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नई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत को 2030 तक मसालों के निर्यात का लक्ष्य प्रतिवर्ष 10 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहिए, जो अभी 4 अरब डॉलर प्रतिवर्ष है। केन्द्रीय मंत्री ने प्रस्ताव किया कि अगले वर्ष नई दिल्ली में दुनिया की सबसे बडी मसाला प्रदर्शनी, सम्मेलन और संगोष्ठी का आयोजन किया जाना चाहिए और विश्व की बडी कम्पनियों को इसमें आमंत्रित किया जाना चाहिए। श्री गोयल आज नवी मुम्बई में मसाला निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मसाला उद्योग के बडे उद्योगपतियों की सराहना करते हुए उन्होनें कहा कि भारत इस क्षेत्र में किसी से पीछे नही है और देश में इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। श्री गोयल ने कहा कि विभिन्न देशों में साढे तीन करोड भारतीय रहते हैं, जो भारतीय मसालों के खरीददार के साथ-साथ उनके ब्रांड एम्बेस्डर भी हैं। श्री गोयल ने इस मौके पर मसाला निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार भी प्रदान किए।14वीं विश्व मसाला कांग्रेस नवी मुम्बई में शुक्रवार को शुरू हुई थी। इसके पहले दिन मसाला बोर्ड के सचिव श्री डी साथिया ने मसाला प्रदर्शनी का उद्घाघन किया। मसाला कांग्रेस का थीम ''विजन 2030: सतता, उत्पादकता, नवाचार, सहयोग, उत्कृष्टता और सुरक्षा'' है। -
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन पर रविवार से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि भारत के सबसे तेज मेट्रो कॉरिडोर पर ट्रेन की गति को धीरे-धीरे 90 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 120 किमी प्रति घंटे करना, विभिन्न सरकारी एजेंसियों और विशेषज्ञों के परामर्श के साथ-साथ DMRC के अभियंताओं द्वारा सावधानीपूर्वक योजना बनाने और उसके समयबद्ध कार्यान्वयन से संभव हुआ है।
DMRC ने एक बयान में कहा, ‘17 सितंबर से, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन का परिचालन करने जा रहा है।’प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को द्वारका में यशोभूमि नामक इंडिया इंटरनैशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC) के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। वह साथ ही दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तारित खंड का लोकार्पण करेंगे जो द्वारका सेक्टर-21 को द्वारका सेक्टर 25 से जोड़ने के लिए बनाई गई है।अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तारित खंड द्वारका सेक्टर 21 से यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक मेट्रो ट्रेन का परिचालन 17 सितंबर को अपराह्न तीन बजे से शुरू हो जाएगा।सूत्रों ने शनिवार को बताया कि एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तारित खंड के लोकार्पण के बाद इस लाइन पर बढ़ी हुई गति से ट्रेन का परिचालन करने की संभावना है।वर्तमान में एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर ट्रेन का परिचालन नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन से द्वारका सेक्टर 21 स्टेशन तक होता है ।नई दिल्ली से यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 तक की कुल यात्रा में लगभग 21 मिनट लगेंगे। पहले, नयी दिल्ली और द्वारका सेक्टर 21 के बीच यात्रा का समय लगभग 22 मिनट था, और अब इन दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी तय करने में लगने वाला समय घटकर लगभग 19 मिनट रह जाएगा जिससे तीन मिनट की बचत होगी।DMRC ने बताया कि नई दिल्ली और दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन के बीच यात्रा का अनुमानित समय लगभग 15 मिनट और 30 सेकंड होगा। DMRC ने कहा कि पहले यह समय 18 मिनट से थोड़ा अधिक था। -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को भी तेजी बरकरार रखी और इसी के साथ यह अपने इतिहास के नए मुकाम पर पहुंच गया। सेंसेक्स ने 16 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए लगातार 11वें कारोबार सेशन में तेजी बरक़रार रखी है। बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स लगातार चढ़ते हुए अपने ऑल टाइम हाई लेवल 67,838 अंक पर पहुंच गया। साथ ही निफ्टी भी अपने रिकॉर्ड लेवल 20,180 अंक पर बंद हुआ।
बाजार में इसलिए आई तेजीवैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी निवेशकों की ताजा खरीदारी से बाजार में तेजी आई। इसके अलावा दूरसंचार, ऑटो और तकनीकी शेयरों में खरीदारी से भी बाजार को बढ़त के साथ स्थिर होने में मदद मिली।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 319.63 अंक 0.47 प्रतिशत की तेजी के साथ 67,838.63 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 67,927.23 अंक तक चला गया था। इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 67,519.00 अंक पर बंद हुआ था।इसी तरह निफ़्टी का भी रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन जारी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ़्टी 50 आज के कारोबार में 89.25 अंक या 0.44 प्रतिशत के तेजी लेकर अपने नए रिकॉर्ड लेवल 20,192.35 पर बंद हुआ।सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय एयरटेल का शेयर सबसे ज्यादा 2.37 प्रतिशत चढ़ा। साथ ही महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएएल टेक, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, एचडीएफ़सी बैंक, टीसीएस, विप्रो, ICICI बैंक के शेयर प्रमुख रूप से प्रॉफिट में रहे।