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क्या है दिमाग में कीड़ा-न्यूरोसिस्टीसरकोसिस...कैसे होता है इलाज
  दिमाग में कीड़ा होने की बीमारी (न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस) दरअसल एक इन्फेक्शन होता है, जो तब होता है जब हमारे शरीर में टीनिया सोलियम परजीवी का लार्वा या अंडे हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। सरल भाषा में कहें तो जब कोई व्यक्ति टेपवर्म के अंडे निगल लेता है, तो यह न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस संक्रमण का कारण बनता है। ये अंडे मांसपेशियों और मस्तिष्क के टिशू में घुस जाते है और वहां सिस्ट का निर्माण करते हैं। जब ये अंडे मस्तिष्क में सिस्ट बना देते हैं, तो इससे न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस की स्थिति पैदा हो जाती है।
 नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार, इन दिनों ज्यादातर विकासशील देशों में न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस मिर्गी के दौरे और अन्य न्यूरोलॉजिकल रोगों का एक सामान्य कारण बन चुका है। इसके अलावा, सिरदर्द, बोलने में परेशानी या जुबान लड़खड़ाना, आंखों की रोशनी कमजोर होना, बुखार, शरीर के कुछ अंग कमजोर महसूस होना, खासकर पैर और जोड़ों कमजोरी और दर्द इसके कुछ आम लक्षणों में से एक हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल जो लोगों को जहन में अक्सर आता है, कि क्या दिमाग में कीड़े की बीमारी का कोई इलाज है? क्या इसे ठीक किया जा सकता है? 
 क्या दिमाग में कीड़ा या न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस का इलाज है- 
 अगर आप समय रहते न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस के लक्षणों को पहचानकर एक अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करते हैं, तो   इस इन्फेक्शन से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। डॉक्टर  मस्तिष्क में सिस्ट की जांच के लिए कुछ सरल टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं। आमतौर पर दिमाग में कीड़े का पता लगाने के लिए MRI या CT ब्रेन स्कैन कराने की सलाह दी जाती है। कुछ मामलों में संक्रमण के निदान के लिए कुछ ब्लड टेस्ट भी किये जाते हैं, लेकिन संक्रमण हल्का होने पर स्पष्ट रूप से इन टेस्ट से पता नहीं चल पाता है। इसलिए ब्रेन स्कैन टेस्ट की सलाह अधिक दी जाती है।
 एक बार दिमाग में कीड़े का निदान होने के बाद डॉक्टर इलाज के लिए  कुछ दवाएं दे सकते हैं, जिनमें एंटी-पैरासिटिक दवाओं के साथ-साथ लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए भी दवाएं दी जाती हैं।
 हालांकि, स्थिति गंभीर होने पर कुछ मामलों में डॉक्टर सर्जरी की मदद से भी सिस्ट को हटा सकते हैं। लेकिन आमतौर पर डॉक्टर दवाओं की मदद से ही सफलतापूर्वक इसका इलाज करने में सक्षम होते हैं। इसलिए अगर आप किसी भी उपरोक्त लक्षण अक्सर नोटिस करते हैं, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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