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नयी दिल्ली. दबाव में गोल खाने से लेकर मानसिक तौर पर मजबूत होने तक भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एक लंबा सफर तय किया है और कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस ओलंपिक में लगातार कांस्य पदक जीतने के दौरान अपने खिलाड़ियों के संयम का श्रेय मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन और स्विट्जरलैंड के ‘एंडवेंचर' माइक हॉर्न के साथ तीन दिवसीय ‘बूट शिविर' को दिया। हरमनप्रीत ने शनिवार को देश लौटने के बाद कहा, ‘‘हां, निश्चित रूप से इस टीम की मानसिक दृढ़ता पूरी तरह से अलग है। हम एकजुट हैं और मुश्किल परिस्थितियों में हमने एक-दूसरे का समर्थन किया और एक-दूसरे को प्रेरित किया। '' उन्होंने कहा, ‘‘पहले मैच से लेकर आखिरी मैच तक हम एक इकाई के तौर पर खेले और स्वर्ण पदक की कोशिश में एक-दूसरे का समर्थन किया। निश्चित रूप से पैडी अपटन की इसमें बड़ी भूमिका है। ओलंपिक से पहले माइक हॉर्न के साथ तीन दिवसीय शिविर ने भी हमारे रिश्ते को और मजबूत बनाया इसलिए मानसिक रूप से हम अच्छी स्थिति में थे। '' 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के साथ भी काम कर चुके अपटन पिछले साल जून में हॉकी टीम से जुड़े थे। पेरिस जाने से पहले हॉर्न के साथ शिविर लगाने का विचार उनका था। स्विटजरलैंड में तीन दिवसीय शिविर में ग्लेशियर पर चलना, साइकिल चलाना, चढ़ाई करना और झरने से नीचे उतरना जैसी गतिविधियां शामिल थीं। हरमनप्रीत ने कहा कि जब टीम ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में नर्वस परिस्थितियों का सामना कर रही थी तो यह मददगार साबित हुआ। इस मैच में अमित रोहिदास को रेड-कार्ड दिए जाने के बाद टीम 40 मिनट से अधिक समय तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेली थी। टीम ने ब्रिटेन को निर्धारित समय में 1-1 से बराबरी पर ही नहीं रोका बल्कि स्टार गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन की बदौलत शूटआउट में भी जीत दर्ज की। यह उस टीम के लिए एक शानदार परिणाम था, जिसकी छवि अंतिम अवसर पर गोल खाने की थी। हरमनप्रीत और उनके खिलाड़ियों ने पेरिस में शानदार प्रदर्शन करके अपनी छवि को पूरी तरह से बदल दिया और श्रीजेश को इसका श्रेय दिया जा सकता है जिन्होंने भारत का पेरिस अभियान खत्म होने के बाद संन्यास ले लिया। हरमनप्रीत चाहते हैं कि यह अनुभवी गोलकीपर कुछ और समय तक खेलता रहे लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने करीबी दोस्त की ओलंपिक पदक के साथ संन्यास लेने की इच्छा को समझते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीजेश और मैं भाई की तरह हैं, हम लंबे समय से साथ-साथ खेलते आए हैं। हां, मैं चाहता हूं कि वह कुछ और साल खेलना जारी रखे, लेकिन आखिरकार यह पूरी तरह से उसका निजी फैसला है और हमें उसका समर्थन करना चाहिए। '' उन्होंने कहा, ‘‘वह एक महान खिलाड़ी हैं और भारतीय हॉकी को तभी फायदा होगा जब वह कोच के तौर पर भारतीय जूनियर टीम से जुड़ें।
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पेरिस. भारतीय पहलवान रीतिका हुड्डा को पेरिस ओलंपिक महिला कुश्ती के 76 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान की एइपेरी मेतेट के खिलाफ बराबरी के बाद आखिरी अंक गंवाने के कारण हार का सामना करना पड़ा। अपना पहला ओलंपिक खेल रही 21 साल की रीतिका ने शीर्ष वरीयता प्राप्त पहलवान को कड़ी टक्कर दी और शुरुआती पीरियड में एक अंक की बढ़त बनाने में सफल रही। दूसरे पीरियड में रीतिका ने कड़ी टक्कर देने के बावजूद ‘पैसिविटी (अति रक्षात्मक रवैया) ' के कारण एक अंक गंवाया जो इस मैच का आखिरी अंक साबित हुआ। नियमों के अनुसार मुकाबला बराबर रहने पर आखिरी अंक बनाने वाले खिलाड़ी को विजेता घोषित किया जाता है।
किर्गिस्तान की पहलवान अगर फाइनल में पहुंचती है तो रीतिका के पास रेपेचेज से कांस्य पदक हासिल करने का मौका होगा। इस भारवर्ग में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली पहलवान रीतिका ने इससे पहले तकनीकी श्रेष्ठता से जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने प्री-क्वार्टर फाइनल में हंगरी की बर्नाडेट नैगी को 12-2 से तकनीकी श्रेष्ठता से हराया। रीतिका पहले पीरियड में 4-0 से आगे थी लेकिन उन्होंने दूसरे पीरियड में शानदार प्रदर्शन कर आठवीं वरीयता प्राप्त पहलवान को ज्यादा मौके नहीं दिये। रीतिका ने रक्षात्मक खेल के साथ शुरुआत की और हंगरी की पहलवान के आक्रमण को शानदार तरीके से रोकने में सफल रही। रीतिका को इसके बाद पैसिविटी के कारण रेफरी ने चेतावनी दी और इस पहलवान के पास अगले 30 सेकंड में अंक बनाने की चुनौती थी। बर्नाडेट ने रीतिका के पैर पर आक्रमण किया लेकिन भारतीय पहलवान ने ‘फ्लिप'कर शानदार बचाव के बाद पलटवार के साथ दो बार दो अंक हासिल करने में सफल रही। शुरूआती पीरियड में 0-4 से पिछड़ने वाली हंगरी की पहलवान ने दो अंक हासिल कर वापसी की लेकिन रीतिका ने इसके बाद उन्हें कोई मौका नहीं दिया। रीतिका ने प्रतिद्वंद्वी को टेकडाउन कर दो अंक हासिल करने के बाद लगातार तीन बार अपने दांव पर दो-दो अंक हासिल किए जिससे रेफरी को 29 सेकंड पहले ही मैच को रोकना पड़ा। -
पेरिस. भाला फेंक सुपरस्टार नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम मैदान पर अपनी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और मैदान के बाहर पक्की दोस्ती से भारत और पाकिस्तान के युवाओं को प्रेरित करने और इस खेल से जोड़ने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए तैयार हैं। नदीम ने पेरिस ओलंपिक की पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में 92.97 मीटर के शानदार थ्रो से ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि अपने खिताब का बचाव कर रहे चोपड़ा ने 89.45 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से रजत पदक जीता। चोपड़ा से जब पूछा गया कि क्या दोनों की सफलता से भारत और पाकिस्तान दोनों में एथलेटिक्स लोकप्रिय होगी तो उन्होंने कहा, ‘‘यह पहले से ही बहुत बढ़ चुकी है। हम पहले से ही भारत में अधिक प्रतिभाशाली भाला फेंक एथलीट देख रहे हैं। पाकिस्तान में भी यही हो रहा है। '' चोपड़ा ने ‘जियो सिनेमा' से कहा, ‘‘जब हम एशियाई खेलों में गये। अरशद घुटने की चोट के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं कर सके तो उनकी जगह खेलने आए यासिर सुल्तान ने बहुत अच्छे थ्रो फेंके। अरशद का पदक और अधिक बच्चों को प्रेरित करेगा जो बहुत बढ़िया है। '' चोपड़ा पिछले साल चीन के हांग्झोउ में हुए एशियाड का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। यह पूछने पर कि क्या भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता क्रिकेट से हटकर भाला फेंक में बदल जायेगी तो इस पर चोपड़ा ने कहा, ‘‘यह तभी संभव होगा जब हमारे पास क्रिकेट की तरह काफी प्रतियोगितायें हों। हमारे पास दो बड़ी प्रतियोगितायें हैं। चार साल में ओलंपिक और दो साल में विश्व चैंपियनशिप। '' पानीपत के पास खंडरा गांव के 26 वर्षीय चोपड़ा ने कहा, ‘‘अगर अधिक प्रतियोगितायें होती तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखेंगे जैसे डायमंड लीग और कुछ अन्य प्रतियोगिताओं को देखते हैं। '' 27 वर्षीय नदीम ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं। भाग लेने वाले सैकड़ों देशों में से पाकिस्तान और भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया। नीरज ने बुडापेस्ट में (2023) विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और यह मेरे लिए एक सुनहरा पल है। '' नदीम ने कहा, ‘‘हमारी दोस्ती बहुत मजबूत है और मैं चाहता हूं कि यह लंबे समय तक जारी रहे। ''
