास क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी, ठीक वैसे ही जैसे आईआईटी और अन्य प्रमुख संस्थान अलग-अलग क्षेत्रों में विशेषज्ञ बन गए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पूर्वोत्तर के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पिछले 10 वर्षों में यहां आधारभूत ढांचे और तकनीक के क्षेत्र में जबरदस्त सुधार हुए हैं। पहले जहां इस क्षेत्र में सड़क, रेलवे और हवाई संपर्क की समस्या थी, वहीं अब कनेक्टिविटी बेहतर होने से आर्थिक और वैज्ञानिक विकास संभव हो पाया है। -
नई दिल्ली । भारत सरकार ने डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को बढ़ावा देने के लिए 1 अरब डॉलर (लगभग 83,000 करोड़ रुपये) के फंड की घोषणा की है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी WAVES 2025 समिट से पहले एक उच्च स्तरीय बैठक में दी। WAVES 2025 एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मनोरंजन सम्मेलन है, जो 1 से 4 मई तक मुंबई में आयोजित होगा। यह इवेंट कंटेंट क्रिएटर्स, मीडिया पेशेवरों, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स और इंडस्ट्री लीडर्स को एक मंच पर लाएगा। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इस फंड का उद्देश्य हाई-वैल्यू डिजिटल कंटेंट निर्माण को बढ़ावा देना और नई प्रतिभाओं को अवसर देना है।
केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस आयोजन को मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने कहा कि वेव्स 2025 के जरिए नई संभावनाओं, इनोवेशन और इंडस्ट्री की चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। डिजिटल युग में मीडिया तेजी से बदल रहा है, और इसके साथ कई नई चुनौतियां और अवसर भी सामने आ रहे हैं। इस सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), स्ट्रीमिंग क्रांति, बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights), फेक न्यूज और मीडिया इंडस्ट्री के भविष्य जैसे विषयों पर चर्चा होगी।कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए गए। इससे मीडिया, मनोरंजन और डिजिटल सेक्टर में सहयोग को और मजबूती मिलेगी। WAVES 2025 भारत के मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का एक बड़ा अवसर होगा। सरकार का यह फंड नए और उभरते कंटेंट क्रिएटर्स को वित्तीय सहायता देगा, जिससे वे डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बना सकें। -
नयी दिल्ली. देश में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, खासकर महारत्न और नवरत्न कंपनियों में, पिछले चार वर्षों के दौरान निदेशकों की बोर्ड मीटिंग में मौजूदगी उल्लेखनीय रूप से बेहतर हुई है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। एक्सिलेंस इनेबलर्स के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में निदेशक मंडल की बैठक में किसी भी निदेशक की उपस्थिति शून्य नहीं थी। इसके उलट वित्त वर्ष 2022-23 में 14 निदेशकों की उपस्थिति शून्य थी। वित्त वर्ष 2021-22 में ऐसे नौ निदेशक थे जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में तीन निदेशक किसी भी बोर्ड बैठक में शामिल नहीं हुए थे। देश की 13 महारत्न और 20 नवरत्न कंपनियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, निदेशक मंडल की प्रत्येक बैठक में कार्यकारी एवं गैर-कार्यकारी दोनों ही तरह के निदेशकों को मौजूद होना चाहिए। उनकी अनुपस्थिति केवल असाधारण कारणों से ही होनी चाहिए। कानूनी रूप से यह अनिवार्य है कि हर निदेशक प्रति वर्ष कम से कम एक बोर्ड मीटिंग में शामिल हो। लेकिन सर्वेक्षण में यह पाया गया कि इस मानक का या कि यह मानक स्पष्ट रूप से असंतोषजनक है। सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती है कि पिछले वित्त वर्ष में शून्य उपस्थिति वाले निदेशकों की नियुक्ति को समाप्त करने के प्रश्न पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
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ठाणे. महाराष्ट्र के पनवेल स्थित एक आवासीय परिसर में एक महिला ने कथित तौर पर अपनी आठ वर्षीय बेटी को 29वीं मंजिल के फ्लैट से धक्का दे दिया और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार सुबह आठ बजे पलास्पे में घटी।
पनवेल पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया, "मैथिली दुआ (37) नामक महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ थी। उसने अपने बच्ची को धक्का देकर मार डाला और फिर खुद भी कूद गई। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।"