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नयी दिल्ली/ मजबूत वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोना मंगलवार को 300 रुपये की तेजी के साथ 88,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। सोमवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 88,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसी तरह 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 300 रुपये की तेजी के साथ 88,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। चांदी की कीमत भी 800 रुपये की तेजी के साथ 99,000 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। इसका पिछला बंद भाव 98,200 रुपये प्रति किलोग्राम था। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषण विभाग के उपाध्यक्ष (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘शुल्क को लेकर वैश्विक अनिश्चितता के कारण सोने में सकारात्मक रुझान जारी रहा।
बैंकों और कोषों द्वारा सुरक्षित-संपत्ति में उच्च आवंटन बनाए रखने के साथ, सोने को अच्छा समर्थन मिला है।'' त्रिवेदी ने कहा कि बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप के भाषण जैसे प्रमुख कार्यक्रम, साथ ही फेडरल रिजर्व और रिजर्व बैंक की बैठक का ब्योरा आने वाले सत्रों में बाजार की अस्थिरता को बढ़ाएंगे। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, अप्रैल डिलिवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 24.94 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,925.64 डॉलर प्रति औंस हो गया। कोटक सिक्योरिटीज में एवीपी-जिंस शोध कायनात चैनवाला ने कहा, ‘‘कॉमेक्स 2,925 डॉलर से ऊपर कारोबार कर रहा है क्योंकि निवेशक अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच तनाव के साथ-साथ यूक्रेन शांति वार्ता के घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं।'' इस बीच, विदेशी बाजारों में हाजिर सोना लगभग 16 डॉलर बढ़कर 2,912.50 डॉलर प्रति औंस हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘हालांकि, फेडरल रिजर्व के सदस्य पैट्रिक हार्कर की तीखी टिप्पणियों के कारण आगे की बढ़त पर रोक लग गई, जिन्होंने सोमवार रात केंद्रीय बैंक से ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने की वकालत की।'' एशियाई कारोबारी घंटों में मार्च डिलिवरी वाला कॉमेक्स चांदी वायदा 0.47 प्रतिशत बढ़कर 33 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया। सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि घरेलू मांग बढ़ने के कारण जनवरी में उसका सोने का आयात 40.79 प्रतिशत बढ़कर 2.68 अरब डॉलर का हो गया। जनवरी, 2024 में सोने का आयात 1.9 अरब डॉलर का हुआ। कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान आयात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 37.85 अरब डॉलर के मुकाबले 32 प्रतिशत बढ़कर 50 अरब डॉलर का हो गया। आयात में वृद्धि सुरक्षित संपत्ति के रूप में कीमती धातु में मजबूत निवेशक भरोसे को भी दर्शाती है।
- मुंबई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में लाने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुद्रास्फीति कम होकर लगभग चार प्रतिशत के पास आ गई है। इसके परिणामस्वरूप रिजर्व बैंक लगभग पांच साल में पहली बार नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सका। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति प्रबंधन में आयातित मुद्रास्फीति से संबंधित पहलुओं पर काम भी शामिल है। इस बीच, सीतारमण ने मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में चुनिंदा परियोजनाओं के घर खरीदारों को चाबियां सौंपी। लंबे समय से अटकी इन आवासीय परियोजनाओं को ‘किफायती और मध्यम आय वाले आवास के लिए विशेष व्यवस्था (स्वामी एक) निवेश कोष' के तहत पूरा किया गया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह 50,000 घरों के पूरा होने का प्रतीक है। अवंत हिलवेज, विजन हाइट्स और शुभम ट्राइडेंट सहित अन्य परियोजनाओं के घर खरीदारों को कार्यक्रम में अपने-अपने घरों की चाबियां प्राप्त हुईं। वर्ष 2019 में स्थापित और भारतीय स्टेट बैंक समूह की कंपनी एसबीआई वेंचर्स लिमिटेड द्वारा प्रबंधित, स्वामी फंड का प्रायोजक वित्त मंत्रालय है।
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नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि भारत के 5एफ विजन – फार्म (खेत) से फाइबर, फैब्रिक, फैशन और फॉरेन मार्केट (विदेशी बाजार) – ने देश को ग्लोबल टेक्सटाइल फर्म्स (वैश्विक कपड़ा कंपनियों) के लिए एक विश्वसनीय और टिकाऊ सोर्सिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया है।
इसी दिशा में, ‘भारत टेक्स 2025’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारत के कपड़ा उद्योग की पूरी वैल्यू चेन को प्रदर्शित किया जा रहा है। यह इवेंट 14 से 17 फरवरी तक दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है जिसमें कच्चे माल और फाइबर से लेकर तैयार वस्त्र, तकनीकी वस्त्र, घरेलू उत्पाद और हाई-एंड फैशन तक, सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह इवेंट वैश्विक वैल्यू चेन और टेक्सटाइल इंडस्ट्री की स्थिरता को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े नीति निर्माताओं, वैश्विक ब्रांडों, उद्योग जगत के नेताओं और व्यापार से जुड़े हितधारकों को एक साथ लाने वाला दुनिया के सबसे बड़े टेक्सटाइल आयोजनों में से एक है।इस कार्यक्रम में 5,000 से अधिक प्रदर्शक और 120 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि भारत का टेक्सटाइल उद्योग वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के टेक्सटाइल निर्माताओं, वैश्विक खुदरा दिग्गजों और उद्योग संघों की भागीदारी इसे उच्च मूल्य के व्यापारिक चर्चाओं और साझेदारी के लिए आदर्श मंच बना रही है।‘भारत टेक्स 2025’ के तहत 70 से अधिक कॉन्फ्रेंस सेशन आयोजित किए जाएंगे जिनमें शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वक्ता, उद्योग विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल होंगे। इन सत्रों में वैश्विक व्यापार के बदलते नियम, तकनीकी वस्त्रों (टेक्निकल टेक्सटाइल) की बढ़ती मांग, एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित उत्पादन और सस्टेनेबल (पर्यावरण के अनुकूल) फैशन के भविष्य जैसे विषयों पर चर्चा होगी।यह कार्यक्रम केवल एक टेक्सटाइल एक्सपो नहीं है बल्कि भारत के कपड़ा उद्योग के अतीत, वर्तमान और भविष्य को दर्शाने वाला एक भव्य आयोजन है। इसमें व्यापार मेले, एक्सपो, सीईओ राउंडटेबल मीटिंग, बी2बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) और जी2जी (गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट) बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में 15 फरवरी तक सहायक उपकरण, गारमेंट मशीनरी, रंग-केमिकल और हस्तशिल्प से जुड़ी प्रदर्शनियां भी लगाई जा रही हैं। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7.6 बिलियन डॉलर बढ़कर 638 बिलियन डॉलर हो गया है। यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब भंडार में वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पहले, 31 जनवरी तक भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 630.6 बिलियन डॉलर था। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले साल सितंबर में 704.88 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था।