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने स्वर्ण पदक वाले ओलंपिक रिकॉर्ड थ्रो की क्लिप कितनी बार देखी है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसे कई बार देखा और मुझे लगता है कि मैं इससे भी बेहतर कर सकता हूं। मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं अपनी इस क्षमता का प्रदर्शन कर पाऊंगा। '' -
नई दिल्ली। भारत की स्वर्ण पदक की सबसे बड़ी उम्मीद और पिछले चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक की भालाफेंक स्पर्धा में 89.45 के सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ रजत पदक जीता। जबकि, पाकिस्तान के अरशद नदीम को स्वर्ण पदक( मिला । नीरज का दूसरा थ्रो ही उनका एकमात्र वैध थ्रो रहा जिसमें उन्होंने 89 . 45 मीटर फेंका। इसके अलावा उनके पांचों प्रयास फाउल रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा को रजत पदक जीतने पर बधाई दी।प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा- , "नीरज चोपड़ा उत्कृष्टता के साक्षात उदाहरण हैं! उन्होंने बार-बार अपनी प्रतिभा दिखाई है। भारत को खुशी है कि वह एक बार फिर ओलंपिक में सफल रहे हैं। रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। वह आने वाले अनगिनत एथलीटों को अपने सपनों को पूरा करने और हमारे देश को गौरवान्वित करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।" - चंडीगढ़। भारतीय हॉकी टीम ने गुरुवार को स्पेन को 2-1 से मात देकर पेरिस ओलंपिक्स 2024 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह ने इतिहास रचने वाली भारतीय टीम को बधाई दी है।भगवंत सिंह ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने कांस्य पदक के लिए हुए मैच के दौरान शानदार खेल का प्रदर्शन कर स्पेन को 2-1 से हराकर पूरे देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित मैच में भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए अपनी टीम को जीत की ओर अग्रसर किया। टीम में कप्तान हरमनप्रीत सिंह और वाइस-कप्तान सहित 10 खिलाड़ी पंजाब के हैं, जिन्होंने ओलंपिक खेलों में शानदार हॉकी खेली। हरमनप्रीत सिंह ने 10 गोल किए। इन खिलाड़ियों को राज्य सरकार की नीति के अनुसार एक-एक करोड़ रुपए के नकद इनाम से नवाजा जाएगा।
- पेरिस,। भारतीय हॉकी टीम के कोच क्रेग फुल्टोन ने कांस्य पदक से अधिक की उम्मीद की थी लेकिन उन्हें खुशी है कि ‘अंडरडॉग' भारतीय टीम ने निराशा से उबरकर पदक जीता । भारत ने स्पेन को 2 . 1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया । फुल्टोन ने कहा ,‘‘ हम इससे खुश नहीं है । हम पदक का बेहतर रंग चाहते थे लेकिन नहीं हुआ । लेकिन उसके बाद यही कर सकते थे कि पदक जीतकर ही लौटें ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ सबसे बड़ी बात यह है कि हम एक टीम बने और वह भी बहुत कम समय में । हमें विश्वास की जरूरत थी जो सबसे अहम है । हमने एशियाई खेलों से शुरूआत की हालांकि आस्ट्रेलिया में और प्रो लीग में कठिन समय भी देखा।'' उन्होंने कहा ,‘‘ हमें पता था कि हम पदक जीत सकते हैं । हम यहां अंडरडॉग की तरह आये थे । किसी ने सोचा नहीं था कि हम सेमीफाइनल में होंगे ।
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पेरिस । भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद कहा कि सपना स्वर्ण का था लेकिन लगातार दूसरे ओलंपिक में कांस्य जीतकर इस टीम ने साबित कर दिया है कि यह दुनिया में किसी भी टीम को हरा सकती है । पेरिस ओलंपिक में दस गोल करने वाले हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ सबसे अहम बात है कि हमने लगातार दो ओलंपिक पदक जीते जो साबित करते हैं कि भारतीय हॉकी का ग्राफ ऊपर जा रहा है । हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं । यह देश के लिये और हमारे लिये बड़ी बात है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ इस मुकाम पर इंतजार लंबा होता है । एक हॉकी खिलाड़ी के लिये यह आसान नहीं होता । हमें खुशी है कि हम एक टीम की तरह खेले और एक दूसरे पर भरोसा रखा । कोचों को भी धन्यवाद ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ हमारा सपना स्वर्ण पदक जीतने का था और सभी को भरोसा था कि हम जीतेंगे । मैं माफी मांगना चाहता हूं क्योंकि हम करीब से चूक गए लेकिन यह पदक भी हमारे लिये सब कुछ है ।''
- नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और खेल जगत के दिग्गजों ने गुरुवार को पेरिस ओलंपिक में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम को बधाई दी। राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर हमारी हॉकी टीम को हार्दिक बधाई। पांच दशक से भी अधिक समय के बाद भारत ने लगातार दो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता है। ’’भारतीय हॉकी टीम ने प्लेऑफ में स्पेन को 2 . 1 से हराकर पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया । भारत ने 50 साल बाद ओलंपिक में लगातार दूसरी बार पदक जीता । इसके साथ ही ओलंपिक में आठ बार की चैम्पियन भारतीय हॉकी टीम का यह 13वां पदक है ।उन्होंने लिखा, ‘‘भारतीय हॉकी के पुनरुत्थान के लिए टीम प्रशंसा की पात्र है। उन्होंने भारत को गौरवान्वित किया है। इस टीम द्वारा दिखाई गई निरंतरता, कौशल, एकजुटता और लड़ने की भावना हमारे युवाओं को प्रेरित करेगी। ‘वेल डन’ भारतीय हॉकी टीम। ’’ मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एक ऐसी उपलब्धि जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। ’’ उन्होंने लिखा, ‘‘भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता। यह और भी खास है क्योंकि यह ओलंपिक में उनका लगातार दूसरा पदक है। ’’उन्होंने खिलाड़ियों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘उनकी सफलता कौशल, दृढ़ता और टीम भावना की जीत है। उन्होंने बहुत हिम्मत और लचीलापन दिखाया। खिलाड़ियों को बधाई। हर भारतीय का हॉकी से भावनात्मक जुड़ाव है और यह उपलब्धि हमारे देश के युवाओं के बीच इस खेल को और भी लोकप्रिय बनाएगी। ’’भारत के लिये कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने 30वें और 33वें मिनट में गोल दागा । वहीं स्पेन के लिये मार्क मिरालेस ने 18वें मिनट में गोल किया ।