आरबीआई ने रेपो दर घटाई, उपभोक्ता ऋण सस्ते होंगे
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी रेपो दर को पांच दशमलव चार प्रतिशत से घटाकर पांच दशमलव एक-पांच प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर भी घटाकर चार दशमलव नौ और बैंक दर पांच दशमलव चार प्रतिशत कर दी गई है।
आज मुम्बई में बैंक की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने बताया कि बैंक ने वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान छह दशमलव नौ प्रतिशत से घटाकर छह दशमलव एक प्रतिशत कर दिया है। वर्ष 2020-21 के लिए यह अनुमान संशोधित करके सात दशमलव दो प्रतिशत कर दिया गया है। बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उदार नीति जारी रखने का फैसला किया है ताकि मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में रहे।
बैंक ने एक वक्तव्य में कहा है कि इन फैसलों का उद्देश्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को चार प्रतिशत के स्तर पर बनाये रखना है ताकि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर बनी रहे। लेकिन इसमें दो प्रतिशत की कमी या बढ़त की संभावना हो सकती है।
रेपो दर में कमी का उद्देश्य आवास और वाहन ऋण की दरों में कमी लाना है। इस वर्ष बैंक ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर में कमी की है और अब तक इसमें एक दशमलव तीन-पांच प्रतिशत की कमी की जा चुकी है।
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