दूसरी तरफ, एशियन पेंट्स के शेयर में 1.32 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट आई। इसके अलावा हिंदुस्तान लिवर, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, आईटीसी और एलएंडटी के शेयर लाल निशान में बंद हुए।इस बीच कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के साथ डॉलर की मांग के कारण अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 0.18 प्रतिशत कमजोर हो गया और 83.18 प्रति डॉलर पर आ गया।एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो और हांगकांग लाभ के साथ बंद हुए जबकि शंघाई गिरावट में बंद हुआ। इसके अलावा यूरोपीय शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार गुरुवार को तेजी के साथ बंद हुए।शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 294.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर ख़रीदे। -
नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) के पहले दिन अभूतपूर्व और ऐतिहासिक आम सहमति बनाकर भारत ने विश्व को एक मजबूत संदेश दिया। जी20 के सदस्य देशों ने नौ सितंबर को नयी दिल्ली घोषणापत्र अपनाया, जिसे रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने के मुद्दे पर अलग-अलग वैश्विक विचारों के बीच एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
गोयल ने स्वच्छ ऊर्जा पर उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,‘‘बहुत ही विखंडित विश्व के प्रत्येक वैश्विक नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जी20 की भारत की अध्यक्षता की सफलता चाहते थे, और हमने शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक आम सहमति बना कर विश्व को यह मजबूत संदेश दिया कि भारत ने इसे कर लिया है।’’उन्होंने कहा कि विश्व ने भारत के सामर्थ्य को भी देखा है, चाहे वह कोविड महामारी हो या यूक्रेन संघर्ष से उभरी चुनौतियां हों। मंत्री ने कहा, ‘‘…विश्व ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को देखा, विश्व को एक बेहतर समझौता मुहैया करने में सक्षम 140 करोड़ भारतीयों के सामर्थ्य को देखा।’’उन्होंने कहा कि राष्ट्र ने भारत को एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने की कोशिश का समर्थन किया, और दुर्भाग्य से इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई।मंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी कंपनियों को सहयोग और साझेदारी के जरिये वैश्विक कंपनियों के साथ जुड़ने पर विचार करना चाहिए। गोयल ने कृषि उत्पाद निर्यातों के बारे में कहा कि कृषि से संबद्ध निर्यात पिछले साल 50 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया और आने वाले वर्षों में इसके और बढ़ने की उम्मीद है। -
नयी दिल्ली. प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल ने अपने नए आईफोन 15 मॉडल को इंडियाज नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (नेवआईसी) जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से लैस किया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रहों से संचालित नेवआईसी आईफोन 15 अन्य गैलीलियो और ग्लॉसनास जीपीएस प्रणालियों के साथ उपलब्ध होगा। एप्पल ने 12 सितंबर को आईफोन 15प्रो और आईफोन 15प्रो मैक्स मॉडलों का अनावरण किया। ये मॉडल बिक्री के लिए इसी महीने पेश किए जाएंगे। चंद्रशेखर ने कहा, “एप्पल द्वारा अपने नवीनतम आईफोन 15 की घोषणा से देश दो बड़ी उपलब्धियां मिली हैं। पहली तो यह है कि भारतीय ग्राहकों के लिए भी आईफोन उसी दिन से मिलेगा, जिस दिन से न्यूय़ॉर्क, तोक्यो और लंदन के ग्राहकों को मिलेगा।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास में पहली बार आईफोन 15 ने अपने फोन में गैलीलियो और ग्लॉसनास की जीपीएस प्रणाली के साथ-साथ नेवआईसी जीपीएस प्रणाली भी लैस की गई है। उन्होंने कहा, “तो पहली बार, आईफोन जैसे वैश्विक उत्पाद में ऐसी तकनीक शामिल होगी जिसे नेवआईसी द्वारा डिज़ाइन, वितरित और संचालित किया गया है।''
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नयी दिल्ली. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है और सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है। इससे आगामी त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेंगी। चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसीलिए मेरा आकलन यह है कि चाहे चावल हो या फिर गेहूं या चीनी अथवा खाद्य तेल, आगामी त्योहारों के दौरान इनके दाम बढ़ने की आशंका नहीं है।'' उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत पड़ती है, सरकार जरूरी कदम उठाती है। उदाहरण के लिये, कीमतों में तेजी के बीच तत्काल प्रभाव से व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिये भंडार सीमा को घटाकर 2,000 टन किया गया है। सचिव ने कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेलों की आपूर्ति पर्याप्त है।