इस जीत के साथ ही भारतीय हॉकी के अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया । गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा, ‘‘क्या शानदार प्रदर्शन। पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर हमारी पुरुष हॉकी टीम को बहुत-बहुत बधाई। आपका दमदार प्रदर्शन और बेहतरीन खेल भावना खेल के लिए एक नया जोश जगाएगी। आपकी उपलब्धि ने देश का गौरव बढ़ाया है। ’’देश के लिए व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने इस जीत को बेमिसाल बताया, जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी।2008 बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीतने वाले बिंद्रा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारतीय पुरुष हॉकी टीम, हर कदम पर साहस के साथ, आपने कांस्य पदक जीता जो सोने की चमक से दमक रहा है। आप भी ने गर्व के साथ तिरंगा फहराया, हमें एक ऐसा पल देने के लिए आप सभी का धन्यवाद जो पीढ़ियों तक हमारे दिलों में गूंजता रहेगा। ’’ खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि यह जीत भारतीय खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता का सबूत है। उन्होंने कहा, ‘‘आपके असाधारएा प्रदर्शन और ‘टीम वर्क’ ने भारतीय खेलों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाया। यह जीत देश के लिए गर्व का पल है और आपकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ’’भारत के 1975 हॉकी विश्व कप विजेता कप्तान रहे अजितपाल सिंह ने कहा ,‘‘ इन खेलों में भारतीय टीम ने जो एकजुटता और जुझारूपन दिखाया, वह काबिले तारीफ है । स्वर्ण पदक जीतना सपना सच होने जैसा होता लेकिन इस प्रदर्शन से भी युवाओं को हॉकी खेलने की प्रेरणा मिलेगी।’’ पूर्व कप्तान जफर इकबाल ने कहा ,‘‘ इस टीम की मानसिक दृढता अलग ही तरह की है । इतनी कठिन प्रतिस्पर्धा में आप जीतें या हारें लेकिन इस तरह की मानसिक ताकत होनी चाहिये ।’ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने 50 साल बाद ओलंपिक में लगातार पदक जीतने को ऐतिहासिक उपलब्धि करार करते हुए लिखा, ‘‘भारत ने 52 साल के लंबे अंतराल के बाद हॉकी में लगातार दो ओलंपिक पदक जीते हैं। ’’ महान क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्य ने इस जीत को शानदार प्रयास बताते हुए कहा, ‘‘लगातार दूसरा ओलंपिक कांस्य पदक जीतने पर भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बहुत बधाई। हमारे खिलाड़ियों का शानदार प्रयास। ’’
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नयी दिल्ली. पेरिस ओलम्पिक में 50 किलोग्राम स्पर्धा के फाइनल मुकाबले से पहले पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने के बाद फिल्म जगत के कलाकारों ने उनका समर्थन किया है। आलिया भट्ट और करीना कपूर खान तथा अभिनेता फरहान अख्तर जैसे कलाकारों ने उन्हें “जीवंत हस्ती” और “सर्वकालिक चैंपियन” बताते हुए उनकी प्रशंसा की। ओलम्पिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान बनकर मंगलवार को इतिहास रचने वाली फोगाट को बुधवार को मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया और इसके साथ ही पदक जीतने का उनका सपना अधूरा रह गया। खान ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “विनेश फोगाट, जीवंत हस्ती। पेरिस ओलम्पिक 2024।
भट्ट ने फोगाट को पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, कोई भी आपसे आपका वह धैर्य, साहस और परिश्रम नहीं छीन सकता, जिसके दम पर आपने इतिहास रचा। आज आपके साथ-साथ हमारा भी दिल टूटा है, लेकिन आप तो खुद ही सोना हो, फौलाद हो। कोई आपसे यह नहीं छीन सकता। सर्वकालिक चैंपियन! आपके जैसा कोई नहीं।” अख्तर ने कहा कि स्वर्ण पदक तक पहुंचने का विनेश का सफर इस तरह खत्म होने से उनका दिल टूट गया है, लेकिन उन्होंने जो हासिल किया है, उसपर उन्हें बहुत गर्व है। अख्तर ने लिखा, “प्रिय विनेश फोगाट..आपको जो दुख हुआ होगा उसकी कोई केवल कल्पना ही कर सकता है। आपका सफर इस तरह खत्म होने से दिल टूट गया है। लेकिन कृपया यह बात जान लें कि हम सभी को आप पर और आपने खेल के लिए जो किया है, उसपर बहुत गर्व है। आप हमेशा चैंपियन और लाखों लोगों की प्रेरणास्रोत रहेंगी। इसके अलावा अभिनेत्रियों- सना फातिमा शेख, भूमि पेडनेकर और स्वरा भास्कर, फिल्मकार जोया अख्तर, अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने भी विनेश को अयोग्य करार दिए जाने पर दु:ख जताया। - पेरिस. मौजूदा चैम्पियन भारत के भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को यहां पेरिस ओलंपिक में इस सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ फाइनल में क्वालीफाई करने के बाद कहा कि वह अपने पहले प्रयास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की कोशिश करते हैं। चोपड़ा ने ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर का थ्रो किया जो उनके करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है जो उन्होंने 2022 में हासिल किया था। उन्होंने इस प्रदर्शन के बाद मीडिया से बातचीत को संक्षिप्त रखने की गुजारिश करते हुए कहा, ‘‘मैं पहले प्रयास में अच्छा करने की कोशिश करता हूं लेकिन यह हमेशा कारगर नहीं होता।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बातचीत (मीडिया से) को जितनी जल्दी खत्म करेंगे मुझे विश्राम करने का उतना अधिक समय मिलेगा।'' चोपड़ा ने कहा, ‘‘ऐसा पहले भी हुआ है जब मेरा शुरुआती थ्रो अच्छा नहीं रहा है लेकिन मैं पहले प्रयास में बेहतर करने की कोशिश करता हूं।'' चोपड़ा के प्रदर्शन ने उनकी चोट को लेकर चिंताओं को भी दूर कर दिया। उन्होंने कहा कि वह गुरुवार को फाइनल के लिए अच्छी स्थिति में हैं। इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैं अब बेहतर हूं। मैं फाइनल पर ध्यान केंद्रित करूंगा। मैं इसे ध्यान में रखने और ठीक से अभ्यास करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं अब बेहतर महसूस कर रहा हूं। मैं फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा।'' चोपड़ा ने स्वीकार किया कि फाइनल में चुनौती पूरी तरह से अलग होगी।उन्होंने कहा, ‘‘फाइनल में हर किसी की मानसिकता अलग होती है। हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमने अच्छी शुरुआत की है और हम फाइनल के लिए जितना बेहतर तैयार होंगे, उतना बेहतर होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत आश्वस्त हूं और अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित हूं। मैं फाइनल के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ बचाने की कोशिश कर रहा हूं। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं और बेहतर तैयारी के साथ आने की कोशिश करूंगा।'' यह पूछे जाने पर कि क्वालीफिकेशन दौर से पहले और बाद में उन्हें कैसा महसूस हुआ, उन्होंने कहा, ‘‘थ्रो से पहले मैंने सोचा था कि अगर मैं इसे पहले प्रयास में कर लेता हूं तो यह बहुत अच्छा होगा। इससे मुझे अभ्यास और आराम करने का अतिरिक्त समय मिल जायेगा। थ्रो के बाद मुझे बहुत अच्छा लगा कि मैं फाइनल के लिए तैयार हूं।'' क्वालीफिकेशन का आयोजन दिन में हुआ था जबकि फाइनल का आयोजन शाम को होगा और उस समय मौसम दिन के मुकाबले ठंडा होगा। चोपड़ा ने कहा, ‘‘यह थोड़ा ठंडा होने वाला है और निश्चित रूप से फाइनल के लिए मानसिकता अलग होगी। यह एक अच्छी और कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी।'' फाइनल में सबसे कड़े प्रतिद्वंद्वी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ जिस ने भी स्वत: क्वालीफाई किया है वह कड़ी चुनौती पेश करेगा।
