ईडी के शिकंजे में फंसी तमन्ना भाटिया, कई घंटों तक हुई पूछताछ
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग के हाई-प्रोफाइल मामले में एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया का नाम जुड़ गया है। एचपीजेड टोकन मोबाइल ऐप (HPZ Token App) से जुड़े इस मामले में ईडी (ED) ने उनसे गुवाहाटी स्थित दफ्तर में पूछताछ की। हालांकि, तमन्ना से आरोपी के तौर पर नहीं बल्कि ऐप को प्रमोट करने के सिलसिले में पूछताछ की गई है। इस मामले में कई फर्जी कंपनियों द्वारा ‘डमी’ निदेशकों के नाम पर बैंक खाते और मर्चेंट ID खोले गए थे, जिन पर देशभर में छापेमारी कर 455 करोड़ रुपये की संपत्ति और जमा राशि जब्त की गई।
खबरों के अनुसार अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने HPZ Token ऐप से जुड़े एक इवेंट में ‘सेलिब्रिटी अपीयरेंस’ के लिए भुगतान प्राप्त किया था। यह ऐप वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों की जांच के दायरे में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तमन्ना भाटिया पर कोई ‘आरोपित’ आरोप नहीं लगाए गए हैं। इससे पहले उन्हें समन किया गया था, लेकिन काम की व्यस्तताओं के कारण उन्होंने अपनी उपस्थिति को टाल दिया था। उन्होंने गुरुवार (17 अक्टूबर) को इस मामले में हाजिरी लगाने का निर्णय लिया। जांच एजेंसी ने एक्ट्रेस को गुवाहाटी के ऑफिस में बुलाया था, जहां वह अपनी मां के साथ पहुंची थीं। खबरों के मुताबिक, एक्ट्रेस से लगभग 8 घंटे तक मामले में पूछताछ की गई।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मार्च में दाखिल चार्जशीट में 299 कंपनियों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 76 कंपनियां चीनी नियंत्रण में हैं। इनमें 10 निदेशक चीनी नागरिक हैं और दो कंपनियां अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा चलाई जा रही हैं। ईडी यह मनी लॉन्ड्रिंग की जांच उस एफआईआर के आधार पर कर रहा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के नाम पर लोगों से मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपियों ने HPZ Token मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करके निवेशकों को धोखा दिया। उन्होंने शेल कंपनियों के जरिए, जो डमी डायरेक्टर्स द्वारा चलाई जा रही थीं, बैंक अकाउंट्स और मर्चेंट IDs खोलीं, ताकि अपनी अवैध गतिविधियों को छिपा सकें।FIR में आरोप लगाया गया कि ये फंड फ्रॉड तरीके से ऑनलाइन गेमिंग, बेटिंग और Bitcoin माइनिंग में निवेश के लिए हासिल किए गए थे। ED की ओर से जारी बयान के मुताबिक, तमन्ना भाटिया ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गुवाहाटी के जोनल ऑफिस में अपना बयान दर्ज कराया।
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