चीनी के बारे में उन्होंने कहा कि हालांकि इसकी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन अगस्त में कम मानसूनी बारिश के कारण कमी की आशंका को लेकर अफवाह के कारण हाल में कुछ जगह कीमतों में तेजी आई है। चोपड़ा ने कहा, ‘‘... देश में 85 लाख टन का पर्याप्त चीनी भंडार है। यह साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है।'' खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार त्योहारों को लेकर पर्याप्त रूप से तैयार है। सरकार ने 25 लाख टन चीनी जारी की है। अगस्त में दो लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर चीनी की उपलब्धता अच्छी है। सरकार इस साल गन्ना उत्पादन में गिरावट को लेकर उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इसमा) की आशंका से सहमत नहीं है। चोपड़ा के अनुसार, इसका कारण यह है कि इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हुई है और हमें उम्मीद है कि इससे गन्ने का उत्पादन बेहतर रहेगा। गेहूं के बारे में सचिव ने कहा कि देश में इसका पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें वर्तमान में औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों को काबू में रखने के लिये व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं पर भंडार सीमा को और कम कर दिया है। चोपड़ा ने कहा कि 31 अगस्त की स्थिति के अनुसार, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि जरूरत 202 लाख टन की है। परिस्थिति के अनुसार सरकार खुले बाजार में गेहूं की आक्रामक तरीके से बिक्री की जा सकती है। चावल के बारे में उन्होंने कहा कि इसके दाम में 10 प्रतिशत वृद्धि को लेकर हम चिंतित हैं। कीमत वृद्धि का कारण नकारात्मक धारणा है, जो कुछ लोग बना रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि इस साल मानसून इतना अच्छा नहीं रहा है और चावल का उत्पादन प्रभावित होने वाला है। सचिव ने कहा, ‘‘यह सिर्फ कुछ लोगों की तरफ से नकारात्मक रूप से पैदा की जा रही धारणा है।'' मैं आपके माध्यम से यह बताना चाहूंगा कि फसल की स्थिति अच्छी है। ... कमी जैसी कोई बात नहीं है।'' चोपड़ा ने खाद्य तेल के बारे में कहा कि देश में वर्तमान में 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है। कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया है। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर हमारे पास अतिरिक्त भंडार है और परिणामस्वरूप, आने वाले दिनों में किसी प्रकार कमी या कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है।' -
नयी दिल्ली, सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने बृहस्पतिवार को 1,831.09 करोड़ रुपये का लाभांश चेक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा। बीमा कंपनी ने बयान में कहा कि एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने वित्तीय सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव एमपी तंगिरला की मौजूदगी में सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी के एवज में लाभांश चेक दिया। शेयरधारकों की 22 अगस्त को सालाना बैठक में लाभांश को मंजूरी दी गयी थी। एलआईसी ने अपने गठन के 67 साल पूरे कर लिये हैं। कंपनी ने 1956 में पांच करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ शुरुआत की थी। 31 मार्च, 2023 की स्थिति के अनुसार एलआईसी के पास 40.81 लाख करोड़ रुपये की जीवन निधि के साथ 45.50 लाख करोड़ रुपये का परिसंपत्ति आधार है।
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नयी दिल्ली. केंद्र ने बृहस्पतिवार को तीसरा सफाई अभियान शुरू किया जिसमें ऐसे दूर दराज के कार्यालयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है। नयी दिल्ली में इस अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वच्छता' अभियान को जन आंदोलन बना दिया है। सिंह ने कहा, ‘‘वही प्रशासन है, वही अधिकारी हैं लेकिन नेतृत्व की कमी थी। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता और सफाई के मिशन को जन आंदोलन बना दिया और अब इसे लोगों ने समाज सुधार आंदोलन की तरह आत्मसात कर लिया है। इसने सरकार की मंशा को प्रदर्शित किया है कि वह लोगों की मूलभूत समस्याओं का मिशन के आधार पर समाधान करेगी।'' उन्होंने कहा कि इस विशेष अभियान की शुरुआत तब की गई है जब देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सफल जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन और भारत के अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 की वजह से जोश का महौल है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले जागरूकता अभियान के तहत 15 अगस्त 2014 को स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी जिसने कार्यसंस्कृति को बदल दिया और इसका सबूत जी20 की सफल मेजबानी है। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस पोर्टल के माध्यम से 90 प्रतिशत फाइल का काम ऑनलाइन किया गया है और (स्वच्छता)अभियान से सुनिश्चित किया गया कि डाक विभाग जैसे कुछ विभागों में खाली स्थान का इस्तेमाल उत्पादक कार्य के लिए किया जाए जो पहले ‘कबाड़खाने में' तब्दील हो गए थे। विशेष सफाई अभियान 3.0 के तहत 15 से 30 सितंबर 2023 के बीच तैयारी का चरण होगा। इस अवधि में मंत्रालय/ विभाग चुनिंदा श्रेणियों में लंबित कार्य की पहचान करेंगे और अभियान स्थल को अंतिम रूप देंगे। भारत सरकार ने दो अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2023 के बीच विशेष अभियान 3.0 चलाने की घोषणा की है जिसमें सरकारी कार्यालयों में सफाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. साख निर्धारित करने वाली एजेंसी फिच रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उसने कहा कि कड़ी मौद्रिक नीति और निर्यात में कमी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने अल नीनो की आशंका के कारण मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाया है।