- मुंबई. एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पवन सहरावत और प्रदीप नरवाल उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन पर प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) की 15 और 16 अगस्त को यहां होने वाली नीलामी में बोली लगाई जाएगी। फ्रेंचाइजी टीमों ने पीकेएल के 11वें सत्र से पहले 88 खिलाड़ियों को रिटेन किया है। इनमें दबंग दिल्ली के रेडर आशु मलिक और नवीन कुमार भी शामिल हैं। पुणेरी पलटन ने दसवें सत्र के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी असलम इनामदार जबकि जयपुर पिंक पैंथर्स ने अपने स्टार रेडर अर्जुन देशवाल को रिटेन किया है। नीलामी के लिए घरेलू और विदेशी खिलाड़ियों को उनके आधार मूल्य के अनुसार चार श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। खिलाड़ियों को प्रत्येक श्रेणी के भीतर ‘ऑलराउंडर्स', ‘डिफेंडर्स' और ‘रेडर्स' के रूप में रखा जाएगा। नीलामी के लिए 500 से अधिक खिलाड़ियों ने पंजीकरण करवाया है।
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पेरिस। विश्व चैम्पियन जर्मनी ने भारतीय हॉकी टीम का 44 साल बाद ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सपना मंगलवार को सेमीफाइनल में उसे 3.2 से हराकर तोड़ दिया। अपने अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास के बिना उतरी भारतीय टीम ने आज दबाव में कई गलतियां की जिसका जर्मनी ने पूरा फायदा उठाया । भारत के लिये सातवें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने और 36वें मिनट में सुखजीत सिंह ने गोल किया जबकि जर्मनी के लिये गोंजालो पेयाट ने 18वें, क्रिस्टोफर रूर ने 27वें और मार्को मिल्टकाउ ने 54वें मिनट में गोल दागे । भारतीय टीम अब आठ अगस्त को कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन से खेलेगी जबकि फाइनल नीदरलैंड और जर्मनी के बीच खेला जायेगा ।
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नयी दिल्ली. पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को मंगलवार को पार्ल रॉयल्स ने एसए20 के तीसरे सत्र के लिए अनुबंधित किया जिससे वह अगले साल नौ जनवरी से शुरू होने वाली दक्षिण अफ्रीकी टी20 क्रिकेट लीग से जुड़ने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन गए। आईपीएल में लंबे समय तक खेलने वाले 39 वर्षीय कार्तिक ने इस साल जून में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था और उन्हें आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने मेंटर (मार्गदर्शक) सह बल्लेबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया है। भारत के लिए तीनों प्रारूपों में 180 मैच खेलने वाले कार्तिक ने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका में खेलने और वहां जाने की मेरी बहुत सारी यादें हैं और जब यह अवसर आया तो मैं मना नहीं कर सका क्योंकि प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापस आना और रॉयल्स के साथ इस अविश्वसनीय प्रतियोगिता को जीतना कितना खास होगा।'' कार्तिक ने पिछला प्रतिस्पर्धी टी20 मैच आईपीएल 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए खेला था। उन्होंने 2024 सत्र में 14 मैच में 187.36 के स्ट्राइक रेट से 326 रन बनाए थे। कार्तिक ने भारत के लिए आखिरी मैच 2022 में ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्व कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। एक दिन पहले लीग के दूत बनाए गए कार्तिक ने कहा, ‘‘मैं पार्ल रॉयल्स टीम में शामिल होकर बहुत खुश हूं जिस टीम में काफी अनुभव, गुणवत्ता और क्षमता है। मैं निश्चित रूप से इस समूह में शामिल होने और एक रोमांचक सत्र में योगदान देने के लिए उत्सुक हूं।''
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पेरिस. तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर कर्णम मल्लेश्वरी से आगे निकलने वाली मीराबाई चानू पिछले कुछ समय में चोटों से जूझने के बावजूद बुधवार को यहां पेरिस ओलंपिक खेलों में पोडियम पर पहुंचकर दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली भारोत्तोलक बनने का प्रयास करेंगी। मीराबाई ने पिछले ओलंपिक खेलों के पहले दिन ही पदक जीतकर भारत का खाता खोला था और काफी सुर्खियां बटोरी थी लेकिन इसके बाद वह चोटों से परेशान रही जिसके कारण पेरिस ओलंपिक के लिए अच्छी तरह से तैयारी नहीं कर पाई। तोक्यो ओलंपिक के बाद उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन राष्ट्रमंडल खेल 2022 में रहा जहां उन्होंने 201 किग्रा (88 किग्रा और 113 किग्रा) उठाया। उन्होंने तोक्यो में 202 किग्रा (87 किग्रा और 115 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक जीता था। मीराबाई अपने पसंदीदा 49 किग्रा भार वर्ग में चुनौती पेश करेगी और अगर वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहराने में सफल रहती है तो फिर रजत या कांस्य पदक जीत सकती हैं। इस वजन वर्ग में चीन की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन होउ झिहुई फिर से स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार हैं। मीराबाई ने कूल्हे की चोट से उबरने के बाद वापसी की है लेकिन उनकी फिटनेस को लेकर अब भी कयास लगाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा ने हालांकि दावा किया कि मणिपुर की रहने वाली यह खिलाड़ी पूरी तरह से फिट है। शर्मा ने पीटीआई से कहा,‘‘हम जानते हैं कि मीराबाई को 200 किग्रा से अधिक वजन उठाना होगा। उनके लिए इस बार 202 किग्रा में कटौती नहीं की जाएगी लेकिन उन्हें 205-206 किग्रा तक जाना चाहिए। हम चुनौती के लिए तैयार हैं।'' हालांकि यह कहना जितना आसान है करना उतना आसान नहीं है क्योंकि यह भारोत्तोलक पिछली कुछ प्रतियोगिताओं में संघर्ष करती हुई नजर आई। गुरुवार को 30 साल की होने वाली मीराबाई की नजर जहां अपने प्रतिद्वंद्वियों के प्रदर्शन पर होगी वहीं उन्हें खुद को मिलने वाली चुनौती से भी पार पाना होगा। उत्तर कोरिया की एशियाई खेलों की चैंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारक री सोंग गम की अनुपस्थिति के बावजूद 49 किग्रा में प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी है और पिछले एक महीने से पेरिस में तैयारी कर रही मीराबाई को किसी भी तरह की गलती करने से बचना होगा।