7 फरवरी को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां जो कुल भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, 6.42 बिलियन डॉलर बढ़कर 544.10 बिलियन डॉलर हो गईं। इसके अलावा, सोने का भंडार भी 1.3 बिलियन डॉलर बढ़कर 72.2 बिलियन डॉलर हो गया। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नवंबर 2024 में 8 टन सोना खरीदा था। इसी दौरान दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने कुल 53 टन सोने की खरीदारी की थी। भारत की कुल सोने की होल्डिंग 876 टन हो गई है, जिससे वह पोलैंड के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना खरीदने वाला देश बन गया है।इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी ताजा मौद्रिक नीति बैठक में रेपो दर 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25% कर दी है। यह पांच वर्षों में पहली बार हुआ है कि RBI ने ब्याज दरों में कटौती की है।गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से रुपये की स्थिरता बनी रहती है और भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। साथ ही, रेपो दर में कटौती से लोन सस्ते होंगे जिससे घरेलू बाजार में मांग बढ़ेगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। यह विदेशी निवेशकों के लिए भी भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना सकता है। - नयी दिल्ली, देश की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड को ‘फॉरवर्ड फास्टर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड-2025' से सम्मानित किया गया है। एनटीपीसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि कंपनी को यह पुरस्कार जल संरक्षण और संपोषित जल प्रबंधन पहल में उसके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए प्रदान किया गया है। पुरस्कार समारोह चेन्नई में यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया (यूएन जीसीएनआई) की ओर से बृहस्पतिवार को आयोजित किया गया था। फॉरवर्ड फास्टर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स भारत में उन संगठनों को दिए जाते हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप पर्यावरण अनुकूल उपायों और कॉरपोरेट जिम्मेदारी का पालन करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। एनटीपीसी ने बयान में कहा कि वह ‘रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल' (घटाना, दोबारा उपयोग और पुनर्चक्रण) सिद्धांतों के माध्यम से पानी के उपयोग में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। रत्नागिरी गैस एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड (आरजीपीपीएल) में उन्नत अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों और मीठे पानी की 100 प्रतिशत आत्मनिर्भरता के साथ, कंपनी जल संरक्षण में नए मानक स्थापित कर रही है।
- नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने ग्राहक के साथ बेहतर जुड़ाव के लिए अपना विपणन तकनीकी (मारटेक) मंच पेश किया है। यह मंच 'प्रोजेक्ट डीआईवीई' (डिजिटल नवाचार एवं मू्ल्य वर्धन) के तहत मील का पत्थर है।एलआईसी ने एक बयान में कहा कि यह पेशकश बीमा उद्योग में वैश्विक स्तर पर डिजिटल रूप से अग्रणी बनने की दिशा में उसका पहला कदम है। इसके तहत विश्व स्तरीय तकनीक का लाभ उठाकर अभूतपूर्व पैमाने पर ग्राहक जुड़ाव बढ़ाया जाएगा। एलआईसी के प्रबंध निदेशक और सीईओ सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, ''मारटेक मंच की पेशकश के साथ एलआईसी ने डिजिटल परिवर्तन की अपनी साहसिक नई यात्रा में पहला बड़ा कदम बढ़ाया है।'' उन्होंने कहा कि यह पहल पॉलिसीधारकों, संभावित ग्राहकों और एजेंटों के साथ सहज तरीके से जुड़ने की कंपनी की क्षमता को मजबूत करती है।
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नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इंडिया एनर्जी वीक (आईईडब्ल्यू 2025) के दौरान अलग से बातचीत में कहा कि विदेशी परिसंपत्तियों में चल रहे रणनीतिक निवेश के साथ भारत की गैस खरीद से देश को जल्द ही उतनी गैस उपलब्ध हो सकेगी, जितनी उसे जरूरत है।
आईईडब्ल्यू के समापन सत्र में पुरी ने कहा, ‘अब एक और साल या 18 महीने का मसला है। आप अपनी इच्छानुसार सभी गैस पा सकेंगे। उन क्षेत्रों को भी जरूरत के मुताबिक गैस मिल सकेगी, जिन्हें अभी तक प्राथमिकता नहीं दी गई है।’ इस समय आयातित ज्यादातर गैस की आपूर्ति सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन और फर्टिलाइजर क्षेत्र में की जाती है। भारत ने एनर्जी मिक्स में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है, जो अभी 6 प्रतिशत है।मोजांबिक में गैस परियोजना का हवाला देते हुए, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के दिग्गजों ने कुल मिलाकर 30 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है, पुरी ने कहा कि अफ्रीका की अग्रणी और विश्व में गैस आपूर्ति की दूसरी बड़ी कंपनी टोटालएनर्जीज में अपार संभावनाएं हैं। मोजांबिक एलएनजी परियोजना से करीब 65 लाख करोड़ घन फुट प्राकृतिक गैस मिल सकती है।बीपीआरएल वेंचर्स मोजांबिक बीवी में बीपीसीएल की सहायक कंपनी भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिडेट की एरिया 1 कंसेसन में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। घरेलू अन्वेषण और उत्पादन (ईऐंडपी) की प्रमुख कंपी ओएनजीसी की विदेशी शाखा ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) की 16 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ईऐंडपी में काम कर रही ऑयल इंडिया की इसमें 4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आधिकारिक रूप से अप्रत्याशित वजह बताकर परियोजना सुरक्षा कारणों से रोक दी गई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस साल इसे फिर से शुरू करने की योजना है।उन्होंने रूस में सखालिन-1 तेल क्षेत्र को भी एक बेहतर निवेश बताया, जिसमें ओवीएल ने 2001 में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी ली थी। ओवीएल ने इस तेलक्षेत्र पर नियंत्रण खो दिया था, क्योंकि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण रूस ने कुछ अमेरिकी इकाइयों को प्रतिबंधित कर दिया है, जो तेल क्षेत्र में काम करती हैं।इस परियोजना सभी संपत्तियां और उपकरण नए ऑपरेटर के हवाले कर दी गई हैं। इसके अलावा अमेरिका के नेतृत्त्व में रूस पर बैंकिंग संबंधी प्रतिबंधों के कारण ओवीएल को भुगतान करने में दिक्कत आ रही है। भारत इस समय अपनी कुल प्राकृतिक गैस खपत का आधा आयात करता है।पुरी ने जोर देकर कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा आईईडब्ल्यू के दौरान किए जा रहे आयात समझौतों से एलएनजी की आपूर्ति में स्थिरता सुनिश्चित होगी। पुरी ने कहा कि भारत का जैव ईंधन कार्यक्रम उल्लेखनीय है। उन्होंने एथनॉल मिश्रण के लिए 1,700 करोड़ लीटर की वर्तमान क्षमता का हवाला दिया। -