उल्लेखनीय है कि सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही है। फिच ने कहा, ‘‘कड़ी मौद्रिक नीति और निर्यात में कमी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। देश की आर्थिक वृद्धि दर क्षेत्र के अन्य देशों के मुकाबले कहीं बेहतर है।'' रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिये आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिये 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। फिच ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की अद्यतन रिपोर्ट में हालांकि कहा कि निर्यात, बिजली खपत, माल ढुलाई जैसे आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि जुलाई-सितंबर तिमाही में वृद्धि दर नरम रह सकती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में वृद्धि दर धीमी पड़ने की आशंका है। इसका कारण यह है कि निर्यात लगातार कमजोर हो रहा है, ऋण वृद्धि स्थिर है और भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम द्विमासिक उपभोक्ता भरोसा सर्वेक्षण से पता चलता है कि उपभोक्ताओं में आय तथा रोजगार की संभावनाओं को लेकर कुछ निराशाजनक धारणा बन रही है। मुद्रास्फीति के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई खासकर खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में अस्थायी तौर पर जो वृद्धि हुई है, उससे आने वाले महीनों में सोच-विचाकर कर किए जाने वाले उपभोक्ता खर्च पर अंकुश लग सकता है। इसमें कहा गया है, ‘‘उपभोक्ताओं पर मुद्रास्फीति का प्रभाव अस्थायी हो सकता है लकिन अन्य बुनियादी चीजें अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं।'' फिच ने कहा, ‘‘भारत वैश्विक आर्थिक नरमी से अछूता नहीं रहेगा और घरेलू अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष आरबीआई के नीतिगत दर में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि के प्रभाव से प्रभावित होगी। वहीं कमजोर मानसून आरबीआई के मुद्रास्फीति नियंत्रण को जटिल बना सकता है।'' रेटिंग एजेंसी ने अल नीनो प्रभाव का हवाला देते हुए 2023 के अंत तक खुदरा मुद्रास्फीति 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पूर्व में जताये गये पांच प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा है। -
कोलकाता. पिछले साल अच्छी फसल रहने के साथ भारतीय जूट निगम (जेसीआई) को चालू जूट वर्ष (2023-24) में बीते साल की तुलना में कम से कम 50 प्रतिशत अधिक कच्चे रेशे (फाइबर) की खरीद होने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह कहा। जेसीआई को सरकार द्वारा किसानों से कच्चे जूट की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिए आदेश दिया गया है। इस साल औसत एमएसपी मूल्य 5,050 रुपये प्रति क्विंटल है। जेसीआई के महाप्रबंधक के. मजूमदार ने कहा कि चालू जूट फसल वर्ष 2023-24 में (जुलाई-जून) कच्चे जूट की खरीद बहुत अधिक है। सितंबर के मध्य तक, हम पहले ही 2.30 लाख क्विंटल जूट खरीद चुके हैं। हमें उम्मीद है कि यह अभियान पूरे साल चलेगा और कुल खरीद पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत या 6-7 लाख क्विंटल से अधिक की होगी। पिछले वित्त वर्ष के जूट मौसम में जेसीआई ने रिकॉर्ड 4.34 लाख क्विंटल जूट की खरीद की थी। मजूमदार ने कहा, ‘‘इस साल जूट की बंपर फसल हुई है और उत्पादन 91 लाख गांठ होने की उम्मीद है। किसानों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले जूट और बोरी पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा दी है।
- मुंबई। खुदरा मुद्रास्फीति के अगस्त में घटकर 6.8 प्रतिशत पर आने के बावजूद विशेषज्ञों को यह आशंका सता रही है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह रिजर्व बैंक के अनुमान से 0.60 प्रतिशत अधिक रह सकती है। जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 15 महीनों के उच्च स्तर 7.4 प्रतिशत पर रही लेकिन अगस्त में सब्जियों के दाम घटने से यह गिरकर 6.8 प्रतिशत पर आ गई। ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि सितंबर में भी खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के ऊपर ही रहने का अनुमान है। ऐसी स्थिति में जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा रिजर्व बैंक के अनुमान से अधिक रहने के आसार दिख रहे हैं। यूबीएस की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता-जैन ने कहा, "वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के अनुमान 6.2 प्रतिशत से 0.6 प्रतिशत बढ़कर 6.8 प्रतिशत तक जा सकती है।" उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कीमतों पर दबाव बने रहने से मुद्रास्फीति में तेजी कायम है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति सात प्रतिशत बढ़ी जबकि शहरी इलाकों में यह 6.6 प्रतिशत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में औसत खुदरा मुद्रास्फीति 5.6 प्रतिशत रह सकती है।