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मार्सिले (फ्रांस). स्पेन ने पहले हाफ में पिछड़ने के बाद स्थानापन खिलाड़ी जुआनलू सांचेज़ के गोल की मदद से मोरक्को को 2-1 से हराकर लगातार दूसरी और रिकॉर्ड पांचवीं बार ओलंपिक खेलों की पुरुष फुटबॉल प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश किया। स्पेन फाइनल में मेजबान फ्रांस से भिड़ेगा जिसने एक अन्य सेमीफाइनल में मिस्र को 3-1 से पराजित किया। पिछले 32 वर्षों में यह पहला अवसर होगा जबकि यूरोप की कोई टीम स्वर्ण पदक जीतेगी। सांचेज़ ने स्टेड डे मार्सिले में 85वें मिनट में गोल करके स्पेन को फाइनल में पहुंचाया। इससे पहले टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल करने वाले सूफियाने रहीमी के 37वें मिनट में पेनल्टी को गोल में बदलने से मोरक्को मध्यांतर तक 1-0 से आगे था। फ़र्मिन लोपेज़ ने 65वें मिनट में स्पेन की तरफ से बराबरी का गोल किया। बार्सिलोना ओलंपिक 1992 में स्वर्ण पदक जीतने वाला स्पेन तीन साल पहले ताेक्यो खेलों के फाइनल में ब्राजील से हार गया था। स्पेन की महिला टीम भी फाइनल में पहुंच चुकी है जहां उसका सामना ब्राजील से होगा। स्पेन पांचवीं बार ओलंपिक फुटबॉल के फाइनल में पहुंचा है और इस तरह से उसने ब्राजील की बराबरी की है।
अन्य सेमी फाइनल में फ्रांस भी मिस्र से एक समय पीछे चल रहा था लेकिन जीन फिलिप माटेटा ने दो गोल करके फाइनल में उसकी जगह सुनिश्चित की। मिस्र महमूद सेबर के 62वें मिनट में किए गए गोल की मदद से बढ़त बनाने के बाद उलटफेर की ओर बढ़ रहा था। माटेटा ने 83वें मिनट में बराबरी का गोल करके मैच को अतिरिक्त समय में खींच दिया। माटेटा ने 99वें मिनट में अपना दूसरा गोल किया। फ्रांस की तरफ से तीसरा गोल माइकल ओलिसे ने 108वें मिनट में किया। मिस्र और मोरक्को के बीच कांस्य पदक के लिए मुकाबला होगा। - नयी दिल्ली।' पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को मंगलवार को पार्ल रॉयल्स ने एसए20 के तीसरे सत्र के लिए अनुबंधित किया जिससे वह अगले साल नौ जनवरी से शुरू होने वाली दक्षिण अफ्रीकी टी20 क्रिकेट लीग से जुड़ने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन गए। आईपीएल में लंबे समय तक खेलने वाले 39 वर्षीय कार्तिक ने इस साल जून में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था और उन्हें आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने मेंटर (मार्गदर्शक) सह बल्लेबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया है। भारत के लिए तीनों प्रारूपों में 180 मैच खेलने वाले कार्तिक ने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका में खेलने और वहां जाने की मेरी बहुत सारी यादें हैं और जब यह अवसर आया तो मैं मना नहीं कर सका क्योंकि प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापस आना और रॉयल्स के साथ इस अविश्वसनीय प्रतियोगिता को जीतना कितना खास होगा।'' कार्तिक ने पिछला प्रतिस्पर्धी टी20 मैच आईपीएल 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए खेला था। उन्होंने 2024 सत्र में 14 मैच में 187.36 के स्ट्राइक रेट से 326 रन बनाए थे। कार्तिक ने भारत के लिए आखिरी मैच 2022 में ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्व कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। एक दिन पहले लीग के दूत बनाए गए कार्तिक ने कहा, ‘‘मैं पार्ल रॉयल्स टीम में शामिल होकर बहुत खुश हूं जिस टीम में काफी अनुभव, गुणवत्ता और क्षमता है। मैं निश्चित रूप से इस समूह में शामिल होने और एक रोमांचक सत्र में योगदान देने के लिए उत्सुक हूं।''
- कोलंबो। पहले दो मैच में बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन से आहत भारतीय क्रिकेट टीम को अगर श्रीलंका से 27 साल बाद श्रृंखला गंवाने से बचना है तो उसको बुधवार को यहां होने वाले तीसरे और अंतिम एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा। गौतम गंभीर की मुख्य कोच के रूप में यह पहली वनडे श्रृंखला है और वह निश्चित तौर पर हार के साथ शुरुआत नहीं करना चाहेंगे। भारत को श्रीलंका के खिलाफ आखरी बार वनडे श्रृंखला में हार का सामना 1997 में करना पड़ा था। अर्जुन रणतुंगा की अगुवाई वाली टीम ने तब सचिन तेंदुलकर की भारतीय टीम को तीनों मैच में हराया था। भारत और श्रीलंका के बीच तब से 11 वनडे श्रृंखलाएं हो चुकी है और इन सभी में भारतीय टीम विजयी रही।भारत वर्तमान श्रृंखला को नहीं जीत पाएगा क्योंकि पहला मैच टाई छूटने के बाद दूसरे मैच में उसे 32 रन से हार का सामना करना पड़ा था। अब उसकी निगाह श्रृंखला बराबर करने पर टिकी हैं। भारत बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण इस स्थिति में पहुंचा है। आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिल रही है और कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर भारत का कोई भी अन्य बल्लेबाज श्रीलंका के स्पिनरों का डटकर सामना नहीं कर पाया है। स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अभी तक दो मैच में 38 रन ही बना पाए हैं। उन्होंने आसानी से अपना विकेट गंवाया है जो टीम के लिए चिंता का विषय है। कोहली इस मैच में उसकी भरपाई करने की पूरी कोशिश करेंगे। कोहली को रोहित से मिली आक्रामक शुरुआत को ही आगे बढ़ाने की जरूरत है लेकिन अभी तक वह इसमें नाकाम रहे हैं। उन्हें संघर्षरत मध्यक्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर पारी को संवारना होगा। इसके लिए उन्हें और अन्य बल्लेबाजों को रोहित की तरह स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा। श्रीलंका के स्पिनर भारत के अन्य बल्लेबाजों के लिए भी अबूझ पहेली बने हुए हैं। स्पिनरों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिवम दुबे पिछले मैच में जैफ्री वांडरसे की आसान लेग स्पिन को भी नहीं समझ पाए। श्रेयस अय्यर और केएल राहुल भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों को खेलने में असफल रहे हैं। रोहित ने पिछले मैच में 44 गेंद पर 64 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। श्रीलंका के स्पिनर उनके सामने नहीं चल पाए थे। भारत के अन्य बल्लेबाजों को भी अपने कप्तान से सीख लेने की जरूरत है। भारत इस मैच में दुबे की जगह रियान पराग को मौका दे सकता है जो स्पिनरों को अच्छी तरह से खेलते हैं। उनकी स्पिन गेंदबाजी टीम के लिए अतिरिक्त बोनस होगी, क्योंकि भारतीय गेंदबाज भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों की तरह प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैंं। टीम इस प्रकार हैं:भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, मोहम्मद। सिराज, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, रियान पराग, अक्षर पटेल, खलील अहमद, हर्षित राणा। श्रीलंका: चरित असलांका (कप्तान), पाथुम निसांका, अविष्का फर्नांडो, कुसल मेंडिस, सदीरा समरविक्रमा, कामिंदु मेंडिस, जेनिथ लियानगे, निशान मदुश्का, डुनिथ वेललागे, चमिका करुणारत्ने, अकिला धनंजय, मोहम्मद शिराज, महीश थीक्षाना, असिथा फर्नांडो, ईशान मलिंगा , जेफ्री वांडरसे। मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा।