नई दिल्ली। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank) के ग्राहकों में अफरातफरी मच गई है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर गंभीर चिंताओं के चलते सख्त पाबंदियां लगा दी हैं। इन प्रतिबंधों में सबसे बड़ी रोक निकासी (withdrawals) पर छह महीने के लिए रोक शामिल है। इस फैसले के बाद, बैंक के ब्रांच्स के बाहर ग्राहकों की भीड़ जमा हो गई, जो स्थिति को समझने और समाधान पाने की कोशिश कर रहे थे। RBI ने ऐलान किया कि मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक अब नए लोन जारी नहीं कर सकता, निवेश नहीं कर सकता और उधारी भी नहीं ले सकता। केंद्रीय बैंक ने बैंक पर निगरानी संबंधी चिंताओं (supervisory concerns) और नकदी संकट का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है। ये पाबंदियां गुरुवार को कारोबार खत्म होने के बाद से लागू हो गई हैं और अगले छह महीने तक जारी रहेंगी, हालांकि RBI जरूरत पड़ने पर इन्हें रिव्यू कर सकता है। हालांकि, RBI ने इस अचानक उठाए गए कदम के ठोस कारणों का खुलासा नहीं किया।
ग्राहकों में नाराजगी और अनिश्चितताइस फैसले से जमाकर्ताओं में भारी नाराजगी और डर फैल गया है। कई ग्राहक अपने रोजमर्रा के आर्थिक लेन-देन, बिल भुगतान और लोन EMI को लेकर चिंतित हैं।एक ग्राहक सीमा वाघमारे ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए नाराजगी जाहिर की और कहा, “हमने कल ही पैसा जमा किया था, लेकिन हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। अब वे कह रहे हैं कि हमें अपना पैसा तीन महीने में मिलेगा। हमारे लोन EMI भरने हैं, हमें समझ नहीं आ रहा कि अब हम क्या करेंगे।”एक अन्य ग्राहक भानुमति ने बताया, “बैंक ने हमें पहले से कुछ नहीं बताया। किसी के पास हर समय फोन चेक करने का समय नहीं होता। मेरा इस बैंक में पिछले 32-35 सालों से खाता है। मैं यहां फिक्स्ड डिपॉजिट खोलने वाली थी, लेकिन किस्मत अच्छा थी कि समय नहीं मिला, वरना बड़ा नुकसान हो जाता।”कुछ जरूरी लेन-देन की छूटहालांकि RBI ने निकासी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन उसने कुछ शर्तों के साथ बैंक को मौजूदा जमा के खिलाफ लोन समायोजित (offset loans) करने की अनुमति दी है। इसके अलावा, बैंक कर्मचारियों की सैलरी, किराया और बिजली-पानी के बिल जैसी जरूरी व्यवस्थाओं पर खर्च कर सकता है, ताकि न्यूनतम स्तर पर बैंकिंग कार्य जारी रह सकें।छोटे बैंकों पर बढ़ी सख्तीन्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर RBI की यह कार्रवाई उन छोटे वित्तीय संस्थानों पर बढ़ती सख्ती का हिस्सा है, जो नकदी संकट और नियामक अनुपालन (compliance issues) से जूझ रहे हैं। आने वाले महीनों में इस बैंक की स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जाएगी, क्योंकि इसका भविष्य अभी अनिश्चित बना हुआ है। -
नयी दिल्ली. भारत के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में आगे निकलने को परिस्थितियां अनुकूल हैं। एआई को लेकर उम्मीद और समाज पर इसके गहन प्रभाव के बारे में चर्चा के बीच गूगल के सरकारी मामलों और सार्वजनिक नीति के वैश्विक प्रमुख करण भाटिया ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि गूगल एआई क्षेत्र में स्वदेशी बुनियादी मॉडल रखने के भारत के नजरिये से पूरी तरह सहमत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदा अमेरिका यात्रा पहले से ही मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी तथा एआई पर भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ाएगी। भाटिया ने कहा कि गूगल पहले ही स्वदेशी बुनियादी मॉडल रखने के भारत के नजरिये से सहमत है और इसके लिए निवेश कर रही है। कंपनी देश की प्रौद्योगिकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनने के लिए उत्साहित है। उन्होंने बताया, ''हम सिर्फ स्थानीय प्रतिभा और भाषाई विविधता जैसी चीजों के कारण ही भारत को लेकर आशावादी नहीं हैं, बल्कि हम इसलिए भी उत्साहित हैं क्योंकि भारतीय लोग एआई को लेकर बहुत उत्साहित हैं।'' भाटिया की टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन ने ‘डीपसीक' नाम से अपना कम लागत वाला एआई मॉडल पेश करके दुनिया को चौंका दिया है। दूसरी ओर, भारत ने भी अपना एआई मॉडल बनाने का इरादा जताया है।
- मुंबई. जिंदल स्टेनलेस लि. (जेएसएल) के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने बृहस्पतिवार को देश में वस्तुओं की संभावित डंपिंग से घरेलू विनिर्माताओं को बचाने के लिए आयात पर 25 प्रतिशत तक शुल्क लगाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्पात और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का निर्णय घरेलू उद्योग के लिए लाभकारी होगा। ट्रंप के पहले कार्यकाल से ही भारत पर इस प्रकार का शुल्क लगाया जाता रहा है। हालिया कदम से ऐसी ही कार्रवाई करने का मौका भारत को भी मिल रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस कदम से दुनिया भर के उत्पाद भारत पहुंच सकते हैं, जो (भारत) लगातार बढ़ता हुआ बाजार है। जिंदल ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘‘यदि अन्य बाजार बंद हो रहे हैं, तो वे भारत आएंगे, क्योंकि भारत वृद्धि कर रहा है। यहां केवल 7.5 प्रतिशत का सीमा शुल्क है, जो पर्याप्त नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें सरकार से किसी तरह का समर्थन, किसी तरह का संरक्षण तथा भारतीय विनिर्माताओं को कुछ सहायता दिए जाने की जरूरत है।'' जिंदल ने कहा कि उद्योग जगत समान अवसर चाहता है और 20-25 प्रतिशत का आयात शुल्क आवश्यक होगा।उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय स्टेनलेस स्टील 60-65 प्रतिशत क्षमता उपयोग पर काम कर रहा है, जिससे मांग को पूरा करने के लिए उनके पास पर्याप्त क्षमता है। पहले से ही कई विनिर्माता आयातक बन गए हैं क्योंकि ऐसा करना सस्ता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार आयात शुल्क नहीं बढ़ाती है, तो उद्योग में निवेश संबंधी निर्णय लेने में समय लगेगा। जेएसएल ने स्वयं निर्णय लेने से पहले एक तिमाही तक प्रतीक्षा करने और देखने का निर्णय लिया है। जिंदल ने कहा कि देश में उपभोग मांग में कोई मंदी नहीं है और प्रति व्यक्ति स्टेनलेस स्टील की खपत 2015 में 2.6 किलोग्राम से बढ़कर अब 3.1 किलोग्राम हो गई है। जैसे-जैसे देश का सकल घरेलू उत्पाद और आय का स्तर बढ़ेगा, मांग भी बढ़ेगी।
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नयी दिल्ली. यात्री वाहनों की कुल थोक बिक्री जनवरी में सालाना आधार पर 1.6 प्रतिशत बढ़कर 3,99,386 इकाई हो गई। जनवरी माह में दर्ज यह अब तक की सर्वाधिक बिक्री है जिसे यूटिलिटी वाहनों की मजबूत मांग से समर्थन मिला। उद्योग संगठन सियाम की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, जनवरी 2024 में यात्री वाहनों की कुल थोक बिक्री 3,93,074 इकाई रही थी। यूटिलिटी वाहनों की आपूर्ति जनवरी, 2025 में सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़कर 2,12,995 इकाई हो गई जबकि जनवरी, 2024 में यह संख्या 2,00,917 इकाई थी। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने कहा कि पिछले महीने यात्री कारों की थोक बिक्री 1,27,065 इकाई पर स्थिर रही, जो जनवरी 2023 में 1,26,505 इकाई थी। वैन की आपूर्ति जनवरी 2024 में 12,019 इकाइयों से 6.4 प्रतिशत घटकर पिछले महीने 11,250 इकाई रह गई। सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा, ‘‘यात्री वाहनों ने जनवरी 2025 में 3.99 लाख इकाइयों की अपनी अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की, जो जनवरी 2024 की तुलना में 1.6 प्रतिशत अधिक है।'' देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने पिछले महीने 1,73,599 वाहन बेचे, जो जनवरी 2024 की 1,66,802 इकाई की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है। वहीं हुंदै मोटर इंडिया ने 54,003 वाहनों की बिक्री की जो जनवरी 2024 के 57,115 वाहनों से पांच प्रतिशत कम है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की थोक बिक्री जनवरी में बढ़कर 50,659 इकाई हो गई जो जनवरी 2024 में 43,068 इकाई थी। सियाम ने कहा कि पिछले महीने कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 2.1 प्रतिशत बढ़कर 15,26,218 इकाई हो गई, जबकि जनवरी 2024 में यह 14,95,183 इकाई थी। स्कूटर की बिक्री जनवरी 2025 में सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत बढ़कर 5,48,201 इकाई हो गई।