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी की अनुषंगी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) ने हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिए नायरा एनर्जी के साथ समझौता किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी ने एक बयान में कहा कि एनजीईएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित भार्गव और नायरा एनर्जी के प्रमुख (प्रौद्योगिकी) अमर कुमार ने दोनों पक्षों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सोमवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। बयान में कहा गया, ‘‘हरित हाइड्रोजन तथा हरित ऊर्जा क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिए एनजीईएल और नायरा एनर्जी ने आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।'' एनजीईएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित भार्गव ने कहा कि हरित हाइड्रोजन भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा और इस साझेदारी के साथ कंपनी हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का पता लगाएगी तथा उनका इस्तेमाल करेगी। - नयी दिल्ली। भारत का विदेशी ऋण मार्च, 2023 के अंत तक 624.7 अरब अमेरिकी डॉलर था, और इसका ऋण-सेवा अनुपात 5.3 प्रतिशत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह संतोषजनक स्तर पर है और देश के लिहाज से यह मामूली है। इस महीने की शुरुआत में जारी ‘भारत का विदेशी ऋण: एक स्थिति रिपोर्ट 2022-23' की प्रस्तावना में सीतारमण ने कहा कि मार्च, 2023 के अंत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विदेशी ऋण का अनुपात एक साल पहले के 20 प्रतिशत से घटकर 18.9 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक ऋण कुल विदेशी ऋण का 79.4 प्रतिशत है, जबकि अल्पकालिक ऋण कुल विदेशी ऋण का 20.6 प्रतिशत है। अल्पकालिक ऋण का इस्तेमाल मुख्य रूप से आयात के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।वित्त मंत्री ने कहा कि पूरे देश के लिहाज से भारत की विदेशी ऋण स्थिति अधिकांश निम्न और मध्यम-आय वाले देशों (एलएमआईसी) की तुलना में बेहतर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 के दौरान ऋण सेवा अनुपात इससे पिछले वर्ष के 5.2 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़कर 5.3 प्रतिशत हो गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ऋण सेवा भुगतान 2021-22 में 41.6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 49.2 अरब डॉलर हो गया है।
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नयी दिल्ली. जी20 देशों ने शनिवार को कहा कि वे राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप कोयले से बनने वाली बिजली को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के प्रयासों में तेजी लाएंगे, लेकिन उन्होंने तेल और गैस सहित सभी प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की प्रतिबद्धता नहीं जताई। दुनिया के 85 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का योगदान देने वाले और 80 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार जी20 ने कहा कि यह 2030 तक वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा और प्रोत्साहित करेगा तथा अनुपयोगी जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को खत्म करने तथा तर्कसंगत बनाने के लिए 2009 में पिट्सबर्ग में किए गए अपने वादे को कायम रखेगा। शुक्रवार को प्रकाशित पहली ‘ग्लोबल स्टॉकटेक' की एक प्रमुख तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाना और निर्बाध जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए ऊर्जा संक्रमण के अपरिहार्य तत्व हैं। यहां जी20 शिखर सम्मेलन में जारी नेताओं की घोषणा में, समूह ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (एआर 6) के निष्कर्षों का उल्लेख किया कि पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैश्विक हरित गैस उत्सर्जन को 2020 से 2025 के बीच अपने उच्चतम बिंदु, या “चरम” तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने हालांकि कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि प्रत्येक देश को इस समय सीमा के भीतर अपने उत्सर्जन शिखर पर पहुंचना होगा। घोषणापत्र में कहा गया है, “चरमोत्कर्ष की समय-सीमा सतत विकास, गरीबी उन्मूलन की जरूरतों, समानता और विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप तय की जा सकती है।” दुनिया की कुछ सबसे धनी अर्थव्यवस्थाओं के समूह ने ‘2030 तक ऊर्जा दक्षता सुधार की दर को दोगुना करने पर स्वैच्छिक कार्य योजना' पर भी ध्यान दिया। उन्होंने माना कि ‘ग्लोबल वार्मिंग' को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए 2019 के स्तर के सापेक्ष 2030 तक वैश्विक हरित गैस उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की तीव्र, गहरी और निरंतर कटौती की आवश्यकता है। उन्होंने हालांकि “चिंता के साथ संज्ञान लिया” कि जलवायु परिवर्तन से निपटने और पेरिस समझौते में उल्लिखित तापमान उद्देश्यों को प्राप्त करने की वैश्विक महत्वाकांक्षा अपर्याप्त है। जी20 ने कहा कि विकासशील देशों को अपनी राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए 2030 से पहले की अवधि में 5.9 हजार अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होगी, जिसका लक्ष्य ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे, अधिमानतः 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रखना है। समूह ने कहा कि 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए, विकासशील देशों को 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए सालाना लगभग चार हजार अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होगी।
