कूल्हों के दर्द को कम करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
इन वजहों से बढ़ सकती है कूल्हों में दर्द की समस्या
कूल्हों में दर्द कई वजहों से हो सकता है, इसमें सबसे आम है कूल्हे के जोड़ों का घिसना या वक्त के साथ उनमें होने वाली फ्रैक्चर की समस्या। आर्थराइटिस या हड्डियों संबंधी अन्य तकलीफों के अलावा लम्बे समय तक एक ही जगह बैठे रहने वाली जीवनशैली, उम्र, बढ़ा हुआ वजन, गलत पोश्चर, टेंडन्स या मांसपेशियों में टूट-फूट, कुछ गंभीर बीमारियों आदि के कारण भी लोगों को इस तरह की दिक्कत हो सकती है।इस दर्द की वजह से आपका चलना-फिरना, उठना-बैठना मुश्किल हो सकता है।
अन्य तकलीफों की ही तरह यदि इस दर्द को भी शुरुआत से ही ध्यान देकर ठीक करने की कोशिश की जाए तो इससे राहत मिल सकती है। इसके लिए कुछ उपाय फायदेमंद हो सकते हैं। जरूरत होती है इन्हें निरंतर और नियमित रूप से अपनाने की।
शरीर के बाकी हिस्सों की ही तरह कूल्हों को भी आराम देने की जरूरत होती है हालांकि यह आराम बैठकर या गलत तरीके से लेटकर नहीं दिया जाता। दर्द के दौरान कूल्हों के जोड़ या मांसपेशियों पर पड़ने वाला दबाव स्थिति को और बिगाड़ सकता है। इसलिए दर्द के दौरान कभी भी व्यायाम या भारी एक्सरसाइज करने की गलती न करें। साथ ही यदि आप तकलीफ से गुजर रहे हैं तो भारी एक्सरसाइज जैसे रनिंग, किकबॉक्सिंग, रस्सी कूदने आदि से कुछ समय दूरी रखें।
वॉकिंग, स्वीमिंग और वॉटर वर्कआउट, योग आदि जैसी एक्सरसाइज किए जा सकते हैं। यह भी एक तथ्य है कि अगर शुरू से व्यायाम को नियमित रखा जाए तो मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने और जोड़ों को अकड़न से बचाने में मदद मिल सकती है।
कूल्हों के दर्द से ऐसे पा सकते हैं राहत
आपके कूल्हे खासतौर पर हर उस चीज के वजन को खुद पर महसूस करते हैं जो आप उठाकर या पीठ पर लादकर चल रहे हैं। शरीर का वजन संतुलित रखें क्योंकि आपके शरीर पर मौजूद हर अतिरिक्त 7-8 किलो वजन कूल्हों और घुटनों पर दबाव डाल सकता है। चाहे शरीर के किसी भी जोड़ों की समस्या हो, हमेशा स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इससे मांसपेशियां और टेंडन्स धीरे-धीरे खुलते हैं और अकड़न दूर होती है। एक्सराइज के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।
दर्द की समस्या होने पर खुद से दर्दनिवारक दवा लेने से बचें। दर्द निवारक दवाएं कुछ समय के लिए दर्द से राहत दे सकती हैं पर समस्या को ठीक नहीं करतीं। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दर्दनिवारक लेने से बचें।
यह चीजें हो सकती हैं मददगार---------
सेकाई से होता है फायदा
दर्द में राहत के लिए ठंडा और गरम सेकाई करना बहुत कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले गरम पानी या हॉट वॉटर बैग से सेकाई करें, फिर बर्फ के पानी या आइस पैक से सेकाई करें। आप चाहें तो एक ठंडी बॉटल को नैपकिन या टॉवल में लपेटकर भी सीधा कूल्हों पर, जहां दर्द हो रख सकते हैं और इसके बाद गरम पानी से नहा सकते हैं।
सही जूतों का इस्तेमाल
ज्यादा हील वाले फुटवेयर भी कई बार कूल्हों के दर्द का कारण बन सकते हैं। ऊंची एड़ी के जूते आपके पैरों को गलत एंगल पर रखते हैं जिससे दबाव कूल्हों तक पहुंचता है और लम्बे समय में यह कूल्हों के दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए हमेशा सही नाप वाले, आरामदायक जूते पहनें।
इन उपायों के अलावा कई बार सामान्य मालिश, एक्यूपंक्चर जैसी अलटरनेटिव थैरेपीज भी मददगार हो सकती हैं। लेकिन इनको प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति से ही करवाएं। वहीं आपके बैठने की कुर्सी, झुककर बैठने का तरीका, देर तक खड़े रहने वाली एक्टिविटीज, सोने का गलत तरीका आदि भी कूल्हों के दर्द की वजह बन सकता है। इन चीजों में बदलाव करके भी राहत पाई जा सकती है।
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