हालांकि, जनवरी में मोटरसाइकिल की बिक्री सालाना आधार पर 3.1 प्रतिशत घटकर 9,36,145 इकाई रह गई। इस अवधि में मोपेड की बिक्री सालाना आधार पर मामूली गिरावट के साथ 41,872 इकाई रही। बयान के अनुसार, कुल तिपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 7.7 प्रतिशत बढ़कर 58,167 इकाई हो गई, जबकि पिछले साल जनवरी में यह 53,991 इकाई थी। मेनन ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय बजट में दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि को प्राथमिकता देने की घोषणाएं, खासकर से व्यक्तिगत आयकर में बदलाव और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में कटौती से उपभोक्ता विश्वास बढ़ाने और मोटर वाहन उद्योग में मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में करीब सपाट बंद हुआ। बाजार में सभी सूचकांकों में मिलाजुला कारोबार देखा गया। सेंसेक्स 32 अंक की मामूली गिरावट के साथ 76,138 और निफ्टी 13 अंक की गिरकर 23,031 पर बंद हुआ।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 2,089 शेयर लाल निशान मेंकारोबारी सत्र में गिरने वाले शेयरों की संख्या अधिक थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,089 शेयर लाल निशान में, 1,858 शेयर हरे निशान में और 127 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं।निवेशकों की निगाहें देर रात वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग पर हैं और इसमें होने वाले निर्णयों का असर शुक्रवार को बाजार में देखने को मिल सकता है।फार्मा, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक, कमोडिटी और पीएसई इंडेक्स हरे निशान में हुए बंदनिफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 124 अंक या 0.25 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,881 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 59 अंक या 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,973 पर था। निफ्टी में फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक, कमोडिटी और पीएसई इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक और एफएमसीजी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं।इन्फोसिस, टीसीएस, एसबीआई, टाइटन, नेस्ले, एचसीएल टेक, एलएंडटी टॉप लूजर्स थेसेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, सन फार्मा, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, जोमैटो, इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे। इन्फोसिस, टीसीएस, एसबीआई, टाइटन, नेस्ले, एचसीएल टेक, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक, एचयूएल और आईसीआईसीआई बैंक टॉप लूजर्स थे।विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 12 फरवरी को इक्विटी में बिकवाली की थीबाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। सुबह करीब 9.45 बजे, सेंसेक्स 244.25 अंक या 0.32 प्रतिशत बढ़कर 76,415.33 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 79.25 अंक या 0.34 प्रतिशत चढ़कर 23,124.50 पर था।विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 12 फरवरी को इक्विटी में बिकवाली की थी, जिसमें 4,969.30 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची गई, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 5,929.24 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी। -
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार को लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 पेश किया। इसका उद्देश्य कर कानूनों को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाना है। वित्त मंत्री ने इस विधेयक को प्रस्तुत करने के बाद लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि इसके अध्ययन और समीक्षा के लिए एक स्थायी समिति का गठन किया जाए। गौरतलब है कि यह नया विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा और व्यक्तियों, व्यवसायों एवं गैर-लाभकारी संगठनों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।
इस नए विधेयक में कर कानूनों की भाषा को आसान और आधुनिक परिभाषाओं के अनुकूल बनाया गया है। उदाहरण के लिए ‘असेसमेंट ईयर’ की जगह ‘टैक्स ईयर’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा, ‘वर्चुअल डिजिटल एसेट’ क्रिप्टोकरेंसी और ‘इलेक्ट्रॉनिक मोड’ जैसे नए शब्द जोड़े गए हैं जिससे डिजिटल लेनदेन और आभासी संपत्तियों को कर प्रणाली के दायरे में स्पष्ट रूप से लाया जा सके।नए विधेयक में विदेशी आय और गैर-निवासियों के कर नियमों को अधिक स्पष्ट बनाया गया है। पहले के कानून के मुताबिक भारतीय निवासियों पर उनकी वैश्विक आय पर कर लगता था जबकि गैर-निवासियों पर केवल भारत में अर्जित आय पर कर लागू होता था। नए विधेयक में धारा 5 और 9 के तहत “मानी गई आय” (Deemed Income) की स्पष्ट परिभाषा दी गई है जिससे गैर-निवासियों के लिए कर नियम अधिक पारदर्शी होंगे।इस विधेयक में छूट और कटौती के नियमों में भी बदलाव किया गया है। पहले, धारा 10 और 80C से 80U के तहत निवेश, दान और विशेष खर्चों पर कर कटौती दी जाती थी। नए विधेयक में धारा 11 से 154 के तहत इन कटौतियों को सरल बनाया गया है और स्टार्टअप्स, डिजिटल व्यवसायों और अक्षय ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं।पहले, धारा 45 से 55A के तहत पूंजीगत लाभ को शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म श्रेणियों में विभाजित किया गया था जिसमें प्रतिभूतियों (Securities) पर विशेष कर दरें लागू थीं। इस नए विधेयक में धारा 67 से 91 के तहत यह व्यवस्था बरकरार रखते हुए डिजिटल संपत्तियों (जैसे क्रिप्टोकरेंसी) पर कर लगाने के लिए विशेष प्रावधान जोड़े गए हैं। वहीं गैर-लाभकारी संगठनों के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। पहले, धारा 11 से 13 के तहत कुछ परोपकारी उद्देश्यों के लिए कर छूट मिलती थी लेकिन अनुपालन (Compliance) के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं थे। नए विधेयक में धारा 332 से 355 के तहत टैक्स योग्य आय, अनुपालन नियम और वाणिज्यिक गतिविधियों पर प्रतिबंधों को स्पष्ट किया गया है इससे कर छूट की परिभाषा अधिक स्पष्ट होगी।सरकार का मानना है कि नया आयकर विधेयक 2025 कर प्रणाली को सरल बनाने, डिजिटल और स्टार्टअप निवेश को प्रोत्साहित करने और कर अनुपालन को आसान बनाने के लिए एक बड़ा कदम है। इससे व्यक्तिगत करदाताओं, व्यवसायों और गैर-लाभकारी संस्थाओं को अधिक स्पष्ट और पारदर्शी कर नियमों का लाभ मिलेगा जिससे कर व्यवस्था अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बन सकेगी। -