- सेंट डेनिस (फ्रांस)। स्वीडन के आर्मंड डुप्लांटिस ने अपना करिश्माई प्रदर्शन जारी रखते हुए पोल वॉल्ट में नौवीं बार रिकॉर्ड बनाकर पेरिस ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता। एथलेटिक्स में जब दिन की प्रतियोगिताएं समाप्त होने के कगार पर थी तब डुप्लांटिस ने स्टेड डी फ्रांस में 80,000 दर्शकों के सामने 6.025 मीटर की कूद लगाकर अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। ओलंपिक खेलों में उन्होंने पहली बार यह कारनामा किया। लुइसियाना में जन्मे 24 वर्षीय डुप्लांटिस अपनी मां के मूल देश स्वीडन के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। स्वीडन के राजा और रानी भी डुप्लांटिस की इस उपलब्धि के गवाह बने। लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीतकर और एक सेंटीमीटर के अंतर से नौवीं बार रिकॉर्ड तोड़कर डुप्लांटिस अब इस स्पर्धा के सबसे महान खिलाड़ी सर्गेई बुबका के करीब पहुंच गए हैं।
- पेरिस,। गत चैंपियन भारत के नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को यहां ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर के थ्रो के साथ पेरिस ओलंपिक खेलों की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई। ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में सबसे पहले थ्रो करने उतरे नीरज ने 89.34 मीटर से सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए आठ अगस्त को होने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई गया। गत ओलंपिक और विश्व चैंपियन नीरज ने 87.58 मीटर के प्रयास के साथ तोक्यो ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता था। नीरज अब फाइनल में ओलंपिक के इतिहास में खिताब बरकरार रखने वाले पांचवां पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी बनने के इरादे से उतरेंगे। अगर वह खिताब जीतते हैं तो ओलंपिक व्यक्तिगत वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बनेंगे। ओलंपिक की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में अभी तक एरिक लेमिंग (स्वीडन, 1908 और 1912), जोन्नी माइरा (फिनलैंड, 1920 और 1924), चोपड़ा के आदर्श जान जेलेंजी (चेक गणराज्य, 1992 और 1996) और आंद्रियास टी (नॉर्वे, 2004 और 2008) की ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में अपने खिताब का बचाव कर पाए हैं।
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नई दिल्ली। तोक्यो 2020 ने अगर भारतीय पुरुष हॉकी टीम में नई जान फूंकी तो पेरिस 2024 इस बात की पुष्टि करता है कि वह फिर से वैश्विक स्तर की दिग्गज टीम बनने की राह पर है। हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली भारतीय टीम ने 60 मिनट के खेल में करीब 40 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद ना केवल निर्धारित समय तक ब्रिटेन को 1-1 से बराबरी पर रोका बल्कि शूटआउट में 4-2 से हराकर लगातार दूसरी बार ओलंपिक सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
तोक्यो में पुरुष टीम ने कांस्य पदक के रूप में 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीता। इससे उस खेल में नई जान आई जिसमें आठ ओलंपिक स्वर्ण के साथ भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। आखिरी स्वर्ण हालांकि 1980 में आया था। पेरिस में मिली जीत इस बात का आश्वासन है कि टीम सही रास्ते पर है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हॉकी जगत के साथ-साथ आम आदमी भी रविवार को भारत द्वारा दिखाई गई मानसिक दृढ़ता और एकजुटता से आश्चर्यचकित था।विश्व कप 1975 विजेता टीम के कप्तान अजीत पाल सिंह ने कहा, ‘‘आज इन खिलाड़ियों ने जिस तरह की दृढ़ता, जुझारूपन और एकता दिखाई है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। एक खिलाड़ी कम होने के बाद हर खिलाड़ी एक-दूसरे का समर्थन कर रहा था।’’उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से डिफेंस था, वह विश्व स्तरीय था और श्रीजेश बिल्कुल अलग स्तर के खिलाड़ी थे। पूल चरण से लेकर अब तक के सभी मैचों में वह बेहतर होते गए और देश को टीम से एक और पदक की उम्मीद है।’’अजीत पाल ने कहा, ‘‘पेरिस में अब तक का प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि हम अब दुनिया की किसी भी टीम को हरा सकते हैं और इसकी शुरुआत तोक्यो से हुई है।’’भारत के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने भी टीम की एकता और जुझारूपन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक समय में 10 खिलाड़ियों के साथ हॉकी मैच खेलना बहुत मुश्किल है और वह भी ओलंपिक क्वार्टर फाइनल जैसी दबाव वाली स्थिति में। लेकिन आज उन्होंने अपना कौशल दिखाया। श्रीजेश, मनप्रीत (सिंह) और हरमनप्रीत जैसे खिलाड़ियों ने टीम को एकजुट किया और युवाओं ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।’’इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘जिस तरह से उन्होंने आज खेला मुझे नहीं लगता कि वे पेरिस से खाली हाथ लौटेंगे। अगर वे पोडियम पर शीर्ष पर रहते हैं तो हमें आश्चर्य नहीं होगा।’’ पेरिस में स्टैंड में बैठकर मैच देखने वाली भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने भी टीम की प्रशंसा की।उषा ने ट्वीट किया, ‘‘आज शानदार हौसला दिखाया। टीम इंडिया और हॉकी की दीवार श्रीजेश के लिए एक शानदार जीत जिन्होंने शानदार खेल दिखाया। अगले मैच के लिए पूरी टीम को हमारी शुभकामनाएं।’’ पूर्व भारतीय क्रिकेट कोच रवि शास्त्री ने भी सोशल मीडिया पर भारतीय हॉकी टीम और विशेष रूप से श्रीजेश को बधाई दी।उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘‘वाह। यह मैच कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है। इतने लंबे समय तक 10 खिलाड़ियों के साथ डिफेंड बेजोड़ है। श्रीजेश आपने शानदार प्रदर्शन किया। आप सर्वश्रेष्ठ हैं।’’ -
नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए पेनल्टी शूटआउट में ब्रिटेन को 4 . 2 से हराकर पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे पी आर श्रीजेश एक बार फिर भारतीय हॉकी की दीवार साबित हुए और 42 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद भारत ने ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4 . 2 से हराकर पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया । तारीफ करनी होगी भारतीय डिफेंस की जिसने ब्रिटेन के हर हमले का बचाव करते हुए उसे बढत नहीं बनाने दी।
ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और महज एक कामयाबी मिली । निर्धारित समय तक स्कोर 1 . 1 से बराबर रहने पर मुकाबला शूटआउट में गया । शूटआउट में भारत के लिये कप्तान हरमनप्रीत सिंह , सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने गोल दागे जबकि इंग्लैंड के जेम्स अलबेरी और जाक वालांस ही गोल कर सके । कोनोर विलियमसन का निशाना चूका और फिलिप रोपर का शॉट श्रीजेश ने बचाया । तोक्यो ओलंपिक में ब्रिटेन को ही हराकर भारतीय टीम अंतिम चार में पहुंची थी ।श्रीजेश तोक्यो में कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी के खिलाफ भी भारत की दीवार साबित हुए थे और उन्होंने पेरिस ओलंपिक के अब तक के सबसे कठिन मुकाबले में भी अपेक्षाओं पर खरे उतरकर दिखाया । निर्धारित समय में भारत के लिये हरमनप्रीत ने 22वें और ली मोर्टन ने 27वें मिनट में गोल दागा था । रोहिदास को रेड कार्ड मिलने का ब्रिटेन ने फायदा उठाते हुए 19वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन गोल नहीं कर सके ।भारत को जवाबी हमले में 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदला । यह पेरिस ओलंपिक में उनका सातवां गोल था । ब्रिटेन टीम गेंद पर नियंत्रण में भारत पर लगातार भारी रही और 25वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर उसे वैरिएशन आजमाया लेकिन खाता नहीं खुल सका ।अब तक शानदार प्रदर्शन कर रहे भारतीय डिफेंस में पहली बार चूक देखी गई और 27वें मिनट में सर्कल पर से गोल के सामने मिली गेंद को मोर्टन ने गोल के भीतर डाला । तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम फिर गेंद पर नियंत्रण के लिये जूझती नजर आई ।ब्रिटेन ने पहले ही मिनट से आक्रामक खेल दिखाया और 36वें मिनट में उसे पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर फर्लोंग का शॉट श्रीजेश ने बचाया । ब्रिटेन को तीन मिनट बाद आठवां पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर पहला और रिबाउंड दोनों शॉट भारतीय डिफेंडरों ने बचाये । तीसरे क्वार्टर के आखिरी मिनट में सुमित को ग्रीन कार्ड मिलने से चौथे क्वार्टर के पहले दो मिनट भारत को नौ खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा ।ब्रिटेन ने चौथे क्वार्टर में लगातार हमले बोलने का सिलसिला जारी रखा लेकिन भारत की तारीफ करनी होगी कि दस खिलाड़ियों के साथ उसने गोल नहीं गंवाया । इससे पहले शुरूआती क्वार्टर में भारतीय डिफेंस ने जबर्दस्त मुस्तैदी दिखाते हुए ब्रिटेन के कई हमलों को नेस्तनाबूद किया ।दोनों टीमों को पहले 15 मिनट में तीन तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका । इंग्लैंड को पांचवें ही मिनट में रेफरल पर पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास ने जेरेथ फर्लोंग का शॉट बचाया । अगले ही पल मिले दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर जैक वालेर का शॉट भी ओडिशा के इस खिलाड़ी ने बखूबी बचाया ।भारतीय टीम 11वें मिनट में गोल करने के करीब पहुंची जब सुखजीत सिंह गेंद लेकर आगे बढे और हार्दिक सिंह को पास दिया जिन्होंने गेंद मनदीप को सौंपी लेकिन ब्रिटेन के गोलकीपर ओली पेन ने बखूबी बचाव किया । अगले ही मिनट हार्दिक ने शानदार फॉर्म में चल रहे अभिषेक को गोल के सामने पास दिया लेकिन उनका निशाना सही नहीं लगा । अगले मिनट में इंग्लैंड को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर श्रीजेश चूके लेकिन जरमनप्रीत ने जबर्दस्त चुस्ती दिखाते हुए स्टिक से गेंद रोकी और उधर श्रीजेश ने तुरंत उसे बाहर निकाल दिया । भारत को 13वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन हरमनप्रीत के तीनों प्रयास विफल रहे । - पेरिस,। अमेरिका की स्टार जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स ने शनिवार को पेरिस खेलों में महिलाओं के वॉल्ट फाइनल में जीत हासिल करके अपना सातवां ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। सत्ताइस वर्षीय बाइल्स ने अपने चिर पिरचित युर्चेंको डबल पाइक और चेंग वॉल्ट से 15.300 औसत अंक हासिल किए और रियो डि जिनेरियो में जीत के आठ साल बाद इस स्पर्धा में दूसरा स्वर्ण पदक जीता। गुरुवार को ऑलराउंड फाइनल में बाइल्स के बाद उपविजेता रहीं ब्राजील की रेबेका एंड्रेड ने रजत पदक जीता। अमेरिका की जेड कैरी ने कांस्य पदक हासिल किया। बाइल्स दो बार वॉल्ट जीतने वाली दूसरी महिला हैं। इससे पहले चेकोस्लोवाकिया की वेरा कासालावस्का ने भी वॉल्ट स्पर्धा में दो ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने 1964 और 1968 में लगातार दो बार यह खिताब जीता था। बाइल्स के अब तब अपने करियर में 10 ओलंपिक पदक जीते हैं।
- पेरिस। भारत के शुभंकर शर्मा ने आखिर में दो बर्डी लगाकर एक ओवर 72 स्कोर किया लेकिन पेरिस ओलंपिक पुरूष गोल्फ स्पर्धा के तीसरे दौर में दो अंडर के स्कोर के साथ संयुक्त 48वें स्थान पर खिसक गए। शर्मा ने दो बर्डी लगाये और तीन बोगी किये ।भारत के गगनजीत भुल्लर भी संयुक्त 48वें स्थान पर हैं । अमेरिका के जेंडर शॉफेले और स्पेन के जोन राहम ने बढत बना ली है ।
- शेटराउ (फ्रांस),। इतिहास रचने वाली मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में अपनी शानदार उपलब्धि से प्रभावित नहीं हुई हैं लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि यह 22 वर्षीय निशानेबाज भारत आने पर मिली शोहरत और दौलत के बाद भी इस मुकाम पर बनी रह पाती हैं या नहीं। स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनने के बाद मनु ने खुद को तीन महीने का ब्रेक दिलाया है। तीन दिन के अंतराल में दो कांस्य पदक जीतकर मनु भारत के महान खिलाड़ियों की छोटी सूची में शामिल हो गई हैं। शनिवार को तीसरा पदक जीतने की प्रबल संभावना थी लेकिन वह 25 मीटर पिस्टल फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं। मनु ने 10 मीटर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने के बाद सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम पिस्टल स्पर्धा में एक और कांस्य पदक जीता। निशानेबाजी रेंज में उनके निजी कोच जसपाल राणा हमेशा उनके साथ थे और कोई भी इस बात पर भरोसा कर सकता है कि वे मनु को कम से कम तब तक तो जमीन पर ही रखेंगे जब तक वे साथ हैं। हालांकि नकद पुरस्कारों और विज्ञापनों के माध्यम से उन्हें लाखों डॉलर मिलने वाले हैं और ऐसे में केवल खेल पर ध्यान केंद्रित करना एक चुनौती हो सकती है। वह अभी तक भारत वापस नहीं आई हैं लेकिन उनकी प्रबंधन कंपनी को ई-कॉमर्स से लेकर स्किनकेयर उत्पादों तक के वाणिज्यिक गठजोड़ के लिए 40 से अधिक प्रस्ताव मिल चुके हैं।