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पीनट एलर्जी को रखना है दूर तो छोटी उम्र में ही बच्चों को खिलाएं मूंगफली


मूंगफली का सेवन आमतौर पर हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। हममें से ज्यादातर लोग मूंगफली और उससे बने प्रोडक्ट्स का सेवन करते हैं। मूंगफली एक ऐसा स्नैक्स है, जिसे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी पसंद करते हैं। लेकिन मूंगफली का सेवन सभी के लिए फायदेमंद नहीं होता। क्योंकि कुछ लोगों को मूंगफली से एलर्जी होती है। मूंगफली के सेवन से होने वाली समस्या से अगर आप अपने बच्चों को बचाना चाहते हैं तो उन्हें छोटी उम्र में ही मूंगफली का सेवन शुरू कराएं। प्रतिष्ठित पत्रिका द लैंसेट में प्रकाशित शोध में सामने आया है कि छोटी उम्र से बच्चों को मूंगफली का सेवन शुरू कराने से पीनट एलर्जी से बचाया जा सकता है।
मूंगफली प्रोटीन से भरा एक सस्ता और बढ़िया स्नैक्स है, लेकिन कुछ लोगों को ये एलर्जी करती है। इसे खाते ही उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने लगती हैं। ये समस्या विश्वभर में बच्चों से लेकर बड़ों तक में देखी जा रही है। इस समस्या से निजात पाने के लिए वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि बच्चों को कम उम्र में ही मूंगफली का सेवन कराए जाए। इससे उन्हें पीनट एलर्जी से बचाया जा सकता है।
146 बच्चों को किया गया शामिल
शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पीनट एलर्जी से जूझ रहे जीरो से तीन साल तक के बच्चों को शामिल किया। इनमें से 96 बच्चों को हर दिन मूंगफली प्रोटीन का पाउडर दिया गया। इनकी खुराक को धीरे-धीरे बढ़ाया गया। जबकि अन्य बच्चों को जई के आटे से बनी खुराक दी गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन बच्चों को पीनट डाइट दी गई थी, उनमें से बीस बच्चों में पीनट एलर्जी की समस्या पूरी तरह खत्म हो गई थी और थैरेपी दिए जाने के छह महीने बाद उनमें पीनट एलर्जी के कोई लक्षण नहीं नजर आए। इनमें से हर बच्चा कम से कम सोलह मूंगफली की बराबर खुराक सहन कर सकता था। शोधकर्ता स्टेसी जोंस ने कहा कि कम उम्र में मूंगफली के सेवन से इससे संबंधित एलर्जी का खतरा कम हो जाता है। इस थैरेपी का सबसे ज्यादा असर 12 महीने की उम्र के बच्चों में देखा गया जो जल्द ही एलर्जी की समस्या से दूर हो गए थे।
दो प्रतिशत बच्चे होते हैं प्रभावित
शोधकर्ताओं का कहना है कि पश्चिमी देशों में पीनट एलर्जी से दो प्रतिशत बच्चें प्रभावित होते हैं, जो उम्रभर इससे जूझते रहते हैं। हालांकि प्रभावित बच्चों को मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए। शोधकर्ताओं का कहना है कि पीनट एलर्जी के लक्षण तब भी सामने आ सकते हैं, जब किसी व्यक्ति ने मूंगफली खाई हो और बच्चे के संपर्क में आ गया हो। इस एलर्जी के उपचार का कोई विकल्प अभी नहीं है, जो बच्चों में जोखिम को काफी बढ़ा देता है।

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