द वैक्सीन वार फिल्म से भारत के दुश्मन बेनकाब होंगे: विवेक अग्निहोत्री
मुंबई. फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी फिल्म "द वैक्सीन वॉर" उन लोगों को बेनकाब करेगी, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए स्वदेशी टीके के निर्माण को बाधित करने की कोशिश की थी। निर्देशक के अनुसार, यह ‘‘जैव विज्ञान'' पर आधारित भारत की पहली फिल्म है।
उन्होंने कहा कि यह फिल्म कोविड -19 महामारी के दौरान भारत और दुनिया के लिए एक किफायती टीका विकसित करने की भारतीय वैज्ञानिकों की सच्ची कहानी पर आधारित है। अग्निहोत्री ने फिल्म का ट्रेलर जारी होने के मौके पर कहा, "द वैक्सीन वॉर" में कुछ नेताओं के साथ-साथ प्रमुख पत्रकारों के नाम लेने से भी परहेज नहीं किया गया है, जिन्होंने विदेशी टीकों को बढ़ावा दिया था। उस समय, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था कि कुछ लोग भारत और हमारे जीवन को बेच रहे थे। कुछ लोगों को विदेशी टीकों को बढ़ावा देने के लिए पैसे मिल रहे थे और वे अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए भारतीय टीके को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।” उन्होंने कहा, "जिनके नाम लिए गए हैं, वे हमेशा देश के हित में होने वाली किसी भी चीज़ के खिलाफ खड़े होते हैं। इसलिए, जाहिर है अगर हम 'द वैक्सीन वॉर' नामक फिल्म बना रहे हैं, तो भारत के दुश्मन बेनकाब होंगे।'' फिल्म में नाना पाटेकर, सप्तमी गौड़ा, पल्लवी जोशी, राइमा सेन और अनुपम खेर प्रमुख भूमिका में हैं।
"द कश्मीर फाइल्स", "द ताशकंद फाइल्स" और "हेट स्टोरी" जैसी फिल्मों के निर्देशक अग्निहोत्री ने कहा कि यह फिल्म भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक बलराम भार्गव की पुस्तक "गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सिन" पर आधारित है। पल्लवी जोशी और ‘आई एम बुद्धा' कंपनी ने "द वैक्सीन वॉर" का निर्माण किया है। यह 28 सितंबर को हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज होगी।
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