मशहूर गायिका वाणी जयराम का निधन, मीरा सहित कई हिन्दी फिल्मों में गाये थे गाने
चेन्नई । लोकप्रिय हिंदी गीत ‘बोले रे पपीहरा’ सहित 19 भाषाओं में 10,000 से अधिक गाने गा चुकीं मशहूर गायिका वाणी जयराम का शनिवार को निधन हो गया। वह 77 वर्ष की थीं और शहर के एक अपार्टमेंट में अकेली रहती थीं। जयराम के पति की पहले ही मौत हो गई थी और उनकी कोई संतान नहीं है।
गायिका की घरेलू सहायिका हमेशा की तरह शनिवार को काम पर आई। हालांकि, बार-बार कॉलबेल दबाने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। उसने तुरंत गायिका के रिश्तेदारों को सूचित किया, जिन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने वाणी जयराम के रिश्तेदारों की मौजूदगी में घर का दरवाजा तोड़ा और उन्हें मृत पाया। वाणी जयराम ने हाल ही में एक प्रोफेशनल सिंगर के रूप में म्यूजिक इंडस्ट्री में 50 साल पूरे किए थे। वाणी जयराम ने आरडी बर्मन, केवी महादेवन, ओपी नैय्यर और मदन मोहन जैसे कई प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया।
उन्हें हाल ही में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वाणी जयराम ने बॉलीवुड के लिए प्लेबैक सिंगर के रूप में काम करने के साथ हिंदी समेत कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए थे.। दिवंगत कलाकार ने तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, हिंदी, उर्दू, मराठी, बंगाली, भोजपुरी, तुलु और उड़िया में कई ब्लॉकबस्टर गाने गाए थे। उन्होंने तीन बार सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीता था। उन्हें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात और ओडिशा ने भी कई राज्य पुरस्कारों से सम्मानित किया था । वाणी जयराम का जन्म तमिलनाडु के वेल्लोर में कलैवनी के रूप में हुआ था.। 6 बेटियों और 3 बेटों के परिवार में पांचवीं बेटी के रूप में उन्होंने जन्म लिया था। उनके पिता का नाम दुरईसामी अयंगर था और माता का नाम पद्मावती। बता दें कि हिंदी, तमिल, कन्नड़ और अन्य फिल्मों के गानों में अपनी खूबसूरत आवाज में लाखों दिलों को जीतने वाली मशहूर गायिका वाणी जयराम की शादी टीएस जयरमण से हुई थी।
वाणी जयराम के हिंदी गानों की लिस्ट
बोले रे पपिहरा
मोरा साजन सौतन घर जाए
बिखरे तार मिले फिर मन के
मितवा मोरे मन मितवा आजा रे
मेरे तो गिरिधर गोपाल
साल 1979 में आई फिल्म मीरा का सुपरहिट गाना मेरे तो गिरिधर गोपाल को वाणी जयराम ने गाया था। इस गाने को गुलजार ने लिखा था और ये गाना बहुत पसंद किया जाता है। इस गाने को हेमा मालिनी पर फिल्माया गया था। इस फिल्म के गानों के लिए लता मंगेशकर का चयन किया गया था. लेकिन विदेश प्रवास के कारण वे उपलब्ध नहीं हो पाई। फिर गुलजार ने वाणी जयराम के नाम का सुझाव दिया और इस तरह से फिल्म के पूरे गाने वाणी जयराम ने ही गाए और इसे काफी लोकप्रियता भी मिली थी।
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