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नयी दिल्ली. आयकर अधिकारी स्टार्टअप निवेशकों द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर के बारे में विवरण मांग सकते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि निवेश की गई राशि उनके व्यक्तिगत आईटीआर में दिखाई गई आय के अनुरूप है या नहीं। आयकर विभाग ने यह जानकारी दी। सोशल नेटवर्किंग मंच एक्स पर शुक्रवार को भारतपे के सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर की एक पोस्ट का जवाब देते हुए आयकर विभाग ने कहा कि वित्त अधिनियम 2012 में कहा गया है कि किसी निवेशक को स्टार्टअप में निवासी शेयरधारक से धन के स्रोत के बारे में भी बताना होगा। ग्रोवर ने यह मुद्दा उठाया था कि ‘पिछले एक महीने में कई स्टार्टअप को टैक्स नोटिस मिले हैं, जिसमें उनके शेयरधारकों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है।' आयकर विभाग ने कहा, “इस मामले में, प्रतीत होता है कि विभाग ने शेयरधारक-निवेशक द्वारा लेनदेन की वास्तविकता और निवेश के स्रोत की जांच करने की मांग की है, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि निवेश की गई राशि निवेशकों के आईटीआर में दिखाई गई आय के अनुरूप है या नहीं।” विभाग ने कहा, “वैकल्पिक रूप से, यदि कंपनी द्वारा निवेशकों के ‘पैन' निर्धारण अधिकारी (एओ) के साथ साझा किए जाते हैं, तो वह निवेशकों के आईटीआर को सत्यापित कर सकता है।
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नई दिल्ली। इस सप्ताह की शुरुआत में, Hitachi पेमेंट सर्विसेज ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी में भारत का पहला UPI-ATM पेश किया। यह ATM लोगों को डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग किए बिना सुरक्षित रूप से नकदी निकालने की अनुमति देता है। कहने का मतलब है कि आप अब UPI का इस्तेमाल करते हुए कैश निकाल सकेंगे।
UPI ATM एक कैश मशीन की तरह है जिसके लिए नियमित ATM कार्ड की जरूरत नहीं होती है। इसके बजाय, यह विशिष्ट बैंकों के साथ काम करता है और डिजिटल पेमेंट सिस्टम (UPI) के माध्यम से सीधे आपके बैंक खाते से कनेक्ट होता है। इन ATM का प्रबंधन ऐसी कंपनियों द्वारा किया जाता है जो स्वयं बैंक नहीं हैं, और इन्हें व्हाइट-लेबल ATM के रूप में जाना जाता है।कंपनी ने एक प्रेस रिलीज में कहा, “Hitachi मनी स्पॉट UPI ATM ग्राहकों को कार्ड की जरूरत के बिना नकदी निकालने का एक आसान और सुरक्षित तरीका देता है, जिससे यह उनके लिए अधिक सुविधाजनक हो जाता है।”भारत में, सभी खुदरा ट्रांजैक्शन का लगभग आधा (48%) UPI का उपयोग करके किया जाता है, जो एक लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्लेटफ़ॉर्म है।UPI-ATM कैसे काम करता है?UPI-ATM का उपयोग वे लोग कर सकते हैं जिनके एंड्रॉइड या IOS फोन पर UPI ऐप है। यह यूजर्स को अपने मोबाइल पर UPI ऐप के माध्यम से विभिन्न बैंक खातों से नकदी निकालने की अनुमति देता है। यह ऐसे काम करता है:-आप ATM पर ‘UPI cash withdrawal’ विकल्प चुनें और वह राशि चुनें जिसे आप निकालना चाहते हैं।-ATM स्क्रीन पर एक विशेष क्यूआर कोड दिखाता है।-आप इस QR कोड को अपने मोबाइल पर UPI ऐप से स्कैन करें और अपने UPI पिन का उपयोग करके ट्रांजैक्शन की पुष्टि करें।-आप प्रति ट्रांजैक्शन 10,000 रुपये तक निकाल सकते हैं, और यह लिमिट आपके बैंक द्वारा UPI-ATM ट्रांजैक्शन के लिए निर्धारित डेली लिमिट के भीतर है।-इस तरह, आप केवल अपने मोबाइल फोन से अपने UPI ऐप का उपयोग करके ATM से नकदी निकाल सकते हैं।-यह बैंकों द्वारा दी जाने वाली कार्डलेस कैश विदड्रॉल से किस प्रकार अलग है?-कार्डलेस कैश विदड्रॉल में आमतौर पर आपके मोबाइल नंबर और वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का उपयोग किया जाता है। इसके विपरीत, UPI-ATM आपके UPI ऐप के माध्यम से कैश निकालने के लिए QR कोड का उपयोग करता है।UPI ATM को कार्ड स्किमिंग को रोकने का एक अच्छा तरीका माना जाता है, जो एक प्रकार की धोखाधड़ी है जहां अपराधी पैसे चुराने के लिए आपके कार्ड की जानकारी, जैसे आपका पिन और कार्ड नंबर, चुराने के लिए ATM या भुगतान टर्मिनलों पर डिवाइस लगा देते हैं। - नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने के बाद वृद्धिशील नकद आरक्षी अनुपात-आईसीआरआर को समाप्त करने का फैसला किया है। आरबीआई ने यह अनुपात बाजार में नकदी की अधिकता के समाधान के लिए लागू किया था। यह कार्य आज से चरणबद्ध रूप से किया जाएगा। आरबीआई ने 10 अगस्त को बैंकों से कहा था कि वे 19 मई 2023 से 28 जुलाई 2023 के बीच अपनी कुल मांग और कुल देनदारियों पर 10 प्रतिशत की दर से वृद्धिशील नकद आरक्षी अनुपात बनाए रखें। यह कदम दो हजार रुपये के नोटों की वापसी तथा अन्य कारणों से नकदी उपलब्धता में होने वाली वृद्धि को समाहित करने के लिए उठाया गया था। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि तरलता की मौजूदा स्थितियों के आकलन के बाद यह फैसला किया गया कि वृद्धिशील नकद अनुपात के अंतर्गत जमा हुई राशि को तीन चरणों में जारी किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने देशभर में अपने करीब 6,000 एटीएम पर यूपीआई एटीएम सुविधा शुरू कर दी है। बैंक ने शुक्रवार को यह घोषणा की। बीओबी की ओर से जारी बयान के अनुसार, वह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के समन्वय से एनसीआर कॉरपोरेशन द्वारा संचालित यूपीआई एटीएम शुरू करने वाला देश का पहला सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है। बैंक ने कहा कि उनके व अन्य बैंकों के ग्राहक यूपीआई-सक्षम मोबाइल ऐप के जरिए अपने डेबिट कार्ड का उपयोग किए बिना बैंक ऑफ बड़ौदा यूपीआई एटीएम से नकदी निकाल सकते हैं। बयान के अनुसार, इंटरऑपरेबल कार्डलेस कैश विड्रॉल (आईसीसीडब्ल्यू) तकनीक के जरिए यूपीआई एटीएम क्यूआर-आधारित निर्बाध नकदी निकासी संभव बनाता है, जिससे नकदी निकालने के लिए कार्ड की जरूरत नहीं होती है। यूपीआई एटीएम सुविधा का एक बड़ा लाभ यह भी है कि इससे ग्राहक यूपीआई से जुड़े विभिन्न खातों से नकदी निकाल सकते हैं।
