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   दुर्ग जिले के गौठानों में संचालित हो रही है विभिन्न आर्थिक गतिविधियां
 - रूरल इंडस्ट्रियल पार्क द्वारा महिला सशक्तिकरण को मिल रहा बढ़ावा
 - मछली उत्पादन, पैराकुट्टी, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन व बायोफ्लॅाक्स कार्य कर सशक्त हो रही हैं महिलाएं
  दुर्ग  / जिले के गौठानों में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित हो रही है इसी कड़ी में ग्राम पंचायत चंदखुरी के 6 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा गौठान में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है। शासन की नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत जिले के ग्राम चंदखुरी के गौठान में विभिन्न प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें मछली उत्पादन, पैराकुट्टी, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन व बायोफ्लॅाक्स का कार्य जोरो से किया जा रहा है। 
 गौठान में मछली पालन- जय अम्बे स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती दीपिका चंद्राकर के अनुसार अक्टूबर माह से अब तक गौठान में 400 से 500 रंगीन मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है। अब तक 29 हजार की रंगीन मछलियां बेची जा चुकी है। मछली उत्पादन से 9 हजार रूपए का व्यय हुआ है। इसी प्रकार श्री सिन्धुजा स्व सहायता समूह के माध्यम से फिंगर फिश का उत्पादन किया जा रहा है, जिसकों बड़ा होने पर तालाब व ढबरी में छोड़ दिया जाता है, जिसे किसान इसे बेचकर आय अर्जित कर रहे हैं। अभी तक 7 हजार की फिंगर फिश बेची जा चुकी है। 
 पल्लवी स्व सहायता समूह के माध्यम से 5 बायोफ्लॅाक्स का निर्माण किया गया, जिसमें एक बायोफ्लॅाक्स 2500 किलो मछलियां उत्पादित की जा रही है। यह बायो जनवरी माह में स्थापित किया गया था। भविष्य में 12 हजार 500 किलो मछलियां बेचने की संभावना है।
  गौठान में वर्मी कम्पोस्ट- गौठान में अब तक स्व सहायता समूह के माध्यम से 1800 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है, जो अब तक लगभग 5 लाख 38 हजार का वर्मी कम्पोस्ट खाद बेचा गया। साथ ही केचुंआ का उत्पादन कर लगभग 4 लाख का केंचुआ बेचा गया। आसपास के ग्राम पंचायतों में खाद बनाने के लिए केचुंआ विक्रय किया गया। इसके अलावा आंध्रप्रदेश के श्रीमती रजनी राव द्वारा 10 किलो केंचुआ क्रय कर खाद बनाने का कार्य कर रही है। चंदखुरी गौठान से पाटन विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मे भी खाद बनाने के लिए केंचुआ बेचा जा रहा है। इसके अलावा 25 हजार का डिकम्पोजर तथा 22 हजार का कीटनाशक बेचा गया। इसके साथ गौमूत्र से वृद्धिवर्धक का उत्पादन किया जा रहा है, जो फसलों के लिए उपयोगी है। गौमूत्र वृद्धिवर्धक 9 हजार रूपए तक का बेचा जा चुका है। 
 गौठान में राईस मिल- गौठान में मिनी राईस मिल लगाया गया है, जिसमें दाल व चावल पिसाई की जाती है।
 गौठान में गाय पालन- गौठान में पूजा स्व सहायता समूह के माध्ये से गौठान में 5 गाय का पालन किया जा रहा है। प्रत्येक गाय 10 से 12 लीटर दुध देती है, जिसे बेचकर समूह द्वारा लगभग 60 हजार रूपए महीने का आय अर्जित कर रही हैं।  गौठान में बकरी पालन- गौठान में प्रजा स्व सहायता समूह द्वारा बकरी पालन भी किया जा रहा है, जिसमें 10 बकरी पाली जा रही है।
 गौठान में मुर्गी पालन- जागृति क्रास फांउडेशन स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती टोमिन चंद्राकर के माध्यम से गौठान में मुर्गी पालन किया जा रहा है। समूह द्वारा अब तक 2328 मुर्गीयां बेची गई है, जिसमें 3 लाख 19 हजार का मुनाफा प्राप्त किया।  
 महात्मा गांधी रूरल इंड्रस्ट्रियल पार्क योजना के अंतर्गत रीपा में मिल्क प्रोडक्ट बनाए जाने की संभावना है। रीपा योजना के अंतर्गत 30 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किया जाएगा, जिसमें उनके द्वारा सोयाबीन बड़ी, सोया टॉफी, सोया पनीर, आलू चिप्स व दोना पत्तल तैयार किया जाएगा। डोम के अंदर 30 लोगों को रोजगार देने की संभावना है। इसके अलावा योजना के अंतर्गत दुध से बनी पनीर, मिठाई, खोवा व अन्य सामग्री तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही रीपा में मोबाइल और सायकल रिपेरिंग की दुकान के साथ चाय, नाश्ते की दुकान प्रारंभ की जाएगी।

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