नई दिल्ली। भारतीय कारोबारी दुनिया में लगातार अपनी पहचान बना रहे हैं। अब सिर्फ अपनी विशेषज्ञता के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी दमदार बिजनेस स्ट्रैटेजी के लिए भी वे वैश्विक स्तर पर नाम कमा रहे हैं। इसी का उदाहरण है Bloomberg की एशिया के सबसे अमीर परिवारों की लिस्ट, जिसमें एक भारतीय परिवार टॉप पर है और कई अन्य ने टॉप 20 में जगह बनाई है। आइए जानते हैं एशिया के टॉप 10 अमीर परिवारों के बारे में।
1. मुकेश अंबानी का परिवार (₹90.5 अरब डॉलर)इस लिस्ट में पहले स्थान पर भारत के मुकेश अंबानी का परिवार है। अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख हैं, जो भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में से एक है।2. चियरावानंट परिवार (₹42.6 अरब डॉलर)थाईलैंड का चियरावानंट परिवार दूसरे नंबर पर है। इनकी कंपनी Charoen Pokphand Group फूड, रिटेल और टेलीकॉम जैसे कई बड़े क्षेत्रों में कारोबार करती है।3. हार्टोनो परिवार (₹42.2 अरब डॉलर)इंडोनेशिया का हार्टोनो परिवार, जो बैंकिंग और तंबाकू उद्योग से जुड़ा है, तीसरे नंबर पर है। इनका सबसे बड़ा कारोबार Bank Central Asia है।4. मिस्त्री परिवार (₹37.5 अरब डॉलर)भारत का मिस्त्री परिवार चौथे नंबर पर है। इनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा Tata Sons में हिस्सेदारी और Shapoorji Pallonji Group के कारोबार से आता है।5. क्वोक परिवार (₹35.6 अरब डॉलर)हांगकांग के क्वोक परिवार की संपत्ति Sun Hung Kai Properties से आई है, जो वहां की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक है।6. त्साई परिवार (₹30.9 अरब डॉलर)ताइवान का त्साई परिवार छठे स्थान पर है। इनकी संपत्ति Cathay Financial और Cubon Financial जैसी कंपनियों से बनी है, जो फाइनेंशियल सर्विसेज में बड़ा नाम हैं।7. जिंदल परिवार (₹28.1 अरब डॉलर)भारत का जिंदल परिवार सातवें स्थान पर है। O.P. Jindal Group के जरिए ये एनर्जी, सीमेंट और स्पोर्ट्स जैसे कई सेक्टर्स में कारोबार करते हैं।8. योविद्या परिवार (₹25.7 अरब डॉलर)थाईलैंड का योविद्या परिवार, जिसने मशहूर Red Bull एनर्जी ड्रिंक को बनाया था, आठवें नंबर पर है।9. बिड़ला परिवार (₹23 अरब डॉलर)भारत के बिड़ला परिवार को नौवां स्थान मिला है। इनका कारोबार मेटल्स, सीमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज तक फैला हुआ है और यह सात पीढ़ियों से चला आ रहा है।10. ली परिवार (₹22.7 अरब डॉलर)दसवें स्थान पर साउथ कोरिया का ली परिवार है, जिसने सैमसंग को दुनिया का टेक्नोलॉजी लीडर बनाया है।अन्य प्रमुख परिवारइसके अलावा चीन के झांग परिवार, हांगकांग के चेंग परिवार, भारत के बजाज परिवार और सिंगापुर के क्वेक/क्वेक परिवार भी टॉप 20 में शामिल हैं। - नयी दिल्ली. नामधारी सीड्स ने वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए एक्सिया के खुले खेत वाले सब्जी बीज कारोबार का पूर्ण अधिग्रहण कर लिया है। हालांकि, कंपनी ने सौदे की कीमत का खुलासा नहीं किया।कंपनी ने बुधवार को बयान में कहा कि सब्जी की इन प्रजातियों में टमाटर, तीखी और मीठी मिर्च, खरबूजा, तरबूज, खीरा, कद्दू और बैंगन शामिल हैं। इन फसलों में एक्सिया का खुला खेत वाले कारोबार का विपणन, यूएस एग्रीसीड्स ब्रांड के तहत उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप में किया जाता है। कंपनी ने कहा, ‘‘नामधारी ने एक्सिया के खुले खेत वाले सब्जी बीज कारोबार का 100 प्रतिशत अधिग्रहण कर लिया है।'' नीदरलैंड स्थित एक्सिया, कृत्रिम प्रकाश के साथ या उसके बिना, गर्म और बिना गर्म किए ग्रीनहाउस खेती के लिए सब्जी के बीजों का कारोबार करने वाली कंपनी है। नामधारी सीड्स इन बाजारों में मौजूदा ग्राहकों और वितरकों के साथ यूएस एग्रीसीड्स ब्रांड का उपयोग करना जारी रखेगा। नामधारी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गुरमुख रूपरा ने कहा, ‘‘यूएस एग्रीसीड्स का अधिग्रहण नामधारी सीड्स की अपनी पहुंच बढ़ाने और वैश्विक सब्जी बीज बाजार में एक महत्वपूर्ण प्रतिभागी बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- नई दिल्ली। नया आयकर विधेयक, 2025 गुरुवार को लोक सभा में पेश किया जा सकता है। इसमें छह दशक पुराने कर कानून को सरल बनाने के लिए ‘कर वर्ष’ की अवधारणा लागू करने तथा परिभाषाओं के स्थान पर फॉर्मूला लाने का प्रस्ताव है। मगर विधेयक में कर की दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।संसद से पारित होने के बाद यह 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा और आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि आयकर विधेयक, 2025 को लाने का उद्देश्य आयकर कानून को संक्षिप्त, सरल और पढ़ने-समझने में आसान बनाना है।उन्होंने कहा, ‘आयकर कानून 1961 में पारित हुआ था और बीते 60 साल में इसमें कई बार संशोधन किए गए। संशोधनों के कारण आयकर कानून की भाषा काफी जटिल हो गई और करदाताओं के लिए अनुपालन की लागत भी बढ़ गई। साथ ही प्रत्यक्ष कर अधिकारियों की कार्यक्षमता पर भी इससे असर पड़ रहा है।’ मौजूदा कानून में 823 पृष्ठ हैं जो अब घटकर 622 रह जाएंगे। वित्त वर्ष में अप्रैल से लेकर 12 महीने की अवधि का उल्लेख ‘कर वर्ष’ के रूप में किया गया है।टैक्स कॉन्सेप्ट एडवाइजरी सर्विसेज में पार्टनर विवेक जालान ने कहा, ‘मौजूदा कानून में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) से संबंधित 71 धाराएं हैं जिन्हें नए विधेयक में 11 धाराओं में समेट दिया गया है।’वेतन से मानक कटौती, ग्रेच्युटी, अवकाश के लिए भुगतान (लीव इनकैशमेंट), पेंशन आदि कटौतियों को नए विधेयक में धारा 19 में एक ही जगह दिया गया है। पहले इसका उल्लेख अलग-अलग धाराओं में किया गया था। विधेयक में एक महत्त्वपूर्ण प्रावधान शामिल किया गया है जो वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति क्षेत्र में कराधान को नया स्वरूप दे सकता है। टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज के जालान ने कहा, ‘प्रस्तावित विधेयक में अन्य स्रोतों से आय के अंतर्गत संपत्ति की परिभाषा में वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति को भी शामिल किया गया है, जिससे इस तरह की संपत्तियों के लेनदेन पर कर लगाया जा सकेगा। इसका वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति क्षेत्र पर प्रभाव पड़ सकता है।’नांगिया एंडरसन एलएलपी में पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा, ‘सेवा अनुबंधों से आय, मार्क-टू-मार्केट (एमटीएम) घाटे की स्वीकार्यता का प्रावधान, लागत या शुद्ध वसूली योग्य मूल्य में से जो भी कम हो, उस पर इन्वेंट्री का मूल्यांकन जैसे नए खंड अब नए विधेयक में शामिल कर लिए गए हैं। अभी तक ये सब आय गणना और डिजिटल मानकों के अंतर्गत आते हैं।’ \झुनझुनवाला ने कहा, ‘व्यावसायिक पूंजीगत परिसंपत्तियों को समाप्त करने पर हुई कारोबारी आय को अल्पकालिक पूंजीगत हानि की भरपाई मान कर उसी हिसाब से कर लगाने की अनुमति वाले कुछ प्रावधानों को अब व्यवसाय या पेशे के लाभ और प्राप्तियां (पीजीबीपी) गणना खंड में शामिल किया गया है। इन प्रावधानों की व्याख्या समय-समय पर न्यायालयों ने की है।’
- नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 66 प्रतिशत घटकर 141.89 करोड़ रुपये रह गया। आय की तुलना में खर्च अधिक बढ़ जाने से लाभ में कमी आई है। कंपनी ने शेयर बाजार को मंगलवार को यह जानकारी दी। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 422.92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की कुल आय बढ़कर 24,723.43 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 23,492.33 करोड़ रुपये थी। हालांकि पिछली तिमाही में इस्पात उत्पादक कंपनी का खर्च बढ़कर 24,560.47 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 23,140.81 करोड़ रुपये था। सेल के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने एक अलग बयान में कहा कि घटती कीमतों और सस्ते आयातों की आवक से पैदा हुए चुनौतीपूर्ण हालात के बावजूद कंपनी बीती तिमाही में पिछले साल की तुलना में उच्च कर-पूर्व आय (एबिटा) अर्जित करने में सफल रही है।
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नई दिल्ली। अगर आप सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं, तो Post Office FD एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। पोस्ट ऑफिस में बैंक की तरह Fixed Deposit (FD) की सुविधा मिलती है, जिसे Post Office Time Deposit भी कहा जाता है। इस स्कीम में 1 से 5 साल तक के टेन्योर की FD कर सकते हैं।
कैसे बढ़ेगा पैसा?फिलहाल, पोस्ट ऑफिस 5 साल की FD पर 7.5% ब्याज दे रहा है। साथ ही, इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत इस पर टैक्स बेनिफिट भी मिलता है। इसके अलावा, आपकी रकम को तीन गुना करने के लिए आपको Post Office FD को लॉन्ग टर्म तक जारी रखना होगा। पहले 5 साल तक आपके निवेश पर ब्याज जुड़ता रहेगा। जब 5 साल पूरे हो जाएंगे, तो आपको अपनी FD को रिन्यू (एक्सटेंड) करना होगा। यह प्रक्रिया आपको तीन बार यानी कुल 20 साल तक दोहरानी होगी। इस दौरान ब्याज का प्रभाव आपकी रकम को पहले दोगुना और फिर तीन गुना तक बढ़ा सकता है। यानी बिना किसी अतिरिक्त निवेश के, सिर्फ ब्याज की मदद से आपका पैसा कई गुना बढ़ सकता है।अगर आप पोस्ट ऑफिस FD में 10 लाख रुपये निवेश करते हैं और इसे 7.5% ब्याज दर के साथ 20 साल तक बनाए रखते हैं, तो आपकी कुल रकम 44.19 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। आइए इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं—निवेश की पूरी गणनापहले 5 साल:निवेश राशि – ₹10,00,000ब्याज (7.5% दर से) – ₹4,49,948कुल रकम – ₹14,49,94810 साल बाद (FD एक्सटेंशन के बाद):ब्याज (पिछले 5 साल की कुल राशि पर) – ₹11,02,349कुल रकम – ₹21,02,34915 साल बाद (दूसरा एक्सटेंशन):ब्याज (पिछले 5 साल की कुल राशि पर) – ₹20,48,297कुल रकम – ₹31,50,64620 साल बाद (तीसरा एक्सटेंशन):ब्याज (पिछले 5 साल की कुल राशि पर) – ₹12,69,226कुल रकम – ₹44,19,872TD अकाउंट की मैच्योरटी पूरी होने के बाद ऐसे करें एक्सटेंशनअगर किसी ग्राहक का टर्म डिपॉजिट (TD) अकाउंट मैच्योर हो गया है, तो उसे पहले से तय की गई अवधि के लिए दोबारा बढ़ाया जा सकता है। 1 साल के TD अकाउंट को 6 महीने, 2 साल के अकाउंट को 12 महीने और 3 या 5 साल के अकाउंट को 18 महीने के अंदर बढ़ाने की अनुमति है।ग्राहक चाहें तो अकाउंट खोलते समय ही एक्सटेंशन की रिक्वेस्ट दे सकते हैं। अगर ऐसा नहीं किया गया है, तो मैच्योरटी पूरी होने के बाद भी इसे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए निश्चित फॉर्म भरकर संबंधित पोस्ट ऑफिस में पासबुक के साथ जमा करना होगा।समय से पहले बंद करने के नियम (Premature Closure)-6 महीने से पहले किसी भी हालत में TD अकाउंट बंद नहीं किया जा सकता।-6 महीने से 1 साल के बीच बंद करने पर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट के ब्याज दर के हिसाब से ब्याज मिलेगा।-अगर 2, 3 या 5 साल की FD को 1 साल के बाद बंद किया जाता है, तो ब्याज दर 2% कम हो जाएगी।-समय से पहले बंद करने के लिए पोस्ट ऑफिस में आवेदन फॉर्म और पासबुक जमा करनी होगी।Post Office Schemes: ब्याज दरअगर आप Post Office की Fixed Deposit या Saving Account में पैसा जमा करने की सोच रहे हैं, तो 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक के Interest Rates इस तरह रहेंगे:1 साल की स्कीम – 6.9%2 साल की स्कीम – 7.0%3 साल की स्कीम – 7.1%5 साल की स्कीम – 7.5% -
नयी दिल्ली. भारत में कृत्रिम मेधा (एआई) को अपनाने की रफ्तार काफी तेज है। एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि दो-तिहाई (करीब 65 प्रतिशत) भारतीयों ने किसी-न-किसी रूप में एआई का इस्तेमाल किया है जो वैश्विक औसत का दोगुना है। दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने वैश्विक ऑनलाइन सुरक्षा सर्वेक्षण पर आधारित एक रिपोर्ट मंगलवार को जारी की। यह रिपोर्ट एआई के बढ़ते प्रभाव का आकलन करने के लिए किए गए एक अध्ययन पर आधारित है। यह सर्वेक्षण 15,000 किशोरों (13-17) और वयस्कों के बीच कराए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। यह सर्वेक्षण 19 जुलाई से नौ अगस्त, 2024 के बीच 15 देशों में कराया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल भारत के 65 प्रतिभागियों ने एआई का इ्स्तेमाल करने की बात कही जबकि उसी समय वैश्विक औसत 31 प्रतिशत था। भारत में 2023 के दौरान 26 प्रतिशत प्रतिभागियों ने एआई उपयोग की बात कही थी। रिपोर्ट कहती है कि अनुवाद, प्रश्नों के उत्तर देने, काम से जुड़ी दक्षता बढ़ाने और छात्रों को स्कूल के काम में मदद करने के लिए एआई का उपयोग करने को लेकर भारत सबसे अधिक उत्साहित है। अध्ययन से पता चलता है कि एआई को अपनाने में 25-44 वर्ष की आयु के लोग यानी मिलेनियल्स सबसे आगे हैं। इस श्रेणी के 84 प्रतिशत लोगों ने एआई का इस्तेमाल स्वीकार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय माता-पिता अपने बच्चों की डिजिटल चुनौतियों को लेकर अधिक जागरूक नजर आते हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में जागरूकता बढ़ने का संकेत है। हालांकि, भारत में एआई को लेकर कुछ आशंकाएं भी हैं। इनमें ऑनलाइन दुरुपयोग, डीपफेक, धोखाधड़ी और एआई-जनित भ्रमजाल के बारे में चिंताएं शामिल हैं जो वैश्विक रुझानों के अनुरूप ही हैं। एआई के बारे में ऑनलाइन दुरुपयोग शीर्ष चिंताओं में से एक था। रिपोर्ट कहती है कि 80 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाता 18 साल से कम उम्र के बच्चों के बीच एआई के इस्तेमाल को लेकर चिंतित नजर आए। वहीं 80 प्रतिशत से अधिक भारतीय किशोरों ने भी ऑनलाइन जोखिम को महसूस किया है।