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नयी दिल्ली. एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) और वी ओ चिदंबरनार बंदरगाह प्राधिकरण (वीओसीपीए) ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन में हरित हाइड्रोजन केंद्र विकसित करने के लिए समझौता किया है। एनटीपीसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि दोनों इकाइयों ने इस संबंध में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया एवं हरित मेथनॉल जैसे इसके उप-उत्पादों का उत्पादन वीओसीपीए द्वारा प्रदान की गई भूमि पर बनने वाले केंद्र में किया जाएगा। एनटीपीसी समूह की 2032 तक 60 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना है।
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नयी दिल्ली. बदलती जलवायु परिस्थितियों के बीच भारत में ‘पर्ल मिलेट' यानी बाजरा को उगाए जाने की जगह और उसके तौरतरीकों का नए सिरे से मूल्यांकन करने की जरूरत है। यह आकलन इक्रिसैट और आईसीएआर-एआईसीआरपी के नवीनतम अध्ययन में पेश किया गया है। इस अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, मोटा अनाज बाजरा भारत की खाद्य सुरक्षा की एक जरूरी कड़ी है। बदलते मौसम के मिजाज और विकसित होती कृषि प्राथमिकताओं के बीच यह अध्ययन बाजरे की खेती को नियंत्रित करने वाले वर्गीकरण मानदंडों में बदलाव की मांग करता है। वर्तमान में, भारत के कृषि क्षेत्र वर्षा और मिट्टी के प्रकार पर आधारित हैं। राजस्थान में शुष्क क्षेत्रों को ‘ए-1', उत्तर और मध्य भारत में अर्ध-शुष्क क्षेत्रों को ‘ए' और दक्षिण भारत में भारी मिट्टी वाले अर्ध-शुष्क क्षेत्रों को ‘बी' क्षेत्र में रखा गया है। रिपोर्ट में बदलती जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 'ए' जोन का पुनर्मूल्यांकन करने का सुझाव दिया गया है। अध्ययन में शामिल 'इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स' (इक्रिसैट)
की महानिदेशक जैकलीन ह्यूजेस ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन अब एक स्थायी वास्तविकता है, शुष्क भूमि समुदायों के लिए इस महत्वपूर्ण फसल को समझने और पोषण करने के दृष्टिकोण को फिर से व्यवस्थित करना जरूरी है।'' उन्होंने कहा कि इस नई वर्गीकरण प्रणाली का उद्देश्य नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और किसानों को बेहतर साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में प्रभावी ढंग से सहायता करने के लिए मोती बाजरा उत्पादन को अनुकूलित करना है। -
नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) की अगली किस्त के लिए 5,923 रुपये प्रति ग्राम का निर्गम मूल्य तय किया गया है। आरबीआई ने कहा कि इस स्वर्ण बॉन्ड की बिक्री 11 सितंबर से शुरू होगी। यह चालू वित्त वर्ष के लिए एसजीबी की दूसरी किस्त होगी। आरबीआई ने एक बयान में कहा, “एसजीबी का मूल्य 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत के आधार पर 5,923 रुपये प्रति ग्राम बनता है।” सरकार ने आरबीआई से विमर्श करने के बाद ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल माध्यम से आवेदन कर भुगतान करने वाले निवेशकों को अंकित मूल्य से 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का निर्णय लिया है। बयान के अनुसार, ऐसे निवेशकों के लिए स्वर्ण बॉन्ड का निर्गम मूल्य 5,873 रुपये प्रति ग्राम रखा गया है। निर्गम 11 से 15 सितंबर तक खुला रहेगा। बॉन्ड की बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, निर्दिष्ट डाकघरों और मान्य शेयर बाजारों बीएसई एवं एनएसई के जरिये की जाएगी। परंपरागत सोने की मांग कम करने और घरेलू बचत के एक हिस्से के तौर पर स्वर्ण बॉन्ड की बिक्री सबसे पहले नवंबर, 2015 में शुरू की गई थी। इस बॉन्ड को एक ग्राम की बुनियादी इकाई के गुणकों में अंकित किया जाता है। स्वर्ण बॉन्ड की परिपक्वता अवधि आठ साल की होगी लेकिन पांच साल पूरा होने पर इससे निकलने का विकल्प होगा। इस योजना के तहत न्यूनतम एक ग्राम सोने में निवेश किया जा सकता है जबकि अधिकतम सीमा चार किलोग्राम तक की है।
- नयी दिल्ली. श्रमबल और नेतृत्व से जुड़ी भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। एक महिला उद्योगपति ने यह उम्मीद जताई है। इन्फ्राविजन फाउंडेशन की सह-संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी और उद्योग मंडल सीआईआई के उत्तरी क्षेत्र की पूर्व प्रमुख रुमझुम चटर्जी ने यहां एक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कहा कि महिलाओं की श्रमबल में भागीदारी बढ़े बगैर देश की अर्थव्यवस्था लंबी छलांग नहीं लगा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘श्रमबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।'' इस मौके पर पूर्ववर्ती एचडीएफसी लिमिटेड की प्रबंध निदेशक रहीं रेनू सूद कर्नाड को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की प्रवर्तक एवं प्रबंध निदेशक अमीरा शाह को ‘कॉरपोरेट वूमन लीडर ऑफ ईयर' पुरस्कार दिया गया।
