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शेयर बाजारों में दूसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 273 अंक लुढ़का; डा. रेड्डीज शेयर 10 प्रतिशत टूटा
 मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में बिकवाली दबाव से मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट आयी और मानक सूचकांक-बीएसई सेंसेक्स 273 अंक से अधिक लुढ़क गया। कंपनियों के तिमाही परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहने और चीन में प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ नियामकीय कार्रवाई के बाद एशियाई बाजारों में बिकवाली से धारणा प्रभावित हुई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई30 सेंसेक्स शुरू में बढ़त पर था। पर बाद में यह दबाव में आ गया। अंत में यह 273.51 अंक यानी 0.52 प्रतिशत लुढ़क कर 52,578.76 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 78 अंक यानी 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,746.45 अंक पर बंद हुआ। डॉ रेड्डीज का शेयर 10.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में रहा। खर्च बढऩे से कंपनी का एकीकृत लाभ जून 2021 को समाप्त तिमाही में 36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 380.4 करोड़ रुपये रहने की खबर से शेयर टूटा। इसके अलावा, एक्सिस बैंक, सन फार्मा, कोटक बैंक, एचडीएफसी और आईटीसी 3.23 प्रतिशत तक नीचे आये।
 दूसरी तरफ टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया और एल एंड टी समेत अन्य शेयर लाभ में रहें। इनमें 2.50 प्रतिशत तक की तेजी आयी। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ''चीन सरकार की नीतियों के साथ वहां के बाजारों में वैश्विक कोषों की बिकवाली से निवेशकों में घबराहट आयी और घरेलू बाजार में तेजी जाती रही। हालांकि यह सबको पता है कि इसका भारत पर सकारात्मक असर भी होगा।'' उन्होंने कहा कि बैंक और दवा कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली देखी गयी। इसका कारण कुछ औषधि कंपनियों को लेकर नकारात्मक खबरों का होना है। दूसरी तरफ कपड़ा निर्यातकों और कॉफी वायदा मजबूत होने से कॉफी कंपनियों के शेयरों में अच्छी तेजी रही। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, ''घरेलू बाजार पर मंदडिय़े हावी रहे। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और दवा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया। मुख्य रूप से दवा कंपनियों ने बाजार को नीचे लाया। इसका कारण तिमाही परिणाम हैं जिनकी शुरूआत अच्छी नहीं है। इससे बाजार में घबराहट आयी क्योंकि औषधि क्षेत्र से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि धातु और टिकाऊ उपभोक्ता सामान को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्र नकारात्मक दायरे में रहे। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की इस सप्ताह होने वाली बैठक से पहले चीन में भारी बिकवाली और एशिया के अन्य शेयर बाजारों में गिरावट आयी है। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई और हांगकांग में भारी बिकवाली रही। इसका कारण चीनी इंटरनेट और अन्य कंपनियों पर डाटा सुरक्षा समेत अन्य प्रकार की कार्रवाई बतायी जा रही है। सियोल और टोक्यो लाभ में रहें। यूरोप के प्रमुख बाजारों में मध्याह्न कारोबार में नुकसान का रुख रहा।
 इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.30 प्रतिशत मजबूत होकर 73.91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे टूटकर 74.47 पर बंद हुआ। शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक सोमवार को पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने 2,376.79 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

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