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 स्किन इंफेक्शन को दूर करता है कलौंजी का तेल, जानें कैसे करें इस्तेमाल
 ठंड के मौसम में त्वचा से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। त्वचा में जिरोसिस यानी त्वचा का रूखापन, स्केबीज यानी खुजली की समस्या, सोरायसिस, काले धब्बे, मुंहासे, रूखी त्वचा के कारण एक्ने होना आदि  समस्याएं बढ़ जाती हैं। इस समस्याओं का आसान इलाज चाहते हैं, तो कलौंजी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। कलौंजी के तेल के इस्तेमाल से कई तरह के त्वचा रोग या संक्रमण दूर होते हैं। 
 कलौंजी तेल के गुण 
कलौंजी तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन के कारण त्वचा में हो रही समस्याओं के निदान के लिए कलौंजी का तेल फायदेमंद होता है।        
 संक्रमण में कलौंजी का तेल क्यों फायदेमंद है? 
कई बार संक्रमण के कारण त्वचा में घाव हो जाते हैं। घाव को भरने के  लिए कलौंजी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। त्वचा संक्रमण के साथ सूजन और दर्द को कम करने के लिए कलौंजी तेल की कुछ बूंदें ही काफी हैं। हल्के घावों को भरने के लिए इसका इस्तेमाल सुरक्षित है। इसके अलावा मुंहासों के लिए भी कलौंजी तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। त्वचा में गंदगी के कारण मुंहासे होते हैं जो कि एक तरह का संक्रमण ही है जिसके लिए कलौंजी तेल को नारियल या बादाम तेल के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाया जा सकता है।
-घर पर कलौंजी का तेल बनाने का तरीका 
-कलौंजी के दाने और मेथी के दानों को पीस लें।
-एक कंटेनर में पाउडर के साथ नारियल और अरंडी का तेल डालें।
-इसे सूरज की रौशनी में 2 से 3 हफ्तों तक रखें।
-फिर थोड़ा-थोड़ा निकालकर इस्तेमाल करें।          
कलौंजी तेल की मालिश 
त्वचा में संक्रमण होने पर कलौंजी के तेल को संक्रमण वाले हिस्से में लगाकर हल्के हाथ से मालिश करें ताकि तेल, त्वचा के अंदरूनी परत तक पहुंच जाए। रातभर के लिए तेल को लगाकर छोड़ दें। सुबह पानी से त्वचा को साफ कर लें। इस उपाय की मदद से त्वचा में संक्रमण की समस्या दूर होगी।
 क्रीम या लोशन के साथ मिलाएं कलौंजी का तेल 
कलौंजी तेज को संक्रमण के लिए इस्तेमाल करना है, तो उसे क्रीम या लोशन के साथ मिलाएं और त्वचा पर लगाएं। त्वचा का संक्रमण दूर करने के लिए नीम की पत्तियों के साथ कलौंजी का तेल मिलाकर त्वचा पर लगा सकते हैं। नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं लेकिन कई लोगों को केवल नीम के इस्तेमाल से एलर्जी हो जाती है इसलिए कलौंजी का तेल और नीम का कॉम्बिनिेशन फायदेमंद होगा।
 संक्रमण दूर करेगा कलौंजी तेल का सेवन 
त्वचा में संक्रमण का इलाज करने के लिए कलौंजी तेल को अप्लाई करने के बजाय उसका सेवन कर सकते हैं। सब्जी में या सलाद की ड्रेसिंग में कलौंजी का तेज डालकर खा सकते हैं। कलौंजी का तेल स्वाद में कड़वा होता है इसलिए इसका सेवन शहद के साथ मिलाकर कर सकते हैं। कलौंजी का सेवन सुबह नाश्ते में या रात के खाने के बाद कर सकते हैं।             
 कलौंजी तेज की 4 से 5 बूंदों का ही इस्तेमाल करें। जिन लोगों को इससे एलर्जी है वो टीट्री ऑयल या नीम ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

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