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 अभिनेता सुनील दत्त....बस कंडक्टर, आरजे से सफल अभिनेता... ऐसा रहा फिल्मी सफर....
जाने-माने अभिनेता और राजनेता रहे स्व. सुनील दत्त का आज ही के दिन जन्म हुआ था। छह जून 1929 को झेलम (पाकिस्तान) में पैदा हुए सुनील दत्त  ने अपने कॅरिअर में बहुत उतार-चढ़ाव देखे।  फिल्म जगत में उन्होंने कमाल का काम किया और एक सितारे की तरह चमके। राजनीति के क्षेत्र में भी सुनील दत्त ने अपनी एक अलग छवि बनाई। .
सुनील दत्त ने पांच वर्ष की नन्ही उम्र में पिता को खो दिया था, जिसके कारण उनका बचपन काफी मुश्किलों भरा रहा। मां कुलवंती देवी ने किसी तरह बेटे की परवरिश की। इस दौरान सुनील ने पढ़ाई नहीं छोड़ी और हायर एजुकेशन के लिए माया नगरी मुंबई आ गए। मुंबई में सुनील ने जय हिंद कॉलेज में एडमिशन लिया। सुनील जैसे-तैसे मुंबई तो आ गए, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। कोई-कोई दिन ऐसा भी गुजरता था जब सुनील के पास खाने को कुछ नहीं होता था। इसी कारण सुनील ने पढ़ाई को जारी रखते हुए नौकरी की तलाश शुरू कर दी। उस वक्त पेट पालने के लिए सुनील ने बस कंडक्टर की नौकरी की थी। 
 सुनील दत्त ने कॉलेज खत्म करने के बाद एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले रेडियो जॉकी की जॉब की थी। उस वक्त सुनील, रेडियो सेयलॉन में हिंदी के सबसे पसंदीदा अनाउंसर के पद पर थे। बेहतरीन नौकरी होने के बाद भी सुनील के जहन में एक्टर बनने की चाह पनपने लगी और आगे चलकर इसने जुनून का रूप ले लिया। 
 उनकी किस्मत ने वर्ष 1955 में पलटी मारी और उन्हें पहली फिल्म मिल गई। फिल्म का नाम 'रेलवे प्लेटफॉर्म' था, जिसे रमेश सजगल ने डायरेक्टर किया था। हालांकि, यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। रमेश सजगल ने ही एक्टर का असली नाम बलराज दत्त बदलकर 'सुनील दत्तÓ रखा था। सुनील को स्टारडम वर्ष 1957 में आई फिल्म 'मदर इंडियाÓ से हासिल हुआ। इसके बाद उन्होंने करियर में आगे बढ़ते हुए 'साधनाÓ, 'इंसान जाग उठाÓ, 'मुझे जीने दोÓ, 'खानदानÓ सहित कई मूवी में बेहतरीन काम कर खूब तारीफें बटोरीं। मदर इंडिया फिल्म ने उनका कॅरिअर और निजी जिंदगी सब कुछ बदल कर रख दिया। फिल्म की सफलता से जहां उनका कॅरिअर चमक उठा, तो नरगिस जैसी अभिनेत्री उनकी जिदंगी में आ गई और जीवन संगिनी बन गर्इं। 
 सुनील दत्त ने फिल्मों में अपना लोहा मनवाने के बाद राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा। उस वक्त देश में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार थी और सुनील दत्त राज्यसभा सांसद रहे थे। इसके अलावा उन्हें इसी सरकार में युवा और खेल विभाग के मंत्री पद का कार्यभार सौंपा गया था। सुनील दत्त ने इस क्षेत्र में रहते हुए तमाम जरूरतमंद लोगों की मदद की थी।  इस दिग्गज कलाकार और सफल राजनेता ने 25 मई 2005 को हार्ट अटैक की वजह से इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। 

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