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बेंगलुरु. अदाणी समूह की रक्षा इकाई अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने डीआरडीओ के साथ मिलकर मंगलवार को ‘एयरो इंडिया' प्रदर्शनी में भारत की वाहनों पर लगाई जाने वाली ड्रोन-रोधी प्रणाली को पेश किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रणाली) डॉ बी के दास ने यहां चल रही रक्षा प्रदर्शनी के दौरान इस प्रणाली को रक्षा विशेषज्ञों और उद्योग भागीदारों की उपस्थिति में पेश किया। अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने बयान में कहा कि यह अत्याधुनिक प्रणाली उभरते हवाई खतरों के खिलाफ भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। आधुनिक युद्ध में टोही और आक्रामक अभियानों दोनों के लिए ड्रोन के बढ़ते उपयोग के साथ, एक मजबूत ड्रोन-रोधी प्रणाली की जरूरत बढ़ गई है। बयान के मुताबिक, वाहन पर लगने वाली ड्रोन-रोधी प्रणाली लंबी दूरी की सुरक्षा, चपलता और सटीकता सुनिश्चित करती है, जो इसे आधुनिक सैन्यबलों के लिए एक दमदार प्रणाली बनाता है। यह स्वचालित पहचान, वर्गीकरण और ड्रोन को बेअसर करने सहित उन्नत संवेदी क्षमताओं के जरिये निर्बाध सुरक्षा प्रदान करती है। कंपनी ने कहा कि एक वाहन पर लगी यह प्रणाली अत्यधिक सचल, चुस्त, विश्वसनीय और आत्मनिर्भर ड्रोन-रोधी समाधान मुहैया कराती है। इस ड्रोन-रोधी प्रणाली में ड्रोन को सटीकता से मार गिराने के लिए एक उच्च-क्षमता वाली लेजर प्रणाली, हवाई खतरे से निपटने के लिए 7.62 मिमी की बंदूक और 10 किलोमीटर की दूरी तक वास्तविक समय में निशाना ढूंढने, ट्रैकिंग और उसे निष्किय करने के लिए उन्नत रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और जैमर लगे हुए हैं। कंपनी ने कहा कि एक ही मंच पर कई ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकियों का एकीकरण होने से यह त्वरित प्रतिक्रिया और लचीले संचालन को सुनिश्चित करता है। इससे यह प्रणाली भारत के रक्षा बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण जरिया बन जाती है। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष राजवंशी ने कहा, ‘‘यह पेशकश भारत के रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी की सफलता का प्रमाण है, जो डीआरडीओ के विश्वस्तरीय शोध एवं विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) ढांचे द्वारा संचालित है। हमें डीआरडीओ की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को परिचालन के लिए तैयार समाधान में बदलने पर गर्व है।'' इस अवसर पर डीआरडीओ के डॉ दास ने कहा कि इस प्रणाली की शुरुआत अलग तरह के खतरों के खिलाफ भारत की रक्षा तैयारियों को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली कई ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकियों को एक अत्यधिक सचल मंच पर लेकर आती है जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और परिचालन लचीलापन सुनिश्चित होती है।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक का गोता लगा गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी और अमेरिका के नये सिरे से शुल्क लगाने को लेकर व्यापार युद्ध की आशंका से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,018.20 अंक यानी 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ दो सप्ताह के निचले स्तर 76,293.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,281.21 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 309.80 अंक यानी 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,071.80 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 44 नुकसान में जबकि छह लाभ में रहे। अमेरिका के सभी इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क की पुष्टि से रियल्टी, औद्योगिक, सोच-विचार कर खर्च किये जाने से जुड़े उपभोक्ता सामान और पूंजीगत सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे। यूरोपीय संघ के नेताओं ने भी अमेरिकी शुल्क के जवाब में कदम उठाने का संकल्प लिया है। इससे व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ी है। सेंसेक्स के तीस शेयरों में जोमैटो पांच प्रतिशत से अधिक नीचे आया। इसके अलावा टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, कोटक महिंद्रा बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। सेंसेक्स में शामिल तीस शेयरों में से केवल भारती एयरटेल का शेयर लाभ में रहा।
पिछले पांच कारोबारी सत्रों में बीएसई सेंसेक्स 2,290.21 अंक यानी 2.91 प्रतिशत नीचे आ चुका है, जबकि एनएसई निफ्टी में 667.45 अंक यानी 2.81 प्रतिशत की गिरावट आई है। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,463.72 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिकी व्यापार नीतियों और शुल्क दरों को लेकर जारी अनिश्चितता, घरेलू आर्थिक वृद्धि संबंधी चिंताओं और एफआईआई की लगातार बिकवाली के कारण बाजार धारणा कमजोर हो रही है। मांग संबंधी चिंताओं और ऊंचे मूल्यांकन के कारण मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।'' छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 3.40 प्रतिशत नीचे आया जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित मिडकैप 2.88 प्रतिशत के नुकसान में रहा। बीएसई में सूचीबद्ध 3,478 शेयरों में गिरावट रही जबकि 525 शेयर लाभ में रहे। 94 शेयरों के भाव यथावत रहे। एशिया के अन्य बजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहा। यूरोप के ज्यादातर बाजार दोपहर के कारोबार में नुकसान में रहे। अमेरिकी बाजार सोमवार को बढ़त में रहे थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.74 डॉलर प्रति बैरल रहा। बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 548.39 टूटकर एक सप्ताह के निचले स्तर 77,311.80 अंक पर बंद हुआ था। एनएसई निफ्टी 178.35 अंक के नुकसान के साथ 23,381.60 अंक पर रहा था। -
महाकुंभ नगर.। देश के प्रमुख उद्योगपति और ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज' के अध्यक्ष मुकेश अंबानी अपने परिवार के साथ मंगलवार को महाकुंभ नगर पहुंचे और उन्होंने अरैल स्थित परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में यज्ञ में आहुति दी। परमार्थ निकेतन की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मंगलवार को परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में अंबानी परिवार का आगमन हुआ जहां कोकिला बेन अंबानी, मुकेश अंबानी, श्लोका अंबानी, अनंत अंबानी, राधिका मर्चेंट अंबानी और पूरे अंबानी परिवार का अभिनंदन किया गया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि इस अवसर पर अंबानी परिवार ने परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में नगर निगम के स्वच्छताग्रही भाई-बहनों और नाविकों को अंगवस्त्र, मिठाइयां, फल, स्वच्छता किट और अन्य उपहार दिये। इस अवसर पर अंबानी परिवार ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व शान्ति यज्ञ में आहुतियां अर्पित करते हुए विश्व में शांति और कल्याण की कामना की।