खेलों में शानदार प्रदर्शन के बाद मनु ने कहा कि उनके लिए बदलाव का कोई कारण नहीं है और फिलहाल उनका एकमात्र एजेंडा अगले तीन महीनों में विभिन्न प्रकार के भारतीय भोजन खाना है। मनु ने कहा, ‘‘मैं यह सब (प्रसिद्धि और धन) संभालने के बारे में नहीं जानती। मुझे लगता है कि मैं सिर्फ अपनी निशानेबाजी और इसके आसपास की अन्य दिनचर्या (जिम और योग) पर ही टिकी रहूंगी। भगवान आपको जो देता है उसे स्वीकार करें और जो आपके पास है उससे लोगों की मदद करने का प्रयास करें।'' उन्होंने कहा, ‘‘अभी मैं अगले तीन महीनों तक सिर्फ तरह-तरह के भारतीय पकवान खाना चाहती हूं। मुझे नहीं लगता कि जसपाल सर मुझे सुबह देर तक सोने देंगे। मैं खूब खाऊंगी लेकिन यह भी सुनिश्चित करूंगी कि मैं वर्कआउट भी करूं।'' मनु के कोच और भारत से निकले सबसे बेहतरीन पिस्टल निशानेबाजों में से एक राणा का मानना है कि अगले तीन महीनों में वह जो कुछ भी करती है उससे यह पता चल जाएगा कि वह किस दिशा में जा रही है। जब उनसे पूछा गया कि क्या मनु यहां के प्रदर्शन के बाद भी वैसी ही रहेंगी तो उन्होंने कहा, ‘‘समय ही बताएगा, तीन महीने बाद।'' कोच ने कहा, ‘‘अभी वह बहुत से लोगों के प्रति जवाबदेह है, उसे प्रशंसकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने की जरूरत है। जब आप मशहूर हो जाते हैं तो आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ती है इसलिए हमने तीन महीने पूरी तरह से छुट्टी रखी है।'' मनु यहां स्वर्ण नहीं जीत सकी और इसलिए उन्होंने लॉस एंजिलिस 2028 पर नजरें टिका दी हैं। बहुत से शीर्ष खिलाड़ी ओलंपिक में बार-बार पदक जीतने वाला प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं लेकिन मनु के दृढ़ संकल्प पर अभी सवाल नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं ऐसी व्यक्ति हूं जो निरंतरता की तलाश करती है। लेकिन पहले मैं ऐसी नहीं थी।''प्रतियोगिता खत्म होने के बावजूद मनु को कुछ समय के लिए पेरिस में ही रहना पड़ सकता है, अगर उन्हें समापन समारोह के लिए भारत का ध्वजवाहक घोषित किया जाता है तो। मनु ने कहा, ‘‘यह जीवन भर का सम्मान होगा। यह बहुत बड़ा सौभाग्य होगा लेकिन आईओए इसे जो भी समझे, ऐसे कई भारतीय खिलाड़ी हैं जो मेरे से कहीं ज्यादा हकदार हैं।
- शेटराउ /पेरिस। पेरिस ओलंपिक का आठवां दिन भारत के लिये मायूसी भरा रहा जब निशानेबाजी की ‘मिरेकल गर्ल' मनु भाकर पदकों की हैट्रिक लगाने से मामूली अंतर से चूक गई जबकि दीपिका कुमारी और भजन कौर की हार के साथ तीरंदाजी में भारत का अभियान पदक के बिना खत्म हो गया । भारत के लिये शुक्रवार का दिन अप्रतिम सफलता से भरा रहा था जब बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने पुरूष एकल सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा । वहीं भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 52 साल बाद आस्ट्रेलिया को हराकर तोक्यो के कांस्य के बाद पेरिस में बेहतर रंग के पदक की उम्मीद जगाई । स्पर्धा के आठवें दिन शनिवार को हालांकि भारत की अधिक स्पर्धाये नहीं थी । सभी की नजरें मनु भाकर और महिला तीरंदाजों पर ही थी लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया।पदकों की हैट्रिक लगाने से चूकी मनु :ओलंपिक में पदकों की हैट्रिक लगाने का मनु भाकर का सपना 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल में कांस्य पदक के लिए हंगरी की खिलाड़ी से शूट ऑफ में पिछड़ने के बाद पूरा नहीं हो सका। आठ निशानेबाजों के करीबी फाइनल में मनु ने अपना सब कुछ झोंक दिया और कुछ समय के लिए शीर्ष स्थान पर भी रही लेकिन अपनी निरंतरता बरकरार नहीं रख सकीं। इस 22 साल की खिलाड़ी ने हालांकि महिला 10 मीटर एयर पिस्टल और मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर दो कांस्य पदक जीत कर पहले ही इतिहास रच दिया है। वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय है। मनु पांच-पांच निशाने के 10 सीरीज के फाइनल में शुरुआती आठ सीरीज के बाद 28 अंक के साथ हंगरी की वेरोनिका मेजर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थी। इसके बाद शूट ऑफ में मनु पांच में से तीन निशाने ही लगा सकी जबकि मेजर ने चार सटीक निशाने के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। वह करीबी अंतर से कांस्य पदक से चूक कर जयदीप करमाकर (पुरुषों की 50 मीटर राइफल प्रोन, 2012 लंदन), अभिनव बिंद्रा (पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल, 2016 रियो) और अर्जुन बबूता (10 मीटर एयर राइफल, 2024 पेरिस ओलंपिक) जैसे निशानेबाजों की सूची में शामिल हो गयी। भारतीय निशानेबाज महेश्वरी चौहान महिला स्कीट स्पर्धा के क्वालीफिकेशन के पहले दिन आठवें स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में बनी हुई हैं जबकि अनंतजीत सिंह नरूका लगातार दूसरे दिन खराब प्रदर्शन के बाद पुरुष स्कीट स्पर्धा से बाहर हो गए। महेश्वरी 25-25 शॉट की तीन सीरीज में 23, 24 और 24 अंक से कुल 71 अंक बनाकर पहले दिन के क्वालीफिकेशन दौर के बाद आठवें पायदान पर हैं और शीर्ष छह निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में बनी हुई हैं। महेश्वरी ने पहली सीरीज में दो निशाने चूके लेकिन अगली दो सीरीज में सिर्फ एक-एक निशाना चूककर वापसी की। इस स्पर्धा में हिस्सा ले रही एक अन्य भारतीय रेजा ढिल्लों 21, 22 और 23 अंक से 66 अंक जुटाकर 29 निशानेबाजों के बीच 25वें स्थान पर चल रही हैं और उनकी फाइनल में जगह बनाने की संभावना बेहद कम हैं। पांच सीरीज के क्वालीफिकेशन की अंतिम दो सीरीज रविवार को होंगी।दीपिका का ओलंपिक अभियान फिर निराशाजनक :अपना चौथा ओलंपिक खेल रही दीपिका कुमारी को दो बार बढ़त बनाने के बावजूद तीरंदाजी की महिला एकल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया की नैम सुहियोन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा जबकि युवा भजन कौर भी प्री क्वार्टर फाइनल में हार गईं जिससे ओलंपिक में तीरंदाजी पदक का भारत का 36 साल का इंतजार जारी रहा। भारत की 23वीं वरीय दीपिका ने अंतिम आठ के मुकाबले में मौजूदा खेलों की महिला टीम स्पर्धा की स्वर्ण पदक विजेता और दूसरी वरीय सुहियोन के खिलाफ 4-2 की बढ़त बना रखी थी लेकिन अंतत: 4-6 (28-26, 25-28, 29-28, 27-29, 27-29) से हार गई जिससे तीरंदाजी में एक बार फिर भारत का अभियान पदक के बिना ही खत्म हो गया। दीपिका ने इससे पहले प्री क्वार्टर फाइनल में जर्मनी की सातवीं वरीय मिशेल क्रोपेन को 6-4 (27-24, 27-27, 26-25, 27-27) से शिकस्त दी। भजन को हालांकि प्री क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की डायनंदा चोइरुनिसा के खिलाफ शूट ऑफ में 8-9 से हार का सामना करना पड़ा। पांच सेट के बाद मुकाबला 5-5 से बराबर था। इंडोनेशिया की खिलाड़ी ने शूट ऑफ में नौ अंक जुटाए जबकि भजन आठ अंक पर ही निशाना साध सकी और चोइरुनिसा ने मुकाबला 6-5 से जीत लिया।पाल नौकायन में नेत्रा 24वें, विष्णु 23वें स्थान पर :भारत की नेत्रा कुमानन के लिये ओलंपिक खेलों की पाल नौकायन स्पर्धा में यह दिन कठिन रहा जो छठी रेस के बाद महिलाओं की पाल नौकायन डिगी स्पर्धा में 24वें स्थान पर खिसक गई । वह शुक्रवार को तीन रेस के बाद 11वें स्थान पर थी । चौथी रेस के बाद वह 19वें, पांचवीं के बाद 25वें और छठी के बाद 24वें स्थान पर रही । वहीं पुरूष वर्ग में विष्णु सरवनन छठी रेस के बाद 23वें स्थान पर हैं ।भारत के 25 वर्ष के विष्णु चौथी रेस के बाद 22वें, सातवीं और आठवीं रेस के बाद 23वें स्थान पर रहे ।दोनों स्पर्धाओं में चार रेस और बाकी हैं जबकि सातवीं और आठवीं रेस रविवार को और बाकी दो रेस सोमवार को होगी ।पहली सीरिज से शीर्ष दस नावें मंगलवार को होने वाले फाइनल में जगह बनायेंगी ।