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 कृषि विभाग के समन्वित प्रयासों से किसानों के समृद्धि के द्वार खुले

-विभिन्न नवाचारी योजनाओं से आर्थिक उन्नति की दिशा में कारगर पहल
 महासमुंद  / महासमुंद जिले में कृषि विकास को गतिशील एवं लाभकारी बनाने के लिए केन्द्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। आधुनिक सिंचाई तकनीकों के विस्तार से लेकर किसानों को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचाने वाली योजनाओं तक, जिले ने लक्ष्य प्राप्ति में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के सफल क्रियान्वयन ने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के साथ जल संरक्षण, फसल उत्पादकता वृद्धि और किसानों की आर्थिक उन्नति की दिशा में विशेष योगदान दिया है।
जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में जिले ने उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। निर्धारित 151 हेक्टेयर सिंचाई लक्ष्य के विरुद्ध 84 कृषकों के खेतों में 149.66 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई व्यवस्था स्थापित की गई। लक्ष्य के लगभग पूर्ण होने से किसानों को आधुनिक सिंचाई सुविधाओं का महत्वाकांक्षी लाभ मिला है। वर्ष 2025-26 के लिए कृषि विभाग ने कुल 264 हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली विस्तार का लक्ष्य रखा है, जिसमें 235 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई तथा 29 हेक्टेयर क्षेत्र में स्प्रिंकलर सिंचाई स्थापित की जाएगी। इस योजना से जल संरक्षण, फसलों की उत्पादकता वृद्धि और कृषि लागत में कमी की दिशा में प्रगति होगी।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत जिले में 1,26,234 किसानों को योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है और पात्र किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया निरंतर जारी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त के तहत जिले में 25.25 करोड़ रूपए की राशि किसानों को उनके खाते में प्राप्त हुई है। जिले में 1,39,063 किसानों का लैंड सीडिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसी प्रकार 1,37,835 किसानों की आधार सीडिंग तथा 1,40,733 किसानों का ई-केवाईसी पूरा हो चुका है। जिले में 1,461 पात्र पीव्हीटीजी हितग्राही इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत हैं।
इसी तरह राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वर्ष 2025-26 में 1,920 हेक्टेयर क्षेत्र में मिलेट्स रागी फसल प्रदर्शन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा 1,320 हेक्टेयर में मक्का, 260 हेक्टेयर में उड़द एवं मूंग, 50 हेक्टेयर में मूंगफली तथा 20-20 हेक्टेयर में सूरजमुखी एवं तिल फसल प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही 250 हेक्टेयर क्षेत्र में शैलो ट्यूबवेल सब्सिडी प्रदान करने का लक्ष्य भी रखा गया है।

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