अमिताभ के दीवाने रायपुर में
बालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के दीवाने रायपुर में भी है अपने-अपने तरीके से उन्हे जन्मदिन की शुभकामनाएं प्रेषित कर रहे हैं उन्ही में से एक है बूढ़ापारा निवासी अनिल पवार। अमिताभ की फिल्मों को उन्होने अपने शब्दों में कुछ इस प्रकार संजोया है-बरसात की एक रात शराबी कुली जो परवाना था, सात हिंदुस्तानी से मिला,उन्हे अपने प्यार की कहानी सुनायी उनमें दो अनजाने रेशमा और शेरा के साथ मिलकर हेराफेरी शुरू की। उसके जमीर ने कहा नमक हराम तुम्हारे साथ गहरी चाल चला है। संजोग से उसकी मुलाकात दो सौदागर बंशी - बिरजू से होती है। सत्ते पे सत्ता, दो और दो पांच करते हुए एक दिन गिरफ्तार हो जाता है, अदालत के अंधा कानून से मजबूर होकर बंधे हाथ होने के बावजूद कालिया, काला पत्थर से टकराता हुआ जेल की जंजीर और दीवार फांदकर फरार हो जाता है उसके पास यही आखिरी रास्ता था। इधर अमर, अकबर, एंथोनी और राम-बलराम वह देश प्रेमी जो हमेशा इंकलाब का नारा लगाया करता है को रास्ते का पत्थर समझने लगे। ये वो खुद्दार मर्द है जो खून पसीना बहाकर अग्निपथ पर चलता हुआ रोटी, कपड़ा और मकान की खातिर याराना, दोस्ताना को ठुकराकर चुपके-चुपके शहर आ जाता है। नसीब ने साथ दिया, कल का बेनाम डॉन आज का अर्जुन के रुप में जाना जाने लगा।
जिसका कोई ईमान धरम न हो ऐसे बेशरम नास्तिक जो अपने आपको ग्रेट गैम्बलर बताकर कभी-कभी जनता से जुर्माना वसूल करते है, आग और शोले भड़काते है और अबला नारियों के सुहाग तक को नहीं बख्शते ऐसे लोगों को मुकद्दर का सिकंदर एक नजर में पहचान कर उनका त्रिशुल से सर्वनाश करता है।
आज 11 अक्टूबर 2019 को मि. नटवर लाल (अमिताभ बच्चन) के 77वीं वर्षगांठ पर हम ईश्वर से यही कामना करते है कि इंद्रजीत को ऐसी शक्ति प्रदान करें कि कोई भी तूफान इस जादूगर के रास्ते में रुकावट बनकर न आए क्योंकि ये गरीबों की पुकार सुनने वाला महान इंसान है जिसमें इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। ये अकेला वो शहंशाह है जो गंगा, जमुना और सरस्वती की कसम खाकर शान से कहता है मैं आजाद हूं। परंतु उसे इस बात का जरा भी अभिमान नहीं है। गंगा की सौगंध अनिल पवार कहता है ये दुनिया का आठवां अजूबा है। इसे देश-विदेश में बहुत ख्याति मिली है इस बात का खुदा गवाह है।
Leave A Comment