मंत्रिमंडल ने नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में छह हजार करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी
-लक्ष्मी विलास बैंक के डी.बी.एस. बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ विलय को भी मंजूरी
नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल इनवेस्टमेंट एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड--एन.आई.आई.एफ. द्वारा प्रायोजित ऋण प्लेटफार्म में छह हजार करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की मंजूरी दी है। एन.आई.आई.एफ. निधि दो कंपनियों असीम इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड और एन.आई.आई.एफ. इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड से मिलकर बनी है। वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रोत्साहन पैकेज के तहत 12 नवम्बर को आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत जिन 12 उपायों की घोषणा की थी, यह उनमें से एक है।
मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एन.आई.आई.एफ. इंफ्रास्ट्रक्चर डेट फाइनेंसिंग प्लेटफार्म अगले पांच वर्षों में अवसंरचना क्षेत्र को करीब एक लाख करोड़ रूपए का ऋण उपलब्ध करायेगा।
मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक के डी.बी.एस. बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ विलय की योजना को भी मंजूरी दी। श्री जावडेकर ने कहा कि इससे बैंक के खातेदारों पर अपनी जमा राशि की निकासी पर लगी पाबंदी दूर हो जाएगी।
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