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मुंबई. वरिष्ठ बैंकर के वी कामत ने बृहस्पतिवार को कहा कि डिजिटलीकरण के मामले में चीन के बैंक भारत से बहुत पीछे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि चीन के बैंकों ने डिजिटलीकरण का मार्ग भारतीय बैंकों से बहुत पहले अपना लिया था। राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण एवं विकास बैंक (एनएबीएफआईडी) के चेयरमैन कामत ने यहां तीन दिन के ‘ग्लोबल फिनटेक शिखर सम्मेलन' के समापन के दिन कहा, “मुझे लगता है कि वहां (चीन) जो हुआ है और जो यहां हुआ है, उसमें बहुत अंतर हैं।” उन्होंने कहा, “हां, डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में अलीपे और वीचैट पे के साथ हमसे बहुत पहले आ गए थे। लेकिन बाद की कहानी बहुत मजेदार है।” कामत ने कहा, “अगर मैं वास्तव में इसे देखूं, तो एक चीनी बैंक अब भारतीय बैंक की तुलना में बहुत कम डिजिटल है। वे प्रौद्योगिकी समर्थक हैं जो वहां चार-पांच साल पहले थे और संभवतः भारत की तुलना में बेहतर या उच्च स्तर पर थे।” कामत शंघाई स्थित बहुपक्षीय न्यू डेवलपमेंट बैंक के प्रमुख भी थे, जिसे ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सरकारों द्वारा स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा, “मैं अब यह बिना किसी हिचक के कह सकता हूं कि डिजिटल क्षेत्र में आज ऐसा कोई खंड नहीं है, जहां हम पीछे हों। और यही हमारे लिए सबसे बड़ी प्रेरक शक्ति है।
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नयी दिल्ली. भारत ने अमेरिका के लगभग आधा दर्जन उत्पादों पर 2019 में लगाया गया अतिरिक्त शुल्क हटा दिया है। अमेरिका द्वारा भारत के कुछ इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने के फैसले के जवाब में यह कदम उठाया गया था। भारत ने 2019 में अमेरिका के इस कदम के जवाब में उसके 28 उत्पादों पर यह शुल्क लगाया था।
वित्त मंत्रालय की पांच सितंबर की अधिसूचना में इन उत्पादों से शुल्क हटाने की जानकारी दी गई है।
इन उत्पादों में चना, दाल (मसूर), सेब, छिलके वाला अखरोट और ताजे या सूखे बादाम के साथ ही छिलके वाले बादाम शामिल हैं। भारत ने यह कदम अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने से पहले उठाया है। बाइडन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। प्रधानमंत्री की जून में आधिकारिक अमेरिका यात्रा पर दोनों देशों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में छह विवादों को खत्म करने और अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिक्रिया स्वरूप लगाए गए शुल्क को हटाने का फैसला लिया था। समझौते के तौर पर, भारत चने पर 10 प्रतिशत, मसूर की दाल पर 20 प्रतिशत, ताजे और सूखे बादाम पर सात रुपये प्रति किलोग्राम, छिलके वाले बादाम पर 20 रुपये प्रति किलोग्राम, अखरोट पर 20 प्रतिशत और ताजा सेब पर 20 प्रतिशत शुल्क हटाएगा। वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने जुलाई में राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा था कि सरकार ने सूखे, ताजे, छिलके वाले बादाम, अखरोट, चना, मसूर, सेब, बोरिक एसिड और ‘मेडिकल डायग्नोस्टिक रीजेंट्स' पर लगाए गए जवाबी शुल्क को हटाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका के खिलाफ लगाए गए जवाबी शुल्क को खत्म करने या आयात शुल्क में कटौती से भारत को कोई नुकसान नहीं होगा। अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
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नयी दिल्ली. सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से सात कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 62,279.74 करोड़ रुपये की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन घट गया। वहीं एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस और बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत में बढ़ोतरी हुई।
सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 38,495.79 करोड़ रुपये के नुकसान से 16,32,577.99 करोड़ रुपये पर आ गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 14,649.7 करोड़ रुपये घटकर 5,88,572.61 करोड़ रुपये पर और भारती एयरटेल का 4,194.49 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 4,84,267.42 करोड़ रुपये रह गया। आईटीसी की बाजार हैसियत 3,037.83 करोड़ रुपये घटकर 5,50,214.07 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक की 898.8 करोड़ रुपये के नुकसान से 6,78,368.37 करोड़ रुपये रह गई। टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 512.27 करोड़ रुपये घटकर 12,36,466.64 करोड़ रुपये रह गया। एसबीआई की बाजार हैसियत में 490.86 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 5,08,435.14 करोड़ रुपये रह गई। इस रुख के उलट एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 10,917.11 करोड़ रुपये के उछाल से 11,92,752.19 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इन्फोसिस का मूल्यांकन 9,338.31 करोड़ रुपये के उछाल से 5,98,917.39 करोड़ रुपये रहा। बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 6,562.1 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4,43,350.96 करोड़ रुपये रहा। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 500.65 अंक या 0.77 प्रतिशत की बढ़त में रहा। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, एसबीआई, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।
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