- नयी दिल्ली। वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट को राष्ट्रीय विकास आवश्यकताओं का राजकोषीय प्राथमिकताओं के साथ संतुलन कायम करने वाला बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट के पीछे कई घरेलू और वैश्विक कारण हैं। लोकसभा में केंद्रीय बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में विश्व का परिदृश्य 180 अंश घूम गया है और बजट बनाना पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह बजट अत्यंत अनिश्चितता और बदलते वैश्विक परिदृश्य में आया है, इसलिए इसे तैयार करने में कई चुनौतियां रहीं। वित्त मंत्री ने कहा कि पश्चिम एशिया के हालात, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक जीडीपी में स्थिरता जैसे वैश्विक कारकों का असर इस बजट पर भी पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट राष्ट्रीय विकास आवश्यकताओं का राजकोषीय प्राथमिकताओं के साथ संतुलन कायम करने वाला है।'' उन्होंने कहा कि सरकार 99 प्रतिशत उधारी का उपयोग पूंजीगत व्यय के लिए कर रही है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 4.3 प्रतिशत है। सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट में घरेलू अर्थव्यवस्था के सामने आ रहीं चुनौतियों पर ध्यान दिया गया है और इसमें विकास को बढ़ाने, समावेशी विकास, निजी क्षेत्र के निवेश में वृद्धि करने और सामान्य परिवारों की भावनाओं का ध्यान रखने जैसे लक्ष्य रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद देश में पूंजी व्यय और राज्यों को संसाधनों का हस्तांतरण बढ़ रहा है। उन्होंने देश में बेरोजगारी संबंधी कुछ विपक्षी सदस्यों की चिंताओं का जवाब देते हुए कहा कि 2023-24 के श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार श्रम शक्ति सहभागिता दर 2017-18 में 49 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60 प्रतिशत से अधिक हो गई है, वहीं बेरोजगारी की दर 6 प्रतिशत से घटकर 3.4 प्रतिशत हो गई है। सीतारमण ने कहा कि इस सरकार की पहली प्राथमिकता खाद्य महंगाई को नियंत्रित रखना है और इसके कई मानकों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मौसम संबंधी कारकों या आपूर्ति शृंखला व्यवधान के कारणों पर भी नजर रख रही है।उन्होंने कहा कि संप्रग के समय मुद्रास्फीति दहाई के अंक में थी और 10 से अधिक पहुंच गई थी, लेकिन अब ऐसी स्थिति बिल्कुल नहीं है। उन्होंने डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य गिरने संबंधी विपक्षी सदस्यों के दावों पर कहा कि इसे डॉलर सूचकांक की गतिविधि, कच्चे तेल के दाम और चालू खाता घाटा जैसे अनेक घरेलू और वैश्विक कारक प्रभावित करते हैं। सीतारमण ने कहा कि दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे बड़े एशियाई देशों की मुद्रा भी कमजोर हुई है।उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के गत 15 जनवरी को दिए गए एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी कहा है कि वह रुपये के गिरते मूल्य पर चिंतित नहीं हैं। सीतारमण ने कहा कि (कांग्रेस की) ‘भारत जोड़ो यात्रा' में भाग लेने वाले राजन ने कहा था, ‘‘निश्चित रूप से, हमेशा रुपया-डॉलर विनिमय दर पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। वास्तविकता यह है कि डॉलर कई मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हो रहा है। यूरो में लगभग छह से सात प्रतिशत की गिरावट है।'' इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सदन में उपस्थित थे।
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नयी दिल्ली. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि भारत सभी स्रोतों से सबसे कम दरों पर पेट्रोलियम आयात के लिए तैयार है। इसके साथ ही पुरी ने कहा कि घरेलू पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को वर्ष 2026 से आपूर्ति के लिए किफायती दाम पर अधिक गैस की तलाश है। पुरी ने मंगलवार से शुरू होने वाले ‘भारतीय ऊर्जा सप्ताह-2025' के संदर्भ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद रूस से भारत को तेल आपूर्ति पर पड़ने वाले असर से जुड़ी आशंकाएं दूर कीं। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे सामने ऐसी स्थिति है कि हमें आपूर्ति करने वाले देशों की संख्या 27 से बढ़कर 39 हो गई है। हमने अर्जेंटीना को भी इसमें शामिल किया है। हम सभी स्रोतों से आयात के लिए तैयार हैं।'' पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, “हमने आयात के समय निविदा जारी की थी। निविदा किसी भी आपूर्तिकर्ता के लिए खुली हैं। हम सबसे सस्ते स्रोत से ही ईंधन खरीदते हैं।'' उन्होंने यह भी बताया कि घरेलू पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को ज्यादा मात्रा में गैस की तलाश है और प्राकृतिक गैस की कीमतें नीचे आने की उम्मीद है। पुरी ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय बाजार के बारे में मेरा अनुमान है कि 2026 में प्राकृतिक गैस की उपलब्धता में खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। हमें कतर से अधिक गैस मिल सकती है। हमारी कंपनियां अधिक गैस की तलाश कर रही हैं।'' एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और गेल अमेरिका से एलएनजी (द्रवीकृत प्राकृतिक गैस) और कच्चे तेल की खरीद पर विचार कर रही हैं और वे दीर्घावधि के अनुबंध कर सकती हैं।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए चलाई जा रही प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम का असर दिखने लगा है। चालू वित्त वर्ष (वित्तीय वर्ष 2024-25) के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में एप्पल आईफोन का निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।
आईफोन निर्यात में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत का इजाफाइंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, जनवरी के महीने में रिकॉर्ड 19,000 करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात हुआ है और यह आईफोन निर्यात का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश के आईफोन निर्यात में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी की अवधि में 76,000 करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात किया गया था।10 महीनों में आईफोन निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये के पारकेंद्रीय रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि पीएलआई योजना के तहत एक और रिकॉर्ड प्रदर्शन, वित्त वर्ष 2024-25 के केवल 10 महीनों में आईफोन निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया है।भारत में प्रति वर्ष 32.5 से लेकर 33 करोड़ के करीब मोबाइल फोन का निर्माण किया जा रहा है और औसतन भारत में लगभग एक अरब मोबाइल फोन उपयोग में हैं।भारत कंपनी के लिए एक बड़ा बाजारएप्पल के सीईओ टिम कुक ने पिछले महीने कहा था कि भारत कंपनी के लिए एक बड़ा बाजार है और हमने दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड वृद्धि हासिल की है और अक्टूबर-दिसंबर 2024 की अवधि में आईफोन देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन रहा है।भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में एप्पल की हिस्सेदारी बढ़कर 7 प्रतिशतसाइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 2024 में भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में एप्पल आईफोन की हिस्सेदारी बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई है। इसकी वजह स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ना और छोटे शहरों में प्रीमियमाइजेशन का बढ़ता चलन है।2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एप्पल की एंट्री भारत के शीर्ष पांच मोबाइल ब्रांड में हो गई थी। वॉल्यूम के हिसाब से कंपनी का मार्केट शेयर करीब 10 प्रतिशत पर पहुंच गया था। 2024 में एप्पल इंडिया द्वारा 1.1 करोड़ से ज्यादा शिपमेंट की गई थी।







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