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गीतकार-फिल्मकार अमित खन्ना ने बताया, बप्पी लाहिड़ी को कैसा मिला 'चलते चलते' में मौका
मुंबई। गीतकार-फिल्म निर्माता अमित खन्ना का कहना है कि गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी को हिंदी सिनेमा में बड़ा मौका 1976 में आई फिल्म 'चलते चलते' से मिला, जब मशहूर संगीतकार आर डी बर्मन और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल को अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण यह फिल्म छोड़नी पड़ी थी। फिल्म 'चलते चलते' का निर्देशन सुंदर डार ने किया था। यह फिल्म बप्पी लाहिड़ी के करियर का एक अहम मोड़ साबित हुई और उसके गीतों को अपार लोकप्रियता मिली। फिल्म का शीर्षक गीत ‘चलते चलते.... मेरे ये गीत' आज भी गुनगुनाया जाता है। इस गाने को किशोर कुमार ने गाया था जबकि इसके बोल अमित खन्ना ने लिखे थे। अमित खन्ना ने बप्पी लाहिड़ी से मुंबई के नवकेतन फिल्म्स स्टूडियो में हुई अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि आप कुछ संगीत बजाएं और मैं देखूंगा कि मैं कहां आपकी मदद कर सकता हूं। मुझे उनका काम बेहद पसंद आया, वह मुश्किल से 21-22 साल के थे और अपने माता-पिता के साथ आए थे। इस घटनाक्रम के बाद भी वह मुझसे मिलते रहे।'' उन्होने एक न्यूज़ एजेंसी से कहा,‘‘लगभग उसी समय देव आनंद के भतीजे भीष्म कोहली अपनी पहली फिल्म का निर्माण करने जा रहे थे। वह एक फिल्म में सिम्मी ग्रेवाल के साथ काम कर चुके थे। कोहली को विशाल आनंद के नाम से जाना जाता है और उन्होंने अभिनय भी किया है।'' अमित खन्ना ने कहा कि उन्होंने विशाल आनंद को बप्पी लाहिड़ी का नाम उस समय सुझाया जब आर डी बर्मन और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जैसे मशहूर संगीतकार व्यस्त होने के कारण फिल्म से नहीं जुड़ सके। अमित खन्ना ने कहा, ‘‘एक दिन विशाल आनंद ने कहा कि वह पंचम दा (आरडी बर्मन) के घर से आए हैं और उन्होंने उनसे अपनी फिल्म में काम देने का वादा किया था और अब वह इसमें देरी कर रहे हैं, क्योंकि वह बहुत ही व्यस्त हैं। इससे पहले, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के साथ भी यही हुआ था कि वे इतने व्यस्त थे, उन्होंने फिल्म के लिए हां कर दी और अब उनके पास समय नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैंने विशाल से कहा कि मैं कोलकाता के एक युवा लड़के से मिला हूं, वह बहुत प्रतिभाशाली है और उसने मुझे उसे फोन करने के लिए कहा। वह (बप्पी लाहिड़ी) उस समय अपने माता-पिता के साथ एक छोटे से अपार्टमेंट में रहते थे। उन्होंने आकर कुछ धुनें बजाईं और हमें यह पसंद आया।'' गीतकार अमित खन्ना ने याद करते हुए कहा कि लाहिड़ी जैसे ही कुछ धुनें बजाकर सुनाते, इसके कुछ ही मिनटों के बाद वह गीत लिख दिया करते थे। ‘चलते चलते' के गानों की लोकप्रियता के बारे में पूछे जाने पर अमित खन्ना ने कहा कि कुछ गानों में लोगों के जीवन को छूने का गुण होता है। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप गानों की धुन बनाते हैं और उन्हें लिखते हैं तो आप चाहते हैं कि हर गाना हिट हो। लेकिन कुछ गाने वास्तव में सभी के दिलों को छूते हैं और हमेशा याद रहते हैं। जब हमने इस गाने को रिकॉर्ड किया, तो मुझे याद है कि किशोर दा ने कहा था कि कई वर्षों में यह उनके द्वारा गाया गया सबसे अच्छा गाना है। वह इस गाने से बहुत खुश थे। वह हमेशा इसे लगातार गाया करते थे।” ‘चलते चलते' फिल्म और इसके गीतों ने बप्पी लाहिड़ी के करियर को काफी ऊंचाईयां दीं और बाद में उन्होंने राजेश खन्ना की ‘नया कदम', राकेश रोशन अभिनीत ‘आंगन की कली', मिथुन चक्रवर्ती की ‘डिस्को डांसर' के लिए संगीत दिया। उन्होंने अमिताभ बच्चन अभिनीत ‘नमक हलाल', जितेंद्र की ‘हिम्मतवाला' और कई अन्य लोकप्रिय फिल्मों में भी संगीत दिया।

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