ब्रेकिंग न्यूज़

फिल्मकार के रूप में मेरा काम दुनिया को थोड़ा बेहतर बनाना है : विधु विनोद चोपड़ा

नयी दिल्ली. फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा का मानना है कि फिल्मों को किसी व्यावसायिक मॉडल की तरह नहीं, बल्कि बदलाव के स्रोत के रूप में काम करना चाहिए। चोपड़ा ‘12वीं फेल' के साथ तीन साल बाद बड़ी स्क्रीन पर वापसी कर रहे हैं। यह फिल्म महत्वाकांक्षाओं, समर्पण और असफलताओं से पार पाने की कहानी द्शाती है। ‘खामोशी', ‘परिंदा', ‘1942 : ए लव स्टोरी' और ‘मिशन कश्मीर' जैसी फिल्मों के लिए जाने जाने वाले चोपड़ा ने कहा कि उन्होंने कभी पैसों को दिमाग में रखकर रचनात्मक फैसले नहीं किए। चोपड़ा ने  कहा कि एक कलाकार या फिल्म निर्माता के रूप में उनका काम दुनिया को पहले से थोड़ा बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए अगर मैं ऐसी फिल्म बना सकता हूं, जो लोगों के जीवन में थोड़ा सा बदलाव ला सके, तो इससे मुझे प्रेरणा मिलती है। पैसे ने मुझे कभी प्रेरित नहीं किया। मैं ‘मुन्नाभाई' 3, 4, 5, 6... बना सकता था और करोड़पति बन सकता था, जो कि मैं नहीं हूं। मैंने विक्रांत मैसी के साथ ‘12वीं फेल' बनाने का फैसला किया।'' चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैंने ‘परिंदा' में हिंसा के बारे में बात की। ‘1942 : ए लव स्टोरी' देशभक्ति पर आधारित थी और ‘मिशन कश्मीर' धार्मिक विभाजन पर... मेरी सभी फिल्मों के लिए यह आवश्यक है कि वे कोई संदेश दें।'' ‘12वीं फेल' आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी श्रद्धा जोशी की कहानी है। यह अनुराग पाठक के सबसे ज्यादा बिकने वाले उपन्यास पर आधारित है। फिल्म में मेधा शंकर के साथ मैसी मुख्य भूमिका में हैं। चोपड़ा ने कहा, ‘‘जब मैं 66 साल का था, तब मैंने यह फिल्म लिखनी शुरू की थी और अब मैं 71 साल का हूं। आप इस तरह की फिल्म कुछ महीनों में नहीं लिख सकते। इसमें वर्षों लग जाते हैं, क्योंकि हर किरदार की एक कहानी होती है। यह किसी की जीवनी नहीं है। यह हम में से हर एक की कहानी है...।'' उन्होंने कहा कि यह फिल्म ‘‘जीवन में फिर से शुरुआत'' करने के विचार पर आधारित है।
 चोपड़ा ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी और बच्चों के अलावा मेरा भाई दुनिया में मेरा सबसे करीबी था। वैश्विक महामारी के दौरान, जब मैं इन फिल्म पर काम कर रहा था, उस समय वह मालदीव में था। उसने मुंबई आने में देरी कर दी और वह जीवित नहीं बच सका। इसने मुझे बहुत प्रभावित किया।'' उन्होंने कहा,‘‘करीब एक सप्ताह में मुझे एहसास हुआ कि मेरा (इस तरह प्रभावित होना) मेरे आसपास के लोगों के लिए उचित नहीं है। मैं पहले से ही कहानी पर काम कर रहा था और फिर से शुरुआत करने की पूरी अवधारणा तभी मेरे दिमाग में आई।'' चोपड़ा ने कहा कि इस व्यक्तिगत क्षति से उबरने के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि जीवन एक वीडियो गेम की तरह है, ‘‘आप हारते हैं, एक बटन दबाते हैं और फिर आगे बढ़ते हैं।''
 

 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english